बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 23 अक्टूबर। जिला भर में रेत घाटों के बंद होने के कारण आम जनता रेत के लिए दर-बदर भटक रही है। निर्माण कार्य रुक गए हैं, जिससे मकान बनाने वालों और अन्य निर्माण से जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हालात ऐसे हैं कि रेत दलालों द्वारा मनमानी कीमतों पर रेत बेची जा रही है, जिसमें अधिकतर टैक्टर चालक शामिल हैं। ये दलाल जरूरतमंदों से मनचाहे दाम वसूल रहे हैं और मजबूरी में लोग ऊंची कीमत पर भी रेत खरीदने को मजबूर हैं।
रेत की किल्लत से जनता त्रस्त
रेत की इस भारी कमी से लोगों के निर्माण कार्यों पर ताले पड़ गए हैं। मकान बनाने का सपना संजोने वाले लोग अब असमंजस में हैं कि वे कैसे अपना काम पूरा करें। हर जगह केवल रेत की बात हो रही है और सभी यही पूछ रहे हैं कि कब तक यह स्थिति बनी रहेगी। इस मुश्किल घड़ी में रेत की भारी मांग और आपूर्ति में अंतर ने हालात को और गंभीर बना दिया है। जो रेत उपलब्ध है, वह बाजार में अत्यधिक महंगे दामों पर बेची जा रही है, जिससे आम आदमी की परेशानियां बढ़ गई हैं।
दलालों की मनमानी
रेत घाटों के बंद होने का फायदा उठाते हुए जिले में कई रेत दलाल सक्रिय हो गए हैं। अधिकतर दलाल ट्रैक्टर चालकों की मदद से रेत की कालाबाजारी कर रहे हैं। ये लोग रेत की आड़ में मोटी कमाई कर रहे हैं और जरूरतमंदों को महंगे दामों पर रेत बेचने पर मजबूर कर रहे हैं। जिले में सरकारी नियमों के बावजूद इन दलालों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे लोग और ज्यादा परेशान हो रहे हैं।
घाटों को चालू करने की मांग
जिले की आम जनता अब इस समस्या से त्रस्त हो चुकी है और सरकार से रेत घाटों को जल्द से जल्द चालू करने की मांग कर रही है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही रेत घाटों को नहीं खोला गया तो जिले में निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो जाएंगे और इससे न केवल आम जनता, बल्कि स्थानीय व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित होंगे। लोगों ने प्रशासन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और रेत माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है।
प्रशासन का रुख
प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई ठोस बयान नहीं आया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस स्थिति पर काबू पाया जाएगा और रेत की आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू की जाएगी। रेत घाटों के बंद होने की वजह प्रशासनिक प्रक्रिया और पर्यावरणीय नियमों का पालन करना बताया जा रहा है। लेकिन जनता की परेशानी को देखते हुए प्रशासन पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है।
निर्माण कार्य ठप
रेत की किल्लत से जिले की जनता बेहाल है और निर्माण कार्य ठप हो गए हैं। दलालों की मनमानी ने हालात को और बिगाड़ दिया है। अब जिले के लोग रेत घाटों को जल्द से जल्द चालू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें इस समस्या से राहत मिल सके।