बेमेतरा
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते किसान बेहाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 दिसंबर। फसल कटने के बाद खलिहान में रखी धान की सुरक्षा के लिए किसानों को रतजगा करना पड़ रहा है। बारिश की वजह से जमीन गीला होने के कारण धान की क्वालिटी में गिरावट आने की चिंता किसानों को सताने लगी है। कृषि विभाग द्वारा 10834 हेक्टेयर के धान की फ सल का 20 फीसदी तक नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। गुरूवार को जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में से केवल 3 केन्द्रों में धान खरीदी हुई। तीन दिनों के दौरान जिले भर के 11 हजार किसान धान बेचने से वंचित रह गए हैं।
नुकसान का अनुमानित आंकड़ा आया सामने
जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में बारिश की वजह से होने वाले नुकसान का आंकड़ा कृषि विभाग द्वारा जुटाया जा रहा है। चारों ब्लॉक में बारिश की वजह से 411 गावों के कुल 10834 हेक्टेयर में धान की फ सल को 15 से 20 फीसदी नुकसान होने का अनुमान है।
जिले में केवल 3 केन्द्रों में हुई धान खरीदी
लगातार तीसरे दिन बारिश ने धान खरीदी पर खलल डाला है। गुरुवार को 129 धान खरीदी केन्द्रों के लिए 3537 टोकन जारी किए गए थे, जिसमें से बेरला, मोहतरा व गनिया केन्द्र में 6 किसानों से 410 क्विंटल धान लिया गया है। जबकि 1,52,284 क्विंटल धान की आवक होनी थी। जिले में तीन दिन के दौरान 11 हजार से अधिक किसान धान बेच नहीं पाए हैं।
तीन दिन की बारिश से फसलों व सब्जियों को नुकसान
तीन दिन की बारिश से अंचल की बीस फीसदी तक धान की खड़ी व कटी फसल को क्षति पहुंची है। वहीं सब्जी उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। बेमौसम बारिश से नवागढ़ ब्लॉक के लगभग 105 ग्रामों से कृषि विभाग ने जो प्रारंभिक जानकारी जुटाई है, उसमे धान की खड़ी व कट चुकी लगभग बीस फीसदी फसल को क्षति पहुंची है, जो फसल काटे जा चुके हैं, उसे सुखाने के लिए किसानों को ठिकाना तलाशना होगा।इसके साथ-साथ दागदार होने की आशंका बढ़ गई है। अब धान की बिक्री के लिए किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। वहीं अरहर की फ सल को भी क्षति पहुंची है।
सब्जी उत्पादन प्रभावित
नवागढ़ ब्लॉक में सब्जी की फसल को बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है। टमाटर, करेला, धनिया, पपीता, फूल गोभी, भिंडी सहित अन्य सब्जियों को नुकसान हुआ है। बारिश का असर सब्जी बाजार में देखा गया, सब्जियों के भाव डेढ़ से दो गुना हो गए हैं।
20 फीसदी का नुकसान हुआ
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने कहा कि बारिश से हुई क्षति का नजरी आंकलन किया गया। इससे पता चला कि खेतों में लगी धान की फसलों को 20 फीसदी का नुकसान हुआ है। मौसम साफ होते ही वास्तविक क्षति का आंकलन किया जाएगा।


