अंतरराष्ट्रीय
कराची, 12 अक्टूबर| विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने घोषणा की है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को 'अस्वस्थ' महसूस होने के बाद यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉन न्यूज के मुताबिक, रविवार को एक ट्वीट में पार्टी ने कहा, "डॉक्टर उनका मेडिकल चेकअप और जरूरी मेडिकल टेस्ट कर रहे हैं।"
जरदारी के लंबे समय के सहयोगी असीम हुसैन ने मीडिया को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति को लो शुगर लेवल के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर किए गए भ्रष्टाचार के कई मामलों में नामजद पूर्व नेता, पिछले साल इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा चिकित्सा आधार पर दी गई जमानत पर बाहर है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 12 अक्टूबर। ट्विटर ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ट्वीट को छिपा दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अब वो कोरोना वायरस से इम्यून हैं।
इस संबंध में किए गए उनके पोस्ट को ट्विटर ये कहते हुए छिपा दिया है कि ये पोस्ट कोविड-19 के संबंध में भ्रामक और संभवत: खतरनाक जानकरी देता है और इस कारण ट्विटर के नियमों का उल्लंघन है।
ट्विटर का कहना है कि जनहित में यही होगा कि लोग इसे न देख सकें।
इससे पहले फ़ॉक्स न्यूज़ को फ़ोन पर दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि अब उन्हें कोई संक्रमण नहीं है, उनकी सेहत दुरुस्त है और वो काम पर वापिस लौट सकते हैं।
ट्रंप ने कहा था, ऐसा लग रहा है कि मैं इम्यून हो गया हूं। अब मैं बेसमेंट से निकल सकता हूं जो मैं करने वाला था। क्योंकि आपको देश चलाना है, आपको बेसमेंट से बाहर निकलना ही होगा। और ऐसा लग रहा है कि मैं इम्यून हूं।। शायद लंबे वक्त के लिए या फिर शायद कम वक्त के लिए, या फिर जीवन भर के लिए अभी किसी को नहीं पता।
उन्होंने कहा, व्हाइट हाउस के डॉक्टरों ने कहा है कि ये वायरस मुझसे दूसरों को नहीं फैल सकता।
इससे पहले राष्ट्रपति के निजी डॉक्टर ने कहा था कि राष्ट्रपति से संक्रमण का अब कोई ख़तरा नहीं है।
बीते सप्ताह कोविड-19 के लिए अस्पताल में इलाज के दौरान ट्रंप ने अपने इलाज को लेकर कई तरह के दावे किए थे। उन्होंने दावा किया कि एक एंटीबॉडी दवा है जो इस बीमारी को ठीक कर सकती है और वो इसे जल्द से जल्द सभी नागरिकों को मुफ्त में मुहैय्या कराएंगे। सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप फिर से चुनाव प्रचार शुरू करने वाले हैं।
मेलबर्न, 12 अक्टूबर| एलिस्टर निकोलसन ने आस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह इस पद पर 2014 से थे। उन्होंने पॉल मार्श का स्थान लिया था। निकोलसन ने एक बयान में कहा, "खिलाड़ियों के समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए मैंने काफी अच्छा महसूस किया और मेरे समय में हमने जिस तरह से जो काम किए और जो हासिल किया उस पर मुझे गर्व है।"
उन्होंने कहा, "मैंने काफी मुश्किल मुद्दों को संभाला, लेकिन हमेशा ईमानदारी और बराबरी बनाए रखने की कोशिश की।"
वह इस साल के अंत तक अपना पद छोड़ देंगे। एसीए बोर्ड नए सीईओ की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू करेगी।
एसीए के चेयरमैन ग्रेड डायर ने कहा, "एलिस्टर के मार्गदर्शन में हम काफी पेशेवर बने और हम इस काबिल बन सके कि हम अपने सभी सदस्यों की मदद कर सकें।"
उन्होंने कहा, "अब हम भविष्य में खेल में मजबूती से हिस्सा होने लायक हैं।"
एसीए के बोर्ड सदस्य एलिसा हिली और पैट कमिंस ने भी निकोलसन की तारीफ की. (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 12 अक्टूबर| ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ट्वीट को 'फ्लैग' कर दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को कोरोनावायरस से इम्यून बताया था। ट्विटर ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि इस ट्वीट ने उसके प्लेटफॉर्म पर कोरोनावायरस से संबंधित गलत सूचना देकर इसके नियमों का उल्लंघन किया है।
ट्विटर ने रविवार को ट्रंप के ट्वीट को शेयर करने के विकल्पों को डिसेबल कर दिया।
ट्रंप ने ट्वीट में कहा था, "कल व्हाइट हाउस के डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि मैं ठीक हो गया हूं। इसका मतलब है कि मैं इसके संपर्क में नहीं आ सकता (इम्यून हूं), और न ही किसी को संक्रमित कर सकता हूं। यह जानकर बहुत अच्छा लगा।"
वहीं, ट्रंप के फॉलोअर्स के इसे शेयर करने पर लगाम लगाने के लिए ट्विटर ने इस ट्वीट पर चेतावनी देते हुए कहा, "हम इस तरह के ट्वीट को रोकने की कोशिश करते हैं जो ट्विटर के नियमों को तोड़ता है।"
यह पहली बार नहीं है जब ट्विटर ने ट्रंप के विवादित ट्वीट को शेयर करने के विकल्प को डिसेबल किया है। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पहले भी कई बार अपनी नीतियों का हवाला देते हुए ट्रंप के ट्वीट को डिसेबल कर चुका है।
फॉक्स न्यूज पर एक साक्षात्कार में भी ट्रंप ने कहा, "ऐसा लगता है जैसे मैं इम्यून हूं।"
उन्हंोने कहा, "ऐसा लग रहा है कि मैं इम्यून हूं.. मुझे नहीं पता, शायद एक लंबे समय के लिए, शायद थोड़े समय के लिए। यह जिंदगी भर के लिए हो सकता है। कोई भी वास्तव में नहीं जानता है।"
व्हाइट हाउस के चिकित्सक शॉन कॉनले ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपति से अब दूसरों को संक्रमण होने का जोखिम नहीं है। ट्रंप 1 अक्टूबर को कोविड-19 पॉजिटिव निकले थे और बाद में तीन दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद व्हाइट हाउस लौट आए।
हालांकि, कॉनले ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि जब ट्रंप जांच में अंतिम बार कब कोरोना नेगेटिव निकले।
जर्नल नेचर मेडिसिन में सितंबर में प्रकाशित एक स्टडी ने संकेत दिया कि कोरोनोवायरस से ठीक होने का मतलब इसके प्रति जीवनभर के लिए इम्यून होना नहीं है। (आईएएनएस)
रियो डि जेनेरो, 12 अक्टूबर | ब्राजील में कोरोनावायरस से 290 और मरीजों की मौत होने के साथ देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 150,488 हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना के 12,345 नए मामले सामने आए, जिससे देश में कुल मामलों की संख्या 5,094,982 तक पहुंच गई।
ब्राजील में कोरोना मृतकों की संख्या ने शनिवार को 150,000 का आंकड़ा पार कर लिया। यह मौतों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
ब्राजील में 1,037,660 मामलों और 37,256 मौतों के साथ साओ पाउलो बीमारी का केंद्र बना हुआ है, उसके बाद रियो डि जेनेरो हैं, जहां कोरोना के 283,675 मामले हैं और 19,308 मौतें हुई हैं।
ब्राजील ने हाल के हफ्तों में मौतों की औसत संख्या और दैनिक मामलों को कम करने में कामयाबी हासिल की है।(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 12 अक्टूबर | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दावा किया कि वह अब कोरोनोवायरस से 'इम्यून' (प्रतिरक्षी) हैं, हालांकि मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि वायरस से फिर से संक्रमित होना संभव है।
फॉक्स न्यूज पर एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, "ऐसा लगता है जैसे मैं इम्यून हूं।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, "ऐसा लग रहा है कि मैं इम्यून हूं..मुझे नहीं पता, शायद एक लंबे समय के लिए, शायद थोड़े समय के लिए। यह जिंदगी भर के लिए हो सकता है। कोई भी वास्तव में नहीं जानता है।"
व्हाइट हाउस के चिकित्सक शॉन कॉनले ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपति से अब दूसरों को संक्रमण होने का जोखिम नहीं है। ट्रंप 1 अक्टूबर को कोविड-19 पॉजिटिव निकले थे और बाद में तीन दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद व्हाइट हाउस लौट आए।
हालांकि, कॉनले ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि जब ट्रंप जांच में अंतिम बार कब कोरोना नेगेटिव निकले थे।
जर्नल नेचर मेडिसिन में सितंबर में प्रकाशित एक स्टडी ने संकेत दिया कि कोरोनोवायरस से ठीक होने का मतलब इसके प्रति जीवनभर के लिए इम्यून होना नहीं है। (आईएएनएस)
- तनवीर मलिक
हाल के वर्षों में पाकिस्तान में नोटों की संख्या बढ़ती दिख रही है. 30 जून, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष में, वहाँ पिछले आठ वर्षों में नोटों के चलन में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है. केवल एक वित्तीय वर्ष में नोटों की संख्या में 1.1 ट्रिलियन की वृद्धि हुई है.
पाकिस्तान की आर्थिक गति पर नज़र रखने वालों लोगों के अनुसार, यह वृद्धि असामान्य है और अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
उनका कहना है कि अगर नोटों की संख्या बढ़ी है तो इसका मतलब है कि सरकार ने पुराने नोटों को नए नोटों के साथ बदल दिया है. इसके अलावा बड़ी संख्या में नए नोटों की छपाई भी की है.
उनके अनुसार, बाज़ार में नोटों की आपूर्ति और मांग को संतुलित करने के लिए, नए नोटों को सामान्य रूप से छापा जाता है, जिससे कुछ वृद्धि होती है. लेकिन असाधारण वृद्धि का मतलब है कि बहुत सारे नोट छापे गए हैं.
पिछले साल पाकिस्तान में नोट छापने और प्राइज़ बांड के लिए पेपर बनाने वाली 'सिक्योरिटी पेपर्स लिमिटेड' के वित्तीय नतीजों में भी वृद्धि देखने को मिली है. पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी के वित्तीय परिणामों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में इसके लाभ में 60% से भी अधिक वृद्धि हुई है.
याद रहे कि पाकिस्तान में प्रचलन में रहे नोटों की संख्या में वृद्धि ऐसे समय में देखी जा रही है. जब ई-कॉमर्स और डिजिटल लेन देन का चलन भी बढ़ रहा है, ख़ास तौर से ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल लेन देन कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बढ़ गया है.
वार्षिक आधार पर प्रचलन में रही मुद्रा में वृद्धि
पाकिस्तान में सेंट्रल बैंक की वेबसाइट पर पिछले आठ वित्तीय वर्षों में प्रचलन में रही मुद्रा के आंकड़ों की जानकारी मिलती है. उनके अनुसार, वित्त वर्ष 2012 के अंत में चलन में रही मुद्राओं की संख्या 1.73 ट्रिलियन थी जो अगले वर्ष बढ़कर 1.93 ट्रिलियन हो गई.
वित्तीय वर्ष 2014 के अंत में, यह संख्या बढ़कर 2.17 ट्रिलियन हो गई, फिर अगले वर्ष यह संख्या 2.55 ट्रिलियन तक पहुंच गई.
वित्त वर्ष 2016 में चलन में रही मुद्राओं की संख्या में और भी वृद्धि हुई और यह 3.33 ट्रिलियन पर जा कर बंद हुई.
अगले वर्ष यह बढ़कर 3.91 ट्रिलियन हो गई. वित्त वर्ष 2018 के अंत में, यह संख्या 4.38 ट्रिलियन तक पहुंच गई और अगले वर्ष इसमें बहुत अधिक वृद्धि देखने में आई, जो 4.95 ट्रिलियन के उच्च स्तर पर बंद हुई.
पिछले वित्तीय वर्ष 2020 में इसकी संख्या में असामान्य वृद्धि देखने में आई जब यह 6.14 के स्तर पर बंद हुई.
एकेडी सिक्योरिटीज़ के हेड ऑफ़ रिसर्च फ़रीद आलम के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में होने वाली वृद्धि सबसे अधिक थी.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार में दोगुनी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार अधिक मुद्रा छाप रही है, जिसके कारण यह वृद्धि देखने में आ रही है.
चलन में रहने वाली मुद्रा में वृद्धि के कारण
पाकिस्तान में पुराने नोटों के बदले नए नोटों में वृद्धि ऐसे समय में देखने को मिल रही है जब सरकार आईएमएफ़ के साथ किये गए एक समझौते के तहत स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से उधार नहीं ले रही है. और बजट घाटे को पूरा करने के लिए कमर्शियल बैंकों से ओपन मार्केट ऑपरेशन के माध्यम से पैसा इकट्ठा करेगी.
याद रहे कि पहले भी सरकारें स्टेट बैंक (केंद्रीय बैंक) से क़र्ज़ लेती थीं तो स्टेट बैंक नई मुद्रा छाप कर इस ज़रूरत को पूरा करता था. लेकिन अब आईएमएफ़ की शर्त की वजह से स्टेट बैंक से पैसे लेने का रास्ता बंद है.
इस संबंध में मशहूर अर्थशास्त्री डॉक्टर क़ैसर बंगाली ने कहा कि प्रचलन में रहने वाली मुद्रा में भारी वृद्धि इस बात का संकेत है कि बड़ी संख्या में नई मुद्रा छापी गई हैं. उनके अनुसार, ज़ाहिरी तौर पर तो पैसा स्टेट बैंक से नहीं लिया जा रहा है लेकिन पाकिस्तान में सब कुछ पारदर्शी भी नहीं होता है.
उन्होंने बताया कि, "बजट के अवसर पर भी हमने यह सवाल उठाया था कि जब स्टेट बैंक से क़र्ज़ लेना बंद हो गया है तो नए नोटों की संख्या में वृद्धि क्यों हुई."
उन्होंने कहा कि सरकार ने भी अस्पष्ट जवाब देकर मामले को निपटा दिया. क़ैसर बंगाली के अनुसार प्रचलन में रही मुद्रा में बहुत अधिक वृद्धि इस बात का सबूत है कि करंसी नोट बहुत तेज़ी से छापे जा रहे हैं.
आरिफ़ हबीब सिक्योरिटीज़ की एक अर्थशास्त्र विश्लेषक सना तौफ़ीक़ ने इस संबंध में कहा कि पिछले पांच या छह वर्षों से मुद्रा वृद्धि हो रही है.
उन्होंने कहा कि इसमें वृद्धि की असामान्य प्रवृत्ति ऐसे समय में हुई जब सरकार ने पांच साल पहले बैंकों के माध्यम से लेन देन पर टैक्स बढ़ा दिया था. और लोगों ने पैसे बैंकों में जमा करने के बजाय नकद रखना शुरू कर दिया.
सना के अनुसार, मौजूदा सरकार के शासनकाल में आईएमएफ़ से हुए समझौते में टैक्स और राजस्व बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है. और सरकार ने इस संबंध में कई कदम भी उठाए हैं.
हालांकि, इस कारण लोगों ने बैंकों के माध्यम से लेन देन के बजाय नकद जमाख़ोरी का सहारा लिया है. इससे भी नोटों की मांग में वृद्धि हुई. जिसके कारण नोटों की छपाई में भी वृद्धि हुई.
फ़रीद आलम ने कहा कि कमर्शियल बैंकों से पैसा उधार लेना भी कुछ हद तक मुद्रा की छपाई का कारण बन रहा है.
विशेषज्ञों के अनुसार, आईएमएफ़ ने सरकार पर बजट घाटे को कवर करने के लिए स्टेट बैंक से क़र्ज़ लेने के पर रोक लगाई है. लेकिन अन्य ख़र्चों, जैसे कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज के संबंध में नए नोटों के मुद्रण की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
नोटों की छपाई से मुद्रास्फ़ीति में कैसे वृद्धि होती है
बड़ी संख्या में नोट छापने से मुद्रास्फ़ीति यानी महंगाई में वृद्धि होती है.
विश्लेषक सना तौफ़ीक़ का कहना है कि अधिक नोट छापने का मतलब है कि लोगों के पास ज़्यादा पैसा आ रहा है. इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ रही है और वो ज़्यादा पैसा खर्च करेंगे तो, यह चीज़ों की कीमतों के साथ-साथ मुद्रास्फ़ीति दर में भी वृद्धि करता है.
वो बताती हैं कि इस तरह की मुद्रास्फ़ीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज़ दरों को बढ़ाया जाता है.
डॉक्टर क़ैसर बंगाली ने बताया कि वर्तमान सरकार के पहले दो वर्षों में आपूर्ति की समस्याओं के कारण मुद्रास्फ़ीति बढ़ी है. हालांकि प्रचलित मुद्रा में बहुत अधिक वृद्धि से, डिमांड के लिहाज से भी मुद्रास्फ़ीति में वृद्धि का ख़तरा है.
नोटों की संख्या में वृद्धि के नकारात्मक प्रभाव क्या होते हैं?
करंसी नोटों की संख्या में वृद्धि के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बात करते हुए विश्लेषक सना तौफ़ीक़ ने कहा कि ये वृद्धि कालाबाज़ारी को बढ़ाता है.
उन्होंने कहा,"अगर बड़ी संख्या में नोट छप कर जा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि लोग बैंक में जमा करने के बजाय नकदी के रूप में अपने पैसे को बचा रहे हैं. इसे गैर आधिकारिक या ब्लैक इकॉनमी कहा जाता है. "
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में करेंसी नोटों की छपाई से तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग भी बढ़ती है.
वो कहती हैं,"इसका मतलब है कि लोग बैंकों के बजाय पैसा अपने पास रख रहे हैं और यह वही पैसा होता है जो अवैध रूप से स्थानांतरित किया जाता है."
उन्होंने कहा कि अधिक करंसी नोट नकदी जमाख़ोरी का ज़रिया बनता है और पैसे को चंद हाथों तक सीमित करता है.(bbc)
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर | डचेस ऑफ ससेक्स मेगन मार्कल ने दावा किया है कि वह पिछले साल 'पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रोल की जाने वाले व्यक्ति' रही थीं। मेट्रो अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर उन्होंने एक पॉडकास्ट में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें ऑनलाइन इतना अधिक ट्रोल किया गया जिसके साथ जीना लगभग असंभव था।
पॉडकास्ट में मेगन ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि वह पिछले साल सबसे अधिक ट्रोल की गई 'पुरुष या महिला' व्यक्ति थीं।
उन्होंने कहा, "जबकि उस साल 8 महीने तो मैं दिखाई भी नहीं दी थी, बच्चे के कारण मैं मातृत्व अवकाश पर थी। इसके बाद भी जिस तरह ट्रोल किया गया, वह ऐसा था जिसकी कल्पना भी मुश्किल है और उसके साथ जीना लगभग असंभव था। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप 15 साल के हैं या 25 साल के हैं। यदि लोग आपके बारे में ऐसी बातें कह रहे हैं जो सच नहीं हैं, तो यह आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बहुत बुरा है।"
मेट्रो अखबार ने मेगन मार्कल के हवाले से कहा, "हम सभी जानते हैं कि जब हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाया जाता है तो कैसा लगता है, तब लगता है कि सबसे अलग-थलग हो जाएं। इसलिए आप लोग जो कर रहे हैं वह बहुत अहम है।"
मेगन के साथ पॉडकॉस्ट में शामिल हुए हैरी ने कहा, "नफरत करना एक तरह का चलन बन गया है। जैसे हम चिंता करते हैं, एक डाइट लेते हैं, वैसा ही नियम हमारी आंखों और दिमाग के लिए भी लागू होता है कि हम इनके जरिए क्या ले रहे हैं और वह हमें कितना प्रभावित कर रहा है।"
ड्यूक ने आगे कहा, "मैंने इन चीजों को न पढ़ने, न देखने और खुद को इससे दूर करके सकारात्मकता की ओर ध्यान केंद्रित करने का विकल्प चुना है।"
यह कपल अभी लॉस एंजिलिस में रह रहा है। दोनों ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता को चुनते हुए चैरिटी प्रोजेक्ट्स पर काम करने का निर्णय लिया है।
--आईएएनएस
सैन फ्रांसिस्को, 11 अक्टूबर | कैलिफोर्निया के चारों ओर जंगलों में लगी 21 भयंकर आग पर काबू पाने के लिए 13,800 से अधिक अग्निशामक निरंतर जूझ रहे हैं। अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी मिली है।
हालिया मिली जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया के वानिकी और अग्नि सुरक्षा विभाग (कैल फायर) ने कहा कि अगस्त में मेंडोकिनो नेशनल फॉरेस्ट में 37 अलग-अलग जगहों पर लगी जटिल आग थमने का नाम नहीं ले रही है और अब यह 1,024,092 एकड़ तक फैल गई है, जिनमें से 67 प्रतिशत तक आग तो शनिवार सुबह फैली है।
आग की इन्हीं लपटों की चपेट में फिलहाल मेंडोकिनो, हम्बोल्ट, ट्रिनिटी, तेहमा, ग्लेन, लेक और कोलुसा जैसी जगहें झुलस रही हैं।
अगस्त में जंगलों में आग लगने की यह घटना उस वक्त शुरू हुई, जब 18-20 अगस्त के बीच गरज के साथ बूंदाबांदी हुई थी।
बिजली कड़कने के चलते 37 अलग-अलग जगहों में यह आग फैल गई, इनमें से कुछ तो खुद-ब-खुद ही बुझ गई, लेकिन कुछ लपटें फैलती चली गईं और कुल मिलाकर इसने भयंकर रूप ले लिया।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 11 अक्टूबर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में खाद्य पदार्थ के कीमतों को कम करने के लिए राज्य के सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने की कसम खाई है। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कई ट्वीट्स के माध्यम से शनिवार को कहा, "आगामी सप्ताह में सोमवार से हमारी सरकार खाद्य पदार्थ के कीमतों को नीचे लाने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करेगी।"
उन्होंने ट्वीट में कहा, "हम पहले से ही मूल्य वृद्धि के कारणों की जांच कर रहे हैं कि क्या वास्तव में पदार्थों के आपूर्ति की कमी है या इसका कारण माफियाओं द्वारा जमाखोरी, तस्करी है। या फिर अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के कारण खाद्य तेल, दाल आदि के कीमतों में वृद्धि हुई है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगले सप्ताह से हमारे पास अपनी रणनीति होगी और खाद्य कीमतों को नीचे लाने के लिए सभी राज्य संगठनों और संसाधनों का उपयोग करना शुरू हो जाएगा।"
खान की घोषणा की प्रतिक्रिया में उद्योग और उत्पादन मंत्री हम्माद अजहर ने भी ट्वीट किया, "दक्षिण एशिया में अस्थायी खाद्य मुद्रास्फीति की वृद्धि देखी जा रही है। सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए आवश्यक सभी उपाय करेगी।"
उन्होंने आगे लिखा, "प्रांतों में आयातित गेहूं और चीनी नियंत्रित दरों पर जारी किए जाएंगे। अन्य वस्तुओं के लिए सभी विकल्पों की जांच की जा रही है।"
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों द्वारा आर्थिक स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रचलित मूल्य वृद्धि पर नाराजगी व्यक्त करने और मुद्रास्फीति को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करने के तीन दिन बाद खान की टिप्पणी सामने आई है।
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटीस्टिक्स (पीबीएस) के अनुसार, माल और सेवाओं की मांग में वृद्धि के बजाय बिजली और गैस की प्रशासित कीमतों में खाद्य आपूर्ति चेन में व्यवधान और निश्चित अवधि पर बढ़ोतरी के कारण देश में कीमतें एक साल से अधिक समय से बढ़ रही हैं।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर| अमेरिकी शहर डेनवर में शनिवार को प्रतिद्वंद्वी प्रदर्शन रैलियों के दौरान चली गोली में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि इस घटना का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। द हिल न्यूज वेबसाइट के एक बयान में, डेनवर पुलिस विभाग ने कहा कि गोलीबारी शनिवार दोपहर डेनवर कला संग्रहालय के पास हुई।
रैली में राइट-विंग प्रदर्शन को 'पैट्रियट रैली' करार दिया गया, वहीं दूसरी 'बीएलएम-एंतिफा सूप ड्राइव' थी जिसका उद्देश्य पहली सभा का मुकाबला करना था।
पुलिस विभाग ने कहा कि एक संदिग्ध व्यक्ति हिरासत में ले लिया गया है। वह एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड है और उसका 'एंतिफा के साथ कोई संबंध नहीं है'।
विभाग ने बताया कि इस घटना की हत्या के एंगल से जांच की जा रही है। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 11 अक्टूबर| पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अस्थायी हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना बाडिन जिले के दूरदराज के एक इलाके में हुई और शिकायतकर्ता अशोक कुमार की शिकायत पर संदिग्ध मुहम्मद इस्माइल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के पास उपलब्ध एफआईआर की प्रति के अनुसार, कुमार ने पुलिस को बताया कि इस्माइल ने सामो गोथ गांव के मंदिर में तोड़फोड़ की।
कुमार ने कहा कि इस्माइल ने मंदिर में रखी मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया और भाग गया।
बाडिन के एक पुलिस प्रवक्ता ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून बताया कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही घंटों के भीतर इस्माइल को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा, "अभी यह पुष्टि होनी बाकी है कि क्या वह (इस्माइल) मानसिक रूप से स्थिर है और उसने जानबूझकर मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया है।"
-आईएएनएस
काठमांडू, 11 अक्टूबर। नेपाल में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने खुद को क्वारंटीन कर लिया है। दरअसल वह हाल ही में एक मंत्री से मिले थे, जिनका कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आया था, जिसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट करने का फैसला लिया। क्वात्रा ने नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री योगेश भट्टाराई के साथ बैठक की थी, जिनका शनिवार को कोविड-19 रिपोर्ट पॉजीटिव आया था। भट्टाराई कोविड से संक्रमित होने वाले पहले कैबिनेट मंत्री हैं।
मंत्री ने शुक्रवार शाम बुखार होने बाद शनिवार सुबह खुद का टेस्ट कराया, जिससे उनके संक्रमित होने की जानकारी मिली।
भट्टाराई के सचिवालय द्वारा जारी एक तस्वीर से पता चलता है कि बैठक के दौरान उन्होंने और क्वात्रा दोनों ने मास्क नहीं पहना था, जिससे भारतीय राजदूत के लिए जोखिम और अधिक बढ़ गया।
काठमांडू में भारतीय दूतावास के सूत्रों ने कहा है कि शनिवार शाम को भट्टराई के डायग्नोस होने की खबर आने के बाद से क्वात्रा क्वारंटाइन में हैं।
सूत्रों ने कहा कि क्वात्रा में हालांकि संक्रमण का कोई लक्षण विकसित नहीं हुआ है, वहीं वह सोमवार को कोविड -19 टेस्ट से गुजरेंगे।
--आईएएनएस
बैंकॉक, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| थाईलैंड में रविवार को एक मालवाहक ट्रेन और बस की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए हैं। एक सरकारी अधिकारी की तरफ से इस हादसे की सूचना मिली है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मुख्य जिला अधिकारी प्रथुआंग युकासेम के हवाले से बताया, दुर्घटना के वक्त बस में 65 यात्री सवार थे। चैचोंग्सौ प्रांत के बैंग टॉय इलाके में रेलवे क्रॉसिंग पार करते वक्त यह बस दुर्घटना का शिकार हुई।
बचाव कर्मियों द्वारा घायल यात्रियों को पास के अस्पतालों में पहुंचाया गया। सामुत प्रकान प्रांत के चाचोन्गासाओ में एक मंदिर की ओर जा रही यह बस टक्कर लगने के चलते पलट गई।
चोनबुरी प्रांत के लीम चबैंग बंदरगाह से यह ट्रेन बैंकॉक के लाट क्रैबंग के अपने रास्ते पर थी। दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है।
काबुल, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में सड़क किनारे हुए विस्फोट में अफगान नेशनल आर्मी (एएनए) के कम से कम 10 जवान और तीन नागरिकों की मौत हो गई। एक सुरक्षा सूत्र ने रविवार को यह जानकारी दी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हुए विस्फोट में तीन अन्य घायल हो गए।
सुरक्षा अधिकारी ने हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से इस घटना पर टिप्पणी नहीं की है।
अभी तक तालिबान समेत किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
चीनी मूल का एक ऑस्ट्रेलियाई लेखक यांग हेंगजुन जो 20 महीने से अधिक समय तक बीजिंग की हिरासत में रखा गया है, उस पर चीनी अधिकारियों ने जासूसी का आरोप लगाया है। चीन के मानवाधिकारों को ताक पर रखने का यह सबसे अनोखा मामला है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम पीपुल्स प्रॉक्यूरेटोरेट ने यांग हेंगजुन और उनकी कानूनी टीम को सूचित किया कि मुकदमा चलाने के लिए उनका मामला बीजिंग के सेकेंड इंटरमीडिएट कोर्ट ऑफ प्रॉसीक्यूशन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उनके वकील शांग बाओजुन के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी और अब लोकतंत्र कार्यकर्ता यांग को 7 अक्टूबर को बताया गया कि उन पर आधिकारिक तौर से आरोप लगाया गया है।
यांग की पत्नी युआन शियाओलियांग ने बताया कि अपने पति पर आरोप लगाने की सूचना के बाद वह असहाय महसूस कर रही हैं।
यांग पर अदालत ने पांच अपराधों का आरोप सूचीबद्ध किया है, हालांकि गोपनीयता नियम के कारण वकील किसी भी विवरण को प्रकट नहीं कर सकता है। उनके दोस्तों ने बताया कि अगले पखवाड़े मामले के लिये एक जज को नियुक्त किए जाने की उम्मीद है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन पहले ही कह चुके हैं कि यांग पर जासूसी के आरोप बिल्कुल असत्य हैं।
यांग ने बीजिंग की अपारदर्शी कानूनी प्रणाली के भीतर अपने परिवार और दोस्तों को भेजे अपने दुर्लभ संदेशों में खुद को निर्दोष होने की बात पर लगातार कायम हैं। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कोई भी दोष कबूल नहीं किया है।
पिछले महीने उन्होंने ऐसी चीनी रिपोटरें को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जासूसी करने की बात कबूल की थी। उन्होंने कहा था, मैं निर्दोष हूं और अंत तक लड़ूंगा। मैंने कभी भी ऐसा कुछ कबूल नहीं किया, जो मैंने नहीं किया हो।
यांग ने कहा कि 30 से अधिक लोगों ने कभी-कभी आधी रात को उनसे 300 से अधिक बार पूछताछ की है। इस साल की शुरूआत में यांग को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया था। ताकि उनकी कोई फोन कॉल, पत्राचार या कांसुलर मुलाकात न हो सके। इस बीच उनके परिवार और दोस्तों के संदेश या बाहरी दुनिया की रिपोर्ट भी यांग को नहीं नहीं दी गईं।
यांग से बार-बार कहा जाता है कि उसे फांसी हो सकती है और उसके देश ने उसे बेसहारा छोड़ दिया है, उसके परिवार और दोस्तों ने उसे धोखा दे दिया है।
चीनी कानून के तहत जासूसी के आरोप में तीन साल की कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। चीन में आरोपियों के लिए सजा की दर 99 प्रतिशत है। जिसमें सजा एक लगभग पूरी तरह से गोपनीय आपराधिक न्याय प्रणाली में लंबी, गुप्त कैद में अपराध को कबूलने के बयान पर निर्भर है।
यांग का जन्म मध्य चीन के हुबेई में हुआ था। वह हांगकांग में निजी क्षेत्र में काम करने और ऑस्ट्रेलिया एवं अमेरिका जाने से पहले एक राजनयिक थे। वह जासूसी उपन्यासों के लेखक, एक दशक से अधिक समय तक चीन में लोकतांत्रिक सुधारों के लिए एक लोकप्रिय ब्लॉगर, राजनीतिक टिप्पणीकार और आंदोलनकारी रहे हैं।
2002 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बनने वाले यांग अमेरिका में रह रहे थे। जनवरी 2019 में अपने परिवार के साथ गुआंगझू जाने से पहले यांग कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक विजिटर स्कॉलर थे। उनकी पत्नी और बच्चे को चीन में उतरने गया लेकिन अधिकारियों ने यांग को विमान से ही हिरासत में ले लिया था।
(यह लेख इंडियानैरेटिवडॉटकॉम से विशेष व्यवस्था के तहत लिया गया है।)
-आईएएनएस
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर | इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए। यह जानकारी मीडिया रिपोटरें से मिली। साउथ लॉन में शनिवार के कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने ब्लू रूम बालकनी से वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम में कानून और व्यवस्था के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को लेकर टिप्पणी की गई।
यह सम्मेलन विवादास्पद रूढ़िवादी कार्यकर्ता कैंडेस ओवेन्स के समूह ब्लेक्जिट द्वारा आयोजित एक पूर्व नियोजित कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम अश्वेत अमेरिकियों से डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ने का आग्रह करने के लिए था।
हिल न्यूज वेबसाइट ने ट्रंप के बयान के हवाले से कहा, "अश्वेत और हिस्पैनिक अमेरिकियों के घरों, चचरें और व्यापारों को लूट लिया गया। आप यह जानते हैं। वामपंथी कट्टरपंथी, जो बहुत बुरे लोग हैं, उनके द्वारा उन्हें बर्बरतापूर्वक तबाह कर दिया गया, जलाया गया है। वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।"
वेबसाइट ने आगे कहा, "फिर भी बाइडन(डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार) उन्हें 'शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी' कहना पसंद करते हैं।"
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी दावा किया कि "अश्वेत एंड लेटिनो अमेरिकी कट्टरपंथी समाजवाद को खारिज कर रहे हैं, उसको अस्वीकार कर रहे हैं, और वे हमारे समर्थन में नौकरियां पाना चाहते हैं। हम कानून और व्यवस्था चाहते हैं।"
इस दौरान राष्ट्रपति ने अपनी प्लेटिनम योजना का भी उल्लेख किया, जिसका पिछले महीने अनावरण किया गया था और इसमें जुनेथेन को फेडरल अवकाश घोषित करने और कू क्लक्स क्लान पर आतंकवादी संगठन के रूप में मुकदमा चलाने जैसे कार्य शामिल हैं।
ट्रंप ने कहा कि योजना "नई नौकरियों को वापस लाएगी और वह उस स्तर पर होगी, जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा, पूंजी बढ़ाएंगे, अश्वेत समुदाय में और हिस्पैनिक समुदाय में भी धन को बढ़ाएंगे।"
कोरोनावायरस महामारी को लेकर अपने प्रशासन की प्रतिक्रिया के बारे में उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि आप ये जानें कि हमारा देश इस भयानक चीनी वायरस को हरा देगा, जैसा कि हम इसे कहते आ रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम शक्तिशाली चिकित्सा और दवाओं का उत्पादन कर रहे हैं, और हम बीमारों का उपचार कर रहे हैं, और हम ठीक होने जा रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम आगे बढ़ रहे थे और हम वास्तव में आगे जा रहे थे और फिर चीन से प्लेग आया, लेकिन हम इससे छुटकारा पा रहे हैं, और हम फिर से पुनर्निर्माण कर रहे हैं, और यह पहले से भी बेहतर होने जा रहा है।"
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच व्हाइट हाउस के चिकित्सक शीन कॉनले ने शनिवार रात जारी किए गए अपडेट में ट्रंप को सक्रिय कार्यक्रम में लौटने के लिए मंजूरी दे दी है।
कॉनले ने मेमो में लिखा था, "आज शाम को मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आइसोलेशन के सुरक्षित समापन के लिए सीडीसी के मानदंडों को पूरा करने वाले राष्ट्रपति का आज की सुबह कोविड-19 पीसीआर नमूना ये प्रदर्शित करता है कि अब वो दूसरों के लिए संक्रमण वाहक का जोखिम नहीं हैं।"
हालांकि चिकित्सक ने यह उल्लेख नहीं किया कि ट्रंप का आखिरी बार वायरस का नेगेटिव टेस्ट कब आया था।(आईएएनएस)
स्टॉकहोम: स्वीडिश पर्यावरण प्रचारक ग्रेटा थनबर्ग ने शनिवार को अमेरिकी मतदाताओं से जो बिडेन को चुनने के लिए कहा, ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम महत्वपूर्ण है. "फ्राइडेज़ फ़ॉर फ़्यूचर" आंदोलन की शुरुआत करने वाली ग्रेटा ने ट्विटर पर कहा, "मैं कभी भी पार्टीगत राजनीति में शामिल नहीं होती लेकिन आगामी अमेरिकी चुनाव इन सबसे परे हैं. " "एक जलवायु के दृष्टिकोण से यह काफी दूर है और आप में से कई ने अन्य उम्मीदवारों का समर्थन किया है." "लेकिन, मेरा मतलब है ... आप जानते हैं ... बस संगठित हो जाओ और सभी बिडेन को वोट देने के लिए तैयार हो जाओ."
बिडेन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती दे रहे हैं. ट्रंप जलवायु परिवर्तन की चेतावनी को खारिज करते हैं और थनबर्ग की बातों को भी खारिज कर चुके हैं. ट्रंप ने इससे पहले कहा था,"ग्रेटा को अपने एंगर मैनेजमेंट प्रॉब्लम पर काम करना चाहिए." ग्रेटा ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप को चुनौती देते हुए कहा था, "आप कैसे हिम्मत करते हैं?" इसके जवाब में ट्रंप ने कहा था, "वह एक बहुत खुशहाल युवा लड़की की तरह लग रही है, जो एक उज्ज्वल और अद्भुत भविष्य की आशा कर रही है."
दूसरी ओर बिडेन ने थनबर्ग की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के लिए तारीफ की है. पिछले महीने, सम्मानित पत्रिका साइंटिफिक अमेरिकन ने भी पाठकों से 3 नवंबर को बिडेन को वोट देने का आग्रह किया था, लगभग 200 वर्षों में पहली बार इसने राजनीतिक रुख अपनाया.(एजेंसी)
नई दिल्ली/ताइपे, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर शनिवार को बीजिंग को भेजे गए अपने सख्त संदेश में कहा कि लोकतंत्र के खिलाफ चीन की आक्रामकता के खिलाफ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर स्थापित करने में ताइवान सक्रिय भूमिका निभाएगा। संयोग से ताइवान को देशभर से भारतीयों को व्यापक समर्थन मिला। चीन की चेतावनी के बावजूद भारतीयों ने ताइवान के राष्ट्रपति और अधिकारियों को उसके 109वें राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी।
चीन के दूतावास ने सात अक्टूबर को भारत को एक धमकी भरा पत्र लिखा था। इसमें भारतीय मीडिया को चेताया था कि वे ताइवान को अलग से देश न कहें और न ही त्साई को ताइवान का राष्ट्रपति बताएं।
इस पर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन से कहा कि भारतीय मीडिया स्वतंत्र है और इसे जो उचित दिखता है, वह वही करता है।
शनिवार को अपने राष्ट्रीय दिवस संबोधन में राष्ट्रपति त्साई ने कहा, "हमारी संप्रभुता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता नहीं बदलेगी, लेकिन हम रणनीतिक लचीलेपन को भी बनाए रखेंगे और परिवर्तनों के प्रति उत्तरदायी होंगे। परिस्थितियों में बदलाव के साथ, अग्रिम तैयारी नियंत्रण का एकमात्र तरीका है।"
उन्होंने कहा, "हम पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में साझा मूल्यों और मैत्रीपूर्ण संबंधों के आधार पर गठजोड़ कायम करेंगे और समान विचारधारा वाले एवं मैत्रीपूर्ण राष्ट्रों के साथ साझेदारी को बढ़ाते रहेंगे। हम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय सहयोग और संवादों में भी अधिक सक्रिय रूप से भाग लेंगे।"
क्षेत्र में चीन गणराज्य (ताइवान) का सबसे महत्वपूर्ण मूल्य शांति को बनाए रखना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा, "हम अच्छी ताकतों के लिए एक एडवोकेट बनना चाहते हैं और हम प्रगतिशील एवं अच्छे विश्वास मूल्यों को पूरी दुनिया के साथ साझा करते हैं।"
शी जिनपिंग के नाम का उल्लेख किए बिना, राष्ट्रपति त्साई ने कहा, "क्षेत्र और दुनिया भर के देशों को अब चीन के विस्तार के बारे में चिंता है।"
त्साई ने कहा, "मेरा मानना है कि क्षेत्रीय तनाव निश्चित रूप से हल किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि क्रॉस-स्ट्रेट संबंधों में स्थिरता बनाए रखना दोनों पक्षों के हित में है।
ताइवान के राष्ट्रपति ने कहा, "हम क्रॉस-स्ट्रेट स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे ताइवान अकेले अपने कंधे पर उठाए; यह दोनों पक्षों की संयुक्त जिम्मेदारी है।"
उन्होंने कहा कि इस स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दे के तहत इस पर चर्चा करना है कि हम आपसी सम्मान, सद्भावना और समझ के आधार पर शांति और सह-अस्तित्व में कैसे रह सकते हैं।
--आईएएनएस
बीजिंग, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दो लाख तेरह हजार से अधिक अमेरिकी नागरिकों की जान वायरस ले चुका है। जबकि 76 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। लगता है चुनावों की तैयारियों में लगे अमेरिका को आम लोगों की कोई फिक्र नहीं है। वायरस के प्रसार को रोकने में नाकाम रहने पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ट्रंप प्रशासन की खूब आलोचना कर रहा है। इस बीच जानी-मानी पत्रिका ''टाइम'' ने अपने कवर पेज को ही वायरस को समर्पित कर दिया है। मैगजीन द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए कवर पेज की खूब चर्चा है। इस पेज के जरिए टाइम ने यह बताने की कोशिश की है कि अमेरिका में स्थिति कितनी भयावह है। कवर पेज के बीच में व्हाइट हाउस बना है, जिसमें चार चिमनियां वायरस का गुबार ऊपर की ओर छोड़ रही हैं। यहां तक कि टाइम शब्द भी वायरस के जाल से लगभग घिरा हुआ है।
इस पत्रिका ने अपने कवर लेख में अमेरिका में कोविड-19 की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई है, लिखा है कि ''जब राष्ट्रपति को छींक आती है तो पूरे अमेरिका को ठंड लगती है। जब राष्ट्रपति बीमार पड़ते हैं, तो अमेरिका को बीमारी की गंभीरता पर भी विचार करना चाहिए। उनकी बीमारी हमारी बीमारी है।''
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब मीडिया में अमेरिका और ट्रंप सरकार की इस तरह से आलोचना हो रही हो। इससे पहले के अंक में भी टाइम मैगजीन ने अमेरिकी सरकार पर कटाक्ष किया था। जबकि न्यूयार्क टाइम्स ने कोरोना महामारी के विकराल रूप लेने के लिए राष्ट्रपति व उनके सहयोगियों को दोषी बताया था।
गौरतलब है कि वैज्ञानिकों की तमाम चेतावनियों के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व अन्य अमेरिकी नेता मास्क न पहनने की बात करते रहे हैं। पिछले सप्ताह जब ट्रंप कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो भी उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। क्योंकि वह चुनावों के मद्देनजर अपने प्रतिद्वंद्वियों को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। लेकिन इसके चक्कर में वे महामारी के खतरे को पूरी तरह से खारिज करते हुए दिख रहे हैं। यहां तक कि दो-तीन दिन में ही अस्पताल से व्हाइट हाउस आकर बिना मास्क के घूमते दिखे। साथ ही उन्होंने बिना चेहरा ढंके वीडियो संदेश भी जारी किया।
इस बात से जाहिर होता है कि राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार वही गलती दोहरा रहे हैं, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं। अगर ट्रंप प्रशासन का महामारी की रोकथाम को लेकर यही रवैया रहा तो आने वाले दिन अमेरिकियों के लिए और मुसीबत भरे हो सकते हैं।
(अनिल पांडेय -चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
बर्लिन, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जर्मन टेक फर्म सॉफ्टवेयर एजी को बड़े पैमाने पर हैकर्स के अटैक का सामना करना पड़ा है। हैकर्स ने कर्मचारियों की जानकारी और कंपनी के दस्तावेज चुराने के बाद 2.3 करोड़ डॉलर की फिरौती मांगी है। हैकर्स ने अपनी एक वेबसाइट पर कंपनी के डेटा के स्क्रीनशॉट डिस्प्ले किए हैं। इन स्क्रीनशॉट्स में कंपनी के इंटरनल नेटवर्क से कर्मचारियों के पासपोर्ट और आईडी स्कैन, कर्मचारियों के ईमेल और वित्तीय दस्तावेज नजर आ रहे हैं।
सॉफ्टवेयर एजी ने कहा है कि हैकर्स के हमले ने उनके केवल आंतरिक नेटवर्क को प्रभावित किया है, जबकि ग्राहक क्लाउड सेवाओं पर कोई असर नहीं आया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा है, "सॉफ्टवेयर एजी का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर 3 अक्टूबर 2020 की शाम से हैकर्स के हमले से प्रभावित है। हालांकि, क्लाउड-आधारित सेवाओं समेत ग्राहकों को दी जाने वाली सभी सेवाएं अप्रभावित हैं। कंपनी के इंटरनल सिक्योरिटी रेगुलेशंस के तहत सॉफ्टवेयर एजी ने अपने इंटरनल सिस्टम को बंद कर दिया है।"
सॉफ्टवेयर एजी से मांगी गई फिरौती की एक प्रति इस सप्ताह की शुरुआत में सुरक्षा शोधकर्ता मालवेयरहंटरटीम ने खोजी थी।
बता दें कि सॉफ्टवेयर एजी 70 से अधिक देशों में 10,000 से अधिक इंटरप्राइज कस्टमर्स को सेवाएं देने वाली सॉफ्टवेयर कंपनी है। यह जर्मनी की दूसरी सबसे बड़ी और यूरोप की सातवीं सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर विक्रेता कंपनी है।
सॉफ्टवेयर एजी के ग्राहकों में सरकार, बैंकिंग, परिवहन, बीमा, खुदरा और अन्य क्षेत्रों के संगठन शामिल हैं।
--आईएएनएस
लंदन, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब ने शनिवार को कहा कि 9 अगस्त के राष्ट्रपति चुनाव के बाद पूर्वी यूरोपीय देश में बढ़ती अशांति के बीच ब्रिटेन ने बेलारूस में अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। बीबीसी के रिपोर्ट अनुसार, राब ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन अस्थायी रूप से पोलैंड और लिथुआनिया की एकता के लिए तैनात राजदूत जैकलिन प*++++++++++++++++++++++++++++र्*न्स को वापस बुला लिया है।
राब की यह घोषणा बेलारूस द्वारा दो देशों के 35 डिप्लोमेट्स को निष्कासित करने के एक दिन बाद हुई।
विदेश सचिव ने कहा कि बेलारूसी द्वारा लिया गया यह निर्णय पूरी तरह से अनुचित है और वह वेलारूसवासियों को आगे एकदम से 'आइसोलट' कर देंगे।
इस बीच, जर्मनी, रोमानिया और चेक गणराज्य सहित सात अन्य यूरोपीय देशों ने भी अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है।
बीबीसी के रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह बेलारूस पुलिस ने 317 लोगों को हिरासत में लिया और पिछले 26 वर्षो से सत्ता में रहे लुकाशेंको के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन चलाया गया।
इस विराध प्रदर्शन में कम से कम 4 लोग मारे गए, जबकि सौकड़ों लोग घायल हो गए थे।
--आईएएनएस
पेशावर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| पेशावर हाईकोर्ट ने शहर में भाई बेबा सिंह प्राचीन गुरुद्वारे के एक भाग के ऑक्शन पर रोक लगा दी है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को, एक पीठ ने ऑक्शन को अवैध घोषित कर दिया। इस बाबत याचिका संयुक्त रूप से पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, साहिब सिंह और गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह की पांच सदस्यीय समिति से प्राप्त हुआ था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि इवक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड(ईटीपीबी), पेशावर के डिप्यूटी एडमिनिस्ट्रेटर ने 18 जुलाई 2016 को गुरुद्वारा भाई बेबा सिंह ने एक भाग की बोली लगाई थी और स्थानीय पुलिस को 20 नवंबर 2018 को एक पत्र जारी किया था। साथ ही कहा था प्राप्त करने वाले (अलॉटी) को उस भाग के पजेशन को सुनिश्चित किया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी पोजेशन के लिए गुरुद्वारा गए, उन्हें पता चला कि बताया गया भाग तो गुरुद्वारा के बाउंड्री वाल के अंदर है और इसलिए यह परिसर का भाग है।
उन्होंने कोर्ट से ऑक्शन और पुलिस को इस संबंध में लिखे पत्र को अवैध घोषित करने की मांग की। साथ ही कहा कि गुरुद्वारा सिखों के लिए ऐतिहासिक स्थल है।
दिसंबर 2018 में एक पीठ ने स्टे ऑर्डर जारी किया था और आगे के आदेश तक अधिकारियों को उक्त भाग से सिख समुदाय के लोगों को बाहर नहीं निकालने का आदेश दिया था।
300 वर्ष पुराना यह गुरुद्वारा शहर के चक्का गली में स्थित है और इसे महाराजा रंजीत सिंह के शासन काल में बनाया गया था।
महुआ वेंकटेश
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीन अपने बहु-प्रचारित बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के जरिए श्रीलंका, जाम्बिया, लाओस, मालदीव, कांगो गणराज्य, टोंगा, पाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे कई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर गंभीर वित्तीय खतरे में ढकेल रहा है।
चीन ने बीआरआई के जरिए इन देशों में खासा निवेश किया है और इन देशों को सपने दिखाए हैं कि इससे उनके बुनियादा ढांचे में सुधार आएगा, जो उन्हें आर्थिक विकास में मदद करेगा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा नियंत्रण में किए जाने के बाद ही बीआरआई प्रोजेक्ट में बंदरगाहों, सड़कों, रेलवे, हवाईअड्डों और बिजली संयंत्रों के विकास को शामिल किया गया था। इसके बाद यह प्रोजेक्ट सैकड़ों अरबों डॉलर का हो गया है।
पिछले 7 साल में इस प्रोजेक्ट ने 70 से ज्यादा देशों में अपना काम फैलाया है। श्रीलंका ने अपने प्रतिष्ठित हंबनटोटा पोर्ट होल्डिंग्स कंपनी को 99 साल के लिए चीन को लीज पर देने के बाद कर्ज में डूबे कई देशों पर चिंता के बादल घिर आए हैं।
ऐसे देशों की सूची खासी लंबी है। मालदीव पर चीन का लगभग 1.4 अरब डॉलर बकाया है। मालदीव के लिए कर्ज बहुत बड़ा है, क्योंकि उसकी जीडीपी ही 5.7 बिलियन डॉलर की है। वहीं जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में चाइना अफ्रीका इनीशिएटिव के एक अध्ययन के मुताबिक चीन का जाम्बिया पर कुल ऋण 2017 के अंत में लगभग 6.4 बिलियन डॉलर था।
सीएचआर माइकलसन इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट में कहा, "अगर यह आंकड़ा सही है, तो जाम्बिया पर कुल 14.7 बिलियन डॉलर (राज्य गारंटेड लोन सहित) का कर्ज हो सकता है, जिसमें चीनी लोन 44 फीसदी का है।"
उधर, पाकिस्तान की हालत भी खराब है। वहां बीआरआई के अलाचवा चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भी चल रहा है।
ईवाय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डी.के.श्रीवास्तव कहते हैं, "चीन आक्रामक रूप से उधार दे रहा है, वो भी खासकर गरीब देशों को। यह उन देशों के लिए अधिक समस्याएं और चुनौतियां पैदा करता है जो बीआरआई में शामिल हैं।"
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन कहते हैं, "जब हम गहराई से विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि चीन द्वारा चलाए जा रहे सभी प्रोजेक्ट्स चीन पर ही केंद्रित हैं। ये कंपनियां आम तौर पर चीनी सरकार के स्वामित्व में हैं।"
सुमी खान
ढाका, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और हिंसा की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ 16 अक्टूबर को ढाका से नोआखाली तक विरोध मार्च निकाला जाएगा।
इसमें विभिन्न राजनीतिक संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित सभी क्षेत्रों के लोग शामिल होंगे।
आयोजकों के अनुसार, 17 अक्टूबर को नोआखाली में एक बड़ी रैली होगी।
शुक्रवार को 'बांग्लादेश अगेंस्ट रेप एंड टॉर्चर' के बैनर तले ढाका में राष्ट्रीय संग्रहालय के बाहर एक विरोध प्रदर्शन किया गया।
नोआखाली में एक महिला के साथ मारपीट और सिलहट के एमसी कॉलेज में एक अन्य के साथ दुष्कर्म को लेकर मंगलवार से ढाका के शाहबाग और देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, पुलिस ने देश में अलग-अलग जगहों पर दुष्कर्म की घटनाओं के आरोप में करीब 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कानूनी अधिकार समूह आईन ओ सलिश केंद्र के अनुसार, इस साल जनवरी और अगस्त के बीच बांग्लादेश में कम से कम 889 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया।
इस अवधि में 192 अन्य को दुष्कर्म के प्रयासों और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जबकि नौ पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली।