राजनीति
गुरुग्राम, 19 दिसम्बर | सैकड़ों भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के माध्यम से पंजाब से हरियाणा में पानी के हिस्से की मांग के समर्थन में एक दिवसीय भूख हड़ताल की। इस भूख हड़ताल में गुरुग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुधीर सिंगला, पटौदी से विधायक सत्य प्रकाश और सोहना से विधायक संजय सिंह राठौर, नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) मेयर मधु आजाद और कई पार्षद शामिल रहे।
उपवास राजीव चौक के पास पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए एक तंबू के नीचे आयोजित किया गया, जिसमें कुछ किसान और अधिवक्ता भी शामिल हुए।
सिंगला ने कहा, "आज हम गुरुग्राम में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को काउंटर करने के लिए एक दिन के उपवास और धरने का अवलोकन कर रहे हैं।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा के पानी के हिस्से के तौर पर एसवाईएल नहर के निर्माण की मांग करने के लिए भी इस हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
इस सवाल पर कि क्या भाजपा पंजाब के किसानों के खिलाफ एसवाईएल नहर के मुद्दे पर राज्य के किसानों को भड़काने की कोशिश कर रही है, सत्य प्रकाश ने कहा, "2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल नहर मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में एक आदेश पारित किया था, लेकिन इसे पंजाब ने नहीं माना। उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया। इसलिए हम पंजाब सरकार पर मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।"
भूख हड़ताल में भाग लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि एसवाईएल नहर के पानी पर हरियाणा का भी अधिकार है।
भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने कहा कि पार्टी एसवाईएल मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राज्य की लंबे समय से लंबित मांग है और किसानों की इस सबसे बड़ी मांग को पूरा करने में कांग्रेस पार्टी विफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों के लिए लड़ रही है, लेकिन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अभी भी किसानों को कोई भुगतान या मदद नहीं कर रही है। (आईएएनएस)
रांची, 19 दिसंबर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के जेल मैनुअल के उल्लंघन पर झारखंड उच्च न्यायालय के सख्त रुख के बाद जेल प्रशासन भी सख्त हो गया है। शनिवार को झारखंड के दो मंत्रियों को लालू प्रसाद से मिलने नहीं दिया गया। दोनों राजद सुप्रीमो के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के साथ राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे थे। दो मंत्री राजद के सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस के बादल हैं। केवल तेजस्वी यादव को अपने पिता से मिलने की अनुमति दी गई।
झारखंड के श्रम मंत्री रहे भोक्ता ने कहा, "हम सांसद हैं और इसलिए हमने जेल मैनुअल का पालन किया और लालू प्रसाद से नहीं मिले।"
जेल मैनुअल के उल्लंघन को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, अदालत ने रांची प्रशासन से पूछा कि किसके आदेश पर लालू प्रसाद को भुगतान वार्ड से रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया गया था।
तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पहली बार रिम्स के वार्ड में अपने पिता से मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों ने चुनाव परिणाम पर चर्चा की।
लालू प्रसाद को चार चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराया गया है और वे 14 साल तक की जेल की सजा काट रहे हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 19 दिसंबर | 2021 में अपने ईदपड्डी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू करने के तुरंत बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने शनिवार को चावल लेने के लिए पात्र सभी राशन कार्ड धारकों को पोंगल त्योहार के लिए 2,500 रुपये नकद देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नकद प्रोत्साहन 4 जनवरी, 2021 से वितरित किया जाएगा, ताकि लोग पोंगल फसल उत्सव मना सकें।
हाल ही में, राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों को चीनी खरीदने के लिए पात्र घोषित किया था जो चावल के कार्ड पर स्विच कर सकते हैं।
पलानीस्वामी के अनुसार, पोंगल पैकेज से 2.6 करोड़ चावल कार्ड धारकों को लाभ होगा और पोंगल त्योहार से पहले उन्हें वितरित किया जाएगा। पोंगल त्योहार 14 जनवरी को पड़ता है।
पिछले साल, नकद प्रोत्साहन 1,000 रुपये था और अब इसे 1,500 रुपये बढ़ा दिया गया है।
राशन कार्ड धारकों को 2,500 रुपये नकद के अलावा एक किलो चावल, चीनी और एक पूरा गन्ना भी मुफ्त दिया जाएगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोरोना वैक्सीन की सुरक्षित स्टोरेज और कोल्ड चेन के संबंध में फूलप्रूफ व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि कोरोना वैक्सीन कंटर में वैक्सीन लगने के बाद संबंधित व्यक्ति के कुछ समय रुकने की भी व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही वैक्सीन सेंटर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन के सुरक्षित स्टोरेज के साथ इसकी कोल्ड चेन को बराकरार रखने की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के स्टोरेज सेंटर में सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन कार्य को ध्यान में रखते हुए बायोमेडिकल वेस्ट के समुचित निस्तारण की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में कोविड-19 का टीकाकरण कार्य निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार संपन्न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेटर्स की उपलब्धता जरूरी है। अब जनपद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। उन्होंने वैक्सीन लगाने के लिए वैक्सीनेटर्स को तैयार करने का कार्य पूरी तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
योगी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की मानकों के अनुरूप स्टोरेज के लिए आइसलैंड रेफ्रिजरेटर और डीपफ्रीजर भारत सरकार उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में 2.5 लाख लीटर वैक्सीन की भंडारण क्षमता सृजित हो गई है। वैक्सीनेशन कार्य के लिए छह करोड़ सिरिंज की जरूरत होगी। अब तक 4.5 करोड़ सिरिंज का आवंटन कर दिया गया है। एक वैक्सीनेशन टीम हर रोज सौ लोगों का टीकाकरण करेगी।
उन्होंने कहा कि हर टीम के साथ एक सिपाही तथा एक होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिस व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा, उसके फोन पर टीका लगाने का समय, स्थान व दिनांक सूचित किया जाएगा। कोरोना टीकाकरण के बाद संबंधित व्यक्ति को वैक्सीनेशन सेंटर पर 30 मिनट रुकना होगा। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की स्टोरेज के लिए 35,000 केंद्र स्थापित होंगे। (आईएएनएस)
विक्रांत भूरिया को पूरे प्रदेश से वोट मिले, इसने कई नेताओं के भरम और कांग्रेस के क्षेत्रवाद के भरम को तोड़ा, इस चुनाव ने साबित किया कि युवा पीढ़ी हंगामे नहीं पढ़े-लिखे सौम्य चेहरों को आगे लाना चाहती है
पंकज मुकाती की विशेष रिपोर्ट
विक्रांत भूरिया। पेशे से चिकित्सक। मध्यप्रदेश कांग्रेस का नया युवा चेहरा। विक्रांत युवा कांग्रेस का चुनाव जीते। अध्यक्ष बने। बड़ी जीत हासिल की। विक्रांत को 40850 वोट मिले। संजय यादव को 20430 वोट मिले। यानी विक्रांत ने 20420 वोट ज्यादा हासिल किये। कुल 9 उम्मीदवार इस दौड़ में शामिल थे। मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के वे पहले आदिवासी अध्यक्ष हैं। उनके पिता कांतिलाल भूरिया जरूर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं।
विक्रांत ने जब इस चुनाव का परचा दाखिल किया, तब वे कमजोर माने गए। जमे जमाये चेहरों ने ‘दम नहीं’ का माहौल बनाया। पर विक्रांत चुपचाप सक्रिय रहे। मालवा-निमाड़ के युवा नेताओं को उन्होंने अपने पक्ष में किया। मालवा-निमाड़ ही नहीं पूरे प्रदेश से उन्हें वोट मिले। 40850 वोट उनके प्रदेश स्तर के समर्थन की गवाही है। दूसरे पक्ष ने उन्हें जितना कमजोर माना वे उतने ही मजबूत बनकर उभरे। उनकी सौम्यता और सरलता को युवाओं ने स्वीकारा।
विक्रांत भूरिया पेशे से चिकित्सक हैं, वे डेली कॉलेज से पढ़े। वे युवा कांग्रेस और कांग्रेस दोनों में बदलाव और सोच के संकेत के तौर पर भी उभरे हैं। विक्रांत की जीत ने ये साबित किया कि कांग्रेस में अब नई पीढ़ी पढ़े-लिखे सरल चेहरों में निवेश करना चाहती है। कांग्रेस की राजनीति में शोर-शराबा और सोशल मीडिया पर भड़ास वाले प्रायोजित पोस्ट को भी ये एक संकेत है कि दिखावे और हंगामे वाली नेतागीरी अब नहीं चल सकेगी।
विक्रांत भूरिया की जीत से कांग्रेस के कई मिथक टूटे। कई नेताओं के भरम भी बिखरे। यूथ कांग्रेस अब तक एक जेबी संगठन ही रहा। इसमें अपने चेहते को जीताकर खुद शासन करने का रिवाज रहा। ये रिवाज यदि विक्रांत थोड़ा भी बदल पाए तो उनका जितना वाकई बदलाव साबित होगा। निश्चित ही उन्हें अपने समर्थकों के साथ-साथ कार्यकारिणी को भी साधना और साथ लेकर चलना होगा। वे चलेंगे भी इसकी उम्मीद की जा सकती है। पिछले अध्यक्ष के कार्यकाल से उन्हें बहुत कुछ न करने का सबक जरूर लेना चाहिए।
पिछले अध्यक्ष कुणाल चौधरी पूरे चार साल अध्यक्ष रहे। पर किसी को उनकी कार्यकारिणी के दूसरे सदस्यों के नाम याद नहीं। कुणाल चौधरी निश्चित ही प्रदेश
कांग्रेस के ऊर्जावान नेताओं में से एक हैं। वे भविष्य के नेता है, बनेंगे भी। पर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष रहते उन्होंने कई गलतियां की। वे खुद को प्रदेश का नेता बनाने के बजाय एक समूह के नेता बनकर रह गए।
कुणाल चौधरी ने ढेरों आयोजन भी किये, पर उनमे नए लोगों को नहीं जोड़ा। उनके कार्यकाल में संगठन सिर्फ कुछ लोगों तक ही सीमित रहा। विक्रांत भूरिया के लिए चौधरी एक क्या नहीं करना की किताब साबित हो सकते हैं।
विक्रांत भूरिया मध्यप्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं। उनके पिता प्रदेश और केंद दोनों में मंत्री रहे। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।
बावजूद इसके राजनीतिक लोग यदि ये कह रहे थे कि- विक्रांत को जानता कौन है ? ये न जानना बेहद अच्छा है। इसने ये साबित किया कि विक्रांत उन नेता पुत्रों से अलग हैं, जो अक्सर पिता के नाम पर किसी को धमकाने, कही ट्रांसफर करवाने तो किसी की गाड़ी को टक्कर मारने के लिए चर्चित रहते हैं। इससे ये भी साबित होता है कि विक्रांत ने कभी भी पिता के नाम की ढाल का उपयोग नहीं किया। इस चुनावी समर को भी उनकी अपनी ही जीत मानना चाहिए।
बहुत संभव है, यदि विक्रांत ने खुद को पूर्व मंत्री के बेटे के तौर पर प्रचारित किया होता वे चुनाव हार जाते क्योंकि लोगों को लगता कि परदे के पीछे से कांतिलाल भूरिया और उनका समूह ही सत्ता चलाएगा। ऐसे में बदलाव की कोई गुंजाईश नहीं दिखती। विक्रांत प्रदेश के उन गिने चुने नेताओं में से एक साबित हो सकते हैं, जिन्होंने अपने पिता से ज्यादा बेहतर पहचान अपने व्यवहार से बनाई।
अपने पिता की छाया से बाहर निकलकर अपनी पहचान की मिसाल बन रहे हैं दिग्विजय सिंह के बेट-जयवर्धन सिंह। जयवर्धन प्रदेश के जिस भी इलाके में जाते हैं-लोग उन्हें एक सरल और मिलनसार नेता के तौर पर याद रखते हैं। जयवर्धन सिंह को तमाम ऐसे लोग भी पसंद करते हैं, जो उनके पिता को बिलकुल भी पसंद नहीं करते ये किसी भी नेता के लिए एक बड़ी जीत होती है कि वो अपनी पहचान बनाये। इसी तरह पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे पिंटू जोशी भी अपने परिवार से अलग अपनी छवि गढ़ रहे हैं, वे भी खुद की कहानी लिख रहे हैं। विक्रांत में भी ये खूबी है, पर उन्हें पद हासिल करने के बाद भी इसे बनाये रखना होगा। ये सबसे बड़ी चुनौती होती है कि पद के बोझ में आदमी खुद को न बदले।
इलायची - युवा कांग्रेस में पहले भी बहुत उम्मीदों भरे चेहरे आये, अपनी जगह भी बनाई। जिसमें मुकेश नायक, मिनाक्षी नटराजन, मृणाल पंत, जेवियर मेडा, जैसे नाम है। पर ये सब जितनी तेजी से आगे आये उतनी ही तेज रफ़्तार से गुम हो गए। आखिर ऐसा क्यों है ? इसकी कहानी सबको ध्यान में रखना चाहिए।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें अगले साल 25 जनवरी को राज्य को पूर्ण दर्जा मिलने के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। राज्य द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य सरकार के तीन साल के सफल समापन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए, मोदी ने समारोह में शामिल होने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को शिमला जिले में 111-मेगावाट की सवरा कुड्डू हाइड्रो पावर परियोजना के उद्घाटन के लिए भी आमंत्रित किया है, जो 1,796 करोड़ रुपये के खर्च से पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि 210-मेगावाट लुहरी स्टेज- वन परियोजना और 66 मेगावाट धौला सिद्ध परियोजना, 2,497 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ, निष्पादन के लिए तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस परियोजना का शिलान्यास करने का अनुरोध किया। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 18 दिसंबर | पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में इस्तीफे की झड़ी लग जाने पर भाजपा ने दावा किया है कि 2021 का विधानसभा चुनाव आते-आते ममता बनर्जी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। भाजपा के मुताबिक, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी का भविष्य अंधकारमय देखकर ही पार्टी नेताओं में भगदड़ मची है। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में दो सौ से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने के लिए भाजपा 'मिशन बंगाल' में जुटी है। तैयारियों को धार देने के लिए गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर शनिवार से बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच चुके हैं। काबिलेगौर है कि गृहमंत्री अमित शाह के पिछले से लेकर इस दूसरे दौरे के एक महीने के बीच ममता बनर्जी के करीबी चार विधायकों- मिहिर गोस्वामी, सुवेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी, शीलभद्र दत्त के इस्तीफे हो चुके हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दार्जिलिंग से सांसद राजू बिष्ट ने आईएएनएस से चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी की पार्टी डूबता जहाज बन चुकी है। बंगाल में अगली सरकार भाजपा की बननी तय है। तृणमूल कांग्रेस के कई बागी नेता भाजपा में आने को तैयार हैं। जनवरी तक कई विधायक इस्तीफा देंगे। चुनाव आते-आते ममता बनर्जी सरकार अल्पमत में आ जाएगी।"
भाजपा सांसद ने कहा कि, "कोरोना प्रबंधन में ममता बनर्जी सरकार बुरी तरह फेल हुई। पहले कोरोना से बचाव के लिए सही से राज्य में जरूरी इंतजाम नहीं हुए और जब केंद्र सरकार ने मुफ्त राशन की व्यवस्था कर जनता को राहत देने की कोशिश की तो राज्य में सत्ताधारी लोगों ने लूटखसोट मचा दी। जनता को न राशन मिला और न ही अन्य जरूरी सुविधाएं। जिससे राज्य में ममता बनर्जी का ग्राफ तेजी से गिरने से ही उनकी पार्टी के नेताओं में खलबली मची है।"
भाजपा के पाश्चिम बंगाल प्रदेश उपाध्यक्ष रितेश तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य में दो सौ से ज्यादा सीटों के जीतने की भविष्यवाणी की है। उन्होंने बंगाल की जनता में भाजपा को लेकर उत्साह और जमीनी रिपोर्ट के आधार पर यह आंकड़ा बताया है। गृहमंत्री अमित शाह के हर दौरे के दौरान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस मुखिया ममता बनर्जी बेचैन हो उठती हैं। ममता बनर्जी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में इस्तीफे की झड़ी लग गई है।
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 219 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत से लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। कांग्रेस को तब 23,लेफ्ट को 19 और भाजपा को 16 सीटें हासिल हुई थीं। अगले साल 2021 में अप्रैल से मई के बीच चुनाव होने की संभावना है। भाजपा ने दो सौ से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट तय किया है। गृहमंत्री अमित शाह 19 दिसंबर से पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर पार्टी के लिए माहौल बनाएंगे। इससे पहले वह पांच नवंबर को भी दो दिनों के दौरे पर गए थे। पार्टी नेताओं के मुताबिक चुनाव तक हर महीने गृहमंत्री अमित शाह बंगाल का दौरा करते रहेंगे। (आईएएनएस)
पणजी, 17 दिसंबर | कोई भी सच्चा राष्ट्रवादी कभी भारत के राष्ट्रपति की गोवा यात्रा का विरोध नहीं करेगा। यह बात गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कही।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन बाद तटीय राज्य गोवा का दौरा करने वाले हैं। वह गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के समारोह का उद्घाटन करने के लिए अपनी आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं।
सावंत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। उन्होंने विपक्षी पार्टी गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजय सरदेसाई की ओर से राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखकर उन्हें अपनी गोवा यात्रा को रद्द करने की अपील के बाद यह प्रतिक्रिया दी।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मिले आमंत्रण को ठुकरा दें।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घोषणा की थी कि राष्ट्रपति कोविंद गोवा मुक्ति दिवस समारोह में शामिल होंगे। राज्य की भाजपा सरकार पहले ही गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 19 दिसंबर, 2020 से लेकर 19 दिसंबर, 2021 तक विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा कर चुकी है और उसने केंद्र से इसके लिए 100 करोड़ रुपये देने का अनुरोध भी किया है।
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी ऐसे समय में जश्न का हिस्सा नहीं होगी, जब राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने यह तर्क भी दिया है कि कोविड-19 महामारी और आगामी आर्थिक मंदी के कारण राज्य नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। कोविंद को लिखे पत्र में सरदेसाई ने कहा, "समारोह के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का वास्तव में कोई मतलब नहीं है।"
सावंत ने कहा, "गोवा के इतिहास में यह पहली बार है कि राष्ट्रपति गोवा मुक्ति दिवस कार्यक्रम के लिए उपस्थित होंगे। जो लोग सच्चे राष्ट्रवादी हैं और गोवा से प्यार करते हैं, वे कभी राष्ट्रपति से गोवा नहीं आने का आग्रह नहीं करेंगे। हमें राष्ट्रपति का स्वागत करना चाहिए।"
सावंत ने कहा, "जो राष्ट्रवादी हैं, उन्हें भारत के राष्ट्रपति को ऐसे पत्र नहीं लिखने चाहिए। अब उन्हें फिर से आने का आग्रह करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखना चाहिए। हम देश को प्यार करने वाले लोग हैं।" (आईएएनएस)
पटना, 17 दिसंबर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने गुरुवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रही कांग्रेस से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आखिर किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं देना चाहती है। पश्चिम चंपारण जिले के नौतन और चनपटिया में आयोजित विभिन्न किसान चौपालों को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने कहा कि जिन कृषि कानूनों के लिए कभी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल खुद पैरवी कर रहे थे, आज उसी के विरोध में इनका खड़ा होना यह साफ जाहिर करता है कि इनके लिए अपनी राजनीति, किसानों के विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "महज राजनीतिक स्वार्थो की पूर्ति के लिए आज किसानों को डराया जा रहा है। उन्हें उनके हक और हुकूक से वंचित रखने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस बताए कि आखिर किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए? किसानों की आय बढ़ने से आखिर उन्हें क्या तकलीफ है?"
डॉ. जायसवाल ने आगे कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, लेकिन अपने स्वार्थ में कांग्रेस आज उन्हें भी नहीं बख्श रही है। आज यह किसानों को कांन्ट्रैक्ट फार्मिग का डर दिखा रहे हैं, लेकिन खुद इनके शासित पंजाब और महाराष्ट्र में यह वर्षो से जारी है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि अगर कांन्ट्रैक्ट फार्मिग और एपीएमसी खराब है तो वह महाराष्ट्र, पंजाब और केरल जैसे राज्यों में आंदोलन क्यों नहीं करती? और अगर इन कानूनों से वहां के किसानों को लाभ मिल रहा है तो फिर इससे अन्य राज्यों के किसानों को कैसे नुकसान पहुंच सकता है?" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 दिसंबर | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को विधानसभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ी। इन तीनों कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित कराया जा चुका है। गुरुवार को बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में दिल्ली सरकार ने इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया और इन कानूनों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। तीनों केंद्रीय कानूनों की प्रतियां फाड़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "हम इन कानूनों को मानने से इनकार करते हैं। यह कृषि कानून हमारे किसानों के खिलाफ हैं।"
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए दिल्ली विधानसभा में कहा, "20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। रोज एक किसान शहीद हो रहा है। मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि और कितनी शहादत और कितनी जान आप लेंगे।"
केजरीवाल ने केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध किया और कहा, "देश के किसानों की मांगों के साथ आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ खड़ी है। किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली विधानसभा खड़ी है।"
विधानसभा में दिल्ली सरकार द्वारा कहा गया कि अगर तुम किसानों के ऊपर लाठी चलाने के राजनीति करोगे तो हम किसानों की रक्षा करने की राजनीति करेंगे। इसके साथ ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया।
दिल्ली सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। राज्य सरकार के मुताबिक यह कानून किसान विरोधी हैं। वहीं भाजपा विधायकों ने सरकार के इस रवैए पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती और विधायक मोहिंदर ने सदन के भीतर केंद्र सरकार के इन तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया।
किसानों का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा पटल पर कहा, "दिल्ली सरकार और यह विधानसभा, किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करती है। किसानों की सभी मांगे न्यायोचित हैं और किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य मिलना चाहिए।"
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने केंद्रीय कृषि कानूनों को मानने से इनकार कर दिया। आप विधायकों ने इन कानूनों की प्रति फाड़ने के बाद कहा कि हम इन कानूनों को मानने से इनकार करते हैं। यह काले कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए विधानसभा के अंदर कहा, "हम किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं। इस पूरी लड़ाई में पूरी आम आदमी पार्टी और पूरी दिल्ली सरकार किसानों के समर्थन में खड़ी है। जैसे ही किसानों के दिल्ली पहुंचने का पता लगा, मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदर्शन स्थल का दौरा करें और किसानों के लिए पर्याप्त सुविधाओं का इंतजाम किया जाए।"
गहलोत ने कहा, "केंद्र सरकार ने किसानों को बंद करने के लिए दिल्ली के स्टेडियमों को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि दिल्ली सरकार ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया। किसान बस अपनी फसल के लिए उचित मूल्य ही तो मांग रहे हैं। क्या किसानों को इतना अधिकार नहीं है कि वह अपनी फसल का उचित मूल्य मांग सकें। किसान इतने दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही।"
वहीं वरिष्ठ भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने दिल्ली सरकार के इस रुख का विरोध किया। उन्होंने कहा, "दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव दिखाई पड़ रहे हैं, जिसके कारण वह कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। जिस समय यह बिल बनाए जा रहे थे, उस समय दिल्ली सरकार ने कोई विरोध क्यों नहीं किया।"
--आईएएनएस
पटना, 17 दिसंबर| बिहार की सियासत से कुछ दिनों से अनुपस्थित रहने के कारण राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव एक बार फिर से विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा, जदयू उनके सियासत से 'गायब' रहने पर लगातार निशाना साध रहे हैं और चुटकी ले रहे हैं। इस बीच, हालांकि राजद के नेता उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इन दिनों दिल्ली में हैं।
बिहार के पूर्व मंत्री और जदयू के नेता नीरज कुमार ने गुरुवार को तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें 'भ्रष्टाचारी युवराज' बताया है। नीरज ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, महागठबंधन को अधर में छोड़ राजद के 'भ्रष्टाचारी युवराज' तेजस्वी यादव पूर्व की भांति पुन: लापता। कुनबा हताश। उम्मीद है नवसामंतवाद का अपना प्रतीक 'मचिया' साथ ले गए होंगे। पर कहां इसकी खबर तो होनी चाहिए। बिहार के आम अवाम जानना चाहती है। राजद स्पष्टीकरण दे।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी तेजस्वी के सियासत से अनुपस्थित रहने पर निशाना साधा है।
सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव पर राज्य से बाहर रहने का आरोप लगाते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव फिर लगातार राज्य से बाहर समय गुजार रहे हैं, जिससे राजद जिम्मेदार प्रतिपक्ष के संवैधानिक दायित्व का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहा है। पिछले सदन के अंतिम वर्ष में तो वे स्पीकर को बताए बिना 33 दिन तक गैरहाजिर थे।
मोदी ने आगे लिखा, तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों को गुमराह करने के लिए आहूत भारत बंद के समय तेजस्वी यादव के गायब रहने के कारण महागठबंधन नेतृत्वहीन रहा।
उन्होंने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि कोई भी पद दायित्व निभाने के लिए होता है, केवल जनता के पैसे से सुरक्षा-सुविधा पाने के लिए नहीं।
जदयू ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव आकाश, पाताल जहां भी हैं, अपनी जानकारी साझा करें, क्योंकि पूरा कुनबा परेशान है।
इधर, तेजस्वी की पार्टी राजद ने सफाई देते हुए कहा कि वे दिल्ली में किसान आंदेालन के समर्थन में हैं। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं। हालांकि तेजस्वी के नजर नहीं आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए एक बार फिर से हमारे नेता तेजस्वी यादव को निशाना बनाया जा रहा है। (आईएएनएस)
पंचकूला (हरियाणा), 16 दिसंबर | हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने बुधवार को पंचकूला नगर निगम चुनाव के बाबत पार्टी में असंतोष की अफवाहों को खारिज कर दिया। यहां एक प्रश्न का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुट हैं और मेयर के रूप में उपिंदर अहलूवालिया और अन्य वार्डो के पार्टी उम्मीदवारों की जीत के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
उसने कहा कि टिकट न मिलने से परेशान होना एक सामान्य प्रतिक्रिया थी।
उन्होंने कहा, "हर किसी को टिकट नहीं मिल सकता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो राजनीति में इस तरह से चलती है। टिकट से इनकार करने का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खत्म हो गया है क्योंकि पार्टी संरचना के भीतर आगे बढ़ने के अन्य तरीके हैं।"
उन्होंने कहा, "हम जमीनी स्तर पर सकारात्मक संकेत भेजने के लिए पार्टी के सिंबल पर पर एमसी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के निर्देशों के बाद, पार्टी नेता और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।" (आईएएनएस)
देहरादून, 16 दिसंबर | वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ पर, उत्तराखंड कांग्रेस ने बुधवार को राज्य के सशस्त्र बलों के जवानों के प्रति पार्टी आभार व्यक्त करने के लिए 'धन्यवाद जवान' अभियान शुरू किया। उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख प्रीतम सिंह ने 'धन्यावाद जवान' अभियान को लॉन्च किया और उनका अगले दो महीनों में राज्य के सभी जिलों में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के परिवारों से मिलने का कार्यक्रम है।
सिंह ने कहा, "हम अपने सशस्त्र बलों के जवानों की वीरता और साहस को सलाम करते हैं और उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि मैं एक भाई की तरह उनके परिवार, बच्चों और माता-पिता की देखभाल करूंगा।"
उन्होंने कहा कि वह अगले दो महीनों में प्रत्येक सैनिक के घर का दौरा करेंगे और उनकी समस्याओं के हल के लिए उचित कदम उठाएंगे।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि उन्होंने परिवारों तक पहुंचने और उनकी शिकायतों के बारे में जानने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर - 7669643999 भी लॉन्च किया है।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता ने सशस्त्र बल के 30 परिवारों को सम्मानित किया।
सिंह ने कहा कि उत्तराखंड ने भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य के 1,343 सैनिकों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है, जिनमें 1 परमवीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र और 32 कीर्ति चक्र शामिल हैं।
दिसंबर 1971 में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान सेना पर एक निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी था। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 16 दिसंबर | केरल मेंहुए स्थानीय निकाय चुनावों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (मकपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा अपने प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त बनाए हुए है। यह मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के लिए राहत की बात है। मतगणना बुधवार को अंतिम चरण में पहुंची। विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाला युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, जिसे शुरू में सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना के पहले दौर में बेहतर प्रदर्शन करते देखा गया था, मगर विजयन सरकार के कई कथित घोटालों का प्रभाव इन चुनावों पर पड़ता नहीं दिख रहा है।
भाजपा के लिए एक बड़ा झटका स्पष्ट था, जो यह वादा करती थी कि वे उच्च सवारी करेंगे, लेकिन अपनी अपेक्षाओं को वांछित स्तर तक ले जाने में भी विफल रही।
कांग्रेस के लिए झटका कोच्चि नगर निगम में आया, जहां कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी एन. वेणुगोपाल अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी से सिर्फ एक वोट से हार गए, और वाम मोर्चा को झटका तिरुवनंतपुरम नगर निगम में आया, जहां मौजूदा मेयर के. श्रीकुमार हार गए।
त्रि-स्तरीय स्थानीय निकाय संरचना में, रुझानों से संकेत मिलता है कि राज्य के छह निगमों में, वाम मोर्चा ने कोल्लम, कोझीकोड और तिरुवनंतपुरम में आसान जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने त्रिशूर, कन्नूर और कोच्चि में अच्छा प्रदर्शन किया है।
नगरपालिकाओं में, यूडीएफ 45 में आगे है, एलडीएफ 35 में और भाजपा चार में आगे है।
14 जिलों में से 10 में वाम मोर्चा आगे है और यूडीएफ चार में आगे चल रहा है। ब्लॉक पंचायतों में, एलडीएफ 108 में आगे है, जबकि यूडीएफ 44 में। ग्राम पंचायतों में, एलडीएफ 514 में आगे है और यूडीएफ 377 में जबकि भाजपा 22 में। अंतिम नतीजे देर रात में आने की संभावना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 दिसंबर | कांग्रेस ने बुधवार को एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्गीय परिवारों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा है। संवाददाताओं से मुखातिब कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "पिछले 15 दिनों में रसोई गैस की कीमतों में प्रति सिलिंडर 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसने न केवल परिवारों के मासिक बजट को खराब किया है, बल्कि इससे मध्यम वर्ग, गरीब, निम्न मध्यम वर्ग के लिए लिए बहुत बड़ा दर्द दिया है।"
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का उदाहरण देते हुए श्रीनेत ने कहा कि एलपीजी सिलिंडर 757 रुपये में बेचे जा रहे हैं और इसकी तुलना 2014 में सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडरों से की जा सकती है।
उन्होंने कहा, "यह तस्वीर बहुत ही चौंकाने वाली है। 2014 में सब्सिडी वाले सिलेंडर 412 रुपये में बेचे जा रहे थे। अब इसकी कीमत में 183 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और सिलेंडर 595 रुपये में बेचा जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि गैर-सब्सिडी वाले सिलिंडर 574 रुपये में बेचे गए, जबकि आज उन्हें 694 रुपये में बेचा जा रहा है।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "सिलिंडर की कीमत बढ़ाने का आम घरों और गृहणियों के बजट पर असर होता है।"
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की वे महिला नेत्रियां कहां गईं, जो कांग्रेस की सरकार के समय रसोई गैस के दाम बढ़ने पर सिलिंडर लेकर धरने पर बैठती थीं?
सुप्रिया ने कहा, "क्या मुनाफा सिर्फ सरकार का हो और कष्ट आम लोग झेलें? अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमत गिर गई है तो इसका फायदा आम लोगों को मिलना चाहिए।"
सुप्रिया श्रीनेत ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि आम लोगों को कुछ राहत दी जाए, क्योंकि वे इस समय आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, वेतन में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 16 दिसंबर | अभिनेता और भाजपा के पंजाब से सांसद सनी देओल ने नए कृषि बिल को लेकर केंद्र सरकार का समर्थन किया था, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने देओल को 11 सुरक्षाकर्मियों के साथ वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है, जिसमें दो कमांडो शामिल हैं।
गुरदासपुर के सांसद देओल ने 6 दिसंबर को ट्विटर पर एक बयान पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मामले को केवल किसानों और सरकार के बीच रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि बहुत से लोग हालात का फायदा उठाना चाहते हैं और समस्याएं पैदा कर रहे हैं। वे किसानों के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उनका अपना एजेंडा हो सकता है।" (आईएएनएस)
पटना, 16 दिसंबर | भारतीय जनता पार्टी के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद जिम्मेदार प्रतिपक्ष के संवैधानिक दायित्व का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहा है। भाजपा नेता मोदी ने तेजस्वी यादव पर राज्य से बाहर रहने का आरोप लगाते हुए अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव फिर लगातार राज्य से बाहर समय गुजार रहे हैं, जिससे राजद जिम्मेदार प्रतिपक्ष के संवैधानिक दायित्व का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहा है। पिछले सदन के अंतिम वर्ष में तो वे स्पीकर को बताए बिना 33 दिन तक गैरहाजिर थे।"
मोदी ने आगे लिखा, "तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों को गुमराह करने के लिए आहूत भारत बंद के समय तेजस्वी यादव के गायब रहने के कारण महागठबंधन नेतृत्वहीन रहा।"
उन्होंने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि कोई भी पद दायित्व निभाने के लिए होता है, केवल जनता के पैसे से सुरक्षा-सुविधा पाने के लिए नहीं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 दिसंबर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में मसौदा मतदाता सूची (ड्राफ्ट वोटर्स लिस्ट) के प्रकाशन के लिए तैनात आयोग के कर्मियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। बंगाल भाजपा की ओर से लिखा यह पत्र मंगलवार को प्रकाश में आया। बंगाल भाजपा ने गंभीर आरोप लगाते हुए नए मतदाता पंजीकरण में अचानक हुई वृद्धि पर आपत्ति जताई है, जिसे सीमा पार से अवैध घुसपैठ से जोड़ा जा रहा है। पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखे इस पत्र में रोहिंग्या प्रवास के मुद्दे को भी उठाया है।
विधायक सब्यसाची दत्ता ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा है, "रोहिंग्याओं के अवैध रूप से सीमा के दूसरी ओर से पलायन करने और पश्चिम बंगाल की घनी आबादी वाले राज्य में मिलाने के सवाल को खारिज नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने शिकायत करते हुए कहा, "हाल ही में यह देखा गया है कि बांग्लादेश के साथ सीमाओं को साझा करने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में नए मतदाता पंजीकरण में अचानक वृद्धि देखी है, जो स्थानीय सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से समर्थित अवैध सीमा-पार घुसपैठ की एक धारणा पेश करता है।"
भाजपा नेता ने कहा, "अगर इसकी अनुमति दी जाती है, तो इससे न केवल देश की सुरक्षा प्रभावित होगी, बल्कि पूरी चुनाव प्रक्रिया पर भी गहरा असर पड़ेगा।"
पार्टी ने तर्क दिया कि नई टाउनशिप के क्षेत्रों में वृद्धि समझ में आती है और इसलिए पार्टी के लिए यह स्वीकार्य भी है। मगर उसे वहां पर इसकी वृद्धि पर आपत्ति है, जहां न तो नई टाउनशिप सामने आई है, न ही पलायन हुआ है।
भाजपा विधायक ने अपने पत्र में यहां तक आरोप लगाया है कि उन्होंने मतदाता सूची के मसौदे को संभालने वाले चुनाव आयोग के कर्मियों के कर्तव्य निर्वहन में विसंगतियां पाई हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मसौदा सूची तैयार करने वालों का सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को संतुष्ट करना ही मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के संबंधित कर्मचारी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए ऐसे गलत कामों में लिप्त हैं।
पश्चिम बंगाल में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 15 दिसंबर | शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोला और कहा कि देश में भाजपा ही असली 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' है। बादल ने किसानों के साथ बातचीत विफल रहने के बाद भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह समुदायों के बीच दरार पैदा कर रही है, उन्हें बांट रही है। देश में असली 'टुकड़े टुकड़े गैंग' तो वही है।
बादल ने ट्वीट कर कहा, "भाजपा असली 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' है। इस पार्टी ने ही राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाया है। पहले तो इसने हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाने का काम किया और अब पंजाबी हिंदुओं को सिखों के खिलाफ और विशेषकर किसानों के खिलाफ भड़का रही है।"
उन्होंने कहा, "वे देशभक्त पंजाब को सांप्रदायिक आग की लपटों में धकेल रहे हैं।"
पूर्व उपमुख्यमंत्री, जिन्होंने पंजाब सरकार में भाजपा के साथ 10 साल का गठबंधन किया था, ने भाजपा की अगुवाई वाली सरकार को अपने अहंकार को अलग रख प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुनने को कहा।
उन्होंने कहा, "जो भी सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ बोलता है, वे उन्हें 'टुकड़े टुकड़े गैंग' कहते हैं।"
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 20 दिनों से जारी है। केंद्र द्वारा लाए गए तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों किसान दिल्ली की सीमा से लगते बॉर्डरों पर डटे हुए हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दे रही है।
इस बीच भाजपा नेताओं ने कहा कि 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' किसान प्रदर्शनों का फायदा उठा रहा है। इस पर शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए उसे ही असली टुकड़े-टुकड़े गैंग करार दिया है। (आईएएनएस)
भोपाल, 14 दिसंबर | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति में उपयोगी होंगे। मध्यप्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने मिंटो हॉल में सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, "मध्यप्रदेश के सिंचाई रकबे में निरंतर वृद्धि की जाएगी। यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भगवान के बाद मेरे लिए किसान हैं। वो धरती पर अन्न उगाता है। खून-पसीना एक करता है। हमारी व्यवस्था का केंद्र बिंदु है किसान। सिंचाई साधनों का विस्तार धरती पुत्र किसानों के लिए वरदान होता है।"
उन्होंने कहा कि, "प्रदेश के सिंचाई रकबे को 65 लाख तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रहेगा।"
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, "प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं उत्पादन उपार्जन में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया। कोरोना काल में कम से कम अन्न का कोई संकट नहीं रहा। इस अवधि में यह राहतकारी सिद्ध हुआ। प्रदेश में कृषि अधोसंरचना को सशक्त बनाया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को आंदोलन का रूप देंगे। हमारा लक्ष्य किसानों की हालत को बदलना है।" (आईएएनएस)
रांची/पटना, 14 दिसंबर | जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू यादव को अब डायलिसिस से गुजरना पड़ सकता है, क्योंकि उनकी दोनों किडनी केवल 25 फीसदी काम कर रही हैं। रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में लालू का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद ने सोमवार को कहा कि राजद प्रमुख की दोनों किडनी के काम करने में कोई सुधार नहीं हुआ है और उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, "हमने इस संबंध में सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सूचित कर दिया है। इससे पहले, उनकी किडनी 35 फीसदी काम कर रही थी, जो अब घटकर 25 फीसदी रह गई है। गुर्दे की बीमारी चौथे स्टेज में पहुंच गई है।"
डॉक्टर ने कहा कि लालू को जब रिम्स में भर्ती कराया गया था, तो उस समय उनकी किडनी का कार्य स्तर तीसरे चरण में था और डॉक्टरों की देखरेख में दो साल तक इसने बेहतर तरीके से कार्य किया।
लालू का इलाज अगस्त, 2018 से ही रिम्स के पेइंग वार्ड में चल रहा है। उन्हें सितंबर में रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन बिहार भाजपा के एक विधायक को कथित रूप से टेलीफोन किए जाने की शिकायत के बाद उन्हें फिर से पेइंग वार्ड में भेज दिया गया।
पिछले हफ्ते, सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय से कहा कि लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में वापस भेजा जाए, क्योंकि उनकी हालत ठीक है और उनका इलाज जेल में भी किया जा सकता है।
राजद के बिहार प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, "उनकी हालत ठीक नहीं है और डॉक्टर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने उनसे रिम्स में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा था।"
गगन ने कहा, "डॉक्टर परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं। लालूजी को डायलिसिस के लिए सुझाव दिया गया है।"
राजद के एक अन्य प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "यह राजद परिवार के लिए चिंता का विषय है। अदालत से अनुमति लेने के बाद लालूजी के परिवार के सदस्य जल्द ही रांची जा सकते हैं।" (आईएएनएस)
पश्चिम बंगाल में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा पर हमले के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो रहा है. कार्यकर्ता तो पहले ही हिंसा का शिकार हो रहे थे, अब बीजेपी और तृणमूल के विवाद की आंच प्रशासनिक अधिकारियों तक भी पहुंचने लगी है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी का लिखा-
बीजेपी प्रमुख नड्डा पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को डेपुटेशन पर दिल्ली बुला लिया, लेकिन राज्य सरकार ने उनको रिलीज करने से इंकार कर दिया है. बीते दो दिनों के दौरान बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद तनाव बढ़ रहा है. बीजेपी ने इसके लिए ममता बनर्जी की तृणमूल पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. लगातार तेज होते विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे पर 19 दिसंबर को कोलकाता जाएंगे. चुनावों से पहले बढ़ती हिंसा को देखते हुए बीजेपी ने राज्य में तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग उठाई है.
बीते सप्ताह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के कथित हमले के बाद से ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया है. उस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने राज्यपाल के अलावा राज्य सरकार से रिपोर्ट तो मंगाई ही है, मुख्य सचिव आलापन बनर्जी और पुलिस महानिदेशक बीरेंद्र को 14 दिसंबर को दिल्ली पहुंचने के लिए भी समन भी भेजा था. लेकिन सरकार ने उनको भेजने से मना कर दिया. उसके बाद केंद्र ने उन तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को डेपुटेशन पर दिल्ली पहुंचने को कहा है जो दक्षिण 24-परगना जिले में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे. वहीं नड्डा के काफिले पर पथराव किया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे पत्र में साफ कर दिया है कि उनको दिल्ली नहीं भेजा जाएगा. इस मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार आमने-सामने है.
केंद्रीय सेवा नियमों के मुताबिक किसी अफसर को केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर भेजने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जरूरी होता है. लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार में असहमति की स्थिति में केंद्र के फैसले को लागू करना राज्य की मजबूरी होगी.
हत्याओं पर विवाद
शनिवार और रविवार को बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के हाथों कथित हत्या के मुद्दे पर भी राजनीति में उबाल है. बीजेपी के एक कार्यक्रम में हुई हिंसा में शनिवार को एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और कम से कम छह कार्यकर्ता घायल हो गए. घायलों में कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई गई है. यह हिंसा उस समय हुई जब बीजेपी कार्यकर्ता उत्तर 24-परगना जिले के हालीशहर में पार्टी के गृह संपर्क अभियान के दौरान लोगों से मुलाकात कर रहे थे. प्रदेश बीजेपी ने इस हिंसा व हत्या के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है, "हालीशह में कार्यकर्ता साकेत भवाल की टीएमसी के गुंडों ने निर्मम हत्या कर दी और छह कार्यकर्ताओं को गंभीर रूप से घायल कर दिया.”
इस मुद्दे पर रविवार को पूरे इलाके में भारी तनाव रहा. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और ममता बनर्जी के पुतले भी जलाए. दूसरी ओर, रविवार को ही पूर्व बर्दवान जिले के पूर्वस्थली में एक अन्य बीजेपी कार्यकर्ता सुखदेव प्रामाणिक की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई. लेकिन बीजेपी के नेताओं और सुखदेव के परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए इसके लिए भी तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया है. उत्तर 24-परगना जिले में बीजेपी कार्यकर्ता भवाल की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दूसरी ओर, बर्दवान में भी बीजेपी ने सोमवार को बंद रखा और धरना-प्रदर्शन किया.
बीजेपी का आरोप
प्रदेश बीजेपी की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है, "कटवा के बीजेपी कार्यकर्ता सुखदेव प्रमाणिक की टीएमसी के गुंडों ने निर्मम हत्या कर दी. 24 घंटे से भी कम समय में दो कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई है. इससे पता चलता है कि दीदी सत्ता में बने रहने के लिए कितनी हताश हैं. लेकिन वह असफल रहेंगी. लोगों ने बंगाल में शांति बहाल करने और 2021 में टीएमसी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का फैसला किया है.”
बीजेपी उपाध्यक्ष बी. रायचौधरी आरोप लगाते हैं, "ममता बनर्जी जानबूझकर हत्या करा रही हैं ताकि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाए और उनको विक्टिम कार्ड खेलने का मौका मिल जाए. लेकिन यहां राष्ट्रपति शासन लागू नहीं होगा. हम लोग ममता बनर्जी की राजनीति को राजनीति के मैदान में ही उखाड़ देंगे.” बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुकुल राय कहते हैं, "राज्य में लोकतंत्र और कानून व व्यवस्था नामक कोई चीज नहीं बची है. रोजाना हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है.”
तृणमूल का जवाब
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इन घटनाओं को बीजेपी की अंदरुनी गुटबाजी और निजी दुश्मनी का नतीजा बताया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम कहते हैं, "हमारी पार्टी हिंसा और हत्या की राजनीति पर भरोसा नहीं करती. बीजेपी के लोग खुद माहौल बनाने के लिए हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं.” जेपी नड्डा पर हमले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे बीजेपी की नौटंकी करार दिया था. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता शांतनु सेन कहते हैं, "वर्ष 2011 के बाद राजनीतिक हिंसा में हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ही सबसे ज्यादा मारे गए हैं. कभी लेफ्ट के हाथों तो कभी बीजेपी के हाथों.”
जे.पी.नड्डा पर हमले के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में बंगाल में कानून व व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने की बात कही थी और राज्य सरकार को संवैधानिक राह पर चलने की सलाह दी थी. इसी सप्ताह चुनाव आयोग की टीम भी कोलकाता के दौरे पर आ रही है. ऐसे में बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दल चुनावों से पहले ही ही बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग उठा सकते हैं. बीजेपी तो पहले से ही यह मांग कर रही है.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अब हिंसा और हत्याओं की राजनीति और तेज होने का अंदेशा है. राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं, "विधानसभा चुनावों के लिए अभियान की शुरुआत तो अमित शाह के दौरे से ही हो गई थी. लेकिन नड्डा के दौरे ने माहौल और गरमा दिया है. उसके साथ ही बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की मौत ने इस तनातनी की आग में घी डालने का काम किया है. ऐसे में आने वाले दिनों में तनाव व हिंसा के और बढ़ने का अंदेशा है.” (dw.com)
छिंदवाड़ा, 14 दिसंबर | मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने अपनी राजनीतिक पारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि छिंदवाड़ा की जनता जब कहेगी वे सन्यास ले लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ नौ बार छिंदवाड़ा से सांसद रहे हैं और वर्तमान में विधानसभा सदस्य हैं। वहीं वर्तमान में छिंदवाड़ा से सांसद उनके पुत्र नकुल नाथ हैं। कमल नाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर तरह तरह के सवाल किए जा रहे हैं। छिंदवाड़ा प्रवास पर आए कमल नाथ से पत्रकारों ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, "मैं उस दिन सन्यास ले लूंगा, जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता कहेगी।"
ज्ञात हो कि राज्य में हुए विधानसभा के उप-चुनाव के नतीजों के बाद से भाजपा की ओर से यही कहा जा रहा है कि कमल नाथ अब राज्य में नहीं रहने वाले, वे दिल्ली चले जाएंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 दिसंबर | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद कहा कि फेसबुक पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कब्जा है। फेसबुक इसलिए नफरत फैलाने वाली सामग्री पर कार्रवाई नहीं करती। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए और कहा, "एक बार फिर साबित हो गया है कि भारत में फेसबुक भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नियंत्रण में है।"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने फेसबुक को लेकर अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक खबर का हवाला देते यह टिप्पणी की।
कांग्रेस नेता ने एक टीवी समाचार का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा गया है कि फेसबुक ने अपना कारोबार बिना बाधा के चलते रहने, अपने कार्यालयों तथा कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के भड़काऊ वीडियो पर कार्रवाई नहीं की।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कार्रवाई करने पर फेसबुक को सत्ताधारी भाजपा के साथ संबंध खराब होने का डर था, इसलिए उसने बजरंग दल के भड़काऊ वीडियो को लेकर उसके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की।
अखबार ने लिखा है कि यदि फेसबुक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करती तो कंपनी को अपना काम करने में दिक्कत होती, साथ ही उसके कर्मचारियों और कार्यालयों को भी खतरा हो सकता था।
यह पहली बार नहीं है कि फेसबुक विवाद में है। इससे पहले, इस साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की नीतियां कथित रूप से पक्षपाती थीं और व्यापारिक हितों के कारण सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में थीं।
रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में फेसबुक की सार्वजनिक नीति की प्रमुख अंखी दास ने प्लेटफॉर्म पर अभद्र टिप्पणी पोस्ट किए जाने के बावजूद सत्ता पक्ष और उसके एक नेता के पक्ष में पैरवी की थी।
फेसबुक ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया था। इस साल अक्टूबर में अंखी दास ने कंपनी छोड़ दी।
उस समय कांग्रेस ने कहा था कि सिर्फ एक व्यक्ति को बदलने से मसला हल नहीं होगा।
कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने इससे पहले नसीहत दी थी कि फेसबुक को अपनी संस्थागत प्रक्रियाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के पूरी तरह से सुधार के माध्यम से अपनी तटस्थता का प्रदर्शन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "भारत के सामाजिक सौहार्द को खतरे में डालते हुए झूठे, धार्मिक ध्रुवीकरण और नफरत फैलाने वाले समाचार/सामग्री को उनके प्लेटफॉर्म पर फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों को भी रेखांकित करना चाहिए।"
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 14 अगस्त को अंखी दास की अगुवाई वाली फेसबुक इंडिया की टीम के कथित पक्षपातपूर्ण मामलों पर महत्वपूर्ण सूचना दी थी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया था।
इसने रिपोर्ट की थी कि अंखी दास ने सत्तारूढ़ दल और उसके नेताओं का पक्ष लिया था और प्रचार प्रसार के माध्यम से नकली और घृणित समाचार फैलाए जा रहे थे।
इसके बाद, कांग्रेस ने फेसबुक इंक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को दो पत्र लिखे, जिसमें उन्होंने मामले को गंभीरता से देखने का आग्रह किया था। फेसबुक ने अपनी तटस्थता और उचित कार्रवाई का वादा करते हुए पत्रों का जवाब दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 दिसंबर | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास रखा। केजरीवाल के मुताबिक किसान और जवान किसी भी देश की नींव होते हैं और अगर किसी देश के किसान और जवान संकट में हों तो वह देश कैसे तरक्की कर सकता है। जिस किसान को खेतों में होना चाहिए वह इतनी कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर बैठा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मुझे खुशी इस बात की है कि आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है। देशभर में फौजी किसान के साथ खड़े हैं, जवान किसान के साथ खड़े हैं, खिलाड़ी किसानों के साथ खड़े हैं, बड़ी-बड़ी बॉलीवुड की हस्तियां किसानों के साथ खड़ी हैं, देश के वकील, डॉक्टर सब किसानों के साथ खड़े हैं।"
दिल्ली स्थित आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे केजरीवाल ने यहां सामूहिक उपवास में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग भले ही सिंघु बॉर्डर न पहुंच पाए हों, लेकिन देश भर में लाखों करोड़ों लोगों ने किसानों के साथ खड़े होकर उनके लिए दुआएं मांगी हैं।
केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के विधायकों पार्षदों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, "सोच कर देखो कितने ही किसान ऐसे हैं जिनके दो बेटे हैं। एक बेटा किसान बन गया और दूसरा बेटा सरहद पर जवान बन गया। फौज में जब उनका बेटा सुनता है कि मेरे भाई को आतंकवादी कहा जा रहा है तो उसके दिल पर क्या गुजरती होगी।"
मुख्यमंत्री के मुताबिक यह सही नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि जितने भी लोग गंदी राजनीति के तहत किसानों को अपशब्द कह रहे हैं, मैं उनसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि किसानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल न करें।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "नए कृषि कानून में लिखा है कि कोई भी आदमी कितनी भी जमाखोरी कर सकता है। अभी तक जमाखोरी करना कानून में भी अपराध माना जाता था और शास्त्रों में भी पाप माना जाता था। जिन लोगों के पास पैसे हैं, ऐसे लोग दो तीन साल तक का सामान स्टोर करके रख लेंगे। इससे महंगाई हो जाएगी। इस कानून में लिखा है कि अगर एक साल में महंगाई दोगुनी हो जाएगी, सरकार तभी छापेमारी कर सकती है। ऐसे में तो यदि दाल के रेट बढ़ते हैं और मुख्यमंत्री को मालूम है की दाल की जमाखोरी की जा रही है तो भी मुख्यमंत्री छापेमारी के आदेश नहीं दे सकता।" (आईएएनएस)