राष्ट्रीय
लखनऊ, 20 जुलाई | दुनिया के विभिन्न देशों में सरकारों द्वारा मानवाधिकार कार्यकतार्ओं, पत्रकारों और वकीलों की जासूसी कराने का मामला एक बार फिर उछला है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच यथाशीघ्र कराई जाए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जासूसी मामले में मंगलवार को एक बाद एक ट्वीट करके निशाना साधा और कहा कि जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सूक्ष्म जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला है जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से यहाँ देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है।
उन्होंने कहा कि इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
ज्ञात हो कि विभिन्न देशों में सरकारों द्वारा मानवाधिकार कार्यकतार्ओं, पत्रकारों और वकीलों की जासूसी कराने का मामला एक बार फिर गरमाया है। इंटरनेशनल मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 300 से ज्यादा लोगों के फोन टैप कराए गए हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सामाजिक कार्यकर्ता और कई उद्योगपति शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे।
फोन टैपिंग के लिए इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ लोगों की सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई भी ठोस आधार नहीं है। पूर्व में भी व्हाट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे। उन रिपोटरें का भी कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सऐप समेत सभी पक्षों के जरिए इसका स्पष्ट रूप से खंडन किया गया था। सरकार के मुताबिक यह रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी संस्थाओं को बदनाम करने की एक कोशिश प्रतीत होती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई )| कर्नाटक कांग्रेस में दरार दिल्ली तक पहुंच गई है और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धरमैया को मतभेदों को दूर करने और पार्टी के लिए मिलकर काम करने के लिए बुलाया गया है। सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है। सिद्धारमैया ने पार्टी में किसी भी दरार से इनकार किया है और कहा है कि वह और शिवकुमार दोनों मिलकर पार्टी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे राहुल गांधी से मिलने के लिए कहा गया है।"
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के मंगलवार को नई दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करने की संभावना है।
दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर आमने-सामने हैं और जब सिद्धारमैया के समर्थकों ने उनको कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया तो शिवकुमार ने उन्हें झिड़क दिया।
उनके बीच ताजा मुद्दा अवैध खनन का है, जिस पर कर्नाटक कांग्रेस विभाजित घर बनी हुई है क्योंकि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया एक बार फिर निर्दलीय सांसद सुमलता द्वारा उठाए गए मुद्दे पर मतभेद रखते हैं।
सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि एक जांच होनी चाहिए, जबकि शिवकुमार ने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध खनन की कोई रिपोर्ट नहीं है। (आईएएनएस)
मुंबई, 20 जुलाई | भारतीय मूल के ब्रिटिश बिजनेसमैन और बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को आज मुंबई पुलिस एक कोर्ट में पेश करेगी और उनके लिए रिमांड की मांग करेगी। सोमवार देर रात को मुंबई पुलिस ने एक चौंका देने वाला खुलासा किया है, जिसके तहत राज कुंद्रा पर अश्लील सामग्री बनाने और उन्हें मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पब्लिश करने के आरोप लगाए गए हैं।
इस कार्रवाई पर खुलासा खुद मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने फरवरी में दर्ज एक मामले के आधार पर किया। तब से 46 वर्षीय कुंद्रा अपराध शाखा-सीआईडी की जांच के दायरे में हैं और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
अचानक से हुई इस गिरफ्तारी से पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री हैरान है, जो पहले ही ड्रग के सेवन से जुड़े मामले पर कानून की रडार में है।
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि जांचकर्ताओं ने कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जबकि पूरे रैकेट में अन्य ज्ञात और अज्ञात व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
नागराले ने कहा है, "अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप्स के माध्यम से उन्हें प्रकाशित करने को लेकर क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, गिरफ्तारी भी कर ली गई है क्योंकि राज ही इसके मुख्य साजिशकर्ता लगते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास इस संबंध में कई सबूत हैं। आगे की जांच जारी है।" (आईएएनएस)
भभुआ, 20 जुलाई | बिहार के कैमूर जिले के दुर्गावती थाना क्षेत्र में सोमवार की देर रात एक कार के सड़क किनारे पानी भरे खाई में पलट जाने से पांच युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सभी लोग जम्मू-कश्मीर, वाराणसी से घूमकर अपने गांव लौट रहे थे। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि कैमूर जिले के कुछ युवक जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। वाराणसी से कुछ मित्र अन्य गाड़ी से अपने गांव वापस लौट गए जबकि पांच लोग एक कार से अपने गांव लौट रहे थे।
इसी दौरान जीटी रोड पर कुल्हड़िया गांव स्थित कुलेश्वरी धाम मोड़ पर चालक का कार से नियंत्रण हट गया और कार सड़क किनारे पानी से भरे खाई में जाकर पलट गई। रात को किसी भी व्यक्ति को इस घटना की खबर नहीं मिली, मंगलवार की सुबह जब लोगों ने कार देखी तब इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
मोहनिया के पुलिस उपाधीक्षक रघुनाथ सिंह ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि क्रेन मंगवाकर क्षतिग्रस्त कार को पानी से बाहर निकलवाया गया तथा सभी शवों को पानी से बाहर निकाल लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान मोहनियां थाना क्षेत्र के कुरई गांव निवासी सूरज सिंह, बरेज निवासी राहुल सिंह, रामगढ़ थाना के जमुरना गांव निवासी पंकज सिंह व विनोद कुमार सिंह तथा भभुआ थाना के जिगना गांव निवासी भवानी सिंह के रूप में की गई है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल भेज दिया है और मामले की छानबीन की जा रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जुलाई | भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा ने ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों के नामांकन को लेकर स्पष्टता की कमी को लेकर अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) पर निशाना साधा है। 41 वर्षीय बोपन्ना ने कहा कि भारत की शीर्ष टेनिस संस्था ने उनकी योग्यता को लेकर उन्हें और पूरे देश को गुमराह किया है।
बोपन्ना ने ट्वीट किया, आईटीएफ ने कभी भी सुमित नागल और मेरे लिए एक प्रविष्टि स्वीकार नहीं की है। आईटीएफ स्पष्ट था कि नामांकन की समय सीमा (22 जून) के बाद किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं थी जब तक कि चोट / बीमारी न हो। एआईटीए ने खिलाड़ियों, सरकार, मीडिया और बाकी सभी को यह कहकर गुमराह किया है।
यह बताया गया कि एआईटीए ने दिविज शरण का नामांकन वापस लेकर ओलंपिक में पुरुष युगल प्रतियोगिता में बोपन्ना को सुमित नागल के साथ जोड़ा था।
एआईटीए ने दोनों की जोड़ी बनाने के बारे में सोचा था क्योंकि नागल पहले ही एकल स्पर्धा के लिए क्वालीफाई कर चुके थे और टोक्यो के लिए बाध्य थे।
हालांकि, जैसा कि बोपन्ना ने कहा कि आईटीएफ ने बदलाव को स्वीकार नहीं किया है।
सानिया ने एक ट्वीट में कहा, भारत की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया मिर्जा ने भी एआईटीए की आलोचना की और ट्वीट किया, क्या, अगर यह सच है तो यह बिल्कुल हास्यास्पद और शर्मनाक है. आप और मैं योजना के अनुसार खेलते। हम दोनों को बताया गया कि आपको और सुमित के नाम दिए गए हैं। (आईएएनएस)
रांची, 20 जुलाई | झारखंड सरकार ने अभी तक देवघर में श्रावणी मेला आयोजित करने पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, सूत्रों ने संकेत दिया है कि इस साल भी देवघर के प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर में कोविड -19 महामारी के कारण वार्षिक उत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार श्रावण मास में आम भक्तों के लिए मंदिर नहीं खोला जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को बंद करने की तैयारी की जा रही है, जिन्हें कांवड़िया मार्ग से श्रावण मास में आने से भी रोका जाएगा।
देवघर प्रशासन के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि झारखंड के प्रवेश द्वार डुम्मा को भी सील कर दिया जाएगा और वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। पुलिस बिहार से आने वाले कांवड़ियों को वापस भेज देगी।"
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन की ओर से दुम्मा, मातृ मंदिर स्कूल चौक, नेहरू पार्क, जलसर मोड़, रंगा मोड़, दर्शनी मोड़ और लक्ष्मीपुर चौक समेत कई जगहों पर अस्थाई कार्यालय-सह-पुलिस छावनी बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार इन अस्थायी पुलिस छावनियों के लिए पंडाल बनाने के आदेश दिए गए हैं।
श्रावण मास में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है। यह निर्णय लिया गया है कि श्रावण मास की शुरूआत से पहले एक हजार से अधिक पुलिस कर्मी बाबाधाम पहुंचेंगे।
इन पुलिसकर्मियों को समायोजित करने के लिए जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग को कई स्कूल भवन उपलब्ध कराए हैं।
देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक है। हर साल, 35 लाख से अधिक भक्त श्रावण महीने में शिव लिंग पर जल चढ़ाते हैं। हालांकि, महामारी के कारण, पिछले साल वार्षिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था। और इस साल भी आशंका के बीच देवघर में श्रावणी मेला की संभावना नहीं है। (आईएएनएस)
यूरोपीय आयोग ने कहा है कि पेगासस जैसी घटनाएं पूरी तरह अस्वीकार्य हैं और अगर इनमें सच्चाई है तो ये यूरोपीय मूल्यों के खिलाफ हैं. भारत में कई बड़े लोगों के नाम सूची में शामिल हैं.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट
इस्राएली कंपनी के जासूसी सॉफ्टवेयर की मदद से विभिन्न सरकारों द्वारा पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं की जासूसी करने की खबरों पर यूरोपीय आयोग ने चिंता जताई है. आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा है कि अगर इन खभरों में सच्चाई है तो यह पूरी तरह अस्वीकार्य है और पत्रकारों की जासूसी यूरोपीय संघ के मूल्यों के खिलाफ है.
चेक गणराज्य में पत्रकारों से बातचीत में लाएन ने कहा, "अब तक हमने जो पढ़ा है, और उसकी सत्यता का पता लगाना बाकी है, लेकिन यदि ऐसा हुआ है, तो यह स्वीकार नहीं किया जा सकता. यह यूरोपीय संघ के हमारे नियमों के भी खिलाफ है.” एक यात्रा पर प्राग पहुंचीं लाएन ने कहा कि मीडिया की आजादी यूरोपीय संघ के मूल्यों में से एक है.
एनएसओ का खंडन
रविवार को दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों ने एक साथ रिपोर्ट छापी थीं, जिनमें दावा किया गया था कि पेगासस नाम के एक स्पाईवेयर के जरिए विभिन्न सरकारों ने अपने यहां पत्रकारों, नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने की कोशिश की. इस्राएली कंपनी एनएसओ द्वारा बनाया गया यह स्पाईवेयर सिर्फ 37 देशों की सरकारों को बेचा गया है, जिनमें भारत भी शामिल है.
एनएसओ को 2010 में स्थापित किया गया था. तेल अवीव के नजदीक हर्त्सलिया से काम करने वाली कंपनी एनएसओ ने जासूसी के इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है.
कंपनी ने कहा, "हम जोर देकर कहना चाहते हैं कि एनएसओ अपनी तकनीक सिर्फ उन जासूसी और कानूनपालक एजेंसियों को बेचती है, जिन्हें पूरी तरह जांचा परखा गया हो. इसका मकसद अपराध और आतंकी गतिविधियों से लोगों की जानें बचाना होता है.”
पेगासस फिर विवाद में
पेगासस एक स्पाईवेयर है जिसके जरिए स्मार्टफोन्स हैक करके लोगों की जासूसी की जा सकती है. यह पहली बार नहीं है जब पेगासस का नाम जासूसी संबंधी विवादों में आया हो. 2016 में भी कुछ शोधकर्ताओं ने कहा था कि इस स्पाईवेयर के जरिए युनाइटेड अरब अमीरात में सरकार से असहमत एक कार्यकर्ता की जासूसी की गई.
सोशल मीडिया नेटवर्किंग ऐप वॉट्सऐप ने 2019 में एनएसओ पर मुकदमा किया था. वॉट्सऐप ने दावा किया था कि उसकी जानकारी के बिना पेगासस का इस्तेमाल उसके ग्राहकों पर निगरानी रखने के लिए किया जा रहा है.
एनएसओ के ग्राहकों में दुनियाभर की सरकारें हैं. इस जांच में जिन दस देशों का नाम आया है, वे हैः अजरबैजान, बहरीन, हंगरी, भारत, कजाकिस्तान, मेक्सिको, मोरक्को, रवांडा, सऊदी अरब, यूएई.
‘मीडिया की आजादी पर हमला'
भारत में मीडिया संस्थान द वायर उस जांच का हिस्सा है, जिसे ‘पेगासस प्रोजेक्ट' नाम दिया गया. इस जांच में फ्रांसीसी संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज' को मिले उस डेटा का फॉरेंसिक विश्लेषण किया गया, जिसके तहत हजारों फोन नंबर्स को हैक किये जाने की सूचना थी.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थाओं जैसे वॉशिंगटन पोस्ट, गार्डियन और ला मोंड व जर्मनी में ज्यूडडॉयचे त्साइटुंग ने भी इस जांच में हिस्सा लिया था. जांच के बाद दावा किया गया है कि 50 हजार फोन नंबरों को जासूसी के लिए चुना गया था. इनमें दुनियाभर के 180 से ज्यादा पत्रकारों के फोन नंबर शामिल हैं.
भारत में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन उन पत्रकारों में से हैं जिनका फोन हैक किया गया. वह कहते हैं कि यह घटना मीडिया की आजादी पर हमला है. वरदराजन ने पत्रकारों को बताया, "तो जब भी किसी सरकार को यह अस्वस्थ उत्सुकता होगी कि हमारे पत्रकार क्या कर रहे हैं या फिर अपने विपक्षी नेताओं की गतिविधियां जानने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल करती है, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसी सरकार खेल के नियमों का सम्मान नहीं करती. जो सरकार कानून का सम्मान नहीं करती, वह लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं सम्मान नहीं करती.”
राहुल गांधी का भी नाम
भारत में जिन लोगों के नाम पेगासस जासूसी कांड की सूची में शामिल हैं उनमें 40 से ज्यादा पत्रकारों के अलावा सरकार और विपक्ष के कई नेता भी शामिल हैं. सबसे बड़ा नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है. द वायर के मुताबिक राजनीतिक कार्यकर्ता प्रशांत किशोर और हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने अश्विनी वैष्णव व प्रह्लाद पटेल भी संभवतया निशाने पर थे. वैष्णव का फोन संभवतया तब हैक किया गया जब 2017 में वह मंत्री या सांसद तो क्या, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी नहीं थे.
जिन लोगों के फोन जासूसी के लिए निशाने पर थे, उनमें जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला और उसके रिश्तेदार भी शामिल हैं. द वायर के दावों के मुताबिक उस महिला के कम से कम 11 रिश्तेदारों के फोन हैक किए गए.
यह मामला 2019 का है जबकि जब तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जस्टिस गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की एक समिति ने उस मामले में क्लीन चिट दी थी, जिसके फौरन बाद केंद्र सरकार ने उन्हें राज्य सभा के लिए नामित किया था.
भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने उसे ‘भारतीय जासूस पार्टी' बताया है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार लोगों के बेडरूम में हो रही बातें सुन रही थी. उधर बीजेपी ने कहा है कि जासूसी के ये आरोप बेबुनियाद हैं.
आईटी मंत्री वैष्णव ने संसद में सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यह मात्र संयोग नहीं है कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन पहले यह खबर छपी है.
चमोली त्रासदी की जवाबदेही तय करने की मांग वाली याचिका को उत्तराखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि याचिका के गुणों का मूल्यांकन किया ही नहीं गया, बल्कि याचिकाकर्ताओं को किसी की कठपुतली बताया गया.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
मामले पर सुनवाई उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ कर रही थी. पीठ ने याचिका को "अत्यधिक रूप से अभिप्रेरित" और "एक अज्ञात व्यक्ति या हस्ती" के इशारे पर दायर किया हुआ बताया. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस अज्ञात हस्ती के हाथ की कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे याचिका की "बोना फाइड" पर भरोसा नहीं है और वो जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया का दुरुपयोग है. इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज करने के साथ साथ याचिकाकर्ताओं पर 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति जुर्माना भी लगाया.
कौन है याचिका के पीछे
याचिकाकर्ताओं में तीन व्यक्ति चमोली आपदा से सीधे प्रभावित रैणि गांव के मूल निवासी हैं जो ग्राम सभा द्वारा सर्वसम्मति से लिये गए फैसले के तहत अदालत गए. इनमें एकभवान सिंह राणा ग्राम सभा के मौजूदा प्रधान हैं, संग्राम सिंह क्षेत्र पंचायत के पूर्व सदस्य हैं और सोहन सिंह जाने माने पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं. वो चिपको आंदोलन की नेता गौरा देवी के पोते हैं.
बाकी दो याचिकाकर्ता जोशीमठ से हैं, जिनमें कमल रतूड़ी कांग्रेस के नेता होने के साथ साथ सामजिक कार्यकर्ता हैं. उनके अलावा अतुल सती भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य हैं और कई आंदोलनों से जुड़े रहे हैं. इनमें से संग्राम सिंह पहले भी उत्तराखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं.
2019 में उन्हीं की जनहित याचिका पर फैसला देते हुए अदालत ने ऋषि गंगा बिजली परियोजना के स्थल पर विस्फोट से चट्टानों को उड़ाने का काम रोकने का आदेश दिया था. कुल मिलाकर सभी याचिकाकर्ता राज्य के जाने माने लोग हैं. इन सभी का परिचय याचिका में ही विस्तार से दिया हुआ है. याचिका में सबके पहचान पत्र और उनके अपील से जुड़े कई कागजात और हलफनामे भी संलग्न हैं.
ऐसे में याचिकाकर्ताओं की पृष्ठभूमि पर अदालत का टिप्पणी करना और उसी आधार पर याचिका को खारिज कर देना विस्मयकारी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता सामाजिक ऐक्टिविस्ट होने का दावा तो करते हैं लेकिन यह साबित करने के लिए उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया है.
हलफनामा ही सबूत
इस फैसले को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए अतुल सती ने डीडब्ल्यू से कहा कि अदालत ने पहली ही सुनवाई में बिना कोई भी दलील सुने हुए याचिकाकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने यह भी बताया कि एनटीपीसी का वकील पांच ही दिन पहले एक दूसरे मामले में संग्राम सिंह के ही खिलाफ उपस्थित हुआ था, लेकिन उस दिन संग्राम सिंह को पहचानने तक से इंकार कर दिया और अदालत से कहा कि पता नहीं ये कौन हैं और कहां से चले आए हैं.
अमूमन अदालतों में याचिकाओं पर सुनवाई मंजूर ही तभी की जाती है जब उसे दायर करने वालों का परिचय अच्छे से साबित हो और याचिका में दी गई दलीलों का ठोस आधार हो. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अदालत में जिरह करने वाला मान्यता प्राप्त वकील भी पहले उन लोगों के परिचय की पुष्टि कर लेता है.
इस याचिका में भी वकील डी के जोशी ने अदालत को याचिकाकर्ताओं के परिचय का भरोसा दिलाया है. जोशी इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं और कहते हैं कि अदालतों के फैसले संदेह से परे होने चाहिएं, लेकिन यह फैसला तो संदेह के ही आधार पर दिया गया है.
उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि उन्होंने अदालत से कहा भी था कि अगर याचिकाकर्ताओं के परिचय पर कोई संदेह है तो अदालत उनकी जांच करा ले, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने यह भी बताया कि अदालत में अगर कोई हलफनामा दे कर अपना परिचय देता है तो अदालत हलफनामे को ही सबूत मानती है, जब तक दूसरा पक्ष एक दूसरे हलफनामे के जरिये पहले पक्ष के दावों को चुनौती ना दे. जोशी ने यह भी बताया कि सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष ने एक शब्द भी नहीं कहा.
क्या मांग थी याचिका में
याचिका का उद्देश्य चमोली त्रासदी की जवाबदेही तय करना, पीड़ितों को मुआवजा दिलाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को फिर से होने से रोकना था. इसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार से मांग की गई थी कि वो ऋषि गंगा और तपोवन-2 विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजनाओं को दी गई वन और पर्यावरण स्वीकृति रद्द करें.
यह मांग भी की गई थी कि भविष्य में उस जगह की सुरक्षा और स्थिरता को देखते हुए दोनों परियोजनाओं को ही रद्द किया जाए. इसके अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि वो उस इलाके के पर्यावरणीय जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू करे.
सरकारी कंपनी एनटीपीसी और ऋषि गंगा परियोजना कंपनी को आदेश देने की अपील थी कि दोनों कंपनियां त्रासदी में एक या उससे ज्यादा सदस्यों को खो चुके परिवारों के लिए हर्जाना सुनिश्चित करे. इसके अलावा 200 लोगों की जान ले लेने वाली आपराधिक लापरवाही की जवाबदेही तय किए जाने की और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग थी.
उत्तराखंड सरकार को निर्देश देने की मांग थी वो पूरी ऋषि-गंगा और धौली गंगा सब-बेसिन के इलाके में ब्लास्टिंग, नदी के तल में खनन और पत्थर तोड़ने पर प्रतिबंध लगाए. इसके अलावा केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से यह भी मांग की गई थी कि वो स्थानीय पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के लिए पनबिजली क्षेत्र से ही ब्लैकलिस्ट कर दे. अदालत ने किसी भी मांग को स्वीकार नहीं किया.
त्रासदी जारी है
अतुल सती कहते हैं कि वैसे तो उनका और उनके साथियों का पहले विचार था कि वो पुनर्विचार याचिका दायर करें, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि उसका कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने बताया कि उनके और उनके साथियों के पास अदालत में लड़ने के पैसे भी नहीं थे और गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर यह राशि उनके लिए जमा की थी.उन्होंने कहा कि इसलिए अब वो और उनके साथी हाई कोर्ट के हाथों दोबारा निराश होने की जगह सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं और इस विषय में जल्द फैसला लेंगे. उत्तराखंड में पर्यावरण को बचाने की और चमोली त्रासदी जैसे हादसों को रोकने की कितनी जरूरत है यह इस बात से ही पता चल जाता है कि वहां अभी भी आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.
18 जुलाई की रात को ही उत्तरकाशी के मांडो गांव में बादल फटने से बाढ़ आ गई और कम से कम तीन लोगों की जान चली गई. अतुल सती बताते हैं कि रैणि गांव के लोग अभी भी भय में जी रहे हैं और बारिश होते ही अपने घरों को छोड़ कर जंगलों में चले जाते हैं. ऐसे में उत्तराखंड हाई कोर्ट का फैसला से राज्य में कई लोगों को निराश छोड़ गया है. (dw.com)
मुंबई में भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में 31 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. दीवार गिरने और भूस्खलन के कारण ये हादसे हुए. कुछ लोगों की मौत करंट लगने से भी हुई है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रविवार को भारी बारिश के कारण घर गिरने और करंट लगने की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के मुताबिक रविवार को तड़के मुंबई के विक्रोली इलाके में एक आवासीय इमारत गिर गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. इस बीच, चेंबूर के भरत नगर इलाके में भूस्खलन के कारण कुछ झोंपड़ियों पर दीवार गिरने से कई लोगों की मौत हो गई.
सोमवार को भारी बारिश
भारी बारिश ने मुंबई की आम जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है. सोमवार को लंबी दूरी की ट्रेनों के अलावा उपनगरीय रेल सेवा प्रभावित हुईं. बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया और ट्रैफिक थम गया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, अलर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटे की अवधि के लिए अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है.
मौसम विभाग ने 45 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली कभी-कभी तेज हवाओं की भी चेतावनी दी है.
रविवार को चेंबूर और विक्रोली में हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य चलाया और खोजी कुत्तों की मदद से मलबे में दबे लोगों को खोजने का काम किया.
बीएमसी के मुताबिक चेंबूर में हुए हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई है और 10 लोगों की मौत विक्रोली में हुई है. दो अन्य लोगों की मौत करंट लगने और मकान ढहने के कारण हुई.
बदलते मौसम से बार-बार आती तबाही
पूरे भारत में मौसम कठोर होता जा रहा है और जानकार इसे जलवायु परिवर्तन से जोड़ कर देख रहे हैं. इस साल गर्मी ने भी रिकॉर्ड तोड़े हैं और उत्तर के राज्यों में मानसून ने लंबा इंतजार कराया तो वहीं कुछ राज्यों में इतनी बारिश हुई कि वहां बाढ़ आ गई. तटीय शहर मुंबई हमेशा मानसून से बुरी तरह प्रभावित होती रही है और हर साल बाढ़ की शिकार भी होती है.
यह आशंका है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के बदलते पैटर्न से और भी अधिक बाढ़ और क्षति हो सकती है. हाल के सालों में मानसून लंबे समय तक सूखे की ओर स्थानांतरित हो गया है और फिर अत्यधिक वर्षा के कारण अधिक आबादी वाले शहरों के डूब जाने की आशंका ज्यादा रहती है.
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे कहते हैं, "हम जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं लेकिन अब यह हो रहा है."
आपदा पर बयानबाजी
देश की सबसे अमीर नगर निगमों में से एक बीएमसी पर हर साल मानसून के दौरान बदइंतजामी के आरोप लगते आए हैं. इस बार सप्ताहंत बारिश और उसके बाद की घटनाओं ने राजनीतिक दलों को एक बार फिर बीएमसी पर "अक्षमता और कुप्रबंधन" के आरोप लगाने का मौका दे दिया. आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा, "मानसून के दौरान फिर एक बार बीएमसी के अधिकारियों की विफलता सामने आई है." बीएमसी पर शिवसेना ही काबिज है.
इस बीच महाराष्ट्र के नवी मुंबई में खारघर पुलिस ने रविवार शाम दमकल अधिकारियों के साथ, एक नाले को पार कर खारघर पहाड़ियों पर गईं 78 महिलाओं और 5 बच्चों सहित 116 लोगों को बचा लिया है.मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और पालघर के लिए सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
23 जुलाई, 2019 को दिए जवाब में केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि 18 जुलाई 2016 से 18 जुलाई 2019 के बीच देश में भारी बारिश के साथ आने वाले तूफान, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 6,585 लोगों की मौत हुई मतलब हर साल औसतन 2,000 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
भारी बारिश सिर्फ आम इंसानों को ही नहीं बल्कि जानवरों को भी प्रभावित करती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 से 2019 के इन तीन वर्षों में बारिश से संबंधित प्राकृतिक आपदाओं के कारण दो लाख से अधिक पशुधन की मौत हुई है और 39 लाख से अधिक घरों या झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा.
जानकार कहते हैं कि कम समय में ज्यादा बारिश और खराब जल निकासी व्यवस्था शहरों में बार-बार बाढ़ की वजह बन रही हैं.(dw.com)
भारतीय वैज्ञानिक कोविड-19 की वॉर्म वैक्सीन बनाने के काफी करीब पहुंच गए हैं. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन का परीक्षण किया है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने भारत के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई एक वैक्सीन के फॉर्म्युलेशन का परीक्षण किया है और पाया है कि कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स पर यह वैक्सीन प्रभावी साबित हुई.
कोविड की यह वॉर्म वैक्सीन बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने बायोटेक स्टार्टअप फर्म मिनवैक्स के साथ मिलकर तैयार की है. एसीएस इन्फेक्शियस डिजीज नामक पत्रिका में छपे एक शोध में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने कहा है कि चूहों पर वैक्सीन के प्रयोग किए गए और प्रभावशाली नतीजे मिले.
पिछले हफ्ते प्रकाशित शोधपत्र में बताया गया है कि वैक्सीन ने चूहों में शक्तिशाली प्रतिरोधक क्षमता पैदा की और हैम्सटर्स को वायरस से बचाया. यह वैक्सीन ने 37 डिग्री सेल्सियस पर एक महीने तक और 100 डिग्री सेल्सियस पर 90 मिनट तक स्थिर रही.
क्या होती है वॉर्म वैक्सीन
ज्यादातर कोविड वैक्सीन कोल्ड होती है. इसका अर्थ है कि उन्हें बहुत कम तापमान पर ही रखना पड़ता है. जैसे कि ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है जबकि फाइजर को -70 डिग्री सेल्सिय तापमान से ज्यादा पर नहीं रखा जा सकता.
मेलबर्न के पास जीलॉन्ग स्थित सीएसआईआरओ के ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर डिजीज प्रीपेअर्डनेस के वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में योगदान दिया है. उन्होंने टीका लगाए जाने के बाद लिए गए चूहों के रक्त के नमूनों की जांच की. इन चूहों को पूरी दुनिया में फैल रहे डेल्टा वेरिएंट समेत विभिन्न कोरनो वायरस से संक्रमित किया गया था.
शोध के सह लेखक और प्रोजेक्ट लीडर डॉ. एसएस वासन कहते हैं कि मिनवैक्स का टीका पाए चूहों ने कोरोना वायरस के सभी स्वरूपों के खिलाफ ताकतवर प्रतिरोध क्षमता दिखाई. एक बयान में डॉ. वासन ने बताया, "हमारा डेटा दिखाता है कि मिनवैक्स ने ऐसे एंटिबॉडी बनाए जो अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा समेत सभी वेरिएंट्स को खत्म करने में कामयाब रहीं.”
सीएसआईआरओ के हेल्थ एंड बायोसिक्यॉरिटी डाइरेक्टर डॉ. रॉब ग्रेनफेल कहते हैं दुनिया को वॉर्म वैक्सीन यानी ज्यादा तापमान पर भी स्थिर रहने वाले टीके की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा, "ऐसी जगहों पर जहां संसाधनों की कमी है या फिर ऑस्ट्रेलिया के क्षेत्रीय इलाकों जैसे गर्म हिस्सों में, जहां कोल्ड स्टोरेज बड़ी चुनौती है, वहां के लिए वॉर्म वैक्सीन बहुत जरूरी है.”
अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी
इस वैक्सीन का मानव परीक्षण इस साल के आखिर में शुरू हो सकता है. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का शोध मानव परीक्षण के लिए उचित उम्मीदवार चुनने में मददगार साबित होगा.
सीएसआईआरओ के हेल्थ एंड बायोसिक्यॉरिटी डाइरेक्टर डॉ. रॉब ग्रेनफेल कहते हैं कि कोविड से लड़ने में दुनियाभर के वैज्ञानिकों का सहयोग जरूरी है. एक बयान में उन्होंने कहा, "महामारी ने बताया है कि सस्ती वैक्सीन और इलाज उपलब्ध करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग बेहद जरूरी है.”
सीएसआईआरओ इससे पहले दो अहम कोविड वैक्सीनों का परीक्षण कर चुका है, जिनमें ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका का प्रि-क्लीनिकल परीक्षण भी शामिल है.(dw.com)
मुंबई, 19 जुलाई| दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह ने सोमवार को ट्विटर पर विकिपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स और सह-संस्थापक लैरी सेंगर से उनकी मृत्यु का कारण बदलने का आग्रह किया है। इस रिपोर्ट को प्रकाशित करते वक्त विकिपीडिया ने अभिनेता की मौत की वजह फांसी से आत्महत्या करार दिया था।
पेशे से वकील प्रियंका का कहना है कि सुशांत की मौत की जांच अभी भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दायरे में है इसलिए इसका उल्लेख जांच के तहत के रूप में किया जाना चाहिए।
प्रियंका ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा, "मैं सुशांत की बहन हूं। आज की दुनिया में इंफॉर्मेशन ही पावर है, ऐसे में तथ्यों पर टिके रहना ही उचित है और यही सबसे अच्छी बात है जो हम कर सकते हैं। हैशटैगजस्टिसफॉरसुशांतसिंहराजपूत।"
इसके बाद वह सुशांत के एक पुराने वीडियो का लिंक साथ में जोड़े हुए कहती हैं, "विकिपीडिया के जिमी वेल्स से मेरी मांग है कि पहले तो चूंकि एक शीर्ष भारतीय एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा सुशांत की मौत के मामले में जांच अभी भी जारी है इसलिए विकी पेज पर लिखी गई मौत की वजह फांसी से आत्महत्या से जांच के तहत में बदला जाना चाहिए। दूसरी बात विकी पेज पर सुशांत की लंबाई 183 सेमी में बदल दें क्योंकि खुद से ज्यादा विश्वसनीय सूत्र कौन हो सकता है।"
प्रियंका ने इसके बाद एक धुंधली हुई तस्वीर के साथ लिखा है, "मैं उसकी बहन हूं और मैं इस बात की पुष्टि करती हूं कि उसकी लंबाई वाकई में 183 सेमी है। सुशांत की मौत के मामले के मैट्रिक्स के लिए उनकी लंबाई महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने इसके साथ वोग मैंगजीन के लिए केंडल जेनर संग सुशांत की ली गई तस्वीर शेयर की हैं और कहा है कि केंडल ने हाई हील्स पहन रखा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई | पत्रकारों और देश की अन्य हस्तियों की पेगासस स्पाईवेयर से कथित तौर पर जासूसी करने की खबरें मीडिया में आने के एक दिन बाद सोमवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने जासूसी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तर्क के आधार पर कहा कि वेबसाइट ने केवल आधारहीन समाचार रिपोर्टो के माध्यम से सनसनी पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य खबरों पर उचित ध्यान देंगे तो वे खुद इस बात को समझ जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एनएसओ ने भी कहा है कि रिपोर्ट झूठी और निराधार है। हमारे सिस्टम में किसी भी तरह की अवैध निगरानी संभव नहीं है। संसद सत्र से एक दिन पहले आने वाली यह मीडिया रिपोर्ट कोई संयोग नहीं है।"
मंत्री 'द वायर' में प्रकाशित पेगासस प्रोजेक्ट की उन रिपोर्टो पर एक बयान दे रहे थे, जिसमें कहा गया है कि पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए 300 से अधिक हॉन नंबरों को निशाना बनाया जा सकता था, जिसमें दो सेवारत मंत्री, 40 से अधिक पत्रकार और तीन विपक्षी नेताओं के नाम शामिल थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई | कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए कम से कम दो मोबाइल फोन भारत के उन 300 प्रमाणित नंबरों की सूची में शामिल हैं, जिनकी निगरानी करने के लिए इजरायल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय क्लाइंट द्वारा पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी। न्यूज आउटलेट द वायर की एक ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
गांधी की हैंकिग करने की सनक इस स्तर तक थी कि उनके पांच करीबियों पर भी निशाना बनाने की तैयारी की गई थी, जबकि इन पांचों में से कोई भी राजनीतिक या सार्वजनिक कामों संबंधी भूमिका में नहीं है।
वैसे तो गांधी अब इस नंबर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन यह नंबर लीक हुए उस बड़े डेटाबेस का हिस्सा है, जिसे फ्रांसीसी मीडिया नॉन-प्रॉफिट फॉरबिडेन स्टोरीज ने प्राप्त किया है और इसे 16 न्यूज संस्थानों के साथ साझा किया है, जिसमें द वायर, द गार्जियन, वॉशिंगटन पोस्ट, ल मोंद इत्यादि शामिल हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के तकनीकी लैब द्वारा इस सूची में शामिल फोन पर की गई फॉरेंसिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि इसमें से 37 डिवाइस में पेगासस स्पायवेयर था, जिसमें से 10 भारतीय व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के फोन की फॉरेंसिक जांच नहीं हो पाई है, क्योंकि फिलहाल वे उस हैंडसेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, जिसे वे 2018 के मध्य और 2019 के बीच किया करते थे और इसी दौरान उनका नंबर निगरानी सूची में शामिल किया गया था।
फॉरेंसिक जांच नहीं हो पाने के चलते यह स्पष्ट रूप से बताना संभव नहीं है कि गांधी के फोन में पेगासस डाला गया था या नहीं, लेकिन उनके करीबियों से जुड़े कम से कम नौ नंबरों को निगरानी डेटाबेस में पाया जाना ये दिखाता है कि इसमें राहुल गांधी की मौजूदगी महज इत्तेफाक नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, गांधी ने द वायर को बताया कि पूर्व में उन्हें संदिग्ध वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुए थे, जिसके बाद उन्होंने तत्काल अपने नंबर और फोन बदल दिए, ताकि उन्हें निशाना बनाना आसान न हो।
राहुल गांधी पर निगरानी करने की योजना ऐसे समय पर बनाना, जब वे विपक्षी कांग्रेस के अध्यक्ष थे और नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2019 के आम चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे, पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के निजी फोन के अलावा उनके दो करीबी सहयोगियों - अलंकार सवाई और सचिन राव के नंबर भी लीक हुए डेटाबेस में शामिल हैं।
राव कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी के सदस्य हैं, जो वर्तमान में पार्टी कैडर को ट्रेनिंग देते हैं, जबकि सवाई राहुल गांधी के कार्यालय से जुड़े हुए हैं और आमतौर पर अपना अधिकांश समय उनके साथ ही बिताते हैं। सवाई का फोन 2019 में चोरी हो गया था और इस तरह अब यह फॉरेंसिक जांच के लिए उपलब्ध नहीं है, जबकि राव ने कहा कि उनका फोन खराब हो गया है और अब यह स्विच ऑन नहीं होता है। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
वाराणसी, 19 जुलाई | कोरोना वायरस से बचाव के हथियार बने मास्क के बेकार होंने पर अब कोई समस्या नहीं आएगी। डस्टबीन में डालते ही यह धू-धकर जल उठेगा। इसे न तो कहीं इधर-उधर फेंकने की समस्या रहेगी, न ही इस बेकार मास्क से वायरस के बढ़ने का भय भी रहेगा। वाराणसी के दो छात्र आयुष और रेशमा द्वारा बनाएं गये स्मार्ट डस्टबीन से यह संभव हो सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सक्षम स्कूल में पढ़ने वाले आयुष और रेषमा ने बताया कि कोरोना संकट में मास्क बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। हालांकि, लोगों के इधर, उधर फेंकने से वायरस के फैलने का खतरा भी रहा है। इसे देखते हुए हमने स्मार्ट इलेक्ट्रिक डस्टबीन का इजाद किया है।
आयुष ने बताया कि "स्मार्ट डस्टबीन में प्रयोग किए हुए मास्क, ग्लब्स और पीपीईकिट को डालने से यह जल जाएगा। इससे फैलने वाले संक्रमण का खतरा भी नहीं होगा। यह कार्यलयों, अस्पतालों और एयरपोर्ट समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर रखकर इलेक्ट्रिक से संचालित किया जा सकता है।"
रेशमा ने बताया कि "यह डस्टबिन मेटल के चादर से बना हुआ हैं तकरीबन 3 फुट उंचा है। डस्टबीन के ऊपरी हिस्से में एक छोटा सा सेंसर ढक्कन लगा हैं जो किसी व्यक्ति के नजदीक आने पर ऑटोमेटिक खुल जाएगा। डस्टबिन के ढक्कन को खुलते ही आप अपने बेकार मास्क को इसके के अंदर डाल दें। मास्क डालते ही सेंसर 20 सेकेंड के लिए इसमें लगे हीटर को ऑन कर देता हैं। जिससे मास्क महज कुछ सेकंड में जल कर खाक हो जाते हैं। डस्टबीन में 200 मास्क, ग्लब्स होने पर डस्टबीन का हीटर ऑन होकर इसे नष्ट कर देगा। इसका प्रयोग मैनुअल और आटोमैटिक किया जा सकता है। इसे बनाने में 6 दिन का समय व 3500 रुपये का खर्च आया हैं। इसे बनाने में अल्ट्रासोनिक सेंसर, गियर मोटर, मोशन सेंसर, हीटर प्लेट 1000 वाट, स्पीकर, स्विच, का इस्तेमाल किया गया हैं। इसका आकार बढ़ाया जा सकता है। इसे आने वाले समय में बिना बिजली के चिंगारी से जलाने की तकनीक पर भी काम किया जा रहा है।"
सक्षम स्कूल की संस्थापक सुबिना चोपड़ा ने बताया, "कोरोना संकट में मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट बहुत काम आए लेकिन यह अक्सर प्रयोग होंने के बाद लोग सार्वजनिक स्थलों फेंक देते जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए हमने अपने दो बच्चों यह एंटी इलेक्ट्रिक स्मार्ट डस्टबीन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसे बच्चों ने बनाया है। इस डस्टबीन के प्रयोग से हम फैलने वाले संक्रमण को रोक सकते हैं।"
आइआइटी बीएचयू में बायो मेडिकल के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मार्शल धयाल ने बताया, "स्मार्ट डस्टबीन बनाने का प्रयास काफी सराहनीय है। कोरोना संकट के दौरान देखने को मिला है कि लोगों ने प्रयोग किए हुए मास्कों या अन्य मेडिकल वेस्टेज खुले स्थानों पर पड़े रहते हैं। जिससे संक्रमण होने का भय बना रहता है। अगर यह स्मार्ट डस्टबीन में डाले जाए और यह जल जाएंगे। तो इससे संक्रमण का खतरा बिल्कुल नहीं रहेगा। यह अच्छी चीज है। इस डस्टबीन का प्रयोग कार्यालयों, अस्पतालों में किया जा सकता है।"
वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महादेव पांडेय ने बताया कि "कोरोना को रोकने के लिए मास्क बड़ा कारगर साबित हुआ है। लेकिन, कोरोना संक्रमितों के इलाज और जांच के बाद निकले मेडिकल वेस्ट का सही से निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसमें मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट समेत अनेक चीजें शामिल है। यह स्मार्ट डस्बीन में मेडिकल वेस्ट अपने आप जल जाएगा। यह काफी अच्छा नावाचार है। इसमें बच्चों के वेस्ट डायपर को भी नष्ट करनें का भी तरीका निकाला जा सकता है। यह काफी सराहनीय कदम है।" (आईएएनएस)
लखनऊ,19 जुलाई | लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व (एआईएचए) विभाग के रहने वाले छात्रों द्वारा बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील फोटो और भद्दे कमेंट फ्लैश होने लगे है। इस घटना के बाद वहां के छात्र सहम गए हैं। इस संबंध में विवि के मुख्य अधीक्षक ने रविवार को हसनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी छात्रों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
यह पूरा मामला पेपर प्रेजनटेशन के लिए फैकलटी के निर्देश पर छात्रा द्वारा बनाऐ गऐ व्हाट्सएप ग्रुप में शनिवार देर रात अश्लील चित्र और अश्लील संदेश पोस्ट किए गए थे।
ग्रुप में जुड़ने के लिए शिक्षकों द्वारा सरकुलेट एक लिंक के माध्यम से लगभग 170 बीए छात्रों को जोड़ा गया।
कुछ छात्र भद्दे मैसेज पोस्ट कर बाहर निकल गए और बाद में फिर से ग्रुप में शामिल हो गए।
छात्रों का कहना है कि, बदमाश छात्रों का जो मोबाइल नंबर ग्रुप में दिख रहा था, वह उसी क्लास के एक लड़के का था। हालांकि जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
एक छात्रा ने कहा, शनिवार देर रात के करीब 11.58 बजे, हमारे पुरुष सहपाठी के नाम और फोन नंबर के साथ ग्रुप पर पहली अश्लील तस्वीर पोस्ट की गई थी। तस्वीर के बाद एक संदेश था। जिसमें चार छात्राओं को अश्लील संदेशों के माध्यम से लक्षित किया गया था।
उसने कहा कि वह व्यक्ति कक्षा की छात्राओं और शिक्षकों के लिए भी अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करता रहा।
छात्रों द्वारा साझा किए गए ग्रुप के स्क्रीनशॉट में, देर रात शिक्षकों से अनुरोध करने वाली महिला छात्रों के कई संदेश के इस मामले को देखने और सख्त कार्रवाई करने के लिए कहाती है। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी, अनियंत्रित तत्व ने कक्षा के चार लड़को ने गाली देने वाला भी मैसेज किया और एक संकाय सदस्य के नाम को कलंकित कर दिया। फिर उसने अश्लील तस्वीरें पोस्ट कीं।
इन छात्रों में से एक ने कहा कि, जब गालियों ने सभी सीमाएं पार कर लीं और हमारे संकाय सदस्य के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, तो मैंने इस मामले को देखने के लिए कुलपति प्रोफेसर एके राय और डीन, छात्र कल्याण, प्रोफेसर पूनम टंडन को टैग करते हुए ट्विटर का सहारा लिया। .
छात्र ने बताया कि , अनियमित तत्व ने अश्लील तस्वीरें पोस्ट कीं, अपमानजनक संदेश लिखे और तुरंत समूह से बाहर हो गए। वह फिर से एक अलग नाम और नंबर के साथ वापस जुड़ गया।
जब एलयू अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो बाद में रविवार को एआईएचए के विभागाध्यक्ष प्रो पीयूष भार्गव द्वारा एलयू प्रॉक्टर कार्यालय को एक शिकायत भेजी गई, जिसके आधार पर हसनगंज थाने में मुख्य प्रॉक्टर दिनेश कुमार द्वारा कार्रवाई के लिए आवेदन दिया गया।
अधीक्षक ने कहा किहमने इस संबंध में हसनगंज पुलिस स्टेशन में एक पुलिस शिकायत दर्ज की है। साथ ही, हमने व्हाट्सएप ग्रुप और फोन नंबर का एक स्क्रीनशॉट साझा किया है। जिसका इस्तेमाल उस छात्र के नाम और संपर्क नंबर के साथ किया गया था। जिसका नाम अश्लील था। महामारी के दौरान शिक्षा के लिए ऑनलाइन क्लॉस के बहुत ही यूजफुल रहे हैं, लेकिन इस तरह के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। (आईएएनएस)
संभल (उत्तर प्रदेश), 19 जुलाई | आगरा-चंदौसी राजमार्ग पर सोमवार तड़के दो बसों की टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। हादसा लहारवां गांव के पास उस समय हुआ जब शादी पार्टी ले जा रही एक बस का टायर पंक्च र होने से सड़क किनारे खड़ी हो गई और दूसरी बस ने उसे टक्कर मार दी।
पुलिस अधीक्षक, चक्रेश मिश्रा ने कहा, मारे गए लोगों की पहचान वीरपाल, 60, हैप्पी, 35, छोटे, 40, राकेश, 30, अभय, 18, विनीत, 30 और भूरे, 25 के रूप में हुई है।
वे एक शादी से लौट रहे थे तभी हादसा हो गया।
एसपी ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को पीड़ितों को हर संभव राहत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 18 जुलाई | बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में माता खीर भवानी मंदिर में दर्शन किए। श्रीनगर शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित माता खीर भवानी मंदिर में हेमा मालिनी के दर्शन के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
बॉलीवुड अभिनेत्री ने एक झरने के बीच में स्थित मंदिर में माथा टेका।
गांदरबल जिले के तुल्लामुल्ला गांव में माता खीर भवानी मंदिर कश्मीरी पंडितों का सबसे पवित्र मंदिर है।
दशकों पहले खूनी उग्रवादी हिंसा के प्रकोप के बाद घाटी के बाहर विभिन्न स्थानों पर प्रवास कर रहे कश्मीरी पंडित इस साल 26 मई को आयोजित वार्षिक उत्सव के दौरान देवी का आशीर्वाद लेने के लिए देशभर से आए थे।(आईएएनएस)
भोपाल, 18 जुलाई | कोरोना संक्रमण के चलते कई बच्चों ने अपने पालकों केा खोया है। ऐसे निराश्रित बच्चों केा गैर सरकारी संगठन बिना वैधानिक प्रक्रिया को पूरा किए गोद दे रहे है। यह मामले सामने आने पर केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग ने हिदायत दी है कि वैधानिक प्रक्रिया को अपनाए बगैर बच्चों को गोद लेने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्हें जेल व जुर्माने की सजा तक हो सकती है। केन्द्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि वैधानिक प्रकिया अपनाए बिना निराश्रित बच्चों को गोद लेने पर छह माह का कारावास अथवा 10 हजार रुपए जुमार्ना या दोनों सजा हो सकती है।
आयोग द्वारा कहा गया है कि पूर्व के माह में शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि कई गैर सरकारी संगठन उन बच्चों के बारे में विज्ञापन प्रसारित कर रहे हैं, जो अनाथ हो गए हैं अथवा जिन्होंने कोविड संक्रमण के फलस्वरूप अपने परिवार को खो दिया है। गोद लेना व देना एक वैधानिक प्रकिया है, जिसका पालन किया जाना अनिवार्य है। गोद लेने व देने के लिए संपूर्ण भारत में एकमात्र एवं एकीकृत प्रावधान किया गया है जिसे केन्द्रीय दस्तक ग्रहण अधिकरण (कारा) कहा जाता है।
आयोग ने कहा है कि ऐसे निराश्रित व जरूरतमंद बच्चों के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने से बचें एवं उसकी जानकारी चाइल्ड लाइन 1098, स्थानीय पुलिस, विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई अथवा कारा को दें। (आईएएनएस)
चेन्नई, 18 जुलाई | तमिलनाडु सरकार दिसंबर 2021 से पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराएगी। इसकी घोषणा नगरपालिका प्रशासन मंत्री के.एन. नेहरू ने की। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस पर बयान देने की उम्मीद है।
शनिवार को एक बयान में, मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 से पहले राज्य के नौ नए जिलों में ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
द्रमुक ने पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का जिक्र नहीं किया था, लेकिन यह देखने के बाद कि सरकार जनता के बीच लोकप्रिय हो गई है, मुख्यमंत्री और उनकी करीबी टीम शहरी स्थानीय निकाय चुनाव जल्द कराने के इच्छुक हैं।
के.एन. नेहरू ने बयान में कहा, "मुख्यमंत्री ने हमें नए नौ जिलों में ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों के दो महीने बाद शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी करने का निर्देश दिया है।"
मंत्री के बयान के अनुसार, राज्य सरकार ग्रामीण स्थानीय निकायों को परेशान नहीं करेगी, जिन्होंने दिसंबर 2019 में पदभार ग्रहण किया था और ये निकाय अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही नगर पालिकाओं और निगमों का भी उन्नयन करेगी। द्रमुक सरकार पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा किए गए परिसीमन का अध्ययन करने की कवायद भी कर रही है।
के.एन. नेहरू ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा वाडरें के संबंध में अपनाई गई नीति के बारे में कई शिकायतें थीं और अधिक महिला आबादी वाले कई वार्ड सामान्य श्रेणी के थे, जबकि कम महिला आबादी वाले वार्ड महिला आरक्षण के अधीन थे।
2011 के बाद से तमिलनाडु में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हुए है और अन्नाद्रमुक सरकार ने 2016 के दौरान चुनाव कराने की कोशिश की थी जब मुख्यमंत्री जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं लेकिन मद्रास उच्च न्यायालय ने प्रस्ताव को काट दिया था। कोर्ट ने तब देखा था कि अधिसूचना तमिलनाडु पंचायत (चुनाव) नियम 1995 के अनुपालन में नहीं थी।
द्रमुक ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा किया गया परिसीमन उचित नहीं था, इसके बाद नौ नए जिलों को छोड़कर दिसंबर 2019 में ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव हुए थे। (आईएएनएस)
लखनऊ,18 जुलाई | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को भाजपा के उस बयान पर उसे आड़े हाथों लिया, जिसमें उसने कहा था कि वह एक 'राजनीतिक पर्यटक' हैं। उन्होंने कहा, "मैं एक राजनीतिक पर्यटक नहीं हूं। मैं नियमित रूप से यूपी आती रही हूं। मुझे और मेरे भाई राहुल को गैर-गंभीर राजनेता के रूप में दिखाने के लिए यह भाजपा का प्रचार है और हम इससे डरने वाले नहीं हैं।"
मीडियाकर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में, प्रियंका ने कहा कि भाजपा बार-बार उनके और राहुल के गंभीर राजनेता नहीं होने के बारे में एक मुद्दा बनाना चाहती है।
उन्होंने कहा, "उन्होंने (भाजपा) एक धारणा बनाई है कि मैं पिछले डेढ़ साल से यूपी से दूर हूं, जबकि तथ्य यह है कि मैं नियमित रूप से किसान पंचायत और अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रही हूं।"
आगामी चुनावों के मद्देनजर यूपी में कांग्रेस के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं स्वीकार करती हूं कि हमारा संगठन अन्य दलों की तुलना में कमजोर है। हम यहां 32 साल से सत्ता से बाहर हैं। लेकिन हम निर्माण पर काम कर रहे हैं। संगठन और यात्रा लंबी है। मैं व्यक्तिगत रूप से सभी जिला इकाइयों के साथ चौबीसों घंटे काम कर रही हूं।"
कांग्रेस के अगले विधानसभा चुनाव में गठबंधन बनाने या अकेले जाने की संभावना के बारे में प्रियंका ने कहा, "हम इस मुद्दे पर करीबी नहीं हैं। इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन हम ऐसा फैसला नहीं लेंगे जो संगठन या पार्टी के हितों के लिए हानिकारक हो।
प्रियंका ने कहा कि वह अधिक से अधिक पार्टी कार्यकतार्ओं और समूहों से मिलने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, "मेरा व्हाट्सएप नंबर सबके पास है और यह कहना गलत है कि मैं योग्य नहीं हूं।" (आईएएनएस)
मुंबई, 18 जुलाई | बीएमसी आपदा नियंत्रण ने रविवार को यहां कहा कि मुंबई और मुंबई महानगर क्षेत्र में आधी रात से हो रही बारिश के कारण 11 अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। आईएमडी मुंबई के अनुसार, जब रात में मुंबई सो रहा था, गरज, बिजली के साथ कुछ क्षेत्रों में 197 मिमी से 235 मिमी से अधिक की भारी बारिश हुई, जिसने कई क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया और सड़क और रेल यातायात को बुरी तरह प्रभावित हुआ।
बीएमसी आपदा प्रकोष्ठ और एनडीआरएफ के अनुसार, चेंबूर इलाके के वाशी नाका, न्यू भारत नगर में तड़के करीब एक बजे एक पेड़ गिरने के बाद दीवार गिरने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई।
एक अन्य घटना में, विक्रोली पूर्व में सूर्यनगर की बस्तियों में कुछ झोपड़ियों के ढह जाने से कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई।
रविवार को तड़के घर की दीवार गिरने से 16 वर्षीय लड़के सोहम एम थोराट की मौत हो गई, जबकि अंधेरी पश्चिम में मिठाई की दुकान में 26 वर्षीय युवक सलीम एम. पटेल की करंट लगने से मौत हो गई।
इन सभी घटनाओं में घायल हुए लगभग 12 अन्य लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है और उनका इलाज चल रहा है, उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
बीएमसी के गेज ने दक्षिण मुंबई में 177 मिमी, पूर्वी उपनगरों में 205 मिमी और पश्चिमी उपनगरों में 195 मिमी बारिश दर्ज की।
कई क्षेत्रों में, लोगों ने कमर तक पानी की सूचना दी, बाढ़ का पानी संवेदनशील या निचले इलाकों में भूतल के घरों या दुकानों में प्रवेश कर गया।
मध्यरात्रि के बाद शुरू हुई बारिश लगभग बिना रुके जारी रही और सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे और पालघर के तटीय कोंकण जिलों के अलावा शहर के अधिकांश हिस्सों में जलभराव या बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
बारिश ने उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को प्रभावित किया, जिससे नल्ला सोपारा और विरार में डब्ल्यूआर लाइनों में पानी भर गया, और दादर, सायन, कुर्ला, परेल, चूनाभट्टी और तिलकनगर में सीआर ट्रैक जलमग्न हो गए।
सुबह 7 बजे तक जैसे ही रेलवे ट्रैक से पानी का स्तर कम हुआ, पश्चिम रेलवे ने चर्चगेट और बोरीवली के बीच सेवाएं फिर से शुरू कर दीं गईं और सीआर ने मेनलाइन और हार्बर लाइन पर सेवाएं शुरू कर दीं।
बीएमसी ने कहा कि पूरे मुंबई में कम से कम 31 इलाकों में जलभराव या बाढ़ की सूचना है, जिसमें पश्चिमी उपनगरों में नियमित हॉटस्पॉट और पूर्व-पश्चिम सबवे शामिल हैं।
हालांकि, बारिश का असर यात्रियों को ज्यादा महसूस नहीं हुआ क्योंकि रविवार का दिन था, ज्यादातर लोग घर के अंदर ही रहे।
भांडुप जल उपचार संयंत्र में बाढ़ के पानी के प्रवेश के साथ, बीएमसी ने कहा है कि मरम्मत पूरी होने तक शहर के कुछ हिस्सों में पानी की कमी होगी और लोगों से पानी का संयम से उपयोग करने का आग्रह किया।
आईएमडी मुंबई ने दिन के दौरान और बारिश की चेतावनी दी है, जिसके लिए बीएमसी, एनडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य एजेंसियां मुंबई और पूरे तटीय कोंकण क्षेत्र में हाई अलर्ट पर हैं। (आईएएनएस)
लखनऊ, 18 जुलाई | उर्दू के जाने-माने शायर मुनव्वर राणा ने कहा है कि अगर योगी आदित्यनाथ 2022 में फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो वह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो यह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी के कारण ही होगा।
कवि ने आरोप लगाया, "ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा और ओवैसी लोगों को गुमराह करने के लिए शैडो बॉक्सिंग में लिप्त हैं। तथ्य यह है कि वे दोनों मतदाताओं का ध्रुवीकरण करते हैं और फिर चुनावी लाभांश प्राप्त करते हैं जिससे बड़ा हिस्सा भाजपा को जाता है।"
राणा ने कहा कि अगर यूपी के मुसलमान ओवैसी के जाल में फंस गए और एआईएमआईएम को वोट दिया तो योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।
उन्होंने कहा, "अगर योगी फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो मैं मान लूंगा कि राज्य अब मुसलमानों के रहने के लायक नहीं है और मुझे कहीं और जाना होगा।"
राणा ने आरोप लगाया कि " जिस तरह मुस्लिम युवकों को अलकायदा से जोड़कर प्रेशर कुकर के जरिए आतंक के झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, मुझे डर है कि कल एटीएस मुझे उठा ले और मुझे पाकिस्तान में मुशायरों में भाग लेने के लिये आतंकवादी घोषित कर दे। "
प्रस्तावित यूपी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर, मुनव्वर राणा ने कहा, "मुसलमानों के आठ बच्चे हैं, ताकि अगर पुलिस दो बच्चों को आतंकवादी के रूप में उठाती है और दो बच्चे कोरोनावायरस से मर जाते हैं, तो उनकी देखभाल के लिए चार बच्चे उनके घर में मौजूद होंगे।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 18 जुलाई | उत्तर प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ, नई दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई और अहमदाबाद में देर रात पार्टियों के दौरान नशा सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंदिरानगर थाना क्षेत्र के पिकनिक स्पॉट ट्राइसेक्शन से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद कयूम, रियाज अली, नफीस अहमद और सद्दाम हुसैन (सभी बहराइच से), गुलाब खान और शाहनशाह अयोध्या के रूप में हुई है।
कयूम इस गिरोह का कथित सरगना है।
एसटीएफ की टीम ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तीन करोड़ रुपये की 2.65 किलोग्राम मेथाडोन ड्रग्स, 12 मोबाइल फोन, एक कार, एक एसयूवी, एक मोटरसाइकिल, दस्तावेज और 6,500 रुपये नकद बरामद किए।
डीएसपी एसटीएफ, डी.के. शाही ने संवाददाताओं से कहा कि कयूम ने कबूल किया कि वह पिछले 15-16 वर्षों से अपराध में शामिल था और पुलिस द्वारा उसकी तलाश शुरू करने के बाद वह अयोध्या चला गया।
शाही ने कहा, "उसने पूछताछकर्ताओं को बताया कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और नेपाल में ड्रग्स की तस्करी करता था।"
उन्होंने आगे कहा कि कयूम और उनके सहयोगियों ने अपने सहयोगी गुलाब खान के माध्यम से अन्य राज्यों में अपने अभियान का विस्तार किया।
डीएसपी ने कहा, "गुलाब खान ने खुलासा किया कि वह और उसके सहयोगी कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में थे जो नई दिल्ली में ड्रग्स की आपूर्ति करते थे। गिरोह स्काइप के जरिए उनके दिल्ली लिंक के संपर्क में था।"
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की थी और इस पैसे से घरों और दुकानों का निर्माण कराया था।
उन्होंने हाल ही में एसयूवी भी खरीदी थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली,18 जुलाई | 18 जुलाई कंपनी ने कोई भी घोटाले के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है।
बिग बॉय टॉयज के एमडी जतिन आहूजा ने एक बयान में कहा: निपुन मिगलानी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और बिग बॉय टॉयज उनके किसी भी व्यक्तिगत के लेनदेन के प्रति कोई दायित्व और जिम्मेदारी नहीं रखता है।
बयान में कहा गया है, यह बड़े पैमाने पर आम जनता के लिए जाना जाता है कि निपुण मिगलानी ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में जो कुछ भी किया है, बिग बॉय टॉयज लिमिटेड उसके लिए जवाबदेही नहीं है। आगे भी यदि कोई व्यक्ति श्री निपुण मिगलानी के साथ व्यवहार करता है, तो वह खूद जिम्मेदार होगा और बिग बॉय टॉयज को उससे कोई आपसीे संबध नहीं है।
हम बड़े पैमाने पर जनता को यह भी सूचित करते हैं कि कथित मामले में कोई चिंता या प्रश्न, बिग बॉय टॉयज को नहीं लिख सकता है। क्योंकि किसी भी तरह से बिग बॉय टॉयज इसमें शामिल नहीं है।
डीआरआई ने राजनयिक विशेषाधिकारों के दुरुपयोग से जुड़े एक लक्जरी कार तस्करी रैकेट के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी मिगलानी, लियाकत बचाउ खान और सूर्या अर्जुनन हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 18 जुलाई : पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू की जंग तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है कि पंजाब के कांग्रेस सांसद आज पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं और नवजोत सिद्धू को प्रदेश बनाए जाने का विरोध करने वाले हैं. पंजाब से कांग्रेस के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद आज दिल्ली में पार्टी सांसद प्रताप सिंह बाजवा के आवास पर पहले मिलेंगे. बाजवा ने भी नई दिल्ली में कहा है कि उन्होंने पंजाब के सभी (कांग्रेस) सांसदों को किसानों के मुद्दे पर रणनीति बनाने और कांग्रेस पार्टी से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक के लिए आमंत्रित किया है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
सूत्रों ने बताया कि पार्टी सांसद कांग्रेस नेतृत्व से नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त नहीं करने का आग्रह करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री परिणीत कौर पार्टी सांसदों को इस मुलाकात के लिए प्रेरित कर रही हैं.
सूत्रों ने कहा कि पार्टी में पुराने समय के लोग (नेता) नवजोत सिंह सिद्धू को पदोन्नत करने के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से नाराज हैं, जिन्हें वे "बीजेपी से रिजेक्टेड" कहते हैं.
सीएम अमरिंदर सिंह, कुछ नए लोगों की नियुक्ति के साथ सिद्धू की पदोन्नति के लिए सहमत हो गए थे लेकिन उन्होंने नए पद पर उनकी नियुक्ति से पहले उनसे सार्वजनिक रूप से माफी की मांग करना जारी रखा है.
सिंह ने कहा था कि चुनाव से पहले महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय पार्टी नेतृत्व को उन्हें (सिद्धू को) शामिल करना चाहिए
79 वर्षीय कैप्टन ने पार्टी नेतृत्व से यह भी मांग की कि उन्हें अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और सिद्धू के तहत कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति में पूरी छूट दी जाए.
सूत्रों ने कहा कि सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से तब तक मिलने से इनकार किया है जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते या अपने खिलाफ किए गए ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते.
सूत्रों ने कहा कि सिंह ने कहा कि सिद्धू की नियुक्ति अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता में वापस लाने में मदद करने के उनके प्रयासों का पूरक होना चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि अनरिंदर सिंह कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के साथ कल की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को स्वीकार करने के लिए सहमत हो गए थे. रावत उनसे मिलने के लिए शनिवार को चंडीगढ़ गए थे.
अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच राजनीतिक लड़ाई 2017 में कांग्रेस के पंजाब चुनाव जीतने के बाद से ही चल रही है. इस झगड़े ने अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में पार्टी को खतरे में डाल दिया है. सिद्धू, जिन्होंने भाजपा छोड़कर 2017 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, सत्ता में एक बड़े हिस्से (उप मुख्यमंत्री पद समेत) की भागीदारी के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन अमरिंदर सिंह ने उनकी हर चाल को अभी तक नाकाम किया है.