बेमेतरा

सरदा में स्टील प्लांट लगाने के विरोध में गांव के किसान हुए लामबंद, महिलाओं ने भी खोला मोर्चा
13-Aug-2024 3:27 PM
सरदा में स्टील प्लांट लगाने के विरोध में गांव के  किसान हुए लामबंद, महिलाओं ने भी खोला मोर्चा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अगस्त।
ग्राम सरदा में स्टील प्लांट के निर्माण पर रोक लगाने की मांग को लेकर क्षेत्र के किसानों ने जंगी प्रदर्शन किया। किसानों के अनुसार स्थानीय सर्व व राज्य स्तर पर लगातार शिकायत करने के बाबजूद उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सुबह करीब 10 बजे शुरू हुए प्रदर्शन शाम 5 बजे तक जारी था। भाजपा के नेता 3 बजे के प्रदर्शन स्थल पहुंचे थे।

प्रदर्शन में आसपास के दर्जन भर गांव से अधिक किसान व महिलाएं पहुंची थी। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तती लेकर संयंत्र निर्माण को रोक लगाने की मांग रखी है। प्रदर्शनकारी शासन प्रशासन के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन में योगेश तिवारी, गौकरण साहू सूर्यकांत साहू, रेख राम साहू, सूर्या चौहान, सिद्दीक खान, अवधेश चंदेल, हेमंत वैष्णव, पुष्पा टांकेश, मोंटी साहू समेत क्षेत्र के किसान उपस्थित थे।

बेमेतरा जिला कृषि प्रधान, आय का प्रमुख स्रोत खेती
12 गांव के किसान संघ के जिला अध्यक्ष सुरीत साहू की अगुवाई में क्षेत्र के किसानों ने सरदा में प्लांट स्थापना का विरोध कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने बताया कि बेमेतरा जिला कृषि प्रधान क्षेत्र है, इस क्षेत्र का मुय व्यवसाय कृषि है। बेरला क्षेत्र के निवासी धान, दलहन, तिलहन, सब्जी व फलों का उत्पादन करते है। यहां आय का प्रमुख स्रोत खेती से ही होता है।

प्लांट के अपशिष्ट से कृषि होगी प्रभावित
सरदा में 42.68 एकड़ में स्टील प्लांट की स्थापना की जा रही है। इससे कृषि क्षेत्र के साथ-साथ फसल उत्पादन पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। सरदा में उद्योग लगने से कृषि कार्यों में, प्लांट से निकलने वाले धुंए, वेस्ट वाटर व अपशिष्ट पदार्थों से कृषि कार्य के साथ-साथ आम जन जीवन प्रभावित होगा। एक समय के बाद यहां कृषि कार्य समाप्त हो जाएगा, जिससे किसानों के सामने जीवकोपार्जन के लिए आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी ।

दर्जन भर गांव के किसान होंगे प्रभावित 
पूर्व नपाध्यक्ष ने कहा कि नेे बेमेतरा विधानसभा कृषि प्रधान क्षेत्र है। पूर्व मुयमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के हर ब्लॉक में फूड प्रोसेसिंग प्लांट खोलने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने पूरे कार्यकाल में अपनी घोषणा को पूरा नहीं कर पाईं। जिसका खामियाजा जिले के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। प्लांट स्थापना से सरदा, लेंजवारा, जामगांव, देवरी, पाहन्दा, बावनलाख, भिलौरी, आन्दू समेत दर्जन भर गांव के किसान प्रभावित होंगे।

स्थानीय को वादा, बाहर वालों की भर्ती 
जानकारी के अनुसार बेरला में स्थापित उद्योगों में 60 से 70 प्रतिशत कमर्चारी बाहरी है। प्लांट के निर्माण के दौरान स्थानीयों को रोजगार देने का वादा किया जाता हैं, लेकिन स्थापना के बाद स्थानीय को दरकिनार कर बाहरी कामगारों को रोजगार में प्राथमिकता दी जा रही है । स्पष्ट है कि प्लांट स्थापना के दौरान क्षेत्र के लोगो को रोजगार में प्राथमिकता दिए जाने का वादा किया जाता है, जिसे बाद में भुला दिया जाता है।

जनसुनवाई में पुरजोर विरोध के बावजूद निर्माण शुरू 
विधायक ने कहा कि ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सरदा में स्टील प्लांट निर्माण के लिए एनओसी दिया गया था। इसके बाद प्लांट निर्माण का काम शुरू हो गया था और उसी समय क्षेत्र के किसान भाइयों ने इनका पुरजोर विरोध किया था और पर्यावरण विभाग द्वारा रखी गई जनसुनवाई में 100 फीसदी ग्रामीणों ने विरोध दर्ज करवाया था। इसके बावजूद एनओसी देकर सरदा में स्पंज आयरन स्टील प्लांट का निर्माण कर शुरू हो गया।

धरना स्थल पर 250 से अधिक जवान थे तैनात  
प्रदर्शन के दौरान धरना स्थल व प्लांट के आसपास 250 से अधिक जवान तैनात थे। जिसमें जिला दुर्ग बालोद, राजनांदगांव, बेमेतरा जिले के जवान शामिल थे। क्षेत्र के दर्जन भर गांव के किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर बड़ी संया में पुलिस के जवान तैनात थे। ग्रामीणों ने चक्काजाम करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की समझाइश के प्रदर्शनकारी शांत हुए।


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