बेमेतरा

एथेनॉल प्लांट का सीमांकन करने आई टीम बैरंग लौटी
09-Apr-2023 3:12 PM
एथेनॉल प्लांट का सीमांकन करने आई टीम बैरंग लौटी

दो घंटे तक चली बहस लेकिन ग्रामीण डटे रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 9 अप्रैल।
ग्राम रांका में कुरुद मार्ग में प्रस्तावित बायो एथेनाल प्लांट का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने शुक्रवार को सीमांकन के लिए गांव पहुंची टीम को बैरंग वापस लौटाया। सीमांकन करने से रोके जाने पर भूखंड मालिक और ग्रामीणों के बीच बहस हुआ पर ग्रामीण अपनी मांग को लेकर डटे रहे। अंत में सीमांकन किए बगैर दल को वापस लौटना पड़ा ।

शुक्रवार को दोपहर ग्राम रांका में राजस्व विभाग का आरआई समेत 2 अधिकारी व कंपनी स्टाफ के साथ जमीन मालिक भी सीमांकन कराने के लिए पहुंचे थे। वहीं गांव के लोग इकठ्ठा हो चुके थे। आरआई सीमांकन करने की प्रकिया प्रारंभ करने वाले थे कि ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान करीब 2 घंटे तक जमीन मालिक और ग्रामीणों के बीच बहस चली। अंत में ग्रामीणों के विरोध के बाद सीमांकन स्थगित किया गया। आरआई लौट गए।

तहसीलदार योगेश राजपूत ने बताया कि बायो एथेनॉल प्लांट की जमीन का सीमांकन करने आरआई को रांका भेजा गया था। ग्रामीणों के विरोध करने पर सीमांकन का कार्य स्थगित कर दिया गया है। रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारी करेंगे।

दोबारा बुलाई गई थी ग्राम सभा
रजत यदु, घनाराम निषाद ने बताया कि एथेनॉल प्लांट प्रस्तावित होने के बाद दोबारा ग्राम पंचायत में विशेष ग्राम सभा बुलाई गई थी। इसमें सभी ग्रामीणों ने एकमत होकर गांव में एथेनॉल प्लांट नहीं खुलने देने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा था। इस मौके पर मनोज घोषले, खेलावन निषाद, बिरेन्द्र साहू, नरेश साहू, लल्लू साहू, रामखेलावन साहू, पप्पू साहू, संतन निषाद, रामप्रसाद निषाद, रतन रुपेन्द्र साहू, रुपचंद यादव, हराधन निषाद, हेमंत साहू, जीवन साहू, राजू साहू, संतराम निषाद, बीरु साहू, जगदीश निषाद, हेमलाल साहू, खुबूराम साहू, किशोर साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

दो घंटे तक डटे रहे ग्रामीण
इस दौरान जमीन मालिक भी ग्रामीणों से दो घंटे तक एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए जमीन का सीमांकन कराने बहस करता रहा। लेकिन ग्रामीण अडिग रहे। ग्रामीणों ने जमीन मालिक

बीमारी का खतरा बढ़ेगा
सरपंच प्रतिनिधि संतोष, खेदूराम साहू ने बताया कि गांव में एथेनॉल प्लांट खुल जाने से कृषि भूमि प्रभावित होगी। वही प्लांट से निकलने वाले गंदा पानी किसानों के खेत में पहुंचेगा। इससे धान की फसल खराब होगी। ईश्वर निषाद, मोतीलाल साहू ने कहा कि गांव से महज 300 मीटर दूरी पर प्लांट खुलने से यहां से निकलने वाला धुंआ लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालेगा। नजदीक में प्लांट होने से लोग बीमारी से ग्रसित होंगे।
 


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