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-सैयद मोज़िज़ इमाम
झांसी के सरकारी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजातों की मौत के मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल नरेंद्र सिंह सेंगर को हटा दिया गया है. इसके अलावा तीन और लोगों को निंलबित किया गया है.
इस घटना में आग लगने के दौरान 10 नवजातों की मौत हुई थी जबकि इस घटना में बचाए गए बाक़ी आठ बच्चों की मौत हो गई. हालांकि उन बच्चों की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है.
सरकार की गठित कमेटी की रिपोर्ट के बाद ये कार्रवाई उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने की है.
कार्रवाई पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “जाँच रिपोर्ट की गहन समीक्षा के बाद घटना में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गयी है. जनमानस की पीड़ा हमारी पीड़ा है और सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है.”
मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहौर पर भी आरोप पत्र दाख़िल किया गया है.
इसके अलावा 3 और अधिकारियों को निलंबित किया गया है. कॉलेज के विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग इंचार्ज संध्या राय और प्रमुख अधीक्षक सुनीता राठौर को भी निलंबित कर दिया गया है
इस अग्निकांड की जांच के लिए सरकार ने चिकित्सा निदेशक शिक्षा किंजल सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमेटी बनाई थी.
इसके अलावा सरकार ने झांसी के मंडलायुक्त को आगे की जांच की ज़िम्मेदारी दी है.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहौर, कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल और प्रभारी अधिकारी विद्युत की भूमिका की जांच के लिए डिवीज़नल कमीश्नर को नियुक्त किया गया है. (bbc.com/hindi)