बेमेतरा

पानी की उपलब्धता को लेकर स्पंज प्लांट कंपनी ने नदी से दूरी 12 किमी घटाई
21-Feb-2023 3:07 PM
पानी की उपलब्धता को लेकर स्पंज प्लांट कंपनी ने नदी से दूरी 12 किमी घटाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 फरवरी।
नवागढ़ विधानसभा के ग्राम मुड़पार स्पंज प्लांट स्थापना के विरोध में क्षेत्र के किसान लामबंद हो गए हैं। कंपनी की ओर से प्लांट स्थापना को लेकर नदी से प्लांट की दूरी की गलत जानकारी देकर जनसुनवाई बुलाए जाने से क्षेत्र के किसानों में नाराजगी है। इस संबंध में उपाध्यक्ष जिला पंचायत अजय तिवारी ने बेमेतरा कलेक्टर से शिकायत कर जनसुनवाई को निरस्त किए जाने की मांग की है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर प्रकरण में कार्रवाई की मांग की गई है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गांव-गांव में बैठक लेकर जनसुनवाई में स्पंज प्लांट स्थापना का विरोध किए जाने का निर्णय लिया है।

नदी की दूरी 12 किमी घटाई, भूजल दोहन से किसानी होगी प्रभावित
स्पंज प्लांट स्थापना की स्थिति में संचालन के लिए पानी की आपूर्ति मुंगेली जिला की आगर नदी से किए जाने का प्रस्ताव कंपनी की ओर से पर्यावरण विभाग को दिया गया है। इस प्रस्ताव में नदी से प्लांट स्थापना स्थल की दूरी 10 किमी बताई गई है, जबकि नदी से प्लांट स्थल की वास्तविक दूरी 22 किमी है। प्लांट संचालन के लिए बड़े पैमाने पर पानी की आवश्यकता होगी। नदी से पानी की आपूर्ति नहीं होने पर भूजल दोहन किया जाएगा। जिससे ग्राम मुड़पार समेत आसपास के दर्जनभर गांवों में किसानी को लेकर विकट स्थिति निर्मित हो जाएगी।

ग्रामीण दर्ज कराएं विरोध, होगी वीडियोग्राफी
भिलाई पर्यावरण मंडल अधिकारी विजय पोर्ते के अनुसार कंपनी की ओर से प्रस्ताव मिला है। प्रस्ताव पर गुरुवार को जन सुनवाई बुलाई गई है। कंपनी के प्रस्ताव में नदी और प्लांट स्थापना स्थल की दूरी को लेकर गलत जानकारी देने की शिकायत पर ग्रामीण जनसुनवाई में अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। जनसुनवाई की बाकायदा वीडियोग्राफी की जाती है।

उल्लेखनीय है कि कंपनी के प्रस्ताव पर अधिकारियों को स्थल निरीक्षण कर जांच की जानी थी। जिसमें प्लांट संचालन के लिए पानी की उपलब्धता, प्लांट स्थापना स्थल से गांव की दूरी समेत अन्य गाइडलाइन के तहत जांच होनी थी, लेकिन दूरी को लेकर प्रस्ताव में गलत जानकारी दिए जाने के बावजूद जनसुनवाई बुलाए जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं।

नदी बारहमासी नहीं, दी गलत जानकारी
जानकारी के अनुसार आगर नदी बारहमासी नहीं है, नदी में 12 महीना पानी नहीं रहता। ऐसी स्थिति में नदी से पानी की आपूर्ति नहीं होने पर प्लांट संचालन के लिए भूजल दोहन किया जाएगा जो क्षेत्र के किसानी कार्य के लिए नुकसानदेह साबित होगा। वहीं प्लांट स्थल व नदी की दूरी 22 किलोमीटर होने के कारण पानी पहुंचने को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। गौरतलब हो कि नवागढ़ विधानसभा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में शामिल है। यहां के किसान खेती किसानी के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। इसलिए क्षेत्र के किसान प्लांट की स्थापना का विरोध कर रहे हैं।

अधिकारी की उपस्थिति में होगी सुनवाई
भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के प्रावधान अनुसार इस परियोजना के लिए जनसुनवाई बुलाई गई है। इस परियोजना की जनसुनवाई गुरुवार को सुबह 11 बजे कंपनी के स्वामित्व की भूमि पर पर्यावरण मंडल भिलाई अधिकारी व कलेक्टर के अधिकृत अधिकारी की उपस्थिति में होगी। जनसुनवाई के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही है। पिछली जनसुनवाई में कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हुई है । इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण के सुनवाई स्थल पर पुलिस के जवान तैनात रहेंगे।

प्रदूषण से कृषि भूमि बंजर होने पर रोजी-रोटी का संकट होगा खड़ा
सभापति जिला पंचायत अंजू बघेल ने बताया कि स्पंज प्लांट स्थापना से क्षेत्र की कृषि भूमि प्रदूषण के कारण बंजर होने के साथ कृषि योग्य नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में क्षेत्र के किसानों का रोजगार समाप्त होने से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इस संबंध में प्रशासन को लगातार अवगत कराया जाने के बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदूषण व भूजल दोहन की स्थिति में ग्राम मुड़पार, तेंदुआ, चाका पेंड्रा, कटई, बोटबोड, जुनवानी कला, जूनवानीखुर्द, झिलगा, बेवरा, बेलटुकरी, जैतपुरी अमोरा, खेड़ा समेत अन्य गांव की हजारों एकड़ किसानी कार्य प्रभावित होगा। जिससे किसानों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।


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