बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 नवंबर। जिले के 102 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। समितियों में कामकाज के लिए आने वाले किसानों को समिति प्रबंधकों के नहीं रहने से बैरंग वापस लौटना पड़ा। सहकारी समितियों में ताला लटका रहा। धान खरीदी के 10 दिन शेष रहते हुए भी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का असर पहले दिन व्यापक स्तर पर देखा गया।
जानकारी हो कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में संचालित 102 सहकारी समितियों के कर्मचारी सोमवार से अपनी मांग 3-3 लाख की प्रबंधकीय अनुदान राशि जारी करने, सेवा नियम 2018 का आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 2023-24 में धान परिदान के बाद संपूर्ण सूखत मान्य करते हुए आगामी वर्ष की धान खरीदी नीति में वर्णित 16.9 में सूखत मान्य का प्रावधान करते हुए धान खरीदी अनुबंध में परिवर्तन करते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय, कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता, फसल बीमा आदि का चार गुना बढ़ोतरी कर राशन वितरण पर 500 किलो क्षतिपूर्ति व 5 हजार जारी करने की मांग की।
सोमवार से पूर्व चरणबद्ध तरीके से संगठन द्वारा मांग को सामने लाया गया था पर मांग पूर्ण नहीं होने के बाद अपनी मांग को लेकर आज से दुर्ग के धरना स्थल पर बैठ गए। जिला अध्यक्ष जगमोहित साहू के अनुसार हड़ताल को व्यापक समर्थन मिला है। आने वाले समय में हड़ताल की वजह से धान खरीदी प्रभावित होगी। संगठन द्वारा की जा रही मांग को समर्थन मिलने से सभी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
इधर धान खरीदी केन्द्रों की व्यवस्था सुधार करने की चुनौती
बताना होगा कि आगामी 14 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ होगी। खरीदी प्रांरभ होने से पूर्व सभी केन्द्रों में निर्धारित 35 बिन्दुओं के अनुसार केन्द्रों की व्यवस्था में सुधार करना होगा। हड़ताल की वजह से वर्णित बिन्दुओं के अनुसार धान खरीदी केन्द्रों की तैयारी अक्षरश: होने के असार कम नजर आ रहे हैं। अभी भी धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी के लिए पर्याप्त जगह, साफ-सफाई, फेंसिंग, चबूतरा, ड्रेनेज, विद्युत व्यवस्था, सीसीटीवी, पेयजल व किसान विश्राम गृह की व्यवस्था कराने के साथ-साथ पर्याप्त तारपोलिन की व्यवस्था होनी बाकी है। साथ ही खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व सभी खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य, कॉल सेंटर, फायर ब्रिगेड, पुलिस थाना व कंट्रोल रूम के नंबर दर्ज किया जाएगा पर अब तक इस तरह की तैयारी नजर नहीं आ रही है।
आधार अनिवार्य, हड़ताल पर जाने से होगा असर
जिले के समितियों में पंजीकृत किसानों का पंजीयन उनके मृत्यु एवं अन्य कारणों से निरस्त किया गया है, जिसकी जानकारी तहसीलदारों के पास है। इसके बाद आने वाले 14 नवंबर से धान खरीदी केंद्रों में भी उक्त प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए समिति प्रबंधकों का आधार भी अनिवार्य किया गया है। इस काम को लेकर समितियों में आने वाले किसान व नवीन धान पंजीयन एवं रकबा संशोधन कराने के लिए आने वाले किसान, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटोकॉपी, बी-1 पी-2, ऋण पुस्तिका की फोटोकॉपी, नॉमिनी के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, अन्य हिस्सेदार का सहमति प्रमाण-पत्र संबधित जानकारी लेने के लिए आ रहे किसानों को हड़ताल के पहले दिन परेशान होना पड़ा। सगंठन का दावा है कि हड़ताल का असर आने वाले दिनों में और अधिक दिखाई देगा। मांग को नहीं मानी गई तो धान खरीदी प्रभावित हो सकती है।
इस बार सबसे अधिक किसानों ने कराया हैं पंजीयन
जिले में धान खरीदी के इतिहास में इस बार सबसे अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में पूर्व सीजन में पंजीयन कराने वाले 156562 किसानों का रिकॉर्ड कैरी फारवर्ड किया गया है। इसके अलावा इस बार 7644 नए किसानो नें पंजीयन कराया है। इस तरह जिले में कुल 164206 किसानों ने 192441.31 हेक्टेयर का धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है।


