बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 दिसंबर। जिला मुख्यालय में 4.43 किमी का बायपास बनाने के लिए भू अधिग्रहण पर 95 करोड़ से अधिक का वितरण किया गया है। जिसके बाद भी निर्माण के नाम पर आज सात साल बाद भी एक इंच का काम प्रारंभ नही हुआ है। निर्माण के लिए जरूरी तकनीकी स्वीकृति की फाइल पिछले सिंतबर माह से केन्द्र के मंत्रालय में पड़ी हुई है।
ज्ञात हो कि शहर के मध्य से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे 30 में किमी क्रमांक 290. 747 से 295.180 तक 4. 43 किमी लंबाई का बायपास निर्माण के लिए 161 करोड़ 96 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसमें 149 लाख 37 हजार रुपए से सिविल कार्य किया जाना है। नवागढ़ तिराह से लेकर पिकरी, मोहभटठा, बेमेतरा व कोबिया के स्थायी रहवासियों को इससे लाभ मिलना था, इसके आलावा शहर से गुजरने वालों को भी इसका लाभ मिलना है।
शहर के अंदर से होकर गुजरे नेशनल हाईवे की वजह से यातायात का दबाव बढ़ गया है। लोग ट्रैफिक जाम में फंसते हैं। यह बायपास रोड इस दबाव को कम करेगा। निर्माण की योजना पहले मुआवजा प्रकरण के लंबित होने की वजह से चार साल तक ठंडे बस्ते में रहा है। इसके बाद निर्माण के जद में आने वाले भूखंड के 180 हितग्राहियों को 18.653 हेक्टेयर के लिए 105.951 करोड़ रूपया का मुआवजा दिया जाना तय किया गया है। जिसमे से 153 हितग्राहियों को 95 .34 करोड़ का मुआवजा जारी किया जा चुका है। वितरण के बाद जिले के 22 हितग्राहियों को 8.36 करोड़ का मुआवजा मिलना बाकी है। वहीं 5 भूखंड आपसी सहमति से खरीदा जाना बाकी है।
काम 2017 में पूर्ण हो जाना था सडक़ का निर्माण
राष्ट्रीय राजमार्ग 30 मे कवर्धा से सिमगा से पैकेज -2 के तहत 71 किमी सडक़ का निर्माण की स्वीकृति राष्ट्रीय राजमाग विकास परियोजना के चैाथे चरण के तहत मिली है। जिसमें दो लेन माग, चैाड़ीकरण व उन्नयन का कार्य करोड़ों की लागत से निर्माण के लिए 9 दिसंबर 2014 को प्रशासनिक स्वीकृति दी चुकी है। जिसके बाद सडक़ का निर्माण कार्य प्रांरभ करने यानी मार्च 2015 के बाद 3 मार्च 2017 तक निर्माण पूर्ण किया जाना था। जिसे देर से पूर्ण किया गया। अब एनएच निर्माण का कार्य बंद हो चुका है पर बायपास निर्माण के लिए एक ईट तक नहीं रखी गई है।
एक सर्विस रोड बना डाला लोकनिर्माण विभाग ने
केन्द्र की योजना को देर होते देख गत राज्य सरकार द्वारा एन एच पर ग्राम लोलेसरा से ग्राम चोरभटठी तिराहा तक 12.70 किमी का एक सर्विस रोड का निर्माण कराया गया है। उक्त निर्माण में आने वाले अलग अलग गांव के किसानों को मुआवाजा नहीं दिया गया है। जिसमें से ग्राम सोनभटठा समेत अनेक गांव के किसान अपने मुआवजा राशी के लिए भटक रहे है। बताया गया कि रोड़ के निर्माण में हुए तकनीकी कमजोरियो को लेकर प्रांरभ से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं।
मुआवजा लेने के बाद भी कर रहे है उपयोग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेटलतीफ व्यवस्था का लाभ जमीन अधिग्रहण का लाभ ले चुके हितग्राही उठा रहे हैं। ऐसे हितग्राही जो मुआवजा का रकम ले चुके है वे भी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी उक्त भूखंड का उपयोग करते आ रहे हैं। हालत ये है कि धान व अन्य उपज लेकर बाजार में खपाया जा रहा है। इसके लिए राजस्व सर्वे कराये जाने का मांग भी की जाने लगी है।
सिंतबर से स्वीकृति का इंतजार
निर्माण लागत से अधिक का मुआवजा जारी करने के बाद भी सडक़ का निर्माण अभी तक जमीनी स्तर पर प्रारंभ नहीं हो पाया है। जानकार बातते है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग लोक निर्माण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वार्षिक योजना 2022-23 में बेमतरा बाया पास को शामिल किया गया था । इसके बाद हुई प्रक्रिया में बेमेतरा बायापास के लिए 13 फरवरी 2024 को निविदा आमत्रित किया गया था एवं 16 अगस्त 204 को 9 तकनीकी निविदाएं ओपन हुआ था। जिसके बाद 3 सिंतबर 2024 को निविदा स्वीकृति के लिए फाइल संबधित मंत्रालय को राज्य की ओर से प्रस्तुत किया गया है। उसके बाद प्रक्रिया अटकी पड़ी है।


