Today's Picture
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ... मेरी बेटी, मेरा अभिमान
11-Jul-2020 9:41 PM

Join WhatsApp Group 1 यहाँ क्लिक करे
ये शोर, ये नारे इनके लिए नहीं है। सपेरों की बस्ती में कुछ गलियों से गुजरती गलियाँ आज भी दिन के उजालों में अँधेरे की दस्तक दिए बैठी हैं। (तस्वीर और टिप्पणी सत्यप्रकाश पाण्डेय ने की)
Join WhatsApp Group 2 यहाँ क्लिक करे