बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 7 अक्टूबर। ग्राम पहंदा के शासकीय हाई एवं मिडिल स्कूल की कक्षा छठवी से 10वीं तक के विद्यार्थियों को बाल संरक्षण एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान पर जानकारी दी गई। राजेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी, परियोजना समन्वयक ने बच्चों पर होने वाले लैगिक अपराधों को लेकर बताया कि भारत सरकार बच्चों पर लैंगिक हमले, लैंगिक उत्पीडऩ और अश्लील साहित्य के अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने तथा ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना की है।
लैंगिक अपराध के खिलाफ दंड का प्रावधान
बच्चों के विरूद्ध लैंगिक अपराध को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है तथा उसे गंभीर स्तर तक परिभाषित कर दंड के प्रावधान किए गए हैं। इस अधिनियम की धारा 13, 14, 15 के अंतर्गत अश्लील साहित्य के प्रयोजनों के लिए बच्चों का अपयोग करना अपराध घोषित करते हुए उसके लिए दण्ड के प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के प्रति उपरोक्त अपराधों को करने के लिए किसी को दुष्प्ररेणा देना यानी उकसाना या प्रेरित करना भी दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। इन मामलों में दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी।
गोपनीयता भी बरती जाएगी
उन्होंने बताया कि इस मामले में गोपनीयता भी बरती जाएगी। अगर कोई लैंगिक अपराध का सामना करता है तो उसका नाम और उसकी पहचान छुपाई जाएगी। वहीं दोषी को दोष सिद्ध होने की स्थिति में कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। आरती बंजारे, संगीता कोसले पर्यवेक्षक सरदा, देवेन्द्र चन्द्रवंशी उप निरीक्षक श्रम विभाग बेमेतरा, आनंद घृतलहरे आदि अपनी सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। इस अवसर पर पूनम ठाकुर, प्रभा बंजारे व्यायाता, मिडिल स्कूल से डीएल साहू प्रधान अध्यापक, विकास कुमार साहू, संजय माथरे, मंथिर ध्रुव आदि मौजूद रहे।