बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 26 नवंबर। टोकन लेने के बाद भी धान खरीदी केंद्रों से धान वापस लेकर किसान लौट रहे हैं। बारदाने की कमी से वे परेशान हैं। जिले की 129 सेवा सहकारी समितियों के 166 धान खरीदी केंद्रों में पंजीकृत 1 लाख 67 हजार 771 किसान इन दोनों बारदाने की कमी के कारण परेशान हैं। कुछ जगहों पर खरीदी प्रभावित हो चुकी है।
किसानों से इस बार भी 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से लगभग 9 लाख 62 हजार 910 टन धान की अनुमानित खरीदी होगी, जबकि अब तक महज 52 हजार 570.96 टन धान की खरीदी हो पाई है।
इधर, खरीदी शुरू होने के 10 दिनों के भीतर ही अधिकतर केंद्रों में पुराने बारदाने की भारी कमी हो गई है। अब तो मंडियों में धान लेकर पहुंचने वाले किसानों से 50 फीसदी बारदाना मंगाया जा रहा है। बारदाने की कमी से किसान टोकन लेने के बाद भी धान नहीं बेच पा रहे हैं। बारदाने की कमी की वजह मिलर की हड़ताल है।
धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी की वजह से किसानों को हो रही समस्या को देखते हुए ‘छत्तीसगढ़’ने जिले के धान खरीदी केंद्रों का जायजा लिया। जहां किसानों ने धान बेचने के लिए बारदाने दूर-दूर से खरीद कर लाने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि 30 से 40 रु. तक कीमत के बारदाने खरीद कर धान बेच रहे हैं।
24 हजार गठान बारदानों की जरूरत
बलौदाबाजार जिले में धान खरीदी के लिए लगभग 24 हजार गठान बारदाने की जरूरत पडऩे के अनुमान लगाए गए हैं, जिसमें से 12 हजार गठान नए बारदाने खरीदी केंद्रों में उपलब्ध करा दिए गए हैं। बचे 12 हजार गठान बारदाने में से 2 हजार गठान पीडीएस दुकानों से और 10 हजार गठान बारदाने राइस मिलों से आने थे, लेकिन राइस मिलरों की हड़ताल की वजह से बारदाने नहीं मिल पाए। वहीं जिले के धान खरीदी केंद्रों की रिपोर्ट कार्ड देखे तो पुराने बारदानों की काफी कमी है। केंद्रों में लगभग कुछ हजार ही पुराने बारदाने बचे हैं।
कलेक्टर दीपक सोनी ने राइस मिलों की बैठक लेकर जल्द से जल्द बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं। किसानों से कहा गया है कि वह अपने बारदाने में धान को बेचे। इसके बदले में प्रति बारदाना 25 रुपये दिए जाएंगे।
गांव-गांव बारदाने लेकर पहुंच रहे कोचिये
वहीं पुराने बारदाने की समस्या को देखते हुए कोचिए और दुकानदारों ने इसका अच्छा फायदा उठाने लगा है। बाजार में 30 से 40 रुपये तक का बारदाना बेचा जा रहा है, क्योंकि जिले के बहुत से खरीदी केंद्रों में टोकन कटा चुके किसानों को धान बेचने खुद का 50 फीसदी बारदाना लेकर आना अनिवार्य है, तब धान बिकेगा।
साराडीह में 3 दिन से धान नहीं बेच पाए किसान
साराडीह खरीदी केंद्र में खरीदी केंद्र और किसानों के पास पुराना बारदाना नहीं होने से तीन दिनों तक धान ही नहीं बेच पाए और खरीदी केंद्रों से किसानों की निराशा ही लौटना पड़ा, इसके बाद किसानों ने आनन-फानन में कोचियों और बाजार से उल्टे सीधे दम पर धान खरीद कर धान बेचने पहुंचे हैं।