मधु पाल
बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर ने बॉलीवुड में देखते देखते अपने चार दशक पूरे कर लिए हैं.
इस दौरान 63 साल के अनिल कपूर ने पर्दे पर हर तरह के किरदार निभाए हैं. किरदार कोई भी हो अनिल कपूर ने उन किरदारों को अपने अभिनय से ज़िंदा कर दिखाया है पर्दे पर. फिर वो चाहे फ़िल्म 'वो सात दिन' के प्रेम प्रताप सिंह हो, 'राम लखन' के लखन हो, या फिर 'नायक' फ़िल्म के शिवाजी राव, फिर चाहे वेलकम के मजनू ऐसे कई किरदार हैं जो ना केवल कामयाब है बल्कि आज भी याद किये जाते हैं.
इन किरदारों में ऐसे कई किरदार है जो अभिनेता अनिल कपूर ने मांग कर लिए हैं. वो किरदार जो पहले कोई और सुपरस्टार करने वाला था लेकिन जब उनकी बात नहीं बनी तो खुद अनिल कपूर ने मांग कर निभाए वो किरदार.
'काम मांगने में मुझे कोई शर्म नहीं'

NSTAGRAM/ANIL KAPOOR
नब्बे के दशक में लगातार 13 हिट फ़िल्म देने वाले एवरग्रीन एक्टर अनिल कपूर ने बीबीसी हिंदी से कहा, "कामयाबी का मतलब मेरे लिए हमेशा से ये रहा है कि अब इस फ़िल्म के बाद मुझे दूसरी फ़िल्म मिल गई. इसकी कामयाबी ने मुझे एक काम और दिलवा दिया. फ़िल्म चले या ना चले मैं इतना सोचता नहीं था. मैं अगले दिन ही अपनी दूसरी फ़िल्म की शूटिंग के लिए पहुंच जाया करता था और जब लोग मुझसे आकर कहते थे कि तुम्हारी वो फ़िल्म नहीं चली तो मैं कहता था वो नहीं चली कोई नहीं, ये देखो क्या सीन किया है मैंने, ये फ़िल्म ज़रूर चलेगी. देखना सुपरहिट होगी."
अनिल कपूर अपने कामयाबी के दौर को याद करते हुए कहते हैं, ''मुझे याद नहीं कि मैंने 13 फ़िल्में हिट दी. मुझे बस याद है कि 1977 में पहली बार कैमरा का सामना किया था. मेरी पहली फ़िल्म तेलुगू फ़िल्म थी और अब देखते ही देखते 40 साल हो गए और इन 40 सालों में जब भी मुझे पता चलता है कि कोई निर्देशक अच्छा काम कर रहा है तो मैं चला जाता हूँ उनसे मिलने और काम मांगता हूँ. मुझे शर्म नहीं है.''
'करण जौहर को जब वो रोल दिया तब मुझे बुरा लगा था'

INSTAGRAM/ANIL KAPOOR
अनुराग कश्यप का ज़िक्र करते हुए अनिल कपूर कहते हैं कि जब मुझे पता चला था कि अनुराग बॉम्बे वेलवेट बना रहे हैं तो मैंने अनुराग से बात करने की कोशिश की जिससे मुझे वो फ़िल्म मिल जाए. मुझे गैंगस्टर वाला किरदार करना था लेकिन वो रोल उन्होंने करण जौहर को दे दिया. मुझे बुरा लगा मगर ठीक है मैंने कहा मेरा भी वक़्त आएगा जब मैं इनके साथ काम करूंगा.
2003 में अनुराग एक फ़िल्म बनाना चाहते थे जिसका नाम था 'एल्विन कालीचरण' जो कभी बन ही नहीं पाई. सब एक-दूसरे के साथ काम करना चाहते हैं. आपकी नियत साफ़ है तो ऊपर वाला खुद ही चाहता है कि ये फ़िल्म ना बने, और फिर वो ही एक फ़िल्म लेकर आता है चाहे वो कुछ साल बाद ही सही, वक़्त पर आती है फ़िल्म. आज मैं अनुराग के साथ सह कलाकार के तौर पर काम कर रहा हूँ फ़िल्म 'एके वर्सेज एके' में. अब मुझे इंतज़ार है जब अनुराग मेरी किसी फ़िल्म का निर्देशन भी करे.'
'राज कपूर हमारे घर खाने पर आए तो मैंने उनको पकड़ लिया'

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बॉम्बे वेलवेट वो पहली फ़िल्म नहीं है जब अनिल कपूर किसी निर्देशक के पास गए हो काम मांगने इस से पहले भी वो ऐसा कर चुके हैं.
अनिल कपूर कहते हैं, ''के. विश्वनाथ फ़िल्म 'ईश्वर' बना रहे थे. मैं उनसे मुंबई के एक होटल मैं टकरा गया तो मैंने उन्हें पकड़ लिया और जब उन्होंने बताया कि वो कमल हासन के साथ फ़िल्म बना रहे हैं और उस फ़िल्म को राज कपूर प्रोड्यूस कर रहे हैं. उन दिनों राज कपूर जी हमारे घर एक दिन खाने पर आए तो मैंने उनको वहां पकड़ लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कमल के साथ फ़िल्म बना रहा हूँ और अगर वो नहीं करेगा तो तुम कर सकते हो. जब कमल ने वो फ़िल्म नहीं की तो मैंने निर्देशक से बात की और वो फ़िल्म मैंने कर ली.''
'निर्देशक 'नायक' में आमिर या शाहरुख़ को लेना चाहते थे'

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चर्चित फ़िल्म नायक में का जिक्र करते हुए अनिल कपूर ने बताया, 'फ़िल्म 'नायक' भी मैंने मांग कर की. नायक में भी निर्देशक और निर्माता आमिर ख़ान या फिर शाहरुख़ को लेना चाहते थे और जब उन्होंने वो फ़िल्म नहीं की तो मैंने कर ली. फ़िल्म स्लमडॉग मिलियनेयर में भी निर्देशक डैनी बॉयल किसी और को लेना चाहते थे लेकिन फिर ये फ़िल्म मुझे मिली. नेटफ्लिक्स की आने वाली फ़िल्म 'एके वर्सेज एके' में भी मुझे सुनने में आया था कि निर्देशक पहले किसी और को लेना चाहते थे लेकिन ये फ़िल्म घूम फिर के मेरे पास आ गई.'
मिस्टर इंडिया और लम्हे के लिए अमिताभ बच्चन थे पहली पसंद

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इन फ़िल्मों के अलावा भी अनिल कपूर की फ़िल्मों में कुछ और भी बड़ी फ़िल्में हैं जो आज भले ही उनके नाम से जानी जाती हो लेकिन पहले ये फ़िल्म किसी और को मिल रही थी. उन्हीं फ़िल्म में एक नाम था 'मिस्टर इंडिया' का.
इस फ़िल्म में अनिल कपूर के किरदार को खूब सरहाना मिली थी लेकिन इस फ़िल्म के लिए शेखर कपूर की पहली पसंद अमिताभ बच्चन थे. हालांकि बाद में इस फिल्म में अनिल को कास्ट कर लिया गया था.
शेखर सुमन ने शो लाइट कैमरा किस्से में अनिल कपूर से जुड़ा एक रोचक किस्सा साझा किया था. उन्होंने बताया था कि फ़िल्म 'लम्हे' के लिए यश जी की पहली पसंद अमिताभ बच्चन और रेखा थी लेकिन बाद उन्हें महसूस हुआ कि कहानी के लिहाज से अमिताभ उम्र में बड़े दिखाई देंगे. इसलिए उन्होंने अमिताभ का ख्याल मन से निकाल दिया और नए चेहरे की तलाश करने लगे.
फिल्म की लेखिका हनी ईरानी ने यश चोपड़ा को तस्वीरों से भरा एक लिफाफा दिया, जिसपर लिखा हुआ था, 'एक न्यूकमर, जो आपकी फिल्म करना चाहता है. उन तस्वीरों को देखने के बाद यश चौंक गए थे क्योंकि वे तस्वीरें अनिल कपूर की थीं जो उन्होंने खुद भिजवाई थी. उस वक्त अनिल कपूर बहुत बड़ा नाम बन चुके थे.

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यश जी के लिए अपनी मूंछें हटवाने के लिए हो गए थे तैयार
उस शो में इस घटना का ज़िक्र विस्तार से करते हुए शेखर सुमन ने आगे बताया था कि अनिल की तस्वीरें देखने के बाद यश चोपड़ा ने अनिल कपूर को उनसे मिलने के लिए बुलाया. अनिल ने यश को कहा कि वे हर क़ीमत पर उनकी फिल्म करना चाहते हैं. यश ने बहुत समझाने की कोशिश की कि वे फ़िल्म के किरदार के हिसाब से बड़े दिखाई देंगे, लेकिन अनिल उनकी बात मानने के लिए तैयार नहीं थे. अनिल उनसे बार-बार यही कह रहे थे कि वे इस रोल के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. तभी अचानक यश पूछ बैठे कि क्या वे अपनी मूंछें हटवा सकते हैं?
काफी सोच विचार के बाद अनिल अपनी मूंछें हटवाने के लिए तैयार हो गए. यश ने उन्हें दूसरे दिन फोटोशूट के लिए बुला लिया और बिना मूंछों के अनिल और अभिनेत्री श्रीदेवी की जोड़ी यश चोपड़ा को बेहद पसंद आई और तब जाकर ये फ़िल्म 'लम्हे' बनी.
अनिल कपूर के जन्मदिन यानि 24 दिसंबर को नेटफ्लिक्स में रिलीज़ हो रही है फ़िल्म 'एके वर्सेज एके'. इस फ़िल्म में अनिल कपूर अपना ही किरदार निभा रहे हैं और उनके साथ नज़र आएंगे अनुराग कश्यप. इस फ़िल्म का निर्देशन किया है विक्रमादित्य मोटवानी ने. (bbc.com)