अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के शपथग्रहण समारोह में यूं तो काफी लोग शामिल हुए थे. लेकिन इनमें एक ऐसा खास चेहरा भी था, जिसके बारे में मीडिया ने जिक्र तक नहीं किया. ये कोई और नहीं बल्कि, कमला हैरिस के पति और सेकेंड जेंटलमैन डगलस एमहॉफ की पूर्व पत्नी कर्स्टिन एमहॉफ . कर्स्टिन का भले ही डगलस से तलाक हो चुका है लेकिन अभी भी इन दोनों के बीच एक अच्छा रिश्ता है. साथ ही कमला के साथ भी कर्स्टिन की अच्छी दोस्ती है. कर्स्टिन इसीलिये कमला हैरिस का हौसला बढ़ाने उनके शपथग्रहण समारोह में पहुंची थीं.
बता दें, कर्स्टिन एक प्रोडक्शन कंपनी प्रिटीबर्ड की सीईओ हैं. उनकी साल 1992 में डगलस एमहॉफ के साथ शादी हुई थी. इन दोनों के दो बच्चे भी है. लेकिन किन्ही कारणों से दोनों ने साल 2008 में तलाक ले लिया था. इसके बाद कमला हैरिस डगलस की जिंदगी में आईं और साल 2014 में दोनों ने शादी कर ली. कमला के सबंध सिर्फ कर्स्टिन के साथ ही अच्छे नहीं हैं, बल्कि उनके बच्चों के साथ भी वह बेहद प्यार करती हैं. उनके बच्चे कमला को प्यार से 'मोमाला' कहकर बुलाते हैं.
'कर्स्टिन हैं शानदार महिला'
एली मैगजीन को 2019 में दिए गए एक इंटरव्यू में कमला ने कहा, 'कोल और एला को जानकर मुझे पता लगा था कि उनकी मां भी उनकी तरह ही एक शानदार महिला हैं. हम दोनों अच्छे दोस्त है.' बता दें, कर्स्टिन ने शपथग्रहण समारोह में आकर ना केवल दोनों के लिए खुशी का इजहार किया. बल्कि उस दिन की एक फोटो भी इंस्टाग्राम में शेयर की है. (news18.com)
दुबई, 25 जनवरी | दुबई में हिंदुओं के लिए बने एक मंदिर का शुभारंभ अगले साल दीवाली तक कर लिया जाएगा। मीडिया रिपोर्टों में इसकी जानकारी दी गई है। बीते साल अगस्त में महामारी के दौरान इस मंदिर की नींव रखी गई थी। दुबई के कम्यूनिटी डेवलपमेंट ऑथरिटी के मुताबिक, शहर के जेबेल अली इलाके में गुरु नानक सिंह दरबार के समीप इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जो कि बर दुबई में सिंधी गुरु दरबार का विस्तार है।
सिंधी गुरु दरबार मंदिर यहां स्थित हिंदुओं के पुराने मंदिरों में से एक है, जिसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
रविवार को गल्फ न्यूज से बात करते हुए मंदिर के ट्रस्टियों में से एक राजू श्रॉफ ने कहा, "यह मंदिर संयुक्त अरब अमीरात और दुबई में लोगों के खुले विचारों और मानसिकता की पहचान है।"
उन्होंने आगे कहा, "1950 के दशक में एक कमरे के एक पुराने मंदिर से 70,000 स्क्व ॉयर फीट के मंदिर और कम्युनिटी सेंटर में तब्दील होने का इसका यह सफर दुबई के शासकों की उदारता व खुले विचारों और सीडीए, दुबई के अभूतपूर्व समर्थन के बिना संभव नहीं हो पाता।"
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मंदिर हिंदुओं के 11 देवी-देवताओं का घर होगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मंदिर के ढांचे का निर्माण 25,000 स्क्व ॉयर फीट की जमीन पर होना है, जबकि पूरा परिसर 75,000 स्क्व ॉयर फीट के विस्तृत इलाके में फैला होगा।
ढांचे में दो बेसमेंट होंगे, एक ग्राउंड फ्लोर होगा और एक फर्स्ट फ्लोर होगा।
यहां एक 4,000 स्क्व ॉयर फीट का बैंक्वे ट हॉल भी होगा, जहां लगभग 775 लोगों के साथ आने की क्षमता होगी और एक 1,000 स्क्व ॉयर फीट का मल्टीपर्पस रूम भी होगा, जो छोटे-मोटे समारोहों के लिए होगा। इसमें भाग लेने वाले लोगों की क्षमता 100 होगी। (आईएएनएस)
जेनेवा, 25 जनवरी | कोविड महामारी के कारण उपजी चुनौतियों का मुकाबला करने एवं वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर विचार करने के उद्देश्य से इस सप्ताह दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। पांच दिवसीय इस वर्चअुल मीटिंग में कारोबार एवं उद्योग जगत की तमाम बड़ी हस्तियों के अलावा विश्व के 25 देशों के शासनाध्यक्ष व राष्ट्रराध्यक्ष समेत 2,000 से भी अधिक नेता शिरकत कर रहे हैं।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सोमवार से शुरू हो रहे 'दावोस एजेंडा 2021' का थीम 'ए क्रूसियल ईयर टू रीबिल्ड ट्रस्ट' रखा गया है। इस अहम बैठक में कोविड टीकाकरण को लेकर चुनौतियां, रोजगार सृजन और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया जाएगा।
वैसे तो इस वार्षिक सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत रविवार को ही डब्ल्यूईएफ के संस्थापक व कार्यकारी अध्यक्ष क्लॉस श्वाब के अभिभाषण के साथ ही हो गई थी। इसके बाद स्वीस कन्फेडरेशन के अध्यक्ष गाय पार्मेलिन ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
श्वाब ने वर्चुअल माध्यम से अपने स्वागत संबोधन में कहा कि हमें सबसे पहले जो कदम उठाना है, वह आपसी विश्वास को बहाल करना है। लेकिन, विश्वास बहाली के लिए हमें वैश्विक स्तर पर परस्पर सहयोग की नितांत आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना पड़ेगा कि एक और अधिक सकारात्मक भविष्य बनाने के लिए हर कोई अपना भरपूर योगदान दे, चाहे वह सरकार हो, कारोबार-उद्योग जगत से जुड़े लोग हों अथवा युवा पीढ़ी हो।
श्वाब ने कहा कि दावोस एजेंडा वीक के दौरान पांच प्रमुख नीतियों पर विचार किया जाएगा। पहला - महत्वपूर्ण औद्योगिक बदलाव, दूसरा - कार्बन उत्सर्जन नीति, तीसरा - आर्थिक-सामाजिक नीति, चौथा - कोविड व नई तकनीक, और पांचवां - बहुपक्षीय प्रणाली।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक परिवर्तन और शून्य कार्बन उत्सर्जन नीति की दिशा में प्रकृति एवं वांछित परिणाम पाने के लिए कारोबार जगत को भी महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता दिखानी होगी। साथ ही एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए पर्याप्त नौकरियों का सृजन करना होगा।
श्वाब ने आगे कहा कि कोविड काल में हमने नई तकनीकों की महत्ता को प्रत्यक्ष देखा है। हमें अधिकाधिक मानव हित के लिए इन तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ाना होगा। हमें 21वीं सदी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी बहुपक्षीय प्रणाली विकसित करनी होगी जो पूरी तरह निष्पक्ष हो और आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर सके।
अपने संबोधन में पार्मेलिन ने कहा कि दावोस एजेंडा के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, परस्पर वैश्विक सहयोग बढ़ाने, डिजिटल टेक्नोलॉजी के कारण मिलने वाले अवसरों का भरपूर लाभ उठाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी को परास्त करने के लिए बहुत ही कम समय में जिस तरह से असरकारक वैक्सीन तैयार की गई, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि जब सरकारें, कारोबारी जगत और वैज्ञानिक बिरादरी एक साथ आते हैं तो वे वांछित परिणाम हासिल करने में कितने सक्षम हो सकते हैं। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 25 जनवरी | एलन मस्क द्वारा संचालित स्पेसएक्स ने 143 छोटे उपग्रहों के साथ अपने नए राइड शेयर मिशन को लॉन्च कर दिया है। यह स्पेस पर एक सिंगल रॉकेट के लिए एक नया रिकॉर्ड है। फ्लोरिडा में स्थित केप कैनेवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रविवार को ट्रांसपोर्टर-1 मिशन के नाम से दो स्तरीय फाल्कन रॉकेट को उड़ाया गया।
स्पेसएक्स ने अपने एक ट्वीट में कहा है, "फॉल्कन 9 ने ऑर्बिट में 143 स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च किया है। किसी सिंगल मिशन में लॉन्च किया गया यह सबसे बड़ा प्रक्षेपण है, जो कि स्पेसएक्स के पहले स्मॉटसैट राइडशेयर प्रोग्राम मिशन को समर्पित रहा।"
स्पेसएक्स के मुताबिक, यह राइडशेयर प्रोग्राम छोटे सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेस तक पहुंचने की सुविधा को कम लागत में उपलब्ध कराता है, जिसमें किसी 200 किलोग्राम के सैटेलाइट के लिए लागत की शुरुआत दस लाख डॉलर से होती है।
स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट से शू बॉक्स साइज के क्यूबसैट (एक छोटा उपग्रह) को 326 मील की ऊंचाई पर ध्रुवीय कक्ष में भेजा गया। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 25 जनवरी | पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सुरक्षा अभियान के दौरान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पांच आतंकवादी मारे गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा बलों ने रविवार को उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली और खिसुर क्षेत्रों में दो खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए पांच आतंकवादियों को मार गिराया।
बयान में कहा गया है कि मारे गए लोगों में दो आतंकवादी कमांडर थे।
पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कई ऑपरेशन किए हैं।
हालांकि इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से को सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन कुछ आतंकवादी समूह अभी भी सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों पर हमले करते रहते हैं। (आईएएनएस)
वाशिंगटन : अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद जो बाइडेन ने कई आदेशों पर हस्ताक्षर किये. जो बाइडेन ने 100 दिनों तक मास्क पहनना, डब्ल्यूएचओ में वापसी, मुस्लिम देशों से यात्रा प्रतिबंध हटाना, पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने समेत 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किये. मालूम हो कि इनमें से अधिकतर फैसले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के विपरित हैं.
जो बाइडेन ने कहा कि कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं. स्थितियां खराब होती जा रही हैं. जानकारों ने बताया है कि अगर मास्क पहना जाता तो कोविड-19 संक्रमण से अब तक करीब 50 हजार लोगों की जानें बचायी जा सकती थीं. इसलिए अगले 100 दिनों तक मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है.
मास्क को तरजीह देते हुए पत्नी जिल बाइडेन के साथ अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस में मास्क पहनकर ही प्रवेश किया. उनकी पत्नी भी मास्क पहने हुए थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मास्क पहनना अनिवार्य बनाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के साथ मास्क पहनने को देशभक्ति बताया है. साथ ही अमेरिकियों से भी मास्क पहनने की अपील की है.
इसके अलावा जो बाइडेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में वापसी की भी बात कही है. बाइडेन के शीर्ष सलाहकारों में शामिल डॉ एंथनी फाउच ने बताया है कि डब्ल्यूएचओ में अमेरिकी कर्मियों की कटौती पर रोक के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी अमेरिका उपलब्ध करायेगा. मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोक दी थी.
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के विपरित जो बाइडेन ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका को फिर से शामिल होने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है. साथ ही साल 2017 में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम बहुल देशों देशों पर लगाये गये प्रतिबंध को भी हटा लिया है. इसके अलावा घुसपैठ रोकने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के मैक्सिको की सीमा पर बनाये जा रहे बाड़ की फंडिंग भी जो बाइडेन ने रोक दी है.
अमेरिका में नस्लीय दंगे को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सभी नस्लों के लोगों के साथ वह एकता के लिए काम करेंगे. साथ ही उनका प्रयास होगा कि सभी समुदाय के लोग एक-दूसरे को समझें और एकजुट होकर रहें. मालूम हो कि अमेरिका में हाल ही में कई नस्लीय दंगे की खबर सामने आयी थी. (prabhatkhabar.com)
जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते मास्क पहनने के नियम को सख्त किया था और अमेरिका आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन करने का आदेश दिया था. देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 संबंधित यात्रा प्रतिबंधों को फिर से लागू करेंगे. प्रतिबंध अधिकतर गैर अमेरिकी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर लगाया जाएगा. ब्रिटेन, ब्राजील, आयरलैंड और यूरोप के बहुत से भागों से आने वाले गैर अमेरिकी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर यात्रा प्रतिबंध दोबारा लागू होगा. नया प्रशासन कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है और यात्रा प्रतिबंध भी उसी से जुड़ा है.
अधिकारी ने कहा इसी के साथ बाइडेन हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर भी प्रतिबंध के विस्तार करने की घोषणा करेंगे. यह चेतावनी दी जा रही है कि कोरोना वायरस का नया संस्करण तेजी से देश में पैर पसार रहा है. इस अधिकारी ने अमेरिकी मीडिया के रिपोर्टों की पुष्टि की है, जिनमें कहा गया है कि नया संस्करण देश में फैल रहा है.
बाइडेन ने उठाए सख्त कदम
नए राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते ही मास्क पहनने के नियमों को सख्त किया था और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन के आदेश दिए थे. बाइडेन कह चुके हैं कि कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 4,20,000 से बढ़कर अगले महीने पांच लाख तक पहुंच जाएंगी और इसीलिए इस तरह की कार्रवाई की जरूरत है. पिछले गुरुवार को उन्होंने कहा था, "इस वक्त हम राष्ट्रीय आपातकाल में हैं. और इसका पालन किया जाए."
डॉनल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में कहा था कि ब्राजील और यूरोप के अधिकतर भागों से आने वाले यात्रियों से यात्रा प्रतिबंध हटा लिया जाएगा. हालांकि बाइडेन प्रशासन ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यात्रा प्रतिबंधों को नहीं हटाया जाएगा. ट्रंप का आदेश 26 जनवरी से लागू होने वाला था.
ट्रंप ने 31 जनवरी 2020 को गैर अमेरिकी लोगों के चीन से अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. ऐसा उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किया था. 14 मार्च को यूरोपीय देशों पर प्रतिबंध का विस्तार कर दिया गया था उस वक्त महामारी पूरी ताकत के साथ फैल रही थी. महामारी के फैलने के बाद से अब तक अमेरिका में 25 लाख मामले सामने आ चुके हैं. बाइडेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता दी है और संसद पर 1.9 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी देने के लिए जोर दे रहे हैं.
कोविड-19 के लिए खर्च होने वाले पैसे में करीब 20 अरब डॉलर सिर्फ टीकाकरण को ज्यादा मजबूती से फैलाने पर खर्च होगा. 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद बाइडेन ने कहा था कि उन्होंने अपने 100 दिन के कार्यकाल में 10 कोरड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने जनता से अगले 100 दिन तक मास्क लगाने की अपील भी की है.
एए/सीके (एएफपी)
वाइट हाउस में अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति को सुरक्षा के लिहाज से काफी संभलकर रहना होता है. यही कारण है कि नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी राष्ट्रपति के लिए भी 'क्या नहीं करना है' की लिस्ट बनाए रखती है.
ताजा मामला राष्ट्रपति बाइडन से जुड़ा है
बाइडन लॉकडाउन के समय से कसरत के लिए पेलोटॉन बाइक इस्तेमाल करते आए हैं. काफी हाई-टेक ये बाइक अब विवाद का मसला बनी हुई है. एक एक साइंस मैगजीन Popular Mechanics ने इस बाइक में इंस्टॉल्ड फीचर्स को बाइडन की सुरक्षा पर खतरा बताया. इसके बाद बाइडन तो वाइट हाउस पहुंच गए लेकिन ये बाइक अब भी सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में है. दरअसल बाइक में कैमरा, माइक्रोफोन और टैबलेट जुड़ा हुआ है. अब एजेंसियों को डर है कि हैक होने पर राष्ट्रपति की गोपनीय बातें फैल सकती हैं.
पहले भी होते रहे विवाद
ये तो हुई बाइडन की बात, लेकिन वाइट हाउस में रहना कोई हंसी-खेल नहीं. इससे पहले भी राष्ट्रपति के लिए कई बातें पर विवाद होता आया है कि वे क्या-क्या नहीं कर सकते हैं. जैसे राष्ट्रपति अपने दोस्तों के साथ सामान्य फोन या वीडियो कॉल पर गप्पें नहीं लगा सकते हैं. सीक्रेट सर्विस इसके लिए एक सुरक्षित लाइन मुहैया कराती है. ऐसे में जाहिर है कि अचानक मन होने पर दोस्तों या परिवार को फोन करने जैसी कोई सुविधा राष्ट्रपति के पास नहीं.
ओबामा पहले थे जो स्मार्टफोन रख सके
ज्यादातर राष्ट्रपतियों को स्मार्टफोन और यहां तक कि ईमेल्स भी इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं मिल सकी. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ऐसे पहले ज्ञात राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने ईमेल का इस्तेमाल शुरू किया. यहां तक कि ओबामा ने अपने पास स्मार्टफोन रखने के लिए नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी से भी बातचीत की और मंजूरी पाई. हालांकि ओबामा के फोन से सारे बिल्ट-इन फीचर हटा दिए गए थे और उन्हें केवल 10 नंबर सेव करने की इजाजत मिल सकी थी.
फिल्म देखने नहीं जा सकते
सामान्य लोगों की तरह अमेरिकी राष्ट्रपति फिल्म या नाटक देखने नहीं जा सकता. अगर राष्ट्रपति को फिल्म देखने का मन कर तो वाइट हाउस में ही उन्हें ये सुविधा दी जाती है. हां बाहर जाकर दोस्तों या परिवार के साथ खाना खाया जा सकता है लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति को पहले से ही सीक्रेट सर्विस को बताना और मंजूरी लेनी होती है.
राष्ट्रपति नहीं टाल सकता सीक्रेट सर्विस की बात
यहां ये समझ लें कि खुफिया एजेंसी अगर किसी बात सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील कह दे तो उसे टालना राष्ट्रपति के भी बूते की बात नहीं. रही बात बाहर जाकर खाने की, तो भी अगर मंजूरी मिल जाए तो पूरी सुरक्षा साथ चलती है और साथ ही साथ राष्ट्रपति का आधिकारिक फूड टेस्टर भी साथ रहता है. ये वो शख्स होता है जो राष्ट्रपति का खाना देखकर, सूंघकर और चखकर बताता है कि वो सुरक्षित है.
रेस्त्रां जाने के लिए राष्ट्रपति को पहले से ही सीक्रेट सर्विस को बताना और मंजूरी लेनी होती है-
एक बड़ी समस्या है ड्राइव पर जाना
राष्ट्रपति तो छोड़े, पूर्व राष्ट्रपतियों को भी अकेले ड्राइव करने की इजाजत नहीं होती है. इसपर समय-समय पर बात होती रही. पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ड डब्ल्यू बुश ने इसपर काफी हो-हल्ला भी किया था लेकिन बात वहीं आकर अटक गई कि ये राष्ट्रपति की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि उसके पास राष्ट्रपति काल के दौरान आने वाली संवेदनशील सूचनाओं की भी सुरक्षा का सवाल है. लिहाजा, ड्राइविंग का अधिकार किसी पूर्व राष्ट्रपति के पास भी नहीं है.
स्कूल भी नहीं जा पाते हैं
राष्ट्रपतियों के पास सामान्य अभिभावकों की तरह के अधिकार भी नहीं रह जाते हैं. जैसे अगर राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति अपने बच्चों के स्कूल या पेरेंट-टीचर मीट जैसे मौकों पर जाना चाहें तो वे चाहकर भी ये नहीं कर सकते हैं. इसकी वजह वही है- सुरक्षा. यहां तक कि बच्चों के स्कूल तक में उनकी अलग से सुरक्षा की जाती है. यही कारण है कि कई राष्ट्रपतियों के बच्चे वाइट हाउस के भीतर ही पढ़ाए गए.
भवन या कार की बंद खिड़कियां
इन सबसे ऊपर जो सबसे अजीब बात है, वो है खिड़कियां खोलने पर पाबंदी. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने एक बार इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वे सबसे ज्यादा इसी बात से नाखुश रहती हैं. तब ओबामा राष्ट्रपति थे. बता दें कि वाइट हाउस में कोई खिड़की खुली हुई नहीं रहती है और न ही कार में जाते-आते खिड़कियां खोली जाती हैं. (news18.com)
रियो डी जेनेरो, 25 जनवरी| ब्राजील में एक लोकल मैच से पहले विमान दुर्घटना में चार खिलाड़ी और ब्राजील के फुटबॉल क्लब पालमास के प्रेसिडेंट की मौत हो गई। यह घटना रविवार को हुई। क्लब ने एक बयान में कहा, क्लब के प्रेसिडेंट लुकास मीरा और चार खिलाड़ी -- लुकास प्रैक्सिडेस, गुइलहेम नोए, रानूल और मार्कस मोलिनारी की रविवार को तब मौत हो गई, जब ब्राजील के उत्तरी शहर पलमास के पास उनका विमान टोकेनटेंस एयरफील्ड पर टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के पायलट की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई।
विमान विला नोवा के खिलाफ सोमवार को खेले जाने वाले कोपा वर्डे मैच के लिए लगभग 800 किमी दूर, गोयनिया शहर के लिए उड़ान भर रहा था।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि ये खिलाड़ी और क्लब के प्रेसिडेंट टीम से अलग यात्रा कर रहे थे, क्योंकि वे कोविड-19 परीक्षण में पहले पॉजिटिव पाए गए थे और क्वारंटीन में थे।
अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान दो इंजन वाला बैरॉन मॉडल विमान था, जिसमें दुर्घटना के बाद आग लग गई। अधिकारियों ने कहा कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
पांच साल पहले कोलंबिया में इसी तरह की विमान दुर्घटना में 19 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी।
एक अन्य घटना में 2014 में, पूर्व अंतर्राष्ट्रीय और ब्राजील के स्ट्राइकर फर्नांडो की ब्राजील में ही एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
(आईएएनएस)
अमेरिका (USA) में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. जो बाइडन अमेरिका के46वें राष्ट्रपति के रूप में काम शुरू कर चुके हैं. उनके आने के बाद ओवल ऑफिस में भी कई बदलाव हुए हैं इनमें से एक नासा के अपोलो अभियान के जरिए चंद्रमा से लाया पत्थर का टुकड़ा है जिसे एक सजावटी केस में ओवल ऑफिस में रखा गया है. लोगों में यह कौतूहल है कि आखिर यह कौन सा ‘चांद का टुकड़ा’ है.
किस इरादे से रखा गया है इसे
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन ने ही इस चंद्रमा के नमूने को अपने ऑफिस में रखवाया है जिससे अमेरिकियों को अपनी महत्वकांक्षा और पिछली पीढ़ियों की उपलब्धियां याद रह सकें. यह नमूना टेक्सास के हॉस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर से किराए पर लिया गया है.
कौन सा नमूना है ये
यह नमूना नासा के अपोलो 17 अभियान के दौरान पृथ्वी पर लाया गया था. यह अमेरिका का चंद्रमा के लिए अंतिम अपोलो अभियान था. इस अभियान में चंद्रमा पर गए दुनिया के एकमात्र भूगर्भशास्त्री और एस्ट्रोनॉट हैरिसन जैक श्मिथ और यूजीन सर्नैन ने 76015,143 नाम के इस नमूने को चंद्रमा की सतह से दिसंबर 1972 में उठाया था.
कहां से उठाया गया था इसे
साल 1969 से 19972 के बीच हुए अपोलो अभियानों में चंद्रमा की सतह से 842 पाउंड के चंद्रमा की मिट्टी के नमूने उठाए गए थे. इनमें से हर पत्थर चंद्रमा के बारे में एक अलग ही कहानी कहता है. श्मिथ ने स्टेशन 6 पर मौजूद एक बड़ी चट्टान से इस पत्थर को काटा था. स्टेशन 6 चंद्रमा के उत्तर में टॉरस लिट्रो घाटी के पास नॉर्थ मासिफ नाम के एक पर्वत पर स्थित साइट है.
क्षुद्रग्रह के टकराव से बनी थी वह चट्टान
यह नमूना 3.9 अरब साल पुराना है जो ब्रेसिया नाम की चट्टान का हिस्सा है जो क्षुद्रग्रह के टकराव के बाद बनी थी. यह टकराव चंद्रमा के पृथ्वी की ओर वाले हिस्से में हुआ था. यह टकराव चंद्रमा पर इस तरह के अंतिम टकरावों में से एक था. नासा के मुताबिक 76015,143 इम्ब्रियम इम्पैक्ट बेसिन का है. यह क्रेटर 711.5 मील व्यास का है.
क्यों ज्यादा खास हैं नमूने
किसी भी लिहाज से 76015,143 और ऐसे दूसरे सभी नमूने एक खास समय की जानकारी रखते हैं. बड़े टकराव चट्टानों की उम्र फिर से शुरू कर देते हैं. इससे इस टकराव की घटना के समय की जानकारी मिल सकती है. इसमें सबसे खास बात यह है कि ये चट्टानें पृथ्वी की चट्टानों की तरह नहीं हैं जो टेक्टनिक गतिविधियों के कारण बदलती रहीं. इसके अलावा इन चट्टानों में अपरदन जैसी गतिविधि का असर भी नहीं होता जो चंद्रमा पर नहीं होती लेकिन पृथ्वी पर होती हैं.
खो भी गए बहुत से नमूने
इतनी कीमती होने के बाद इस तरह के बहुत से नमूने पूर्व राष्ट्रपति निक्सन ने बहुत से विदेशी पदाधिकारियों को तोहफे में दिए थे जो उन्हें संभाल कर नहीं रख सके. ऐसे तीन नमूने साल 2002 में चोरी भी हो गए थे जिनकी कीमत 20 लाख डॉलर थी. एफबीआई ने इन नमूनों को फिर से हासिल कर लिया था.
ओवल ऑफिस में आने वाला 76015,143 पहला नमूना नहीं है. साल 1999 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग, बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स ने तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को इसे दिया था.इसके साथ ही उन्होंने 10057,30 नमूना भी दिया था. 76015,143 का ओवल ऑफिस में रखा जाना बाइडन प्रशासन का विज्ञान और तकनीक के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि नासा को बाइडन प्रशासन में कितनी अहमियत मिलने वाली है. (NEWS18)
वाइट हाउस में अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति को सुरक्षा के लिहाज से काफी संभलकर रहना होता है. यही कारण है कि नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी राष्ट्रपति के लिए भी 'क्या नहीं करना है' की लिस्ट बनाए रखती है.
ताजा मामला राष्ट्रपति बाइडन से जुड़ा है
बाइडन लॉकडाउन के समय से कसरत के लिए पेलोटॉन बाइक इस्तेमाल करते आए हैं. काफी हाई-टेक ये बाइक अब विवाद का मसला बनी हुई है. एक एक साइंस मैगजीन Popular Mechanics ने इस बाइक में इंस्टॉल्ड फीचर्स को बाइडन की सुरक्षा पर खतरा बताया. इसके बाद बाइडन तो वाइट हाउस पहुंच गए लेकिन ये बाइक अब भी सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में है. दरअसल बाइक में कैमरा, माइक्रोफोन और टैबलेट जुड़ा हुआ है. अब एजेंसियों को डर है कि हैक होने पर राष्ट्रपति की गोपनीय बातें फैल सकती हैं.
पहले भी होते रहे विवाद
ये तो हुई बाइडन की बात, लेकिन वाइट हाउस में रहना कोई हंसी-खेल नहीं. इससे पहले भी राष्ट्रपति के लिए कई बातें पर विवाद होता आया है कि वे क्या-क्या नहीं कर सकते हैं. जैसे राष्ट्रपति अपने दोस्तों के साथ सामान्य फोन या वीडियो कॉल पर गप्पें नहीं लगा सकते हैं. सीक्रेट सर्विस इसके लिए एक सुरक्षित लाइन मुहैया कराती है. ऐसे में जाहिर है कि अचानक मन होने पर दोस्तों या परिवार को फोन करने जैसी कोई सुविधा राष्ट्रपति के पास नहीं.
ओबामा पहले थे जो स्मार्टफोन रख सके
ज्यादातर राष्ट्रपतियों को स्मार्टफोन और यहां तक कि ईमेल्स भी इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं मिल सकी. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ऐसे पहले ज्ञात राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने ईमेल का इस्तेमाल शुरू किया. यहां तक कि ओबामा ने अपने पास स्मार्टफोन रखने के लिए नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) से भी बातचीत की और मंजूरी पाई. हालांकि ओबामा के फोन से सारे बिल्ट-इन फीचर हटा दिए गए थे और उन्हें केवल 10 नंबर सेव करने की इजाजत मिल सकी थी.
फिल्म देखने नहीं जा सकते
सामान्य लोगों की तरह अमेरिकी राष्ट्रपति फिल्म या नाटक देखने नहीं जा सकता. अगर राष्ट्रपति को फिल्म देखने का मन कर तो वाइट हाउस में ही उन्हें ये सुविधा दी जाती है. हां बाहर जाकर दोस्तों या परिवार के साथ खाना खाया जा सकता है लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति को पहले से ही सीक्रेट सर्विस को बताना और मंजूरी लेनी होती है.
राष्ट्रपति नहीं टाल सकता सीक्रेट सर्विस की बात
यहां ये समझ लें कि खुफिया एजेंसी अगर किसी बात सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील कह दे तो उसे टालना राष्ट्रपति के भी बूते की बात नहीं. रही बात बाहर जाकर खाने की, तो भी अगर मंजूरी मिल जाए तो पूरी सुरक्षा साथ चलती है और साथ ही साथ राष्ट्रपति का आधिकारिक फूड टेस्टर भी साथ रहता है. ये वो शख्स होता है जो राष्ट्रपति का खाना देखकर, सूंघकर और चखकर बताता है कि वो सुरक्षित है.
एक बड़ी समस्या है ड्राइव पर जाना
राष्ट्रपति तो छोड़े, पूर्व राष्ट्रपतियों को भी अकेले ड्राइव करने की इजाजत नहीं होती है. इसपर समय-समय पर बात होती रही. पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ड डब्ल्यू बुश ने इसपर काफी हो-हल्ला भी किया था लेकिन बात वहीं आकर अटक गई कि ये राष्ट्रपति की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि उसके पास राष्ट्रपति काल के दौरान आने वाली संवेदनशील सूचनाओं की भी सुरक्षा का सवाल है. लिहाजा, ड्राइविंग का अधिकार किसी पूर्व राष्ट्रपति के पास भी नहीं है.
स्कूल भी नहीं जा पाते हैं
राष्ट्रपतियों के पास सामान्य अभिभावकों की तरह के अधिकार भी नहीं रह जाते हैं. जैसे अगर राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति अपने बच्चों के स्कूल या पेरेंट-टीचर मीट जैसे मौकों पर जाना चाहें तो वे चाहकर भी ये नहीं कर सकते हैं. इसकी वजह वही है- सुरक्षा. यहां तक कि बच्चों के स्कूल तक में उनकी अलग से सुरक्षा की जाती है. यही कारण है कि कई राष्ट्रपतियों के बच्चे वाइट हाउस के भीतर ही पढ़ाए गए.
भवन या कार की बंद खिड़कियां
इन सबसे ऊपर जो सबसे अजीब बात है, वो है खिड़कियां खोलने पर पाबंदी. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने एक बार इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वे सबसे ज्यादा इसी बात से नाखुश रहती हैं. तब ओबामा राष्ट्रपति थे. बता दें कि वाइट हाउस में कोई खिड़की खुली हुई नहीं रहती है और न ही कार में जाते-आते खिड़कियां खोली जाती हैं. (hindi.news18.com)
ट्यूनिस, 24 जनवरी | गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस की सड़कों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी उतर आए, जिसके बाद उनका सुरक्षा बलों के साथ टकराव शुरू हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एवेन्यू हबीब बोरगुइबा में, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को कई प्रांतों में चल रहे रात के विरोध प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई और उत्तरी अफ्रीकी देश में बिगड़ती सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की निंदा करते हुए नारे लगाए।
'न उत्पीड़न, न हाशिए पर' का नारा लगाते हुए हमा हम्मामी पार्टी के कार्यकर्ता, विपक्षी सांसदों और आम लोगों ने मार्च में हिस्सा लिया।
ट्यूनीशियाई सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन्हें आंतरिक मंत्रालय के मुख्यालय के सामने इकट्ठा होने से रोका।
ट्यूनीशिया ने 14 से 17 जनवरी तक कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए एक सामान्य लॉकडाउन लगाया है, जिसके बाद कई क्षेत्रों में लूटपाट, बर्बरता और चोरी की घटनाओं के साथ रात में युवाओं और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष देखा गया।
देश में 193,000 से अधिक कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं और 6,092 मौतें हुई हैं।
--आईएएनएस
लॉस एंजेलिस,24 जनवरी | दुनिया भर में प्रसिद्ध अमेरिकी टेलीविजन होस्ट लैरी किंग का निधन हो गया है. वे 87 वर्ष के थे. उनकी मृत्यु का कारण अभी उजागर नहीं किया गया, लेकिन मीडिया खबरों की मानें तो वे कोरोना पाजीटिव होने पर एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे. उनकी मौत की पुष्टि उनके पुत्र ने भी की है. वहीं ओरा मीडिया ने किंग के ट्विटर हैंडल के माध्यम से उनकी मौत की सूचना दी. इसके अनुसार लॉस एंजिल्स के सीडर्स सिनाई मेडिकल सेंटर पर उन्होंने अंतिम सांस ली. लैरी किंग ओरा मीडिया, ओरा स्टुडियो के सह संस्थापक थे. लैरी किंग को याद करते हुए दुनिया भर से प्रशंसकों, नामचीन हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है.
लैरी किंग का असली नाम लॉरेंस हारवे जेइगर था. उन्होंने साठ सालों के कॅरियर में टेलीविजन और रेडियो की दुनिया में अपने अंदाज में काम किया. वे 25 सालों तक अपने शो के होस्ट बने रहे. सीएनएन पर उनके शो 'लैरी किंग लाइव शो' में दुनिया भर की नामचीन हस्तियां आईं और इस प्रोग्राम के दर्शकों की संख्या भी लाखों में हुआ करती थी. लैरी को कई सम्मान और पुरस्कार मिले जिनमें दो बार पीबॉडी अवार्ड, एमी अवार्ड शामिल हैं. वे 1985 से 2010 तक सीएनएन के लिए काम करते रहे. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराम ओबामा ने उन्हें 'मोहम्मद अली ऑफ ब्रॉडकास्ट इंटरव्यू' कहा था.
50,000 इंटरव्यू लिए जिनका प्रसारण हुआ
वे इंटरव्यू के दौरान समसामयिक मुद्दों पर सेलिब्रिटीज, राजनेताओं के साथ चर्चा भी करते थे. उनके इंटरव्यू रोचक और कई कहानियों का जन्म देने वाले होते थे. इंटरव्यू शो को लेकर कई मीडिया खबरे भी चर्चा में रहती थी. पहले उनका शो वाशिंगटन को लेकर ही हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे यह व्यापक होता गया और उनकी ख्याति भी बढ़ती गई. वे सामान्य आदमी की तरह जिझासु होते हुए सवाल पूछा करते थे. उनके शो में अरबपति भी शामिल होते थे तो किसी दुर्घटना के पीड़ित भी. इस शो की ख्याति बढ़ी कि यहां खबरें जन्म लेती हैं. 1995 में उन्होंने मिडिल ईस्ट शांति वार्ता की अध्यक्ष की थी जिसमें दुनिया के दिग्गज नेताओं के साथ पीएलओ के अध्यक्ष यासिर अराफात, जॉर्डन के राजा किंग हुसैन और इजराइली प्रधानमंत्री यीतझाक राबिन मुख्य रूप से उपस्थित रहे. ऐसा अनुमान है कि उन्होंने 50,000 इंटरव्यू लिए जिनका प्रसारण हुआ. उनके शो में दलाई लामा, एलिजाबेथ टैलर, मिखाइल गोरबाचेव, बराक ओबामा और लेडी गागा जैसी तमाम सेलिब्रिटीज आती रहीं.
लाखों देखने वालों के चहेते रहे किंग
लॉस एंजिल्स आने के बाद भी किंग के शोज ब्रेकिंग न्यूज देते रहे. उनके शो पर ही लोगों को पता चला था कि मशहूर सेलिब्रिटी पेरिस हिल्टन के साथ जेल में क्या हुआ या मौत के माइकल जैक्सन के मित्र और परिवार वाले उनके बारे में क्या बात करते हैं? जून 2010 में उन्होंने अपना रिटायरमेंट घोषित किया था. इससे पहले 1998 में उनके शो 'लैरी किंग लाइव शो' को देखने वालों की संख्या 16 लाख से अधिक थी.(https://hindi.news18.com/)
बीजिग, 24 जनवरी | चीन के शेडोंग प्रांत में एक सोने की खदान में विस्फोट के बाद दो सप्ताह तक अंदर फंसे रहे 11 मजदूरों को रविवार को बचा लिया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बचावकर्मियों ने और दो मजदूर को बाहर निकाला। अब तक 11 मजदूरों को बचाया गया है।
रविवार तड़के खदान से पहले निकाले गए मजदूर की कमजोर हालत देखकर उसे अस्पताल ले जाया गया।
इस समय बचाव कार्य में 633 लोग लगे हुए हैं और वहां 407 उपकरण लगाए गए हैं।
यंताई शहर में 10 जनवरी को किक्सिया स्थित खदान में विस्फोट होने से लगभग 600 मीटर जमीन धंस गई, जिससे लगभग 600 मजदूर अंदर फंस गए।
बचावकर्मी केवल 10 खनिकों के साथ संपर्क स्थापित करने में कामयाब रहे, जो अच्छी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति में थे।
माना जाता है कि एक मजदूर की मौत हो गई है।
दिसंबर 2020 में, कोयले की खान में कार्बन मोनोऑक्साइड रिसाव के बाद 23 खनिकों की मौत हो गई थी।
--आईएएनएस
अंकारा. समुद्री लुटेरों ने पश्चिमी अफ्रीका के तट पर तुर्की के मालवाहक पोत पर हमला कर एक नाविक की हत्या कर दी है जबकि 15 अन्य का अपहरण कर लिया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जनकारी दी. तुर्की के समुद्री निदेशालय ने बताया कि एम/वी मोजार्ट नामक पोत के चालक दल सदस्यों ने शुरुआत में खुद को सुरक्षित स्थान पर बंद कर लिया था लेकिन करीब छह घंटे बाद लुटेरे वहां पहुंच गए, इस दौरान हुए संघर्ष में चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई.
तुर्की की मीडिया ने मृत चालक दल सदस्य की पहचान अजरबैज़ान निवासी एवं पेशे से इंजीनियर फरमान इस्मायीलोव के तौर पर की है जो पोत पर एक मात्र गैर तुर्की सदस्य थे. तुर्की की सरकारी संवाद एजेंसी अनादोलु के मुताबिक शनिवार को पोत में सवार अधिकतर चालक दल का अपहरण करने के बाद लुटेरों ने तीन नाविकों के साथ पोत को गिनी की खाड़ी में छोड़ दिया गया है. एजेंसी के मुताबिक पोत इस समय गैबोन के बंदरगाह जेंटिल की ओर बढ़ रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पोत पर बचे वरिष्ठ अधिकारी से दो बार बात की है.’’ कार्यालय ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ने अपहृत चालक दल के सदस्यों की सकुशल वापसी का आदेश भी जारी किया है.
उल्लेखनीय है कि लाइबेरिया का ध्वज लगा मोजार्ट नामक पोत नाइजीरिया के लागोस से दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन जा रहा था और शनिवार सुबह द्विपीय देश साओ टोमे एंड प्रिंसीप से 185 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में इसका अपहरण किया गया. खबरों के मुताबिक समुद्री लुटेरों ने पोत की अधिकतर प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया है केवल नेविगेशन प्राणाली को छोड़ा है ताकि चालक दल के सदस्य बंदरगाह तक पहुंच सकें. (news18.com)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शनकारी उतरे हुए हैं. वे पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी को जेल से छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये पुतिन के खिलाफ सबसे तगड़ा विरोध प्रदर्शन है. यहां तक कि कई जगहों पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर बलप्रयोग तक करना पड़ गया.
दरअसल बीते रविवार को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद नवेलनी ने अपनी रिहाई के लिए आवाज उठाई. इसके बाद देखते ही देखते मॉस्को से लेकर रूस के कोने-कोने में लोग भारी बर्फबारी की परवाह किए बगैर सड़कों पर निकल आए. गिरफ्तारी-निगरानी समूह 'ओवीडी-इन्फो के अनुसार, देशभर के 109 शहरों में अब तक 3100 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. बता दें कि रूस दुनिया के सबसे ठंडे देशों में से है, जहां का तापमान फिलहाल -20 से -50 तक भी जा रहा है. तो आखिर क्या वजह है, जो पुतिन के खिलाफ इस विरोधी के लिए इतना भारी जनसैलाब उमड़ा हुआ है?
लगभग 45 वर्षीय एलेक्सी राष्ट्रपति पुतिन के कड़े आलोचक माने जाते हैं. वे लगातार पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी में भ्रष्टाचार का विरोध करते आए हैं. साल 2002 के जून में ही संवैधानिक सुधारों पर हुई वोटिंग को एलेक्सी ने बगावत कहा था और कहा था कि ये संविधान का उल्लंघन है. बता दें कि पुतिन का मौजूदा कार्यकाल साल 2024 में खत्म होना है. हालांकि उन्होंने बीते साल जून में संवैधानिक सुधारों पर देशस्तर पर वोटिंग कराई. इससे वे 2024 के बाद भी अगले 16 सालों के लिए सत्ता में रह सकते हैं. एलेक्सी ने इसे संविधान के साथ सीधी छेड़छाड़ बताया था और लगातार आलोचना कर रहे थे.
ये पहली बार नहीं है, जब एलेक्सी पुतिन के खिलाफ मुखर हुए. उन्होंने करप्शन के खिलाफ रूस में कई कैंपेन चलाए और कई बार जेल जा चुके हैं. साल 2011 में उन्हें पुतिन की पार्टी के करप्शन पर बात की थी. उनका आरोप था कि पार्टी ने संसदीय चुनाव में वोटों के साथ बड़ी हेराफेरी की थी. इसी आरोप के बाद उन्हें 15 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया. साल 2013 में भी वे जेल जा चुके हैं. तब खुद एलेक्सी पर करप्शन के आरोप लगे थे, हालांकि उनके समर्थकों का कहना था कि सरकारी भ्रष्टाचार सामने लाने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा था.
पुतिन के विरोधियों का और अब जनता का भी मानना है कि कहीं न कहीं एलेक्सी पर हो रहे लगातार हमलों में पुतिन का हाथ है. बता दें कि साल 2020 के आखिरी महीनों में एलेक्सी को कथित तौर पर जहर दिया गया था, जिससे वे महीनों कोमा में रहे. जर्मनी में उनका इलाज चला था और लंबे इलाज के बाद हाल ही में वे रूस लौटे, लेकिन लौटते ही हिरासत में ले लिए गए.
कम्युनिस्ट देश रूस में पुतिन के खिलाफ बोलना अपने -आप में सबसे बड़ा खतरा है. एलेक्सी ये खतरा झेलते हुए बोलते रहे हैं इसलिए उनकी लोकप्रियता भी कम नहीं. वे सोशल मीडिया के स्टार माने जाते हैं. वे अपने आंदोलनों के लिए सोशल मीडिया का काफी बेहतर इस्तेमाल करते आए हैं.
यूट्यूब पर उनके 3.79 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. ट्विटर पर लगभग ढाई मिलियन फॉलोवर्स हैं. एलेक्सी अपने ब्लॉग, यू ट्यूब और ट्विटर पर लगातार वीडियो और कई चीजें पोस्ट करते रहते हैं जो सरकारी महकमे में करप्शन को दिखाते हैं. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने साल 2012 में एलेक्सी को रूस का वो शख्स कहा, जिससे पुतिन सबसे ज्यादा खौफ खाता है.
अब जो हालात हैं, उससे लग भी यही रहा है. पुतिन के विरोध में जेल में डाले गए एलेक्सी के बारे में प्रशासन ये नहीं कह रहा है कि आखिर एलेक्सी का अपराध क्या है. यही बात एलेक्सी समर्थकों को उकसा रही है. इधर जेल में बैठे हुए भी एलेक्सी किसी न किसी तरह से अपने चाहने वालों से जुड़ रहे हैं और लगातार अपनी रिहाई का आह्वान कर रहे हैं.
बीच-बीच में वे पुतिन के भ्रष्टाचार और ऐशोआराम से भरी जिंदगी के वीडियो भी डलवा रहे हैं. जैसे इसी मंगलवार को एक वीडियो में कथित तौर पर पुतिन पैलेस दिखाया गया. ब्लैक सी के तट पर स्थित ये प्रॉपर्टी रूस की सबसे आलीशान निजी संपत्ति है. इस बारे में लगातार अटकलें लगती रहीं ये पुतिन की ऐशगाह है. एलेक्सी ने खुफिया तरीके से इस पैलेस की वीडियो बनवाकर अपलोड कराई, जिसके बाद से लोगों का गुस्सा पुतिन पर खुलकर सामने आया है. (news18.com)
गूगल ने धमकी दी है कि अगर न्यूज़ पब्लिशर्स के साथ उसके रिश्तों को तय करने वाले नए क़ानूनों पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार आगे बढ़ती है तो वह वहां के बाज़ार को छोड़कर चली जाएगी.
ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं आखिर यह पूरा मसला क्या है?
गूगल ऑस्ट्रेलिया को क्यों छोड़ना चाहती है?
सरकार एक नया क़ानून ला रही है जिसमें लंबे वक्त से उठ रहे इस मसले को हल करने की कोशिश की गई है कि क्या टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को सर्च रिजल्ट या उनके प्लेटफॉर्म्स पर साझा की जाने वाली ख़बरों के लिए पैसे चुकाने चाहिए या नहीं?
प्रस्तावित कानून में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि गूगल का सभी न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशंस के साथ एक कर्मशियल एग्रीमेंट हो या फिर उसे जबरदस्ती इस तरह के आर्बिट्रेशन में दाखिल किया जाए. गूगल का कहना है कि यह चीज लागू किए जाने योग्य नहीं है.
सीधे तौर पर कहा जाए तो गूगल को अपने सर्च पर दिखने वाली ख़बरों के लिए न्यूज ऑर्गनाइजेशंस को पैसे चुकाने होंगे.
गूगल के रीजनल डायरेक्टर मेल सिल्वा के मुताबिक, "अगर इन प्रस्तावों को क़ानून बनाया गया तो हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में गूगल सर्च को बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा."
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गूगल की प्रतिक्रिया पर कहा है, "हम धमकियों पर टिप्पणी नहीं करते."
ऑस्ट्रेलिया गूगल से किस चीज़ के लिए पैसे चुकाने को कह रहा है?
अभी तक यह तय नहीं है कि इस मसले के पीछे कितने पैसों का सवाल है.
प्रस्तावित क़ानून में सौदेबाजी और आर्बिट्रेशन का जिक्र है. इस तरह से इसमें गुंजाइश का विकल्प है. अगर गूगल किसी न्यूज संस्थान के साथ एग्रीमेंट नहीं कर पाती है तो कोई जज एक उचित सौदे को तय करेगा.
लेकिन, सरकार का कहना है कि वह चाहती है कि न्यूज संस्थानों को एक उचित भुगतान मिले.
पिछले 15 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में प्रिंट संस्थानों की विज्ञापन से होने वाली कमाई तीन-चौथाई से ज्यादा घटी है. (bbc.com)
काबुल, 24 जनवरी | काबुल में रविवार को एक बड़े वाहन में विस्फोट में तीन नागरिक घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस प्रवक्ता ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ को पुलिस प्रवक्ता ने बताया, "यह विस्फोट पुलिस जिले 8 में स्थानीय समयानुसार सुबह 8.12 बजे हुआ। इसमें तीन नागरिक घायल हो गए।"
अधिकारी ने अभी अधिक जानकारी नहीं दी है और कहा कि जांच जारी है।
इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी समूह ने नहीं ली।
काबुल में हाल ही में बम धमाकों और हत्याओं का एक दौर देखा गया है।
अफगानिस्तान की राजधानी में 10 जनवरी को हुए विस्फोट में कम से कम तीन लोग मारे गए थे, जबकि इसमें अन्य लोग घायल हुए थे।
पिछले महीने से काबुल में इस तरह के हमलों में 23 लोग मारे गए हैं और 70 अन्य घायल हुए हैं।
काबुल में दिसंबर 2020 के अंत में 15 सुरक्षा घटनाएं देखी गईं, जिनमें आत्मघाती हमले, कार बम हमले, मैग्नेटिक आईईडी विस्फोट और लक्षित हत्याएं शामिल हैं।
काबुल में 26 दिसंबर को चार धमाके हुए। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 24 जनवरी | साल 2022-23 में उपभोक्ताओं को व्यावसायिक रूप से 5जी इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से पाकिस्तान सरकार द्वारा एक व्यापक रोडमैप का विकास किया जा रहा है। रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने कहा कि रोडमैप का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2023 में 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का है।
आईटी और दूरसंचार मंत्री अमीनुल हक ने कहा है कि सरकार की योजना दिसंबर, 2022 तक 5जी टेक्नोलॉजी को लॉन्च करने का है, लेकिन तमाम क्षेत्र के विशेषज्ञ अभी भी संशय में हैं। उनका मानना है कि इसे शुरू करने में अभी कुछ और वक्त लगेगा।
जीएसएम एसोसिएशन ने अनुमान लगाया है कि साल 2023 तक पाकिस्तान में मोबाइल इंडस्ट्री का आर्थिक योगदान 2400 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.6 प्रतिशत का योगदान देगा। (आईएएनएस)
प्राग. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर अभी भी पूरी दुनिया में जारी है. इसके लिए दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन भी तैयार कर ली है. लेकन फिर भी कई बार लक्ष्ण ना मिलने से भी लोग कोरोना वायरस से पीड़ित निकल रहे हैं. इसी के चलते चेक गणराज्य में कोरोना का पता लगाने के लिए एक अनोखा तरीका निकाला है. दरअसल, इसके लिए अब कुत्तों को ट्रेन किया जा रहा है. कुत्ते सूंघ के आसानी से पता लगा रहे हैं कि किसे कोरोना है या नहीं.
लैंका लाचोवा नामक एक ट्रेनर ने बताया कि कुत्तों को इस तरह ट्रेन किया गया है कि वह लोगों को सूंघ कर आसानी से पता लगा रहे हैं कि वे कोरोना पीड़ित हैं या नहीं. कई बार लोग फेक मेडिकल रिपोर्ट भी दिखा देते हैं. इस वजह से ये फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि कुत्ते लोगों की गंध सूंघ कर 95 प्रतिशत सही जानकारी दे रहे हैं.
दुनिया में कोरोना का कहर जारी
उल्लेखनीय है कि, दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 99,329,288 हो गई है. इस वायरस से अब तक 2,130,422 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 71,383,206 लोग ठीक हो चुके हैं. अमेरिका, भारत और ब्राजील में कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए हैं. अमेरिका में संक्रमण के कुल मामले करीब 2.55 करोड़ तक पहुंच चुके हैं. जबकि अब तक वहां 427,635 लोगों की जान जा चुकी है. दुनिया में इस वक्त कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 25,819,420 पर पहुंच गयी है. (news18.com)
मथुरा. ईश्वर से मिलने की इच्छा में लोगों ने अपने-परिवार और शहर छोड़ दिए, ऐसा तो आपने सुना होगा लेकिन कान्हा से मिलने के लिए आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है. वृंदावन कोतवाली इलाके के रमणरेती क्षेत्र में रूसी मूल की विदेशी महिला ने आत्महत्या कर ली. कहा जा रहा है कि विदेशी महिला के द्वारा आत्महत्या किये जाने का कारण उसकी भगवान कृष्ण से मिलने की इच्छा थी. फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रशियन दूतावास के जरिये परिवार को सूचना दी जा रही है.
रूस की रहने वाली 40 वर्षीय तान्या हेमेलोस केआ एक साल पहले वृन्दावन आई और यहां की रशियन बिल्डिंग में रहकर कृष्ण भक्ति करने लगीं. तान्या हेमेलोस केआ शनिवार को रशियन बिल्डिंग की छठी सबसे ऊंची मंजिल पर और उसने वहाँ से छलांग लगा दी. तान्या हेमलोस केआ द्वारा 6वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी और आत्महत्या किये जाने की जानकारी में जुट गई. वहीं इस मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम और एलआईयू की टीम भी पहुंच गयीं. मौके पर पहुंची पुलिस को जानकारी मिली कि तान्या पिछले कुछ दिनों से अपने दोस्तों से कान्हा ( भगवान) जी से मिलने की बात कह रही थी और शनिवार को उसने आत्महत्या कर ली.
एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह का कहना है कि थाना वृन्दावन क्षेत्र में रशियन बिल्डिंग जिसको वृन्दावन धाम अपार्टमेंट कहते हैं. इसमें तान्या हेमोलॉस केआ रहती थी. शनिवार शाम करीब 7 बजे उसने बिल्डिंग के टॉप फ्लोर कूदकर आत्महत्या कर ली. प्रथम द्रष्टया तो यह सुसाइड ही लग रहा है. हालांकि एलआईयू और जो भी टीमें हैं सभी जांच में जुटे हुए हैं. पुलिस इस मामले में यह जानने की कोशिश कर रही है कि तान्या हेमोलॉस ने क्या आत्महत्या ही की है और अगर आत्महत्या की है तो क्या मौत का कारण भगवान से मिलने की चाहत है या कुछ और वजह रही. (news18.com)
डेट्रॉयट. अमेरिका के मिशिगन में एक व्यक्ति ने लॉटरी में एक अरब डॉलर की धनराशि जीती है. अमेरिका में लॉटरी के इतिहास में यह तीसरी सबसे भारी भरकम धनराशि है. मिशिगन लॉटरी ने शुक्रवार रात निकाले गए ड्रॉ में विजेताओं के टिकटों का नंबर 4, 26, 42, 50 और 60 थे. इनमें सबसे अधिक धनराशि के टिकट का नंबर 24 था. विजेता टिकट नोवी के डेट्रॉयट उपनगर में 'क्रोजर स्टोर' से खरीदा गया था. क्रोजर स्टोर की स्थानीय प्रवक्ता ने कहा, ''मिशिगन के किसी व्यक्ति के लिये आज का दिन जीवन बदलने वाला साबित हुआ. क्रोजर मिशिगन, मिशिगन के नए अरबपति को बधाई देता है.''
ऐसा ही एक मामला ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर से भी सामने आया है, जहां एक शख्स की सोते-सोते अचानक से नींद टूटी और जैसे ही उसने अपना फोन देखा तो उसके होश उड़ गए. दरअसल, इस शख्स को हजारों या लाखों नहीं, बल्कि पूरे 75 करोड़ रुपये की लॉटरी लग गई थी. ब्रिसबेन के रहने वाले 30 वर्षीय एक शख्स ने आधी रात को जब अपना फोन चेक किया तो उसने देखा कि उसे पॉवरबॉल लॉटरी से एक मेल आया हुआ है. इस मेल से उसे पता लगा कि उसे 75 करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है. इस शख्स का कहना है कि मेल देखने के बाद वह सारी रात सो नहीं सका. उनका प्लान है कि इस राशि से अपने लिए और अपनी मां के लिए घर खरीदेगा.
रात को 2 बजे अचानक खुली नींद
पावरबॉल के 21 जनवरी को घोषित किए गए नतीजों में इस शख्स को 10 मिलियन डॉलर का टॉप प्राइज मिला है. यही नहीं, उसे कई छोटे-छोटे इनाम भी मिले जिससे उनके खाते में 10,367,144 डॉलर पहुंच गए. शख्स ने बताया कि वह कभी-कभी ही पावरबॉल खेलता है. पहला इनाम देखने के बाद वह सो ही नहीं सका. उस शख्स का साथ ही ये भी कहना है कि भले ही उसे लॉटरी लग गई है, लेकिन वह अपना काम नहीं छोड़ेगा. अगर वह ऐसा करता है तो वह बोर हो जाएगा. वहीं, उसने बताया कि लॉटरी मिलने से उसकी कई चिंताएं खत्म हो गई हैं. वह इन पैसों से अपनी मां के लिए एक अच्छा सा घर भी खरीदेंगे. लॉटरी विजेता उस शख्स का कहना है कि उसे बहुत से काम करने हैं लेकिन फिलहाल वह इतना उत्साहित है कि कुछ तय नहीं कर पा रहा. यह सब उसके लिए एक सपने जैसा है. (news18.com)
मॉस्को: रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. राजधानी मॉस्को में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई. रूस के कई शहरों में प्रदर्शन के दौरान शनिवार को 2,500 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की रिहाई और पुतिन सरकार को हटाने की मांग करते हुए रूस के कई शहरों में भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए. नवलनी को बर्लिन से आने के बाद मॉस्को एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया.
अमेरिका और ब्रुसेल्स ने प्रदर्शनकारियों के साथ किए जा रहे बर्ताव और गिरफ्तारी की निंदा की है. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि ईयू अपने "अगले कदम" पर सोमवार को चर्चा करेगा.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बडे आलोचक और धुर विरोधी नवलनी को 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब वह जर्मनी से मॉस्को लौटे. जर्मनी में पांच महीने से उनका इलाज चल रहा था. उन्होंने रूस सरकार पर उनको जहर देने का आरोप लगाया है.
गिरफ्तारी के विरोध में हो रहा प्रदर्शन शनिवार को और व्यापक हो गया. रूस के 100 से ज्यादा शहरों में प्रदर्शन किया गया. राजधानी मॉस्को में प्रदर्शनकारियों ने पुश्किन स्क्वायर का घेराव किया और पुलिस पर स्नोबॉल से पथराव किया. जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाई और बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया.
71 वर्षीय वेरा स्पिवकोवा ने एएफपी से कहा, "वर्दी पहने अपराधी, सत्ता चला रहे क्रिमिनल्स को बचा रहे हैं. उन्होंने कहा, "पुतिन और उनके साथियों को सत्ता खोने का डर सता रहा है." (khabar.ndtv.com)
सुमी खान
ढाका, 24 जनवरी | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चटगांव में 150 साल पुरानी एक हेरिटेज बिल्डिंग को खाली कराने का निर्देश दिया है ताकि इसे संग्रहालय में तब्दील कराया जा सके। यह इमारत किसी जमाने में स्वतंत्रता सेनानी जतींद्र मोहन सेनगुप्ता और उनके पिता वकील जात्रा मोहन सेनगुप्ता का लॉ चेम्बर या कानूनी कक्ष था।
वकील राणा दासगुप्ता ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करते हुए चटगांव जिला अधिकारियों ने इमारत को खाली करा दिया है और 6 जनवरी को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक ऑर्डर के साथ बाहर एक साइनबोर्ड लगा दिया है, जिसमें लिखा है कि इस जगह को संग्रहालय के लिए संरक्षित किया गया है।
इस कदम का स्वागत करते हुए दासगुप्ता ने कहा कि यह चटगांव के लोगों के आंदोलन की जीत है।
उन्होंने आगे कहा, "हम खुश हैं कि हेरिटेज को संग्रहालय में तब्दील करने के अपने प्लान के साथ प्रधानमंत्री खुद मुद्दे की देखरेख कर रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि स्थानीय प्रशासन आदेश को लागू करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे।"
एक स्थानीय निवासी ने आईएएनएस को बताया, सरकार से कदम उठाने का आग्रह करते हुए 5 जनवरी से इमारत के बाहर कई बैठकें आयोजित की गई थीं। पिछले दो हफ्तों से कुछ उपद्रवी यहां रह रहे थे। इन्होंने यहां के दरवाजे भी जला दिए हैं।
महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित और भी कई दिग्गज नेता जतींद्र मोहन सेनगुप्ता और उनके पिता वकील जात्रा मोहन सेनगुप्ता संग इसी कानूनी कक्ष में मुलाकात किया करते थे। (आईएएनएस)
डरबन: दक्षिण अफ्रीका में कुछ हिंदू पुजारियों पर आरोप लगे हैं कि COVID-19 के कारण मरने वालों की अंत्येष्टि के लिए उन्होंने कथित रूप से अधिक शुल्क वसूला. डरबन में क्लेयर एस्टेट क्रिमेटोरियम में प्रबंधक प्रदीप रामलाल ने ऐसा करने वाले पुजारियों की निंदा की है. दक्षिण अफ्रीका में हिंदू धर्म एसोसिएशन के सदस्य रामलाल ने कहा कि उन्हें ऐसे अनेक परिवारों से अंत्येष्टि के लिए पुजारियों द्वारा अधिक शुल्क वसूले जाने की शिकायतें मिली हैं, जिनके किसी परिजन का कोविड-19 के चलते निधन हो गया.
हाल के हफ्तों में, कोविड-19 के प्रकोप तथा वायरस के नए स्वरूप के कारण अंत्येष्टि स्थलों पर कर्मी दो पाली में काम कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों की आबादी करीब 14 लाख है. रामलाल ने वीकली पोस्ट से कहा, ‘‘पुजारी अंत्येष्टि के लिए अधिक शुल्क वसूल रहे हैं, यह सही नहीं है. हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार यह समुदाय की सेवा है. अगर कोई परिवार पुजारी को दान देना चाहता है तो यह ठीक है लेकिन पुजारियों को इसके लिए शुल्क नहीं लेना चाहिए.''
उन्होंने समुदाय से कहा कि वे आज की कठिन परिस्थितियों में इस तरह के शोषण से बचें और अंत्येष्टि स्वयं ही कर लें, इसके लिए वे पहले से रिकॉर्ड वीडियो की मदद ले सकते हैं. बीते दो महीनों में दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के मामले तथा संक्रमण के कारण मौत की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. यहां अब तक संक्रमण के 13 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं तथा संक्रमण के कारण 39,501 लोगों की जान जा चुकी है. भारत अगले महीने तक यहां कोविड-19 टीके की 1.5 करोड़ से अधिक खुराकें भेजने वाला है. (khabar.ndtv.com)