बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 25 नवंबर। विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार ध्रुव ने कसडोल विकासखंड के कई शासकीय शालाओं का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई शिक्षकों की गैरहाजिरी और स्कूलों में अनुशासनहीनता का मामला सामने आया।
गिरौदपुरी और कौवाताल में शिक्षकों की अनुपस्थिति
सुबह 8 बजे के औचक निरीक्षण में शासकीय प्राथमिक शाला गिरौदपुरी और शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला कौवाताल में कोई भी शिक्षक उपस्थित नहीं मिले। इस स्थिति में स्वयं ध्रुव ने बच्चों के साथ प्रार्थना करवाई। इसके बाद कुछ शिक्षक धीरे-धीरे स्कूल पहुंचे, जिनमें पूर्व माध्यमिक शाला प्रधानपाठक दरस राम कैवर्त, शिक्षक जवाहर लाल डडसेना और प्राथमिक प्रधानपाठक शामिल थे।
कौवाताल और गिरौदपुरी के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में भी बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इन अनुपस्थित शिक्षकों में शामिल थे- प्राथमिक शाला कौवाताल गिरवर टंडन और चिरंजीव यादव पूर्व माध्यमिक शाला कौवाताल अशोक दास मानिकपुरी और मनहरण लाल सोनी प्राथमिक शाला गिरौदपुरी- सुधा जायसवाल, जनक राम बंजारे, तेज राम साहू, भरत लाल पटेल और रोहित कुमार सपती इसके अतिरिक्त, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला गिरौदपुरी में भी शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इनमें व्याख्याता राम कुमार वर्मा और शिक्षक एस.आर. भारद्वाज शामिल थे। अन्य शिक्षक, जैसे प्रज्ञेंद्र कुमार कर्ष और सीमा भैना देरी से पहुंचे।
अनुपस्थिति पर कारण बताओ नोटिस जारी
सभी अनुपस्थित और देरी से आने वाले शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके अलावा, शिक्षकों को स्कूल में समय पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए।
कई शालाओं में भी लापरवाही
निरीक्षण के दौरान अन्य शालाओं में भी लापरवाही देखने को मिली। पूर्व माध्यमिक शाला अर्जुनी (म) में शिक्षक युगल किशोर पटेल ने ऑफलाइन अवकाश आवेदन भेजा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।
सराईपाली पूर्व माध्यमिक शाला के शिव कुमार बसंत और निठोरा प्राथमिक शाला के लाल कोशले भी अनुपस्थित पाए गए।
बच्चों को दिए गए निर्देश
निरीक्षण के दौरान अरविंद कुमार ध्रुव ने सभी बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और आगामी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित किया। शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने और नियमित दैनंदिनी संधारण करने का निर्देश दिया गया।
समय पर स्कूल पहुंचने निर्देश
निरीक्षण के अंत में विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों को समय पर स्कूल आने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सख्त निर्देश जारी किए।
यह औचक निरीक्षण शिक्षकों की जिम्मेदारी और अनुशासनहीनता को उजागर करता है, जिससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया।