डॉ. अंकुल सिंघल
रायपुर, 5 दिसंबर। रामकृष्ण केयर अस्पताल ने बताया कि जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. अंकुल सिंघल ने मिनीमम कट तकनीक द्वारा 105 किलो वाले मरीज का सफल रिवीजन नी-रिप्लेसमेन्ट (टीकेआर) परफॉर्म किया। इस सर्जरी की खास बात यह थी मरीज का वजन 105 कि.ग्रा. था। ज्यादा वजनी का ऑपरेशन ना सिर्फ कठिन होता है इसमें, इंफेक्शन की संभावनाएं अधिक होती है।
अस्पताल ने बताया किमरीज का प्राइमरी सर्जरी लगभग 15 वर्ष पहले हुआ था और लगभग 1 वर्ष तक चलने में भी तकलीफ हो रही थी तथा जोड़ भी लूज हो गया था। तत्पश्चात वह डॉ. सिंघल से मिली और उन्होंने मरीज का सफल रि-ऑपरेशन किया। आज मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य है एवं अपनी सामान्य जीवन-यापन कर रहा है तथा उसका घुटना पूरी तरह ठीक हो गया है।
डॉ. सिंघल ने बताया कि रिवीजन नी रिप्लेसमेन्ट टीकेआर एक अपने आप में जटिल क्रिया है जिसमें कोई भी खराब घुटने को मिनीमम कट तकनीक द्वारा फिर से ठीक किया जाता है। यह रिवीजन नी रिप्लेसमेन्ट टीकेआर बहुत जटिल एवं काम्प्लेक्स होता है जिसको करने के लिये व्यापक ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। डॉ. सिंघल ने इस सर्जरी के लिये विदेश जैसे इग्लैण्ड एवं अमेरिका में ट्रेनिंग लिया है।
डॉ. अंकुल सिंघल ने बताया कि मरीजों में उनके द्वारा इजात की हुई इस मिनिमम कट तकनीक से 8000 से भी ज्यादा सफल जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी की है। इस तकनीक से मरीजों की रिकवरी फास्ट होती है और जटिल से जटिल सर्जरी आसानी से की जा सकती है। इस तकनीक से मरीज न सिर्फ केवल कुछ घंटें बाद चल सकता है बल्कि अपनी सामान्य जीवन में तेजी से वापस लौट सकता है।