बेमेतरा

झाडिय़ों के बीच छिप गया है ऑटोमैटिक रैन गेज सिस्टम, सुध लेने वाला कोई नहीं
26-Jun-2023 3:21 PM
झाडिय़ों के बीच छिप गया है ऑटोमैटिक रैन गेज सिस्टम, सुध लेने वाला कोई नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 26 जून।  जिला मुख्यालय में केन्द्र द्वारा तहसील कार्यालय के पीछे लगाया गया आटोमेटिक रैन गैज सिस्टम अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है। लगभग 8 साल पहले मौसम विभाग द्वारा स्थापित स्वचलित मशीन का सुध लेने में कोताही बरती जा रही है। हालात ये हैं कि मौसम से संबधित जानकारी देने वाला उपकरण के लिए सुरक्षित किया गया स्थान छोटा सा बाड़ी की तरह नजर आने लगा है। उपकरण के बंद होने या चालू रहने की वास्तविक जानकारी स्थानीय प्रशासन के पास नहीं है।

जानकारी हो कि जिले में मौसम की सटीक जानकारी के लिए मौसम विभाग द्वारा आटौमैटिक रैनगैज संयंत्र लगाया गया है। उपकरण की संबंधता सीधे मौसम विज्ञान विभाग पुणे से है जिनके द्वारा उपकरण पूर्व में लगाया गया था। स्वचलित वर्षा मापी यंत्र मौसम विभाग रायपुर से से संबंध है। वर्तमान में बबूल के छोटेे-छोटे झाडिय़ों व पौधों से दब चुके इस आधुनिक उपकरण के बंद या फिर चालू रहनेे की भी जानकारी जिला मुख्यालय में उपलब्ध नहीं है।

आम तौर पर आटोमैटिक वेदर मशीन समय-समय पर अपने आसपास के क्षेत्र के मौसम संबधित जानकारी अपने सेंटर को भेजती है। मौसम संबधित जानकारी हवाओं की गति, तापमान, बारिश,नमी आदि का सटीक जानकारी केन्द्र को उपलब्ध कराती है जिसके अनुसार मौसम वैज्ञानिक मौसम का अनुमान लगाते हैं।

सटीक जानकारी के लिए लगाया गया था उपकरण

कृषि प्रधान जिले में इस उपकरण से स्टेट द्वारा जानकारी जुटाकर किसानों को गर्मी, बारिश व अन्य मौसम संबधित सभी तरह की सटीक जानकारी देने के उपकरण लगाया गया है। हालत को देखे तो मशीन शो पीस नजर आता है।

इस उपकरण का महीनों में लिया जाता है सुध

स्थानीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मौसम विभाग रायपुर में कार्यरत स्टाफ साल में एक दो बार ही इस उपकरण का सुध लेने के लिए पहुंचते हैं। उपकरण की स्थिति की जानकारी के लिए स्थानीय तहसील कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये नंबर पर फोन कर जानकारी लेने का प्रयास किया पर फोन बंद बताया गया है।

स्टेट ऑफिस को रियल टाईम डाटा मिलता है

इस उपकरण का लाभ ये हैं कि बारिश होने के बाद विभाग को बारिश का रियल टाईम डाटा मिलता है। दूसरी तरफ आधुनिक उपकरण होने के कारण पूरे जिले का ब्यौरा मिल जाता है, जिसके बाद स्टेट से वर्षा का डाटा अन्य विभागों को भेजा जाता है पर स्टेट से जिला को इस उपकरण से प्राप्त ब्यौरा शेयर नहीं किया जाता है जिसकी वजह से जिले में वर्षा से संबधित सभी तरह की जानकारी अभी भी पुराने तरीको से संचालित हो रहा है। हालात ये हैं कि जिला का काम मैन्युवल तरीके से ही किया जा रहा है।

जिले का सिस्टम केवल पुराने मशीनों पर टिका है

जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी तहसील मुख्यालय एवं सर्किल मुख्यालय में वर्षा मापी यंत्र से जानकारी लेकर मौसम विभाग को प्रस्तुत करती है। जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, थानखम्हरिया, देवकर, नांदघाट व दाढ़ी तहसील में वर्षा मापी यंत्र लगाया गया है। इसके आलावा इन तहसील के अंतर्गत आने वाले राजस्व निरीक्षक सर्किल में वर्षा मापी यंत्र लगा हुआ है, जिसमें बेेमेतरा, खंडसरा, कोबिया, बांवामोहतरा, दाढ़ी, कुसमी, झाल ,देवकर, परपोडी, मौहाभाठा, साजा ग्रामीण, शहर, बीजागोड, कारेसरा, थानखम्हरिया, आनंदगांव, बेरला सरदा, कोदवा, भिभौरी, गोडगिरी, मारो, अंधियारखोर, गनिया, नांदघाट नवागढ़ में लगाया गया है, जहां से केवल बारिश का आंकड़ा जुटाया जाता है। जहां पर बारिश होने के बाद दूसरे दिन मिली मीटर के अनुसार आंकड़े जारी किये जाते है जिससे पता चलता है कि कहां पर कितनी बारिश हुई है। जिले में बारिश के पुर्वानुमान को लेकर व्यवस्था नहीं है।


अन्य पोस्ट