बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 31 मार्च। खारा पानी प्रभावित गांवों में ग्रामीणों को शुद्व पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ो के फंड से लगाया गया आरो प्लांट देखरेख के अभाव में पूरी तरह खराब हो चुका है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत अलग-अलग अवधि में 100 गांवों में आरो प्लांट लगाया गया था, जिसमे एक प्लांट पर 8 लाख 80 हजार का खर्च किया गया था।
जिले में सत्र 2012-13 से लेकर 2015-16 तक अलग-अलग अवधि में केन्द्रीय योजना के तहत बेमेतरा, नवागढ एवं साजा ब्लाक के खारा पानी की समस्या से प्रभावित 100 गांव में कुल 100 आरो प्लांट लगाए गए थे। 33 आरो प्लान्ट बेमेतरा ब्लाक, 33 आरो प्लांट नवागढं एवं 34 आरो प्लांट साजा ब्लाक में बनाया गया है। खारा पानी की समस्या से प्रभावित गांवो के रहवासियों को मीठा पानी देने के लिए प्रत्येक प्लांट के लिए 8 लाख 80 हजार का बजट जारी किया गया था। पूरी योजना पर करीब 8 करोड़ 80 लाख खर्च किया गया था। तत्कालीन समय में योजना प्रभावित गांवो के लिए वरदान साबित हुआ था। कई साल से पीने के पानी को तरसते ग्रामाीणों को कुछ हद तक निजात मिला था।
15 सौ महीना तक नहीं दे पाये काम करने वालों को
योजना के प्रारंभिक दौरान में निर्माण एजेंसियों को ही निर्धारित समय के लिए आपरेटर रखने व देखरेख करने की जिम्मेदारी दिया गया था। पंप को समय-समय पर प्रांरभ करने के लिए कामगारों को कभी भी समय पर 1500 रूपया का मानदेय तक नहीं दिया गया है। इसके बाद जब से विभाग के पास आरो मशीन की जिम्मेदारी आई है, तब से केवल एक साल तक ही कामगारों को सही मानदेय मिला था, पर बीते एक साल से अधिक समय से कामगारों को मानदेय नहीं मिला है जिसके कारण काम करने वालों ने इस योजना से मुंह मोड़ लिया है।
प्रदेश का पहला वाटर एटीएम बना कचरा खाना
जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर ग्राम डूडा में पहला वाटर एटीएम लगाया गया था। राष्ट्रीय पेयजल योजना के तहत लगाये गया वाटर एटीएम मशीन का कहां अता-पता नहीं है। देखरेख नहीं होने के कारण मौके पर घास पेड़-पौधे उग आये है। मशीन तो सालों से बंद पड़ा हुआ। 8 लाख से अधिक लागत से बने इस वाटर एटीएम ने पूरे जिले को प्रदेश में प्रसिद्धि दिलाया था।
66 में से गिनती के आरो ही ठीक
बेमेतरा व नवागढ़ ब्लाक के 66 गांवों में आरो प्लांट लगाया गया है जिसमें से गिनती के कुछ गांवों में आरो प्लांट चल रहा है जिसका उपयोग ग्रामीण कर रहे हैं। जिन गांवो का आरो प्लांट चालू है उनमें ग्राम छीतापार, बिरमपुर, सनकपाट, मुरकी, सावतपुर, बिटकुली में एक बंद है। करंजिया व बहुनवागांव, नवागढ ब्लाक के अडार, रिसामली, ठेगाभाट समेत कुल 10 गांवो में ही आरो मशीन की सुविधा लोगों को मिल रहा है। बेमेतरा व नवागढ़ ब्लाक के ग्राम आंदु, बैहरसरी, सिरवाबाधा, डुडा, धिवरी, जगमडवा, झिरिया, सेमरिया, तुमा, बालसुन्द समेत 56 गांवों में आरो मशीन कई साल से बंद पड़ा हुआ है। आरो मशीन के बंद होने के पीछे बताये गये कारणों में मेम्ब्रेन खराब होने, पाइपलाइन, जलस्तर गिरने, जल सोर्स सुख जाने, पैनल बोर्ड खराब को शामिल किया गया है।
10 आरो चल रहे - विप्लव धृतलहरे
बेमेतरा व नवागढ़ ब्लाक प्रभारी विभागीय अधिकारी विप्लव धृतलहरे ने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र में 10 आरो चल रहा है। खराब आरो के सुधार के लिए प्रपोजल भेजा गया है पर बजट नहीं आया है।
साजा ब्लाक के सभी आरो मशीन बंद हैं- महोबिया
साजा ब्लाक के ग्राम किरकी, धिवरी, पदमी, पदुमसरा, हथमुडी, गिधवा, खाम्डीह, साजन, रौदा, हाडाहुडी, समेत 34 गांवों का आरो बीते कई साल से बंद पड़ा हुआ है। ब्लाक में खराब हुए मशीन को लेकर सब इंजीनियर आर के महोबिया ने बताया कि एक साल पहले से ही मशीन खराब हो चुका है। पूरी तरह कबाड़ हो चुका है। मशीनों को सुधारा नहीं जा सकता इसलिए सुध नहीं लिया जा रहा। मशीन 2012 -13 के दौरान लगाये गये थे।




