बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 25 जुलाई। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा, बारी) के तहत विकसित किए जा रहे आदर्श गौठानों में ताजे और हरे चारे की व्यवस्था की जा रही है कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख प्रदीप कश्यप ने बताया पशु के अच्छे स्वास्थ्य और अधिक उत्पादन के लिए नेपियर घास एक अच्छा विकल्प है वर्तमान में आवश्यकता के मुकाबले हरे चारे की उपलब्धता में कमी से पशु के स्वास्थ्य एवं उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने तथा कम लागत में हरे चारे की उपलब्धता बनाये रखने के मकसद से कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 23 से 28 जुलाई तक विकासखंड के विभिन्न गोठानों में प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर गोठान ग्राम कड़ार, गोढ़ी-एस एवं गुर्रा की महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों को चारा उत्पादन तकनीकी पर विस्तार से बताया गया. कृषि विशेषज्ञ दीपमाला लकरा ने संकर नेपियर घास कटिंग का चुनाव, खेत की तैयारी, पोषक तत्व प्रबंघन, कटिंग का रोपण, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, चारा कटाई का उचित समय व तरीका आदि के संबंध में किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी।