राष्ट्रीय
60 साल से ऊपर के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों वाले 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका दिया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में टीका मुफ्त में मिलेगा और निजी अस्पतालों को एक खुराक के लिए 250 रुपए तक लेने की अनुमति दी गई है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
टीका लेने के लिए दो तरीकों का इंतजाम किया गया है. लोग सरकारी वेबसाइट या ऐप पर पंजीकरण कर अस्पताल और समय बुक कर सकते हैं, या सीधा उन अस्पतालों में जा सकते हैं जहां टीका लग रहा है. सभी अस्पतालों को टीके की 40 प्रतिशत खुराकें अपॉइंटमेंट लेने वालों के लिए और 60 प्रतिशत खुराकें सीधा अस्पताल आने वालों के लिए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
पहले चरण की तरह ही इस चरण में भी दोनों टीकों, सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, का इस्तेमाल किया जाएगा. कौन सा टीका लेना है यह चुनने की अनुमति नहीं मिलेगी. टीकाकरण केंद्र पर पहुंचने के बाद ही पता चलेगा कि कौन सा टीका लगेगा. टीका 10,000 सरकारी और करीब 20,000 निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगा.
सरकार को उम्मीद है कि इस चरण में अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को टीका लग जाएगा. पहले चरण में एक करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और प्रथम पंक्ति के कर्मियों को टीके लगे. इनमें करीब 26 लाख मामलों में टीके के कुछ दुष्प्रभाव भी सामने आए, जिनमें से 151 मामले गंभीर थे. टीकाकरण कार्यक्रम का डाटा रखें वाले सरकारी पोर्टल कोविन के मुताबिक अभी तक टीका लेने के बाद 40 लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री से शुरुआत
टीकाकरण कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को टीका लगवा कर की. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में सोमवार सुबह टीका लगवाया और फिर इस बारे में ट्वीट किया. उम्मीद की जा रही है कि अब सभी केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और जनता के अन्य प्रतिनिधि भी टीका लगवाएंगे. यह पहला टीका होगा. दूसरा टीका 29 से 42 दिनों के अंदर लगवाना होगा
वैक्सीनों को लेकर लोगों के मन में अभी भी शंकाएं हैं. कुछ लोग तुरंत टीका ना लगवा कर कुछ दिन इंतजार करना चाहते हैं. कोवैक्सीन पर विशेष रूप से लोगों को कम भरोसा है. इस टीका का परीक्षण अभी तक चल रहा है और इसकी सफलता और सुरक्षात्मकता का डाटा अभी तक सामने नहीं आया है. कई लोगों ने इसे लेने से इनकार कर दिया है और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार को इसे ना इस्तेमाल करने के लिए अनुरोध किया है. रॉयटर्स के अनुसार अभी तक जितने लोगों को टीका लगा है उनमें से 11 प्रतिशत लोगों ने कोवैक्सीन लेने से मना कर दिया.
इस बीच कुछ लोगों को दोनों टीके ले लेने के बाद भी संक्रमण हो जाने की खबरें आ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि दूसरा टीका ले लेने के तुरंत बाद शरीर में इम्युनिटी नहीं बनती है, बल्कि इसमें कुछ दिनों का समय लगता है. इसलिए जानकार टीका लगवा लेने के बाद भी मास्क पहनने जैसी सावधानी बरतने में कोताही ना बरतने की सलाह दे रहे हैं. (dw.com)