बलौदा बाजार

शालाओं से लेकर कॉलेजों तक खेल शिक्षक के पद वर्षों से खाली
27-Aug-2021 7:12 PM
  शालाओं से लेकर कॉलेजों तक खेल शिक्षक के पद वर्षों से खाली

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 27 अगस्त। पूर्व में कई राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों को टीम में जगह दिलाने वाले बलौदाबाजार जिले की बीते कुछ ही वर्षों में खेल के दृष्टिकोण से स्थिति बेहद खराब होती गई है। जिसका प्रमुख कारण शालाओं तथा महाविद्यालयों में स्पोट्र्स टीचर का न होना है। जिले की शालाओं तथा महाविद्यालयों में बीते कई वर्षों से स्पोट्र्स टीचर के सैकड़ो पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से जिले में खेलकूद की गतिविधियां भी थम सी गई हैं। जिसके चलते खेलकूद में मेडल लाकर जिले का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ी ही गायब हो गए हैं।

विदित हो कि कुछ वर्ष पूर्व तक जिले में कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, लंबीकूद जैसे खेलों में गजब के खिलाड़ी निकलते थे, जो जिला से लेकर राज्य स्तरीय टीम के साथ ही साथ राष्ट्रीय टीम में भी अपना स्थान पक्का कर जिले का नाम रोशन करते थे। परंतु बीते कुछ ही वर्षों में ऐसे खिलाडिय़ों की संख्या धीरे-धीरे कम हो गई है। वर्तमान में इक्का-दुक्का खिलाड़ी ही नजर आते हैं।

 जिले में खेलों की बदहाली  के पीछे असल वजह जिले की शालाओं तथा महाविद्यालयों में वर्षों से स्पोट्र्स टीचर के पदों का रिक्त होना है, जिसकी ओर आज तक जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया है।

 जिले की शालाओं तथा महाविद्यालयों में कुछ वर्ष पूर्व तक अनिवार्य रूप से स्पोर्टेस की क्लास तथा खेलकूद की गतिविधियां होती थीं तथा खेल मैदानों में खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास करते नजर आते थे, जो स्पोट्र्स टीचर के ना होने से पूरी तरह से बंद हो गए हैं। जिले में शासन से मिले मद से करोड़ों रुपए के स्टेडियम का निर्माण तो करा दिया गया है, परंतु इन स्टेडियम में खेलने वाले खिलाड़ी अब मिल ही नहीं रहे हैं। यहां यह बात सबसे अधिक आश्चर्य की है कि शालाओं तथा महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं से प्रवेश के समय ली जाने वाली फीस में क्रीड़ा (खेलकूद) गतिविधियों के नाम पर ली जाने वाली फीस भी शामिल होती है, परंतु क्रीड़ा गतिविधियों के नाम पर पूरे वर्षभर एक भी गतिविधि नहीं होती है।

हाईस्कूल में व्यायाम शिक्षक नहीं

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में व्यायाम शिक्षक यानी पीटी टीचर की नियुक्ति की जाती है। जिले में शासकीय 97 हाईस्कूल तथा 158 हायर सेकंडरी शालाएं संचालित हैं, जिसमें सभी शालाओं में व्यायाम शिक्षक के पद स्वीकृत हैं। परंतु वर्तमान में जिले के किसी भी हाईस्कूल में व्यायाम शिक्षक नहीं हैं। वहीं 158 हायर सेकंडरी शालाओं में महज 31 शालाओं में ही व्यायाम शिक्षक हैं। नियमानुसार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को छोडकऱ सभी शालाओं में व्यायाम शिक्षक की नियुक्ति होनी चाहिए, परंतु स्थिति यह है कि बीते कुछ सालों से जिस शाला से व्यायाम शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं, उस शाला में खेलकूद की गतिविधी ही पूरी तरह से बंद हो गई है।

महाविद्यालय में स्थिति और खराब

जिले में भाटापारा में 2, बलौदाबाजार में 2 समेत पलारी, वटगन, लवन, कसडोल, बिलाईगढ़, भटगांव, सिमगा, मोपका, निपनिया कुल मिलाकर 12 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जिसमें 5 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, परंतु दुर्भाग्य है कि 13 महाविद्यालयों में से वर्तमान में महज मिनीमाता कन्या महाविद्यालय बलौदा बाजार, पलारी तथा भाटापारा महाविद्यालय को छोडकऱ किसी भी महाविद्यालय में स्पोट्र्स टीचर नहीं है। जिसके चलते महाविद्यालयीन स्तर पर भी खेलकूद की गतिविधियां बेहद कामचलाऊ तरीके से संचालित हैं। जिसका असर खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर पड़ रहा है।


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