राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 19 जुलाई । 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज यािन बुधवार को सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक बुलाई है।
बैठक में लोक सभा की बीएसी में शामिल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया गया है।
लोक सभा अध्यक्ष बिरला बीएसी की बैठक में सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के साथ ही सदन के सुचारू संचालन के लिए राजनीतिक दलों से सहयोग करने की अपील भी करेंगे।
लोक सभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में भाजपा एवं सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ ही कई अन्य मंत्री और सांसद मौजूद रह सकते हैं तो वहीं विपक्षी दलों की तरफ से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू और डीएमके सहित कई अन्य दलों के लोक सभा में नेता भी मौजूद रहेंगे।
आपको बता दें कि, संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह 11 अगस्त तक चलेगा। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 19 जुलाई । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि बसपा लोकसभा चुनाव और इसके पहले तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी। मायावती ने बुधवार को मीडिया को संबोधित किया और कहा कि विपक्षी दल सत्ता पाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं।
कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी ताकतों के साथ गठबंधन कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातिवादी दलों से गठबंधन बना रही है।
मायावती ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अकेले चुनाव लड़ने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों को अगर साथ आना है तो उसके लिए शर्त यह है कि उनका एनडीए और बदले गए यूपीए से भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए।
बीएसपी को भी सत्ता पर आसीन होने का अवसर मिल सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर बसपा को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों में अकेले चुनाव लड़कर दमखम दिखाना है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी कहीं पीछे नहीं है। पूरे देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जिला स्तर और प्रदेश स्तर पर पार्टी की बैठकों का दौर जारी है। हम संगठन को मजबूत करने पर फोकस कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कह आजादी के बाद से लंबे अर्से के शासन काल के दौरान हीन व जातिवादी और पूंजीवादी मानसिकता को त्यागकर देश में आमजन के हित में व कमजोर वर्ग के हित में काम किया होता तो कांग्रेस कभी सत्ता से बाहर नहीं होती। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 19 जुलाई । असम के मंत्री केशब महंत ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्ष द्वारा गठित भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) की आलोचना की है और कहा है कि यह सफल नहीं होगा।
उन्होंने विपक्ष के गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा, "उनके गठबंधन को 'इंडिया' नाम देने से कुछ नहीं होगा। हमें देखना होगा कि इसके अंदर क्या है। वे लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। वे किसी भी परिस्थिति में सफल नहीं होंगे।"
असम गण परिषद (एजीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष महंत ने कहा, ' इंडिया के नाम पर, उन्हें भविष्य में राष्ट्र की छवि खराब नहीं करनी चाहिए।"
"जिन राज्यों में विपक्षी दल नेतृत्व कर रहे हैं, वे अन्य दलों (अपने सहयोगियों) के लिए सीटें नहीं छोड़ेंगे। यहां तक कि, कांग्रेस को कई राज्यों में चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए, इस गठबंधन (INDIA) का परिणाम क्या होगा?" हम जानते हैं।"
2024 के आम चुनाव पर एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, "एनडीए का एकमात्र मंत्र विकास है। यह हमारा एकमात्र मुद्दा है।"
महंत ने एनडीए की बैठक में कहा, "यह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक अच्छी शुरुआत है।"
आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए मुख्य विपक्षी कांग्रेस सहित 26 राजनीतिक दलों ने मंगलवार को बेंगलुरु में 'इंडिया' नाम से एक गठबंधन बनाया। (आईएएनएस)।
उज्जैन 19 जुलाई । मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी पर कथित रूप से गंदगी फैलाने कर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वाले अदनान मंसूरी के मकान पर बुलडोजर चला है। प्रशासन की यह कार्यवाही अनोखे अंदाज में चल रही है, ढोल और नगाड़े बजाए जा रहे हैं।
सावन के महीने में बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकलते हैं। इसी के तहत हर सोमवार को सावन के महीने में विशेष सवारी निकाली जाती है। यह सवारी निकल रही थी तभी अदनान मंसूरी के आवास की छत पर से सवारी पर कथित तौर पर गंदगी फैलाई गई।
इसका वीडियो भी सामने आया है। उसके बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।
सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वाले के खिलाफ सरकार और प्रशासन ने गंभीर रुख अपनाया और उसके अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर चला है।
बुधवार को प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों की मौजूदगी में भारी पुलिस बल की तैनाती में बुलडोजर चलाया गया और इसके मकान को जमींदोज कर दिया गया।
इस मौके पर ढोल और बाजे भी बजाए गए। इस अनोखे तरीके के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि जो भी सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। (आईएएनएस )।
नयी दिल्ली, 18 जुलाई संसद के बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र से एक दिन पहले 19 जुलाई को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के साथ चर्चा की जायेगी।
संसदीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक अपराह्न 3 बजे संसदीय ग्रंथालय भवन में बुलाई गई है।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है।
यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है।
वहीं, हाल में कांग्रेस पार्टी की, संसदीय रणनीति समूह की बैठक में सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग उठाने पर जोर देने की बात कही गई थी। (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 18 जुलाई इंदौर में भारी बारिश के कारण सड़क पर जमा पानी में फंसे वाहन सवारों की मदद के लिए एक चाय विक्रेता आगे आया। उसने मेनहोल का ढक्कन खोला और वह इसके गड्ढे के ऊपर बेंच लगाकर करीब दो घंटे तक यातायात नियंत्रित करता रहा, जब तक सड़क पर जमा पानी पूरी तरह निकल नहीं गया।
यह घटना सोमवार की है और अनजान राहगीरों के प्रति चायवाले के इस मददगार रवैये की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है। इंटरनेट पर लोग इस शख्स की तारीफ के साथ ही सड़क पर जल जमाव के लिए इंदौर नगर निगम की आलोचना कर रहे हैं।
शहर के भमोरी क्षेत्र में चाय की दुकान चलाने वाले राहुल ने मंगलवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "भारी बारिश के कारण सोमवार को मेरी दुकान के सामने सड़क पर तीन ओर से पानी बहकर इस कदर जमा हो गया कि कई राहगीरों की गाड़ियां इसमें फंस गईं और इन वाहनों को धक्का मारकर बाहर निकालना पड़ा।"
राहुल ने बताया कि सड़क पर जमा पानी निकालने के लिए उन्होंने मेनहोल का ढक्कन खोला और खुले मेनहोल पर बेंच लगाकर बैठ गए। उन्होंने बताया, "मैं बेंच पर बैठकर यातायात नियंत्रित करता रहा ताकि भारी बारिश के बीच कोई राहगीर इसके गड्ढे में नहीं गिरकर घायल न हो जाए।"
चाय विक्रेता ने बताया कि सड़क पर जमा पानी निकलने में करीब दो घंटे लगे और इस दौरान नगर निगम का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा था। (भाषा)
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही.
इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि देश और लोगों को बचाना जरूरी है.
अखिलेश ने कहा, ''देश की दो तिहाई जनता बीजेपी के खिलाफ हैं तो इस बार बीजेपी का सफाया करने के लिए सब एक हैं.''
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ''देश के लोकतंत्र, संविधान, भाईचारे, विविधता को बचाने के लिए हम साथ आए हैं."
उन्होंने कहा, "संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है. देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है. अहम मुद्दों पर बात नहीं हो रही है, ज़हर पर बात हो रही है.''
विपक्ष की बैठक में जम्मू कश्मीर से उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुए.
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''जो इस वक़्त मुल्क के हालात हैं, जो संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है. गांधी के मुल्क की ताकत और विविधता को मिट्टी में मिलाया जा रहा है. भारत के विचार को बचाना होगा.'' (bbc.com)
नई दिल्ली, 18 जुलाई । बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 67,000 अंक के एक और मील के पत्थर की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
मंगलवार को सेंसेक्स 360 अंक ऊपर उठकर 66,960 अंक पर पहुंचा। इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस में 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई। वहीं टाइटन और टाटा मोटर्स में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि चूंकि बाजार बहुत ज्यादा तेजी से ऊपर गया है, इसलिए किसी भी समय इसमें सुधार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्तर पर कुछ मुनाफावसूली हो सकती है।
एचडीएफसी बैंक के अच्छे नतीजे बैंक निफ्टी के लिए अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा, बैंकिंग शेयरों से और अच्छे नतीजे आने की संभावना है।
वैश्विक बाज़ार का ढांचा अनुकूल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉलर में गिरावट और उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह से बाजार में मजबूती आ सकती है।
हालांकि, उच्च मूल्यांकन और संभावित मुनाफावसूली इस पर लगाम भी लगा सकती है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 18 जुलाई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार बंगलुरू में चल रही विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को बेंगलुरु पहुंचे।
राज्य मंत्री एम.बी. पाटिल और लक्ष्मी हेब्बालकर ने हवाई अड्डे पर एनसीपी सुप्रीमो का स्वागत किया।
सूत्रों ने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद कहा जा रहा था कि शरद पवार बैठक में नहीं आएंगे।
बैठक में भाग लेने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और माकपा नेता सीताराम येचुरी, सहित अन्य नेता शामिल हैं।
कांग्रेस इस घटना के नतीजे से उत्साहित है।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बैठक में मौजूद हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी शाम को एक डिनर पार्टी का आयोजन कर रही हैं। (आईएएनएस)।
भोपाल, 18 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा के चुनाव बीते चुनाव से जुदा रहने वाले हैं और यह अभी से नजर आने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ जहां राजनेताओं के सियासी हमले जारी हैं तो वहीं व्यंग्य का भी पुट आ गया है। इतना ही नहीं वे सियासी पाली में खड़े नजर तक आ रहे हैं।
राज्य में सियासी दलों की ओर से जहां एक दूसरे पर जनता की उपेक्षा से लेकर घपले घोटालों के आरोप लगाए जा रहे हैं तो वहीं लोक गायक से लेकर कवियों की तरफ से भी व्यंग्य के जरिए हमले किए जा रहे हैं।
बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने एमपी में का बा के जरिए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर तो हमले किए ही हैं, साथ में व्यक्तिगत तौर पर भी तंज कसे हैं। वहीं सुनील साहू ने सरकार की योजनाएं गिनाते हुए भाजपा की प्रशंसा की है।
इस मामले में अनामिका अंबर नाम की कवि की भी एंट्री हो गई है और उन्होंने मामा मैजिक कर सोशल मीडिया पर एक कविता साझा की है।
कुल मिलाकर राज्य की राजनीति में देखें तो इस बार सियासी नेता तो एक दूसरे को घेरने में लगे ही हैं, दूसरी ओर जनता के बीच अपनी रचना धर्मी के तौर पर पहचान बना चुके कलाकार की सियासी पाले में खड़े नजर आ रहे हैं।
नेहा सिंह राठौर की एमपी में का बा पर शिवराज सिंह चौहान ने भी सवाल उठाए। नेहा का उन्होंने नाम तो नहीं लिया, मगर जनता से इतना जरूर कहा -- क्या मैं आपको कंस मामा नजर आता हूं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने तो राज्य में व्यापम का बा और घोटाले का बा तक का जिक्र कर सरकार को घेरा। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक का आज दूसरा दिन है.
इस मौक़े पर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं का बेंगलुरु पहुंचना जारी है. इस दौरान लालू प्रसाद यादव भी बेंगलुरु पहुंचे.
लालू प्रसाद यादव जब बैठक के लिए जा रहे थे तो पत्रकारों ने उनसे उनकी प्रतिक्रिया पूछी.
लालू प्रसाद यादव ने कहा, ''नरेंद्र मोदी को अब विदाई देना है.''
पीएम मोदी ने भी मंगलवार को बेंगलुरु में एकजुट हुए विपक्षी नेताओं पर तंज कसा है.
पीएम मोदी ने कहा, ''2024 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बड़ा फिट बैठता है कि ये लोग गा कुछ रहे हैं, हाल कुछ है, लेबल कुछ है और माल कुछ है. इनकी दुकान पर दो चीजों की गारंटी मिलती है. ये अपनी दुकान पर जातिवाद का जहर बेचते हैं और दूसरा असीमित भ्रष्टाचार करते हैं. आज कल ये लोग बेंगलुरु में जुटे हैं." (bbc.com)
मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 21 जुलाई को सुनवाई करेगा.
गुजरात के सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दोषी माना था और दो साल की सज़ा सुनाई थी.
हालांकि राहुल गांधी को फौरन ज़मानत दे दी गई. लेकिन दोषी क़रार दिए जाने के कारण राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी.
सूरत की अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ राहुल गांधी के वकीलों ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था.
गुजरात हाई कोर्ट ने भी सूरत की अदालत के फ़ैसले को बरकरार रखा था.
इसी फ़ैसले के ख़िलाफ़ कांग्रेस की ओर से वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी.
20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. अगर 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट राहुल के हक़ में फ़ैसला देता है तो राहुल गांधी संसद के मॉनसून सत्र में शामिल हो सकते हैं. (bbc.com)
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हो रही है.
इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी पहुंचे हैं. महाराष्ट्र में अजित पवार के एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार से मिलने के बाद ये पहली बार है, जब शरद पवार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी बैठक में शरीक हो रहे हैं.
बैठक के दौरान शरद पवार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है.
शरद पवार ने कहा, ''आज मैं बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुआ. इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, लालू यादव, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव शामिल हुए. इस मौक़े पर सभी मौजूद नेताओं ने ये फ़ैसला किया है कि साथ लड़ेंगे और साथ जीतेंगे.'' (bbc.com)
नई दिल्ली, 18 जुलाई । सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों में भी इसकी झलक मिलती है। वहीं हिंदी का ज्ञान विभिन्न मातृभाषा वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बंधन कारक है। यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रमों का विस्तार करने का आह्वान किया। प्रधान का कहना है कि उपलब्ध कराए जाने वाले पाठ्यक्रम मौजूदा समय की मांग और आवश्यकताओं के अनुरूप होने चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने दिल्ली में आगरा की केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल शासी परिषद द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह बातें कहीं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी भाषा की शिक्षा प्रदान करने के लिए आधुनिक व प्रौद्योगिकी आधारित दृष्टिकोण का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि केन्द्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल वह संस्था है, जो केन्द्रीय हिन्दी संस्थान का संचालन करती है। धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान चालू वित्त वर्ष के लिए संस्थान द्वारा चलाई जा रही तथा प्रस्तावित कार्य योजनाओं की समीक्षा भी की।
इस अवसर पर उन्होंने देश और विदेश में लोगों को हिंदी भाषा सिखाने के विभिन्न पहलुओं में शामिल होने वाले सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों व अन्य संगठनों के कार्य को समेकित एवं समन्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधान ने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों में भी इसकी झलक मिलती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंदी का ज्ञान विभिन्न मातृभाषाओं वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बंधन कारक है। उन्होंने केंद्रीय हिंदी संस्थान से ऑनलाइन माध्यमों द्वारा विशेष रूप से गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए अपने पाठ्यक्रमों का विस्तार करने का आह्वान किया, ताकि इसकी पहुंच कई गुना बढ़ सके। (आईएएएस)।
हाजीपुर, 18 जुलाई । बिहार के वैशाली जिला के भगवानपुर थाना क्षेत्र में एक मंदिर के पुजारी को पीट-पीटकर मार देने की घटना सामने आई है। इस मामले में पुलिस अब जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, भगवानपुर थाना क्षेत्र के सतपुरा गांव के शिव मंदिर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया। इसके बाद कुछ लोगों का मंदिर के अन्य लोगों से विवाद हो गया और मारपीट शुरू हो गई।
बताया जाता जा कि मंदिर के पुजारी राम नारायण गिरी इसी मारपीट में बीच बचाव करने गए तो लोगों ने इनके साथ भी मारपीट कर दी। पुजारी को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक पुजारी राम नारायण गिरी पिछले 18 वर्षों से अस्थिपुर सतपुरा शिव मंदिर में पुजारी थे। वो थाना क्षेत्र के ही शर्मा अमर गांव के रहने वाले थे।
भगवानपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार परमहंस ने मंगलवार को बताया कि पुजारी पहले से ही बीमार चल रहे थे। उन्हें दिल की बीमारी थी। लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। मारपीट हो रही था तभी मंदिर पुजारी बीच बचाव करने गए।
उन्होंने बताया कि शक के आधार पर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। लिखित आवेदन प्राप्त होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 18 जुलाई । लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के लिए गठबंधन के साथियों को बचाने की बड़ी चुनौती है। पुराने साथी हाथ छुड़ाने और भाजपा को ताकत देने में जुटे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में जो गठबंधन मिलकर लड़े थे, वह भाजपा के खेमे में चले गए हैं।
यहां तक कि समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह भी भाजपा में चले गए। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़ा, दलित और मुस्लिम का गठजोड़ बनाने के लिए सपा मुखिया ने हर कोशिश की, जिसमें महान दल, सुभासपा और रालोद के अलावा भाजपा सरकार के तीन मंत्री दारा सिंह चौहान, स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सपा के साथ आए थे। सुभासपा के सिंबल पर छह और रालोद के सिंबल पर आठ सीटों पर सफलता भी मिली थी हालांकि गठबंधन के तहत इन दोनों पार्टियों को क्रमशः 18 और 33 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद मई में राज्यसभा के चुनाव हुए। जिसमें सहयोगी राजभर ने एक सीट मांगी थी जिसमें सपा ने न तो सीट दी न ही उनसे बात की। तभी से मामला खराब हो गया और वो छिटक कर चले गए।
इसके बाद विधान परिषद में हालात और खराब हो गए। ऐसे ही केशव देव मौर्य और अब दारा सिंह साथ छोड़कर चले गए हैं।
सूत्र बताते हैं कि सपा के कुछ और लोग भी पाला बदलने की तैयारी में हैं। सपा के गठबंधन में अभी फिलहाल रालोद व अपना दल कमेरावादी ही बचे हुए हैं। यह लोग बेंगलूर की बैठक में भी गए हैं। इस बैठक में बसपा से आए राम अचल राजभर और लाल जी वर्मा भी गए हैं।
बताया जा रहा है कि अखिलेश एक संदेश देना चाहते हैं। अभी भी उनकी पार्टी में पिछड़े को उतनी ही तवज्जो है।
राजनीतिक जानकार प्रसून पांडेय कहते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को भले जीत ना मिली हो लेकिन उनकी सीटे बढ़ी हैं। गैर यादव बिरदारी को भी जोड़ने में सफलता मिली। लेकिन वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने साथियों को सहेज नहीं पा रही है। गठबंधन की गांठ ढीली पड़ने लगी है।
ओपी राजभर पहले ही साथ छोड़ गए। रालोद को लेकर अभी संशय है। उनके अपने विधायक दारा सिंह भाजपा में चले गए हैं।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत बड़ी चुनौती है। इनके गैर यादव बिरादरी जोड़ने के अभियान में दारा सिंह और ओपी राजभर ने ब्रेक लगा दिया है। जयंत चौधरी भले ही बेंगलूर बैठक में चले गए हों। लेकिन अभी वह भी मोलभाव करेंगे। इसी कारण अखिलेश अपने पुराने फॉर्मूले यादव और मुस्लिम की ओर भी बढ़ रहे हैं। इसकी बानगी आम दावत में दिख चुकी है। कांग्रेस भी राष्ट्रीय चुनाव में अपने को मजबूत दिखाने का प्रयास करेगी। यह चुनाव अखिलेश मुलायम के बगैर लड़ रहे हैं। उनके सामने गठबंधन के साथियों के साथ समीकरण ठीक करने की चुनौती है। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 18 जुलाई अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत है और समूह को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए गए थे।
उन्होंने अपने समूह की कंपनियों की आम सभा (एजीएम) में कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट उस समय प्रकाशित की, जब समूह भारत के इतिहास में सबसे बड़े अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) की योजना बना रहा था।
उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों को मिलाकर तैयार की गई थी, जिनमें से ज्यादातर आरोप 2004 से 2015 तक के थे।'
अडाणी ने कहा, 'उन सभी आरोपों का निपटारा उस समय उपयुक्त अधिकारियों ने किया था। यह रिपोर्ट जानबूझकर और दुर्भावना के साथ तैयार की गई थी, जिसका मकसद हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे शेयरों की कीमतों में अल्पकालिक गिरावट से मुनाफा कमाना था।'
इस रिपोर्ट के बाद भी समूह के एफपीओ को पूरा अभिदान मिल गया था, लेकिन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उनका धन वापस करने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा, 'हमने तुरंत इसका एक व्यापक खंडन जारी किया, लेकिन निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोगों ने शॉर्ट-सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की। इन्होंने विभिन्न समाचारों और सोशल मीडिया मंचों पर झूठी कहानियों को बढ़ावा दिया।' (भाषा)
मुंबई, 18 जुलाई मुंबई की फिल्म सिटी में एक स्टूडियो के सेट पर तेंदुआ दिखने और एक मृत कुत्ता अधखाई हालत में मिलने के बाद यहां काम करने वाले कर्मचारियों में दशहत फैल गई है। महाराष्ट्र वन विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
रेसकिंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर (आरएडब्ल्यूडब्ल्यू) के संस्थापक एवं अध्यक्ष और राज्य वन विभाग के मानद वन्यजीव वार्डन पवन शर्मा ने बताया कि घटना रविवार रात की है। सूचना दिए जाने के बाद अधिकारियों की कई टीमों ने मौके का दौरा कर स्थिति का आकलन किया।
गोरेगांव स्थित फिल्म सिटी के सेट पर घूमते तेंदुए का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है।
शर्मा ने बताया कि कुत्ते पर हमला करने की घटना के बाद से सेट पर काम करने वाले कर्मचारी घबराए हुए हैं।
यह फिल्म सिटी संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर है और वन क्षेत्र आरे मिल्क कॉलोनी से भी सटी है। इन जगहों पर तेंदुओं का आना जाना लगा रहता है।
शर्मा ने कहा, ‘‘हम नियमित रूप से परिसर में गश्त करेंगे। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। चूंकि फिल्म सिटी वन क्षेत्र के पास ही है ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए।’’
उन्होंने बताया कि प्रतीत होता है कि तेंदुआ शिकार की तलाश में था।
शर्मा ने कहा, ‘‘जंगली जानवरों के शिकार की तुलना में कुत्तों का शिकार करना आसान होता है। जंगल में घास और झाड़ियां अधिक होने के कारण जंगली जानवरों को मारना तुलनात्मक रूप से कठिन होता है।’’
उन्होंने बताया कि वन्यजीव स्वयंसेवकों के साथ मिलकर वन विभाग तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाएगा।
शर्मा ने कहा, ‘‘ऐसे इलाकों में लोगों को समूहों में चलना चाहिए, अंधेरे में अकेले नहीं जाना चाहिए, चलते समय मोबाइल रेडियो चालू करके टॉर्च का उपयोग करना चाहिए ताकि अगर आसपास कोई जंगली जानवर हो तो वह दूर चला जाए ।’’ (भाषा)
सीहोर, 18 जुलाई । मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक व्यक्ति पर अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने और जबरन पेशाब पिलाने का आरोप लगा है। पिटाई करने का वीडियो भी पीड़ित महिला ने पुलिस को सौंपा है।
मामला सीहोर जिले की श्यामपुर तहसील के गांव का है। महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि वह श्यामपुर तहसील के गांव की रहने वाली है और लगभग 24 साल पहले उसकी शादी सीहोर के ही अवधपुरी कॉलोनी निवासी से हुई थी।
उसका कहना है कि उसका पति भवन निर्माण सामग्री का आपूर्ति करता है और उसके दो बच्चे भी हैं।
पुलिस को दी गई शिकायत में महिला ने बताया है कि एक दिन उसका पति पैर से बिछिया जबरिया उतारने लगा। जब उसने इस बात का विरोध किया तो पति ने उसकी पिटाई की। बच्चों के आ जाने पर उन्होंने बचा लिया। यह सिलसिला लगातार कई बार चला। निर्वस्त्र कर पीटा भी और एक बार तो पेशाब भी पिलाई।
श्यामपुर पुलिस के अनुसार पीड़ित महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 18 जुलाई जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार पर बेंगलुरु में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 30 अधिकारियों को तैनात करके राज्य में ‘आईएएस बंधुआ मजदूरी’ नीति शुरू करने का आरोप लगाया। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने की रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों के नेता बेंगलुरु में बैठक कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कई ट्वीट कर कहा कि आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता एवं दक्षता के प्रतीक हैं और इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए ‘द्वारपाल’ के रूप में तैनात करना अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
कुमारस्वामी ने एक ट्वीट में बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं की मेजबानी के लिए तैनात आईएएस अधिकारियों के नामों की सूची साझा करते हुए आरोप लगाया, ‘‘गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल करने के लालच में कांग्रेस ने कर्नाटक के गौरव, विरासत और आत्मसम्मान का अंतिम संस्कार कर दिया है। अपने गठबंधन नेताओं की सेवा के लिए आईएएस अधिकारियों को तैनात कर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने गलत किया है। क्या कथनी और करनी में अंतर न होने का उनका यही मतलब है?’’
जद (एस) नेता ने कहा, ‘‘यह न तो राज्य सरकार का कार्यक्रम है, न ही नयी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह। यह सिर्फ एक राजनीतिक बैठक है। अपने गठबंधन के नेताओं की मेजबानी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नियुक्त करना राज्य के 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों के साथ गंभीर अन्याय और बहुत बड़ा अपमान है।’’
एकता के आह्वान के साथ 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के उद्देश्य से अपने संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए सोमवार को बेंगलुरु में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श शुरू किया।
सोमवार को आयोजित रात्रिभोज बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता राहुल गांधी, राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, जनता दल (यूनाइटेड) नेता नीतीश कुमार, आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद शामिल हुए। इस बैठक में मंगलवार सुबह शुरू होने वाली औपचारिक वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर चर्चा की गई।
कुमारस्वामी ने कहा, “आईएएस अधिकारी राज्य की क्षमता और दक्षता के प्रतीक हैं और वे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इन अधिकारियों को राजनेताओं की सेवा के लिए ‘द्वारपाल’ के रूप में तैनात करना सत्तारूढ़ दल के अहंकार की पराकाष्ठा को दर्शाता है।” (भाषा)
मुंबई, 18 जुलाई । अभिनेत्री भूमि पेडनेकर मंगलवार को 34 वर्ष की हो गईं। भूमि एक अभिनेत्री होने के साथ पर्यावरण प्रेमी भी हैं, और इसको लेकर भूमि ने एक संगठन 'द भूमि फाउंडेशन' बनाने का फैसला किया। उन्हाेंने पूरे भारत में इसके काम को आगे बढ़ाने को लेकर बात की।
अभिनेत्री भूमि पेडनेकर अगले कुछ महीनों में 'द भूमि फाउंडेशन' को लॉन्च करेंगी। इस संस्था का मकसद पूरे भारत में प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए संगठनों और जलवायु संरक्षणवादियों को सशक्त बनाना होगा।
भूमि पेडनेकर ने कहा, वास्तविक परिवर्तन तभी हो सकता है जब हम अपने कार्यों के लिए जवाबदेही लेना शुरू करें और बड़े पैमाने पर समाज और मानवता के लिए सही काम करने के लिए आगे बढ़ें। मैं अपनी धरती को बचाने के लिए काम करना चाहती हूं, साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेेेेहतर वातावरण देकर जाना चाहती हूं।
अभिनेत्री ने कहा, "मुझे बहुत खुशी होगी अगर भूमि फाउंडेशन उन लोगों को सशक्त बनाकर पर्यावरण को बचाने में प्रमुख भूमिका निभा सके जिन्होंने पृथ्वी की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।"
वह आगे कहती हैं, "भूमि फाउंडेशन को लॉन्च करने की दिशा में काम करना मेरे लिए खुशी की बात है और वह भी मेरे जन्मदिन पर, इससे ज्यादा खास कुछ नहीं हो सकता। मेरे नाम का मतलब पृथ्वी है। मैं अपनी कमाई का एक हिस्सा भूमि फाउंडेशन की ओर जाएगा ताकि इस धन का उपयोग पर्यावरण की सहायता के लिए किया जा सके।''
भूमि कहती हैं, एक जलवायु योद्धा रूप में मैं जागरूकता बढ़ाने, बातचीत को बढ़ावा देने और एक स्थायी पर्यावरण के निर्माण के लिए सब कुछ करना चाहती हूं। जब भूमि फाउंडेशन लॉन्च होगा तो इससे जलवायु संरक्षणवादियों और पर्यावरणविदों की सेना को मदद मिलेगी। (आईएएनएस)।
जम्मू, 18 जुलाई अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा है कि उनकी पार्टी न तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ है और न ही विपक्ष के साथ है।
बुखारी ने जोर देकर कहा कि उनकी प्रतिबद्धता नयी दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के हितों के प्रति है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण जम्मू-कश्मीर केंद्र सरकार से कटकर रहने का जोखिम नहीं उठा सकता।
बुखारी ने कहा, “हमें दिल्ली के साथ खड़ा होना होगा। यही राष्ट्रहित में है। यही हमारे लोगों के हित में है।”
जम्मू-कश्मीर की दो प्रमुख पार्टियां-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जहां भाजपा के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों के साथ खड़ी हैं, वहीं अपनी पार्टी ने खुद को राजनीतिक रूप से तटस्थ रखने का फैसला किया है।
बुखारी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में कहा, “हम नयी दिल्ली के साथ हैं। हम न तो भाजपा और न ही विपक्ष के साथ हैं। हम न तो उनके साथ हैं, जो बेंगलुरु में बैठक कर रहे हैं और न ही भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हैं।”
उन्होंने कहा, “जहां तक अपनी पार्टी का सवाल है, हम दिल्ली के साथ खड़े हैं। आप यह भी मान सकते हैं कि कल हम उस पार्टी के साथ हो सकते हैं, जो दिल्ली में शासन संभालेगी। हालांकि, उस पार्टी (कांग्रेस के केंद्र की सत्ता में आने) की संभावना सबसे कम है।” (भाषा)
पोर्ट ब्लेयर, 18 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को वापस लाने का मन बना चुके हैं इसलिए ‘देश की बदहाली’ के लिए जिम्मेदार लोग एक बार फिर ‘अपनी दुकान’ खोलकर बैठ गए हैं।
यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये एकीकृत टर्मिनल का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भारत कहां से कहां पहुंच सकता था, लेकिन भारतीयों के सामर्थ्य के साथ ‘भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों’ ने अन्याय किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के 75 साल बाद हमारा भारत कहां से कहां पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है। लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ हमेशा भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया है।’’
मोदी ने दावा किया कि आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार ‘हमारी सरकार’ वापस लाने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में भारत की बदहाली के लिए जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोल कर बैठ गए हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ 'लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए' है लेकिन इन परिवारवादी पार्टियों का एक ही मंत्र है और वह है 'परिवार का, परिवार द्वारा, परिवार के लिए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के लिए, उनका परिवार सबसे पहले है और राष्ट्र कुछ भी नहीं है।
विपक्ष के कई दलों के शीर्ष नेता मंगलवार को बेंगलुरु में औपचारिक रूप से मंत्रणा के लिए जुटे हैं कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए।
कांग्रेस ने दावा किया है कि इस बैठक में 26 विभिन्न दलों के नेता शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों की इस बैठक को ‘कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन’ करार दिया और अवधी भाषा की एक कविता की कुछ पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 (2024) के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।’’
मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों के नेता देश के लोकतंत्र और संविधान को ‘अपना बंधक’ बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा - नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।’’
मोदी ने कहा कि ‘इनकी दुकान’ पर दो चीजों की गारंटी मिलती है और वह गारंटी है ‘जातिवाद का जहर’ और ‘असीमित भ्रष्टाचार’।
बेंगलुरु की बैठक का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप देखिए, यह लोग कितने चेहरे लगा कर बैठे हैं। जब यह लोग कैमरे के सामने एक फ्रेम में आ जाते हैं तो पहला विचार देश के सामने यही आता है... पूरा फ्रेम देख करके देशवासी यही बोल उठता है... लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार। यह तो कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। लेबल कुछ और लगाया है माल कुछ और है। इनका उत्पाद है 20 लाख करोड रुपए के घोटाले की गारंटी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं, बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है - अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ।’’
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में पिछले नौ साल में हुए विकास कार्यो का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ बड़े शहरों और कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहा और कुछ दलों की ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ के कारण विकास का लाभ देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिनमें इनका खुद का भला हो, इनके परिवार का भला हो। नतीजा ये हुआ कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों और द्वीपों की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।’’ (भाषा)
नोएडा, 18 जुलाई उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की, जो मई में अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी और अब ग्रेटर नोएडा में अपने भारतीय साथी सचिन मीणा के साथ रह रही है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि एटीएस सीमा के साथी सचिन को भी पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने पहली बार सोमवार को सीमा और सचिन से नोएडा स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ की थी और देर रात दोनों को घर भेज दिया था।
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने सीमा (30) और सचिन (22) को चार जुलाई को गिरफ्तार किया था, लेकिन सात जुलाई को एक अदालत ने दोनों को जमानत दे दी थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 18 जुलाई उच्चतम न्यायालय गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के उस फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।
गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने याचिका को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
पीठ ने कहा कि वह 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगी।
गांधी ने 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’’ का दम घुट जाएगा।
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’ इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।
उनकी याचिका में कहा गया, ‘‘अत्यंत सम्मानपूर्वक यह दलील दी जाती है कि यदि विवादित फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र बयान का दम घुट जाएगा।’’
गांधी ने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।
इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। मामले में फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। (भाषा)