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यह दुनिया की ऐसी पहली बीमारी है जिसकी दवा नहीं है लेकिन वैक्सीन है
08-Apr-2021 5:31 PM
यह दुनिया की ऐसी पहली बीमारी है जिसकी दवा नहीं है लेकिन वैक्सीन है

-गिरीश मालवीय

अनिल अंबानी के बड़े बेटे अनमोल ने ट्वीट कर कहा है कि ‘एक्टर्स, क्रिकेटर्स,राजनीतिज्ञों को अपना काम बिना किसी रोक-टोक के करने दिया जा रहा है, लेकिन कारोबार पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।’ प्रोफेशनल एक्टर्स अपनी फिल्मों की शूटिंग जारी रख सकते हैं. प्रोफेशनल क्रिकेटर देर रात तक खेल सकते हैं. प्रोफेशनल राजनीतिज्ञ भारी भीड़ के साथ अपनी रैलियां कर सकते हैं. लेकिन आपका कारोबार आवश्यक सेवाओं में नहीं आता।’

इंदौर की कल की खबर है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर कुछ दिनों पहले शहर की शाहराहो पर ठेले लगाकर जो व्यापार कर रहे थे उन्हें हटा दिया गया और जब उन्होंने दुबारा उसी जगह पर ठेले लगाने चाहे तो लगाने नही दिये जा रहे। उन्होंने नगर निगम के गेट पर अपना रोजगार वापस बहाल करने को लेकर प्रदर्शन किया तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी के आदेश निकाल दिए गए।

अनिल अंबानी के बेटे ने अपने ट्वीट में जो एक आशंका जताई है उस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन्स स्वास्थ्य को लेकर नहीं हैं। ये नियंत्रण करने के लिए हैं और मुझे लगता है कि हम में से कई अनजाने में बेहद बड़े और भयावह प्लान के जाल में फंस रहे हैं।

विश्व भर की सरकारे दरअसल पूरी तरह से कंट्रोल हासिल कर लेना चाहती है पब्लिक हैल्थ तो एक बहाना है। अगर आपने कल बीबीसी पर रिलीज की गई ‘वेक्सीन पासपोर्ट’ की रिपोर्ट नही देखा है तो एक बार उसे जरूर देखिए आपको पूरा खेल समझ मे आ जाएगा कि क्या गजब तरीके से जनता को एक ट्रैप में फँसाया जा रहा है। इस रिपोर्ट ने बीबीसी जैसे निष्पक्ष समझे जाने वाले मीडिया संस्थानों के असली इरादे जाहिर कर दिए हैं। हर रिपोर्ट में दूसरा पक्ष क्या कह रहा है इसकी जरूर बात की जाती है लेकिन रिपोर्ट के आखिरी चंद सेकंड में ब्रिटेन के सांसदों की राय बताई गई और प्रोग्राम अचानक से खत्म कर दिया गया।

वैक्सीन पासपोर्ट को एकमात्र उपाय के रूप में पब्लिक के दिमाग मे ठूँसा जा रहा है यहाँ ये कहने की कोशिश की जा रही है कि सरकारे तो लॉक डाउन लगाना नहीं चाहती लेकिन  यदि आपको ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था को खोलना हैं तो वैक्सीन सर्टिफिकेट ही एकमात्र उपाय है विकसित देशों में यह खेल शुरू हो गया है और मोदीजी को ऊपर से चाबी भर दी गयी है कि जितना जल्दी हो वो यहाँ पर वैक्सीन रोल आउट के प्रोग्राम चलाए। देश के सारे कलेक्टर्स को निर्देश है कि अपने अपने जिले में जितने अधिक से अधिक लोगो को वेक्सीन लगवाए उतना अच्छा

इस बार सरकार का ध्यान बीमारी से ज्यादा वेक्सीन के रोल आउट पर है।

अच्छा एक बात बताइये कि कोई बीमारी होती है तो मार्केट में उसकी दवा पहले आती है कि वैक्सीन पहले आती है? यह दुनिया की ऐसी पहली बीमारी है जिसकी दवा नहीं है लेकिन वेक्सीन है।

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