बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 नवंबर। जिला मुख्यालय में मंगलवार को राज्य गठन का मंगलगान होगा। उत्सव की तैयारी है, पर जमीनी हकीकत यह कि उत्साह के लिए आज भी लोगों को उस दिन का इंतजार है जब बिजली, पानी, सडक़ जैसी मूलभूत सुविधा मिल सके। पूरे राज्य के लोगों को शुद्ध जल घर-घर देने की योजना बेमेतरा जिले में लाप है। जल देने नल लगाने के नाम पर सडक़ छलनी कर दिए।
आलम यह कि ग्राम झालम में खेतों में कनेक्शन कर दिया गया पर टंकी का निर्माण नहीं हुआ है। ग्राम धनगांव में टंकी निर्माण, पाइप बिछाने का काम तो साल भर पहले हो गया है। तीन महीने से टेस्टिंग में जगह-जगह त्रिवेणी का फौव्वारा देखकर गुणवत्ता का गुणगान किया जा रहा है। किसी भी कनेक्शन में टोटी नहीं लगाया गया है। ठेकेदार, विभाग को अपने काम पर भरोसा है की पानी घर तक आएगा ही नहीं अमूमन पूरे जिले में जल जीवन मिशन की यही दशा है न जांच न आंच।
आदर्श की परिभाषा किताबों में चाहे जो मौके पर तो यही है कि खर्चा और चर्चा के बाद कोई नहीं झांकता। अनुसूचित जाति बाहुल्य नवागढ़ ब्लॉक में कई ग्राम पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत योजना में शामिल हुए। इन गांवों में इस योजना के तहत बिजली, पानी, सडक़, गली, स्कूल सहित तमाम सुविधा होनी चाहिए जो आदर्श के मापदंड में हो। नवागढ़, बेमेतरा मुय मार्ग में ग्राम खपरी में लगा सोलर लाइट महीनों से बंद है। अब इसे कोई सुधारने वाला नहीं है। जिस विभाग ने लगाया उनका ग्रामीणों को यह जवाब कि पांच साल की गारंटी थी अब हम जिम्मेदार नहीं। अब ए पोल मवेशी बांधने के काम आएंगे। ग्राम भीखमपुर में बहरबोड़ में लोग जंग लगे सोलर पैनल के पोल को दिखाते हुए कहते हैं कि कभी इनमें लाइट जलती थी आज खुद अंधियारे में हैं। पूरे ब्लॉक में एक भी ऐसा आदर्श ग्राम नहीं जिसे बतौर मॉडल दिखाया जा सके।
नवागढ़ ब्लॉक में राज्य गठन के दो दशक बाद भी स्कूल, अस्पताल के लिए एक अदद सडक़ नहीं बन पाई है। ग्राम पंचायत कटई में जून, जुलाई, अगस्त में हायर सेकेण्डरी स्कूल जाने घुटने तक कीचड़ से छात्रों को दो-चार होना पड़ता है। ग्राम ढोबघट्टी में गलियों को देखकर लगता है की दिल्ली दूर है। ग्राम का नाम तो है हरिहरपुर पर विकास की हरियाली आज तक नहीं पहुंची। पगडंडियों के सहारे जीवन यापन मजबूरी है। धौराभाठ कला में हाई स्कूल तक पहुंचना किसी कलाबाजी से कम नहीं है।


