बेमेतरा

अलसी के डंठल से बनेगा लिनेन कपड़ा, प्रशिक्षण
31-Dec-2023 2:44 PM
अलसी के डंठल से बनेगा लिनेन कपड़ा,  प्रशिक्षण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 31  दिसंबर।
अलसी डंठल के रेशे से कपड़ा बनाना। सुनने में अजीब लगता है पर बेमेतरा में यह होने वाला है। रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र बेमेतरा में लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाक के प्रयोगशाला भवन में अलसी के अपशिष्ट के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की आजीविका वृद्धि परियोजना अंतर्गत 20 महिलाओं का अलसी के धागा का बुनाई पर 40 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। ये महिलायें अलसी के डंठल के रेशे से लिनेन की क्वालिटी का कपड़ा बनाएंगी, इस रेशे से बने कपड़े की क्वालिटी अच्छी होने के कारण इसकी डिमांड भी अच्छी है। अलसी की खेती और कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने कृषि विवि मदद कर रहा है।

कलेक्टर पीएस एल्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र पहुँचे। लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाक के प्रयोगशाला भवन का भ्रमण किया और प्रशिक्षित महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताया। कलेक्टर ने कहा कि हाथों के हुनर की प्रशंसा के साथ अच्छी क़ीमत भी मिलती है। इसलिए प्रशिक्षण में जो बताया जाये उसे अच्छे से सीखें। यह आपकी आय और तरक्क़ी का रास्ता खुलेगा।

श्री एल्मा ने महिलाओं से अलसी के रेशे से कपड़ा बनाने की पूरी प्रक्रिया पूछी। उन्होंने कहा कि इस काम को अपना कर वे अपनी आर्थिक परिस्थिति को सुधार सकते हंै। 
कलेक्टर श्री एल्मा ने महिलाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिये। अधिष्ठाता डॉ.आरएन सिंह ने कहा कि ग्रामीण महिलाये घर में कार्य करते हुये अपनी आजीविका के आय में वृद्धि कर सकते है। साथ ही महिलाओं को अच्छे कार्य के लिये प्रेरित किया। जि़ला प्रशासन ने खनिज निधि से ग्रामीण महिलायों को धागा बनाने एवं कपड़ा बनाने के लिये महिलाओं को प्रशिक्षित करने राशि स्वीकृत की है।

डॉ.केपी वर्मा नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षित महिलाएं शुरुआत में 3 से 4 हज़ार रुपये प्रति माह अपने घरेलू कार्य कर के भी कमा सकती है। अपने जीवन स्तर को खुशहाल बना सकती है। प्रत्येक महिलायें हर दिन लगभग 10 मीटर कपड़ा बना सकती हैं जिससे 300-400 रुपये प्रति दिन कमा सकती है। धागा निर्माण करके लगभग 250 ग्राम से 300 ग्राम उच्च गुणवत्ता धागा कर निर्माण कर लगभग 250-300 रुपये प्रतिदिन घर में कार्य करते हुये कमा सकता है।
भविष्य में प्रशिक्षित महिलाओं की सोसाइटी का पंजीयन कराकर इस महिलाओं को सक्षम बनाना है।
 


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