बेमेतरा

पोट्ठ लइका अभियान: 72 फीसदी बच्चे कुपोषण मुक्त
07-Jan-2024 2:47 PM
पोट्ठ लइका अभियान: 72 फीसदी बच्चे कुपोषण मुक्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 7 जनवरी। जब तक हम अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित नहीं रखेंगे, तब तक श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है। इसकी शुरुआत बालपन से हो जाती है। यहां बच्चों की शारीरिक क्षमता में वृद्धि बहुत जरूरी है। वर्तमान में प्रदेश में हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार है। बेमेतरा अनुविभाग में पो_ लइका अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को सुपोषित किया जा रहा  है।

 जानकारी के अनुसार एसडीएम सुरुचि सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान की उपलब्धि यह है कि 72त्न बच्चों को कुपोषण से बाहर निकाला गया है। अब कलेक्टर ने इस अभियान को पूरे जिले में लागू करने के आदेश दिए हैं।

अभियान के अंतर्गत 72 फीसदी बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य प्राप्त

बेमेतरा अनु विभाग के अंतर्गत बेमेतरा परियोजना में मध्य कुपोषित बच्चे 406, गंभीर कुपोषित 100 कुल 545 बच्चों में से 401, खंडसरा परियोजना में मध्यम कुपोषित बच्चे 485, गंभीर कुपोषित बच्चे 84 कुल 569 बच्चों में से 395 बच्चों को रिकवर किया गया है। इस तरह अभियान के अंतर्गत चिन्हांकित कुपोषित बच्चों में से 72 फीसदी बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है इस अभियान की सफलता को उपलब्धि को तौर पर देखा जा रहा है।

सूक्ष्म स्तर पर अभियान की मॉनिटरिंग

जानकारी के अनुसार बेमेतरा अनुविभाग के 37 ग्राम, 76 आंगनबाड़ी केन्द्र में 09 माह पहले पो_ लइका अभियान शुरू किया गया। अभियान अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाईजर, मितानीन, गांव की सक्रिय महिला को यूनिसेफ से प्रशिक्षण कराया गया है एवं सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को व्हीएचएसएनडी के दिन पालक चौपाल किया जाता है। चौपाल के माध्यम से सूक्ष्म स्तर पर अभियान की मॉनिटरिंग की जाती है।

पूरे जिले में लागू होगा पोट्ठ लइका का अभियान

जानकारी के अनुसार अनुविभाग बेमेतरा में पो_ लईका अभियान का योगदान कुपोषित बच्चे को कुपोषण मुक्त करने में बहुत ही सराहनीय है। इन परिणाम के चलते अब यह मिशन पूरे जिले में लागू किया जाएगा। डीपीओ द्वारा हर परियोजना से 60-60 आंगनबाडिय़ों की जानकारी मांगी गई है, ताकि उनमें ये अभियान लागू हो सके।

अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों की तुलना में 35 फीसदी बच्चे अधिक हुए कुपोषण मुक्त

आंगनबाड़ी केन्द्र जहां पर पो_ लईका अभियान संचालित नहीं है (कन्ट्रोल ग्रुप) से तुलना करने पर, यह पता चलता है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की तुलना में अभियान के अंतर्गत करीब 35 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है। कन्ट्रोल ग्रुप में गंभीर कुपोषित से सामान्य में एक भी बच्चा नहीं आया हैं। इन आकड़ों से सिद्ध होता है कि मात्र पो_ लईका अभियान का योगदान कुपोषित बच्चे को कुपोषण मुक्त करने में 23 प्रतिशत है, जो कि बहुत ही सराहनीय है।

अभियान की विशेषता यह एक  जीरो कास्ट मिशन है

अभियान विशेषता एक जीरो कास्ट मिशन है, इसमें शासन का एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है। पोषण अभियान भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा संचालित किया जा रहा है, किन्तु पोषण परामर्श का क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। इसलिए पोषण परामर्श अभियान के मॉडल को पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किये जाने एवं इसकी मॉनिटरिंग किए जाने शासन को पत्र लिखा गया है ।

37 गांव के 76 आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया गया अभियान

अभियान के अंतर्गत 37 ग्राम के 76 आंगनबाड़ी केन्द्र के 930 मध्यम कुपोषित बच्चे एवं 184 गंभीर कुपोषित बच्चे कुल 1114 बच्चे का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 769 बच्चे मध्यम कुपोषित से सामान्य एवं 32 बच्चे गंभीर कुपोषित से सामान्य में आये हैं। कुल 801 बच्चे कुपोषण से मुक्त होकर सामान्य ग्रेड में आये हैं। मध्यम कुपोषित से सामान्य में 82.68 प्रतिशत बच्चे आये है तथा गंभीर कुपोषित से सामान्य में 17.39 प्रतिशत बच्चे आये है। कुल 71.90 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है। इसके अतिरिक्त अन्य आंगनबाड़ी केन्द्र जहां पर पो_ लईका अभियान संचालित नहीं है (कन्ट्रोल ग्रुप) में गंभीर कुपोषित से सामान्य में एक भी बच्चा नहीं आए हैं।

 


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