बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 20 नवंबर। ग्राम सुहेला अंचल के सिमगा हथबंद बलौदाबाजार मार्ग पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में चलने वाली भारी वाहनों से सडक़ खराब होने के साथ दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सीमेंट संयंत्रों के लिए परिवहन में लगे वाहनों के अलावा आसपास बड़ी संख्या में स्थापित क्रेशर प्लांट से गिट्टी धो ढोने वाली वाहनों के साथ-साथ रेत परिवहन करने वाली हाईवा वाहनों के ओवरलोड लेकर चलने से सडक़ों पर जगह-जगह डामर उखड़ जाने व गड्ढे निर्मित हो चुके हैं। इसके बावजूद भारी वाहनों के तेज रफ्तार से गुजरने के चलते आए दिन सडक़ दुर्घटनाएं होने से जनधन की हानि हो रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि डस्ट बहुत ज्यादा बढ़ गया है। सडक़ किनारे घर, दुकान, हॉस्पिटल, स्कूल आदि हैं। धूल डस्ट से भरी बीमारी का डर सता रहा है। यह स्थिति उनके लिए बेहद परेशानी का कारण बन चुकी है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से सडक़ की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है, लेकिन अब तक इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। उन्हें आशंका है कि अगर यही स्थिति जारी रही तो इस मार्ग पर बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती है। जिससे कई लोग घायल हो सकते हैं या यहां तक की जान की हानि भी हो सकती है।
मिट्टी और रेत में फिसल कर वाहन चालक हो रहे चोटिल
इस मार्ग पर लगातार मिट्टी रेत और डस्ट गिरने की समस्या है। जब भारी वाहनों का गुजरना होता है तो सडक़ पर मौजूद इन सामग्री का गिरना स्वभाविक हो जाता है। यह मुख्य रूप निर्माण कार्य से जुटी गाडिय़ों के कारण होता है। इन सामग्रियों के गिरने से सडक़ की स्थिति बहुत खराब हो जाती है। बारिश के मौसम में यह और भी खतरनाक हो जाता है क्योंकि गीली सडक़ पर मिट्टी और रेत से फिसलने का खतरा अधिक हो जाता है। इससे मोटरसाइकिल और साइकिल चालक गिरकर घायल हो सकते हैं।
ओवरलोड गाडिय़ां से बड़ी परेशानी
इस मार्ग पर सबसे बड़ा खतरा ओवरलोड गाडिय़ों से है। इन गाडिय़ों में जरूर से ज्यादा माल लोड किया जाता है और यह गाडिय़ां अक्सर तेज गति से चलती है। ओवरलोड गाडिय़ां न केवल सडक़ को नुकसान पहुंचती है बल्कि इनकी गति भी बहुत अधिक होती है जिससे नियंत्रण खोने पर दुर्घटनाएं की संभावना बढ़ जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिक वजन और तेज रफ्तार वाली गाडिय़ों के करण यह सडक़ और भी अधिक खतरा खतरनाक हो गई है।
सुरक्षा के लिए प्रशासन गंभीर नहीं -ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीण अब इस स्थिति से तंग आ चुके हैं। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन सक्रिय नहीं होगा, तब तक यह समस्या जस की तस बनी रहेगी। सडक़ पर गिरने वाली गिट्टी और रेत से साइकिल और मोटरसाइकिल चालक अक्सर गिरकर घायल होते हैं।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस मार्ग पर आवागमन करने वाले अधिकतर लोग गरीब और मेहनतकश हैं, जो रोजगार के लिए इस सडक़ का इस्तेमाल करते हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन को अधिक गंभीरता से विचार करनी चाहिए।
अधिकतर समय तो छोटे वाहन चालक ही हादसों का शिकार होते हैं क्योंकि बड़े ट्रकों और डंपरों के कारण रास्ता सकरा और खतरनाक हो जाता है।