बेमेतरा

बीमा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से विभाग और किसान दोनों संशय में, कौन करेगा नुकसान की भरपाई
12-Jul-2023 3:14 PM
बीमा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से विभाग और किसान  दोनों संशय में, कौन करेगा नुकसान की भरपाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 जुलाई।
खरीफ फसल सीजन में आमतौर पर जुलाई के प्रथम पखवाड़े में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का नोटिफिकेशन जारी किया जाता रहा है, पर जारी खरीफ फसल सीजन में अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अधिसूचना जारी नहीं किए जाने के कारण जिले के किसानों के खाते से प्रीमियम की राशि की कटौती नहीं की जा सकी है। बीमा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण विभाग व किसानों में संशय की स्थिति है।

खरीफ सीजन के दौरान फसल नुकसान की स्थिती में क्षतिपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रघानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नुकसान कवर करने का लाभ किसानों को दिया जाता है। बीते सत्र के दौरान फसल नुकसान की भरपाई के लिए नोटिफिकेशन के बाद 1 से 15 जुलाई के मध्य प्रीमियम कटौती की गई थी। आवश्यकता के अनुसार प्रिमियम भुगतान के लिए मियाद बढ़ाकर 31 जुलाई तक किया गया, पर अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है ना ही प्रिमियम कटौती की गई है। यानि देर से नोटिफिकेशन होने के कारण किसानों को फसल कवर के लिए कम अवधि मिलेगा और लाभ तभी मिल पायेगा जब किसान फसल के प्रिमियम की कटौती अपने खाते से कराएंगे। इस स्थिती में अधिसूचना नहीं होने के कारण अगर किसानों का फसल नुकसान होगा तो उन्हे स्वयं वहन करना होगा नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कपंनी उत्तरदायी नहीं होगी।

खरीफ फसल सीजन के दौरान 1 जुलाई से योजना का अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने के लिए कृषि विभाग द्वारा बीमा रथ के माध्यम से किसानों को जागरूक किया गया था तब फसल बीमा कराने के लिए जिला स्तर पर खरीफ 2022-23 में अधिक से अधिक ऋणी-अऋणी कृषकों को बीमा आवरण में लाने हेतु प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम प्रारंभ किये गये। 

शासन के द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2022-23 के लिए फसल बीमा कराने के लिए प्रेरित किया था। तब धान के सिंचित फसल के लिए 1100 रुपए प्रति हेक्टेयर, धान असिंचित फसल के लिए 840 रुपए प्रति हेक्टेयर, सोयाबीन फसल के लिए 864 रुपए प्रति हेक्टेयर एवं तुअर (अरहर) फसल हेतु 696 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक देय बीमा प्रीमियम राशि तय की गई है। ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जायेगा। उन्हें केवल घोषणा एवं बुआई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी कृषकों को बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पंचसाला), किरायेदार, साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुआई प्रमाण पत्र एवं घोषण पत्र देकर बीमा कराने का लाभ दिया गया था। मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया था जिससे प्रकृति के विपरीत परिस्थितियों में हानि एवं क्षति होने पर क्षति पूर्ति मिल सके।

बीते साल सीजन में जिले के 44220 किसानों ने अपने धान के 64284 हेक्टेयर व 227 किसानों ने अपने 351 हेक्टेयर धान का अलोनी किसानों ने अपने 351 हेक्टेयर रकबा समेत कुल 44447 किसानों ने धान के सिंचित धान के कुल 64635 हेक्टेयर का बीमा कराया था। इसी तरह असिंचित रकबा में फसल लेने वाले कुल 60913 किसानों ने अपने 62960 हेक्टेयर का बीमा कराया था। इसी तरह सोयाबीन के लिए 3908 किसानों ने 3197 हेक्टेयर के लिए फसल बीमा कराया था। अरहर का फसल लेने वाले 307 किसानों ने कुल 125 हेक्टेयर के फसल का बीमा कराया था। बीते सीजन में तीनों फसलों के लिए 109575 किसानों ने 130919 हेक्टेयर रकबा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया था पर इस बार जुलाई के प्रथम पखवाड़े के अतिंम दो दिन शेष रहते हुए भी फसल बीमा की स्थिति निरंक है।

कर्जदार बन गए हैं किसान 
जिले में फसल लेने के लिए 88249 किसानों ने सहकारी बैक के विभिन्न शाखा से खाद बीज के तौर पर 7990 लाख और नगद के तौर पर 31451 लाख समेत 39442 लाख 45 हजार का कर्ज लिया है और कास्तकारी काम शुरू किया है। बहरहाल जुलाई माह के 11 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक फसल बीमा योजना की प्रकिया प्रारंभ नही हो पाई है।
प्रभारी अधिकारी डॉ. श्यामलाल साहू ने कहा कि अभी तक पीएम फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। होने के बाद प्रकिया प्रारंभ किया जायेगा।


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