बेमेतरा

मातर, मेला, मड़ाई छत्तीसगढ़ की परंपरा-योगेश
30-Oct-2022 3:16 PM
मातर, मेला, मड़ाई छत्तीसगढ़ की परंपरा-योगेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,  30 अक्टूबर।
  ग्राम सरदा, खम्हरिया, चोंगीखपरी, नेवनारा में आयोजित मातर तिहार में किसान नेता योगेश तिवारी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
सर्वप्रथम किसान नेता ने यादव समाज के लोगों के साथ पशुधन की पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर किसान नेता ने ग्रामीणों के साथ हाथों में लाठी लेकर राउत नाच में शामिल हुए यहां यादव समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे ।
इस अवसर पर किसान नेता ने कहा कि गांव में मड़ई मेला खुशियों का त्यौहार है। गांव के लोग आपसी-भाईचारें के बीच इस मेले को आयोजित कर मनाते हैं। इस तरह का आयोजन गांव में होता रहे और आप सभी सुख-शांति से सद्भावनापूर्वक रहे यहीं कामना है। गांव में मातर, मेला, मड़ाई छत्तीसगढ़ की परंपरा है।

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और उसके बाद के दिन को मातर कहा जाता है। मातर में मा का अर्थ माता और तर यानी उनकी शक्ति को जगाना।

आपसी प्रेम व सौहार्द का भाव जागृत होता है
किसान नेता ने कहा कि इस पर्व में गाय की पूजा की जाती है। छत्तीसगढ़ में यह पर्व मुख्य रूप से यादव समाज के लोगों द्वारा मनाया जाता है, परंतु अन्य समाज के लोग भी इसमें शामिल होते हैं। जिससे आपसी प्रेम व सौहार्द का भाव जागृत होता है। यादव समुदाय के लोग घर-घर जाकर दोहा नाच करते हैं। गांव के गौठान में यादव समुदाय के लोग पारंपरिक परिधान पहन कर इक_ा होते हैं। समाज के लोग पशुधन की पूजा करते है।
 


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