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IPL 2020: DCvSRH - दिल्ली कैपिटल्स की किस्मत बदली, क्या इतिहास बदलेगा?
09-Nov-2020 8:54 AM
IPL 2020: DCvSRH - दिल्ली कैपिटल्स की किस्मत बदली, क्या इतिहास बदलेगा?

- वात्सल्य राय

क्रिकेट में किस्मत साथ हो तो कई बार कामयाबी के बंद दरवाज़े खुल जाते हैं.

टॉस जीतना किस्मत. कैच छूटना किस्मत. विरोधी टीम के किसी बड़े खिलाड़ी का चोटिल होना भी किस्मत.

किस्मत ने रविवार को दिल्ली कैपिटल्स पर मेहरबानी की ऐसी तमाम सौगात लुटाई और रविवार के पहले तक छह में से पांच मैच गंवाने वाली दिल्ली की टीम सनराइज़र्स हैदराबाद को पीटकर आईपीएल-13 के फ़ाइनल में पहुंच गई.

दिल्ली की टीम ने इस कामयाबी के साथ नया इतिहास बना दिया है. ये टीम पहली बार आईपीएल का फ़ाइनल खेलने जा रही है.

दिल्ली के हाथ आए इस मौके में टीम की 'आक्रामक रणनीति' के साथ किस्मत की मेहरबानी का भी बड़ा रोल है.

आईपीएल-13 के दूसरे क्वालिफ़ायर मुक़ाबले में दिल्ली को चुनौती दे रही हैदराबाद टीम लगातार चार मैच जीत चुकी थी और फ़ेवरेट मानी जा रही थी. हैदराबाद ने दिल्ली को भी दो बार मात दी थी. पिछले दोनों ही मौकों पर दिल्ली ने लक्ष्य का पीछा किया था और जीत हासिल करने में नाकाम रही थी.

किस्मत साथ थी और कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीता और नतीजा बदलने के लिए ओस के बीच गेंदबाज़ी करने का जोखिम उठाने को तैयार हो गए. यानी उन्होंने बल्लेबाज़ी चुनी.

खुला किस्मत का दरवाज़ा

दिल्ली ने 'करो या मरो' के मैच में आक्रामक रणनीति दिखाते हुए शिखर धवन के साथ मार्कस स्टोइनिस को पारी की शुरुआत के लिए भेजा. पहले दो ओवर में ये दांव 'बेमिसाल' नहीं दिख रहा था. लेकिन तीसरे ओवर की तीसरी गेंद पर जेसन होल्डर ने स्टोइनिस का कैच टपकाया और मानो दिल्ली के लिए किस्मत का दरवाज़ा पूरी तरह खुल गया.

कैच छूटने तक स्टोइनिस ने सात गेंद में तीन रन बनाए थे और उसके बाद उन्होंने 20 गेंद में 35 रन बना दिए. इस दौरान उनके बल्ले से पांच चौके और एक छक्का निकला.

स्टोइनिस के आक्रामक अंदाज़ ने शिखर धवन को भी लय हासिल करने का मौका दिया. धवन रविवार के मैच से पहले चार मैचों में तीन बार खाता खोलने में नाकाम रहे थे. हैदराबाद के ख़िलाफ़ वो 78 रन बनाकर मैच के टॉप स्कोरर रहे. उन पर भी हैदराबाद के फील्डर मेहरबान रहे. हैदराबाद के खिलाड़ियों ने दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर को भी मौका दिया.

हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर ने अपने खिलाड़ियों की इस खामी पर निराशा छुपाने की कोशिश नहीं की. मैच के बाद उन्होंने कहा, "आप कैच छोड़ते रहें और मौके गँवाते रहें तो टूर्नामेंट नहीं जीत सकते."

टॉप पर रबाडा

किस्मत की मेहरबानी सिर्फ़ दिल्ली के बल्लेबाज़ों पर नहीं रही. गेंदबाज़ों को भी तकदीर का साथ मिला और उन्होंने इसे बयान भी किया.

मैच में चार विकेट लेने वाले कागिसो रबाडा ने कहा, "आज मेरा दिन था. मुझे नहीं लगता कि मैंने आखिरी ओवर में अच्छी गेंदबाज़ी की. "

दिलचस्प ये है कि रबाडा ने अपने आखिरी ओवर में तीन विकेट लिए थे. इनमें से पहला विकेट जबरदस्त हिटिंग कर रहे अब्दुल समद का था. आउट होने के ठीक पहले समद रबाडा पर भी छक्का जड़ चुके थे. जिस गेंद पर समद आउट हुए वो फुलटॉस थी और रबाडा खुशकिस्मत थे कि गेंद कमर से कुछ इंच नीचे रही. अगर ये गेंद नो बॉल करार दी जाती और बल्लेबाज़ को फ्री हिट मिला होता तो मैच की सूरत बदल भी सकती थी.

अब मुंबई की बारी?

फ़ाइनल का टिकट हासिल करने के बाद रबाडा भी अगर-मगर के समीकरण देख रहे हैं लेकिन हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच के नहीं बल्कि मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ मंगलवार को होने वाले फ़ाइनल मुक़ाबले को लेकर. टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 29 विकेटों के साथ वो पर्पल कैप हासिल कर चुके हैं लेकिन इस 'टोपी' को बचाए रखने से ज़्यादा उनका ध्यान आईपीएल ट्रॉफी हासिल करने पर है

रबाडा ने कहा, "अगर हम टूर्नामेंट जीतते हैं तो पर्पल कैप को लेकर चल रहा मुक़ाबला मायने नहीं रखता. दिल्ली की टीम कभी फ़ाइनल में नहीं पहुंची थी. हमें खुशी है कि हम टीम को वहां लेकर आए हैं.उम्मीद है कि फाइनल में हम इसे और ऐतिहासिक बनाएंगे. मुंबई की टीम अच्छी है. हमारी टीम युवा है और हमारे पास भी बहुत टैलेंट है."

आंकड़ों की बात करें तो मुंबई इंडियन्स का पलड़ा दिल्ली कैपिटल्स के मुक़ाबले काफी भारी है. मुंबई ने आईपीएल-13 में दिल्ली को तीन बार हराया है. आखिरी बार ये टीम पहले क्वॉलिफ़ायर में मुंबई के हाथों पिटी थी. मुंबई ने वो मैच 57 रन जीता था.

लेकिन, उस मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने मुंबई टीम की कमजोरियां उजागर की थीं. कप्तान रोहित शर्मा और उप कप्तान केरोन पोलार्ड को खाता भी नहीं खोलने दिया. फिर बिना कोई रन बनाए तीन विकेट गंवाने के बाद संघर्ष का दम दिखाया था.

तक़दीर का साथ!

मुंबई के ख़िलाफ़ 65 रन बनाकर दिल्ली के टॉप स्कोरर रहे स्टोइनिस हैदराबाद के खिलाफ़ मैन ऑफ़ द मैच बने. वो बल्ले के साथ गेंद से भी चमक दिखाने में कामयाब रहे. उन्होंने केन विलियम्स के अहम विकेट समेत कुल तीन विकेट हासिल किए.

स्टोइनिस को लगता है कि जैसे उनकी किस्मत हैदराबाद के ख़िलाफ़ चली वैसा ही कुछ मुंबई के ख़िलाफ़ भी हो सकता है.

स्टोइनिस ने हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच के बाद कहा, "मुंबई एक बहुत अच्छी टीम है लेकिन उनका एक ख़राब दिन आना है. हम अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा सके तो जीत मिल जाएगी."

किसी वक़्त दिल्ली टीम का हिस्सा रह चुके पूर्व धाकड़ ओपनर वीरेंद्र सहवाग भी दिल्ली कैपिटल्स के पहली बार आईपीएल फ़ाइनल में पहुंचने को 'अजब संयोग' की तरह देख रहे हैं.

हालांकि सहवाग जब दिल्ली टीम के साथ थे तो दिल्ली टीम दिल्ली डेयरडेविल्स नाम से टूर्नामेंट में हिस्सा लेती थी.

जोश में दिल्ली

बहरहाल, हैदराबाद पर मिली जीत के दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ियों की सोच में आया बदलाव साफ दिख रहा है. दिल्ली के खिलाड़ी मुंबई इंडियन्स के ख़ौफ़ में नहीं बल्कि जोश में दिख रहे हैं. उन्हें फ़ाइनल मैच इतिहास रचने का मौका दिख रहा है. उन्हें किस्मत के साथ कोच रिकी पॉन्टिंग की रणनीति पर भी भरोसा है.

इस रणनीति ने क्वॉलिफ़ायर मैच में हैदराबाद को चित करने में अहम रोल निभाया. दिल्ली के बल्लेबाज़ों ने बताया कि उनकी रणनीति टूर्नामेंट के सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ राशिद ख़ान के चार ओवरों की वजह से बनने वाले दबाव को बेअसर करने की थी. यही वजह थी कि स्टोइनिस पारी की शुरुआत करने आए और शुरुआती दस ओवर में टीम ने सौ से ज़्यादा रन जोड़ लिए.

यादगार प्रदर्शन

हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर के पास मैच हारने के बाद भी कहने के लिए बहुत कुछ था. दिल्ली के ख़िलाफ़ वॉर्नर का बल्ला खामोश रहा और उनकी टीम भी चमत्कार नहीं कर सकी लेकिन वॉर्नर ने याद दिलाया कि टूर्नामेंट शुरु हुआ तो उनकी टीम के यहां तक पहुंचने की उम्मीद भी किसी ने नहीं की थी.

केन विलियम्सन दिल्ली के ख़िलाफ़ 67 रन की पारी के जरिए विदाई को यादगार बनाने में कामयाब रहे. सिर्फ़ 16 गेंद में 33 रन बनाने वाले अब्दुल समद ने बल्ले का दम दिखाया और मैच को एकतरफा नहीं होने दिया.(bbc)


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