बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 मार्च। जिला अस्पताल में सीजीएमएससी द्वारा 1 करोड़ 87 लाख की लागत से प्रथम तल का निर्माण ठेके पर कराया जा रहा है। भारी भरकम बजट से हो रहे निर्माण का पोल बिते दिनो आधी तूफान के साथ हुई बारिश ने खोल कर रख दिया है। बारिश के दौरान छत टपकने लगा है। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हुए निर्माण के दौरान बरती गई लपरवाही की वजह से भवन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने लगा है।
जानकारी हो कि जनवरी 2012 के दौरान 100 बिस्तर अस्पताल का तमगा पा चुके बेमेतरा जिला अस्पताल दस साल से आधे बिस्तर याने 50 बिस्तर अस्पताल में चलाया गया है। 2023 में शासन द्वारा 2 करोड़ 30 लाख का बजट स्वीकृति किया गया था। 11 हजार वर्ग फीट में अलग-अलग फेस में निर्माण के लिए 1 करोड़ 87 लाख के तकनीकी स्वीकृति का वर्क आर्डर जारी किया गया था। निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए मियाद पूरा होने में लगभग एक माह का समय होने की जानकारी विभाग द्वारा दी गई है। निर्माण के अंतिम चरण में ही छत से सीपेज की शिकायत आने लगा है। सीपेज होने की बात पर सीएस डॉ. एसआर संतराम ने बताया कि वे देख कर आए है। भवन का छत टपकने लगा है।
बाहर की टीम पहुंची पर देखा किसी ने नहीं
बताना होगा कि करीब एक साल से जारी प्रथम तल निर्माण के दौरान दो बार कलक्टर स्तर के अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। प्रशासनिक अधिकारी के अलावा जनप्रतिनिधियों ने भी कथित तौर पर व्यवस्था सुधारने के लिए अस्पताल का निरीक्षण का खानापूर्ति किया है। इस बीच प्रथम तल के निर्माण का जायजा लेने के लिए किसी ने सुध नहीं लिया है।
इससे पूर्व भी सीजीएमसी का निर्माण सवालों के घेरे में रहा
जिला मुख्यालय में इससे पूर्व भी सीजीएमएससी द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है जिसकी गुणवत्ता अब जवाब देने लगी है। जिसका ताजा उदाहरण है सीएचएमओ कार्यालय भवन है। इस भवन की दीवाल व परते पांच साल की अवधि पूर्ण किये बगैर ही दरकने लगी है।
निर्माण से संबधित बोर्ड नहीं लगाया गया
आमतौर पर निर्माण के दौरान निर्माण से संबधित जानकारियों के साथ सूचना बोर्ड लगाया जाना है पर जिला अस्पताल परिसर में हो रहे निर्माण के दौरान अभी तक सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिससे आमजनों को निर्माण से संबधित जानकारी उपलब्ध हो सके।
‘छत्तीसगढ़’ को पाठक ने उपलब्ध कराया ईट व निर्माण से जुड़ी तस्वीर
प्रथम तल के निर्माण के दौरान उपयोग की गई किस तरह की घटिया ईंट व गिटटी व रेत का उपयोग निर्माण के दौरान किया गया है। जानकार बताते हैं भुरभुरा ईंट व बजरी मिक्स गिट्टी का उपयोग किया गया है। इसे देखते हुए निर्माण की गुणवत्ता सवालो के घेरे में शुरू से रहा है।
जांच के लिए आवेदन सौंपा जाएगा - अशोक
समाजसेवी अशोक कुमार ने बताया कि बिते 10 साल से जिला अस्पताल 50 बिस्तर से संचालित किया जा रहा था। अब जब सरकारी फंड से 100 बिस्तर अस्पताल के लिए ऊपरी तल पर निर्माण किया जा रहा है। ऊपरी तल के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया है। उक्त निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
कई हिस्से में बना है इसलिए इस तरह की स्थिति है- इंजीनियर
निर्माण के दौरान उपयोग की गई सामाग्री सीजीएमएससी द्वारा भवन निर्माण की मानिटरिंग के लिए एक सब इंजीनियर को जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनका काम ही गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखना है। ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को देखने के लिए जिम्मेदारी सम्हाल रहे इंजीनियर खेमराज सिन्हा से सीपेज व पानी टपकने की स्थिति के बारे में जानकारी मांगे जाने पर बताया कि भवन का निर्माण कई हिस्से में किया गया है। इस वजह से सीपेज आने की शिकायत आई है जिसे दुरूस्त कराया जाएगा।
कार्यालय को नहीं मिला है निर्माण संबधी दस्तावेज - डॉ. चुरेन्द्र
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसआर चुरेन्द्र ने बताया कि उनको निर्माण से संबधित दस्तावेज अभी तक नहीं मिला है इसलिए जानकारी नहीं दे सकते। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. चुरेन्द्र ने बताया कि मौके पर जाकर देखा हूं सीपेज नजर आया है। अभी भवन का हैंडओव्हर नहीं लिया गया है।


