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भारत-इंग्लैंड क्रिकेट टेस्ट चैंपियनशिप : टीम इंडिया के आगे इन खिलाड़ियों से पार पाने की होगी चुनौती
05-Feb-2021 9:24 AM
भारत-इंग्लैंड क्रिकेट टेस्ट चैंपियनशिप : टीम इंडिया के आगे इन खिलाड़ियों से पार पाने की होगी चुनौती

indian team, photo by BCCI


-आदेश कुमार गुप्त

टी-20 और एकदिवसीय क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के बीच पिछले दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई रोमांचक टेस्ट सिरीज़ ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर उठते सवालों के जवाब क्रिकेट पंडितों को दे दिए हैं.

कभी भारतीय टीम के बारे में एक कहावत सी बन गई थी कि घर के शेर बाहर ढेर, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत के युवा खिलाड़ियों ने ऐसा उच्चस्तरीय प्रदर्शन किया कि सभी दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गए.

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सिरीज़ में 2-1 से मिली एतिहासिक जीत क्रिकेट की दंतकथाओं में शामिल हो गई है.

जीत की लय बनाए रखने की चुनौती
अब एक बार फिर भारतीय टीम एक नई टेस्ट सिरीज़ खेलने को तैयार है, जहां उसका सामना अपनी ही ज़मीन पर इंग्लैंड से होगा. इंग्लैंड की टीम भारत में चार टेस्ट मैच, पाँच टी-20 और तीन एकदिवसीय मैच खेलेगी.

टेस्ट सिरीज़ का पहला मैच शुक्रवार पाँच फ़रवरी से चेन्नई में खेला जाएगा. सिरीज़ का दूसरा टेस्ट मैच भी चेन्नई में ही खेला जाएगा, बाकि दो टेस्ट मैच अहमदाबाद में खेले जाएंगे.

भारतीय टीम अपने नियमित कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में मैदान पर उतरेगी जबकि इंग्लैंड की कमान जो रूट के हाथों में है. दोनों ही टीमों पर जीत की लय बरक़रार रखने की चुनौती होगी. भारत ने पिछली सिरीज़ ऑस्ट्रेलिया से और इंग्लैंड ने श्रीलंका से जीती है.

जो रूट का पहला, पचासवां और सौवां टेस्ट भारत के ख़िलाफ़
इंग्लैंड के वर्तमान कप्तान जो रूट इंग्लैंड की उस टीम का हिस्सा थे जिसने साल 2012 में भारत को टेस्ट सिरीज़ में उसी के घर में 2-1 से हराया था. उस सिरीज़ में स्पिनर ग्रीम स्वान और मोंटी पानेसर के अलावा बल्लेबाज़ केविन पीटरसन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही.

उसी सिरीज़ में जो रूट ने नागपुर में खेले गए टेस्ट मैच से अपने टेस्ट करियर का आग़ाज़ किया और अब वह सौवां टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार हैं. जो रूट ने पहली पारी में 73 और दूसरी पारी में नाबाद 20 रन बनाए थे. वे अपनी तकनीक के दम पर वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जड़ें जमाने में कामयाब रहे.

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रूट फ़िलहाल अपनी शानदार फ़ॉर्म में हैं. उन्होंने हाल ही में श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेली गई दो टेस्ट मैच की सिरीज़ में 228 रन की दोहरे शतक और 186 रन की एक शतकीय पारी खेली इसके साथ उन्होंने कुल 426 रन बनाए. रूट अभी तक 99 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और 19 शतक की मदद से 8249 रन बना चुके हैं.

उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में चार दोहरे शतक लगाए हैं. रूट समय पड़ने पर गेंदबाज़ी भी कर लेते हैं और 99 मैच में 31 विकेट भी ले चुके हैं. जो रूट का भारत में भी दमदार रिकॉर्ड है. वह भारत में अभी तक छह टेस्ट मैच खेलकर एक शतक और पांच अर्धशतक की मदद से 584 रन बना चुके हैं.

इसे इत्तेफ़ाक़ ही कहा जा सकता है कि रूट ने अपना पहला और पचासवां टेस्ट मैच भारत के ख़िलाफ़ भारत में ही खेला और अपना सौवां मैच भी भारत में ही खेलने जा रहे हैं. वैसे रूट भारत के ख़िलाफ़ 16 टेस्ट मैच खेल चुके हैं जिनमें उन्होंने चार शतक और नौ अर्धशतक की मदद से 1421 रन बनाए हैं.

रूट भारत के ख़िलाफ़ एक बेहतरीन कप्तान भी साबित हुए हैं. भारत के ख़िलाफ़ उन्होंने पांच टेस्ट मैच में कप्तानी की है जिनमें चार बार इंग्लैंड जीता और एक मैच ड्रॉ रहा.

इन पर होगा इंग्लैंड का दारोमदार
भारत के ख़िलाफ़ इंग्लैंड का दारोमदार दूसरे खिलाड़ियों पर भी रहेगा जिनमें क्रिस वोक्स, जोस बटलर, बेन स्टोक्स, मोईन अली, जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड शामिल हैं.

क्रिस वोक्स ने भारत के ख़िलाफ़ अभी तक आठ टेस्ट मैच खेलकर 245 रन बनाए हैं. 38 टेस्ट मैच का अनुभव रखने वाले वोक्स ने 1321 रन बनाने के अलावा 112 विकेट भी लिए हैं.

विकेटकीपिंग के साथ बल्लेबाज़ी में माहिर बटलर
जोस बटलर इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं जो अभी तक 49 टेस्ट मैचों में 2674 रन बनाने के अलावा विकेट के पीछे 118 कैच पकड़ने के अलावा एक स्टंप कर चुके हैं. जोस बटलर ने अपना पहला टेस्ट मैच भारत के ख़िलाफ़ ही साल 2014 में खेला था और अब भारत के ही ख़िलाफ़ पचासवां टेस्ट मैच खेलने जा रहे हैं.

बटलर भारत के ख़िलाफ़ केवल पहला टेस्ट मैच खेलेंगे और उसके बाद वापस इंग्लैंड लौट जाएंगे. इसके बाद वह टी-20 सिरीज़ खेलने के लिए भारत वापस आएंगे ताकि इसी साल होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी कर सकें.

स्टोक्स के तूफ़ान में उड़ चुकी है ऑस्ट्रेलिया
बेन स्टोक्स दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक माने जाते हैं. 67 टेस्ट, 4428 रन और 158 विकेट, 10 शतक, 22 अर्धशतक बताते हैं कि वह कितने उपयोगी खिलाड़ी हैं. भारत के ख़िलाफ़ वह अभी तक 11 टेस्ट मैच खेलकर 545 रन बना चुके हैं. बेन स्टोक्स के पास भारत में पांच टेस्ट मैच खेलने का भी अनुभव है जिनमें उन्होंने 345 रन बनाने के अलावा आठ विकेट भी लिए.

बेन स्टोक्स क्या कर सकते हैं इसका नमूना उन्होंने साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ लीड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में पेश किया. पहली पारी में इंग्लैंड केवल 67 रन बना सकी और दूसरी पारी में जीत के लिए 359 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जब इंग्लैंड के नौ विकेट 286 रन पर गिर चुके थे तब स्टोक्स ने 11 छक्के और आठ चौकों के सहारे ताबड़तोड़ नाबाद 135 रन की शतकीय पारी खेलकर अपने ही दम पर मैच जीता दिया.

स्टोक्स ने जीत के लिए बचे 76 में से 74 रन बनाए जबकि दूसरे छोर पर साथ निभा रहे जैक लीच ने इस दौरान 17 गेंद खेलकर नाबाद रहते हुए केवल एक रन बनाया. दुनिया ने ऐसा करिश्मा कितनी बार टेस्ट क्रिकेट में देखा है!

मोईन अली हैं उपयोगी ऑलराउंडर

मोईन अली भारत दौरे पर इंग्लैंड के सबसे अनुभवी स्पिनर हैं. मोईन अली को स्पिनर के तौर पर डॉम बेस और जैक लीच का भी साथ मिलेगा लेकिन तुरूप का इक्का तो इनमें मोईन अली ही हैं. साठ टेस्ट मैच खेल चुके मोईन अली अभी तक 181 विकेट लेने के साथ-साथ पांच शतक और 14 अर्धशतक के सहारे 2782 रन भी बना चुके हैं.

भारत के ख़िलाफ़ पांच टेस्ट मैच खेलकर मोईन अली ने एक शतक की मदद से 381 रन बनाने के अलावा दस विकेट भी लिए हैं. ज़ाहिर है 33 साल के मोईन अली को भारत के ख़िलाफ़ विकेट लेने में संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन उनकी ऑलराउंडर प्रतिभा इस सिरीज़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

38 साल की उम्र में भी एंडरसन की तेज़ी बरक़रार
जेम्स एंडरसन अपनी स्विंग होती तेज़ रफ़्तार वाली गेंदों के दम पर 157 टेस्ट मैचों में 606 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. एंडरसन पांचवीं बार भारत आ रहे हैं. 38 साल के एंडरसन भारत के ख़िलाफ़ 27 टेस्ट मैचों में 110 विकेट हासिल करने में कामयाब रहे है.

हालांकि भारत में खेलते हुए उन्हें दस टेस्ट मैच में 26 विकेट से ही संतोष करना पड़ा है. अगर उन्हें इस बार कुछ तेज़ विकेट मिले तो वह असरदार साबित हो सकते हैं.

ब्रॉड हैं एंडरसन के जोड़ीदार
स्टुअर्ट ब्रॉड जेम्स एंडरसन के जोड़ीदार हैं और वह भारत के ख़िलाफ़ खेलते हुए 20 मैचों में 70 विकेट झटकने के अलावा 456 रन भी बना चुके हैं.

वैसे स्टुअर्ट ब्रॉड 144 टेस्ट मैचों में 517 विकेट लेने के साथ साथ 3346 रन भी बना चुके हैं. उन्होंने एक शतक और तेरह अर्धशतक भी बनाए हैं.

जोफ्रा आर्चर चौंका सकते हैं
इन सबके बीच 25 साल के जोफ्रा आर्चर अपना जलवा दिखा सकते हैं. मज़बूत क़द काठी के आर्चर अपनी तेज़ गेंदों के साथ-साथ सटीक बाउंसर करने की क्षमता भी रखते हैं.

11 टेस्ट मैच में उनके नाम 30 विकेट हैं. जोफ्रा आर्चर ने इस साल आईपीएल में 14 मैच में बीस विकेट झटके.

विदेशी ज़मीन पर उन्होंने तीन मैच में तीन विकेट ही हासिल किए हैं लेकिन भारत दौरे के बाद शायद उनका रिकॉर्ड सुधरा दिखे.

अपनी ज़मीन पर सवा सेर रहा है भारत
अब अगर भारत की बात की जाए तो अपनी ज़मीन पर भारत दूसरी टीमों पर सेर के बदले सवा सेर ही रहा है.

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अजिंक्य रहाणे ने अपनी कप्तानी में भारत को मुश्किल हालात से निकालते हुए टेस्ट सिरीज़ 2-1 से जीताई, वह भी बेहद कम अनुभवी और अधिकतर घायल खिलाड़ियों के दम पर, पर अब विराट कोहली नियमित कप्तान के रूप में टीम में लौटेंगे.

इशांत शर्मा, हार्दिक पांड्या, आर अश्विन, चेतेश्वर पुजारा, ऋषभ पंत और दूसरे सभी खिलाड़ी अपनी चोट से उभरकर तरोताज़ा हैं, कुछ समय बाद मोहम्मद शमी भी कलाई की चोट से निजात पा लेंगे.

मज़बूत है बल्लेबाज़ी भारत की
बल्लेबाज़ी में भारतीय टीम रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत के दम पर निश्चिंत है. टीम में केएल राहुल और मयंक अग्रवाल भी हैं लेकिन अंतिम ग्यारह में जगह पाने के लिए उन्हें शायद इंतज़ार करना पड़े.

गेंदबाज़ी में इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, मोहम्मद सिराज, शार्दूल ठाकुर के रूप में तेज़ गेंदबाज़ हैं तो स्पिनर के तौर पर आर अश्विन, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर हैं.

अगर भारत तीन स्पिनर और दो तेज़ गेंदबाज़ों के साथ चेन्नई में उतरा तो फिर वह गेंदबाज़ इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल हो सकते हैं.

इशांत शर्मा अभी तक 97 टेस्ट मैच खेलकर 297 विकेट ले चुके हैं. आर अश्विन टीम के सबसे अनुभवी स्पिनर हैं. उन्होंने 74 टेस्ट मैच में 377 विकेट लिए हैं. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने बल्लेबाज़ी में भी कमाल किया और सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराने में अपना अहम योगदान दिया. इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 15 मैच में उन्होंने 56 विकेट हासिल किए हैं.

इससे पहले इंग्लैंड ने साल 2016-17 में भारत का दौरा किया था. तब विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड से पांच टेस्ट मैच की सिरीज़ 4-0 से जीती थी. तब सिरीज़ के आख़िरी मैच में चेन्नई में भारत ने इंग्लैंड को एक पारी और 75 रन से हराया था.

उस मैच में भारत ने इंग्लैंड के पहली पारी में बनाए गए 477 रन के मुक़ाबले सात विकेट पर 759 रन बनाए और पारी समाप्ति कर दी. इसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी केवल 207 रन पर सिमट गई. दूसरी पारी में रविंद्र जडेजा ने 48 रन देकर सात विकेट झटके.

कमाल की बात है कि रविंद्र जडेजा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत जो रूट के साथ ही साल 2012 की सिरीज़ में नागपुर टेस्ट मैच में ही की थी. अगर जडेजा अंगूठे की चोट के कारण बाहर ना बैठे होते तो वह चेन्नई में ज़रूर खेलते, लेकिन जो भी हो चेन्नई की वह सुनहरी याद भारत में जोश ज़रूर भरेगी.

जडेजा के नहीं खेलने को लेकर इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज़ मार्क बुचर का मानना है कि इससे इंग्लैंड को ख़ुश होना चाहिए और यह उनके लिए राहत की बात है. इस सिरीज़ को लेकर चेतेश्वर पुजारा ख़ासे उत्साहित है. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ तो उन्होंने 900 से अधिक गेंदें खेली. वह मानते हैं कि सिरीज़ रोमांचक होगी.

दूसरी तरफ़ इंग्लैंड के बल्लेबाज़ी कोच ग्राहम थोर्प मानते हैं कि भारतीय टीम पर दबाव बनाने के लिए उनके गेंदबाज़ों को लगातार अच्छी गेंदबाज़ी करनी पड़ेगी. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन भी मानते हैं कि विराट कोहली ने टीम में कभी भी हार ना मानने का जज़्बा भर दिया हैं. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 36 रन पर आउट होने के बाद सिरीज़ में 1-0 से पिछड़कर वापसी करना आसान नहीं था.

श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने का कहना है कि इंग्लैंड के स्पिनरों के लिए भारत दौरा चुनौतीपूर्ण होगा.

वहीं भारत इंग्लैंड सिरीज़ को लेकर क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन मानते हैं कि इंग्लैंड की टीम में एक से एक बढ़कर आलराउंडर है. इंग्लैंड के गेंदबाज़ी आक्रमण को मज़बूत मानते हुए अयाज़ मेमन कहते हैं कि एंडरसन, ब्रॉड, वोक्स, स्टोक्स के साथ-साथ स्पिनर मोईन अली और लीच हैं लेकिन बल्लेबाज़ी थोड़ी कमज़ोर है. इसकी वजह अयाज़ मेमन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ों का भारत में खेलने का अनुभव ना होना मानते है.

जीत नहीं होगी आसान
हालांकि अयाज़ मेमन जो रूट से संतुष्ट हैं, ख़ासकर उन्होंने जिस तरह श्रीलंका में दोहरा शतक और शतक लगाया. बेन स्टोक्स को मेमन जादुई आलराउंडर मानते हैं. मेमन कहते हैं कि कुछ लोग जो कह रहे हैं कि भारत इंग्लैंड से आसानी से जीत जाएगा वैसा नहीं होगा क्योंकि इंग्लैंड ने श्रीलंका में शानदार प्रदर्शन किया है.

पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम के चयन को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि अधिक बदलाव की ज़रूरत नहीं है. भारत दो तेज़ गेंदबाज़ और तीन स्पिनर के साथ खेल सकता है जिनमें आर अश्विन, कुलदीप यादव और वाशिंगटन सुंदर हो सकते है.

अक्षर पटेल भी खेल सकते हैं लेकिन यह टीम मैनेजमेंट पर निर्भर करेगा. बल्लेबाज़ी में विराट कोहली की वापसी हो रही है. हनुमा विहारी चोटिल होकर बाहर हैं लेकिन अगर ठीक भी होते तो शायद टीम में जगह नहीं बनती क्योंकि रोहित शर्मा, शुभमन गिल, पुजारा, रहाणे और पंत के रूप में छह बल्लेबाज़ तो हैं ही.

आलराउंडर के रूप में अश्विन हैं, जडेजा नहीं हैं तो शायद वाशिंगटन सुंदर को टीम में जगह मिल जाए क्योंकि वह बल्लेबाज़ी भी कर लेते हैं. तेज़ गेंदबाज़ी में ज़रूर सवाल है कि बुमराह का साथ कौन देगा ? मोहम्मद सिराज का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में बहुत शानदार रहा. इशांत शर्मा के फ़िट होने से सवाल खड़ा होता है कि क्या टीम अनुभव के साथ जाएगी. शार्दूल ठाकुर गेंदबाज़ी के साथ-साथ बल्लेबाज़ी भी कर लेते है. हो सकता है मोहम्मद सिराज को टीम खिलाए क्योंकि अगर किसी ने तेरह विकेट ऑस्ट्रेलिया में लिए और वह फिर भी ना खेले तो वह निराश हो जाएगा.

अयाज़ मेमन कहते हैं कि ट्रॉफ़ी या रबर जीतना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पटौदी ट्रॉफ़ी इंग्लैंड के पास है जिसने भारत को पिछली सिरीज़ में हराया था. इसके अलावा आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप भी दॉव पर है. दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ रद्द होने से ऑस्ट्रेलिया दबाव में है. न्यूज़ीलैंड का फ़ाइनल में होना तय है. भारत के पास टेस्ट सिरीज़ जीतकर फ़ाइनल में पहुंचने का सुनहरा अवसर है. इंग्लैंड के पास भी भारत को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाने का मौक़ा है. ऐसे में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है.

पहले मैच की अहमियत को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि जो भी टीम जीतेगी उसे बाद में बहुत फ़ायदा होगा, हालांकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट मैच हारने के बावजूद सिरीज़ जीता. अयाज़ मेमन कहते हैं कि ज़रूरी नहीं कि हर सिरीज़ का परिणाम ऑस्ट्रेलिया जैसा हो. इंग्लैंड का रिकार्ड भारत में बहुत बुरा नहीं है.

2012 में इंग्लैंड ने सिरीज जीती, हालांकि वह 2016 में पांच मैच की सिरीज़ 4-0 से हार गए थे, तो मिश्रित परिणाम रहे है. जो रूट, बेन स्टोक्स, एंडरसन और ब्रॉड भारत में खेल चुके हैं जिनका अनुभव और युवा खिलाड़ियों का जोश इंग्लैंड के काम आ सकता है.

38 साल के एंडरसन और 34 साल के ब्रॉड के रहते युवा जोफ्रा आर्चर को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि इंग्लैंड रोटेशन के तहत गेंदबाज़ों को खिलाता है, लेकिन लगता है आर्चर चारों टेस्ट मैच खेलेंगे. वह आईपीएल में खेलने के कारण भारतीय पिचों और खिलाड़ियों को जानते हैं.

रोहित-आर्चर, कोहली-एंडरसन, रूट-अश्विन के बीच होगी जंग
पहले टेस्ट मैच को लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि जोफ्रा आर्चर और रोहित शर्मा के बीच की प्रतिद्वंद्विता रोचक हो सकती है, तो जेम्स एंडरसन और विराट कोहली के बीच की जंग भी दिलचस्प होगी. एंडरसन ने कई बार कोहली को आउट किया है.

पिछली दो सिरीज़ में भले ही कोहली ने एंडरसन को विकेट नहीं दिए लेकिन एंडरसन ने उन्हें अपने ख़िलाफ़ रन भी बनाने नहीं दिए. एक बड़ी लड़ाई जो रूट और आर अश्विन के बीच भी होगी. जिस तरह अश्विन ने स्मिथ को परेशान किया अगर उसी तरह अश्विन ने रूट को परेशान किया तो फ़िर इंग्लैंड की परेशानी बढ़ जाएगी. इसके अलावा अगर अश्विन खब्बू बल्लेबाज़ बेन स्टोक्स को भी क़ाबू कर ले जो लम्बे समय तक बल्लेबाज़ी करने के साथ ही आक्रामक होकर भी खेल सकते हैं तो फ़िर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत का काम आसान हो जाएगा.

जो भी हो चेन्नई में होने वाला पहला टेस्ट मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वहीं दूसरा टेस्ट मैच भी खेला जाएगा. (bbc.com)
 


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