बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 मई। ग्राम रिसाअमली में महज 14 साल 7 माह उम्र की नाबालिग की शादी को चाइल्ड हेल्प लाइन, महिला एवं बाल विकास व पुलिस की संयुक्त टीम ने रुकवा दी।
चंद्रबेश सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी व सीपी शर्मा महिला एवं बाल विकास अधिकारी के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव व नवागढ़ परियोजना अधिकारी अमिता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में बाल विवाह के रोकथाम की कार्रवाई की गई। गांव में परिवार की एक नाबालिग लडक़ी की शादी उसके मामा घर से की जा रही थी। बाल विवाह की सूचना पर महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने शिकायत प्राप्त होने पर जांगड़े-सोनवानी परिवार में बाल विवाह रुकवाया। बालिका की बारात ग्राम अछोली, जिला बलौदाबाजार के कुर्रे परिवार से आनी थी। कार्रवाई के बाद बालिका के परिजनों व दूल्हे के घर वालों ने शादी को स्थगित करने पर सहमति दी।
टीम ने कानून के मुताबिक सजा के बारे में भी बताया
टीम में महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक लक्ष्मी भारती, संरक्षण अधिकारी राजलक्ष्मी सोनी, परियोजना समन्वयक राजेन्द्र प्रसाद चन्द्रवंशी, परामर्शदाता शाइस्ता परवीन, प्रधान आरक्षक अशोक तिर्की, आरक्षक भोलाराम साहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रागिनी बंजारे व ग्राम कोटवार खेमालूदास जांगडे ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर शपथ दिलाई। उन्हें बताया गया कि कानून के मुताबिक बाल विवाह अपराध है। इसके तहत बाल विवाह कराने वाले सभी सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।


