बलौदा बाजार

छह साल से लंबित भूमि विवाद पर प्रशासनिक कार्रवाई की प्रतीक्षा
12-Nov-2025 6:09 PM
छह साल से लंबित भूमि विवाद पर प्रशासनिक कार्रवाई की प्रतीक्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 12 नवम्बर। भाटापारा विकासखंड के ग्राम पंचायत तुरमा के निवासी किसान छक्कन दास मनहरे पिछले छह वर्षों से अपनी भूमि से संबंधित प्रकरण के निराकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने तहसील कार्यालय, एसडीएम, थाना, एसपी कार्यालय, कलेक्टर और राजस्व मंत्री तक आवेदन दिए हैं, परंतु अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

वसीयतनामा के आधार पर आदेश, फिर भी रिकॉर्ड से नाम गायब

वर्ष 2015 में छक्कन दास मनहरे के नाम वसीयतनामा के आधार पर भूमि हस्तांतरण का आदेश जारी हुआ था। किसान का कहना है कि आदेश जारी होने के बावजूद, उनका नाम मैन्युअल नक्शे और ऑनलाइन अभिलेख से हटा दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, यह स्थिति तत्कालीन पटवारी अयूब खान और राधेश्याम बर्मन के कार्यकाल के दौरान उत्पन्न हुई। मामला लिपिकीय त्रुटि या रिकॉर्ड में संभावित छेड़छाड़ से संबंधित बताया गया है।

कलेक्टर और तहसीलदारों के परिवर्तन के बाद भी मामला लंबित

किसान का कहना है कि छह वर्षों से आवेदन कर रहा हूं। कलेक्टर से लेकर मंत्री तक गया, लेकिन अब तक दोषी पटवारी पर कार्रवाई नहीं हुई। इस अवधि में कई कलेक्टर और तहसीलदार बदल चुके हैं, परंतु प्रकरण का निस्तारण नहीं हो पाया।

भूमि पर कब्जे की शिकायत

किसान का कहना है कि विवादित भूमि पर कब्जाधारी व्यक्ति द्वारा निर्माण किया गया है। उन्होंने इस संबंध में कई बार शिकायतें कीं, परंतु अब तक सीमांकन या कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि विभागीय अधिकारी शिकायतें तो सुनते हैं, पर कार्यवाही में देरी होती है।

राजस्व समीक्षा बैठकें और

विभागीय प्रक्रिया

कलेक्टर कार्यालय में नियमित रूप से राजस्व प्रकरणों की समीक्षा बैठकें होती हैं, जिनमें समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिए जाते हैं।

यह मामला अभी भी उन प्रकरणों में शामिल है जिन पर कार्रवाई शेष है।

भाटापारा तहसीलदार यशवंत राज ने कहा —मैं अभी कुछ प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त हूं, लेकिन एक सप्ताह के भीतर इस प्रकरण की जांच पूरी कराकर निराकरण सुनिश्चित करूंगा।

प्रश्न जो अब भी लंबित हैं

 किसान का नाम भूमि रिकॉर्ड से हटाने का आदेश किस स्तर पर हुआ?,  मैन्युअल नक्शे और ऑनलाइन अभिलेख के विरोधाभास की जांच किस स्तर पर हुई?,  वर्षों से अधिकारी बदलने के बावजूद मामला क्यों लंबित है?,  क्या संबंधित कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही होगी?

ग्राम तुरमा के कुछ निवासियों का कहना है कि यह मामला अब स्थानीय चर्चा का विषय है। उनका कहना है कि अगर इस प्रकरण का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो यह प्रशासनिक पारदर्शिता पर प्रश्न उठाता रहेगा।


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