बेमेतरा

रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने वाले वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटरों में लगा ताला
22-Dec-2022 3:44 PM
रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने वाले वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटरों में लगा ताला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 दिसंबर। 
जिले में कौशल विकास के लिए संचालित किये जा रहे सेन्टर कोरोना काल से पूरी तरह बंद है। कौशल उन्नयन के लिए बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लाक में संचालित सभी वोकेशनल ट्रेनिंग सेन्टरों में 3 साल से ताला बंदी की स्थिति है। जिले के युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति दिलाने के लिए तैयार केन्द्र व राज्य स्तर की योजना अनुमोदन के अभाव में दम तोड़ रहा है।

कोरोना काल के बाद से अब धीरे-धीरे सरकारी कामकाज व कारोबार पटरी पर आ चुका है पर सरकारी तौर पर युवाओं को रोजगार के अनुरूप प्रशिक्षित करने की योजना दो साल बाद भी सही तरीके से प्रारंभ नहीं हो पाया है जिसके कारण अब जिले में संचालित वीटीपी याने वोकेशनल ट्रेनिंग सेन्टर में ताला बंदी हो चुका है जिसके कारण ट्रेनर ही बेरोजगार है। जिले में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना और केन्द्र सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना संचालित किया जा रहा है जिसमें से वर्तमान में केन्द्र की योजना का कुछ ही लोग लाभ ले पा रहे हैं, पर स्टेट की योजना पटरी पर वापस नहीं आ पा है। दोनों योजना के तहत प्रशिक्षण केन्द्र में निर्धारित अवधि का प्रशिक्षण देने के साथ ही प्रशिक्षुओं को जॉब भी दिलाया जा रहा था। जिले में स्टेट के तहत केवल 5 प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है सभी शासकीय संस्थानों से है।

4069 को मिला रोजगार
जिला में 2013 सें जिला कौशल विकास प्राधिकरण के तहत हितग्राहियों प्रशिक्षण दिया जाना प्रारंभ किया गया था। कोरोनाकाल से पूर्व याने 31 मार्च 2018 तक जिले में कुल 7788 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से 4069 लोगों को रोजगार मिला है। इस दौरान जिले में 27 शासकीय वीटीपी और 27 निजी वीटीपी संचालित किया जा रहा था जिसमें बेमेतरा ब्लाक में 27, नवागढ़ में 8, बेरला में 10 व साजा में 9 वीटीपी सेन्टर थे। कोरोना काल के बाद योजना के तहत अब केवल 5 शासकीय वीटीपी सेन्टर संचालित है। जिसमें लाइवलीहुड कॉलेज, कृषि कॉलेज, आईटीआई, कृषि विज्ञान केन्द्र, आईटीआई परपोड़ी शामिल है। इनके अलावा अन्य केन्द्रों को बीते लंबे अर्से से कोर्स चलाने के लिए स्वीकृति ही नहीं दी गई है आज बंद की स्थिति में है। बैच व कोर्स अब केवल सरकारी संस्थानों में संचालित किये जा रहे हैं।

प्रशिक्षण देने के लिए पंजीकृत संस्थाओं को कोरोनाकाल के पूर्व और पश्चात अभी तक बैच नहीं मिला है। इस बीच करीब 30 महीने के दौरान संचालक अब संस्था चलाने की स्थिति में नहीं रह गए हैं। संचालकों ने बताया कि इस दौरान स्टाफ, मरम्मत, संचालन, कर्ज का ब्याज, किराया व अन्य व्यय को वहन करना पड़ा है इस वजह से आर्थिक हालत का समीकरण पूरी तरह डूब चुका है। ऐसे में बैच भी मिले तो चला पाना मुश्किल है। अनेक संचालकों ने आर्थिक संकट का सामना करते-करते अब रास्ता ही बदल दिया है।

केन्द्र की योजना के तहत 11 को मिला काम
जिले में केन्द्र की कौशल विकास योजना के तहत सत्र 20-21 में 41 को प्रषिक्षण दिया गया जिसमें से 13 को जॉब मिला था। सत्र 2021-22 के दौरान 156 को प्रशिक्षित किया गया जिसमें से 48 को रोजगार नसीब हो पाया है। जारी सत्र के दौरान 64 को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें से 11 को रोजगार प्राप्त हुआ है।

लाइवलीहुड कालेज के सहायक संचालक रोशन वर्मा ने बताया कि जिले में 5 संस्थानों में बैच संचालित किया जा रहा है। अभी नए कोर्स की स्वीकृति भी मिली है। अन्य जानकारी में नहीं दे पाऊंगा।


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