खेल

बास्केटबॉल : एशिया कप के पहले राउंड में महासमुंद की दिव्या ने किये 3 पॉइंट गोल
14-Sep-2025 6:48 PM
बास्केटबॉल : एशिया कप के पहले राउंड में महासमुंद की दिव्या ने किये 3 पॉइंट गोल

ईरान को हराकर भारत ने की जीत की शुरुआत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 14 सितंबर। मलेशिया में चल रहे फ ीबा अंडर-16 वूमेंस एशिया कप 2025 के पहले राउंड में भारतीय टीम ने ईरान को हराया है। इस भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ की एकमात्र खिलाड़ी इमलीभांठा महासमुंद निवासी दिव्या रंगारी पिता विनोद भी अपना जौहर दिखा रही हैं। 

मलेशिया के बास्केटबॉल ग्राउंड में दिव्या ने 3 प्वाइंट गोल किये हैं। कुल 12 लोगों की टीम में शामिल दिव्या का प्रदर्शन देख अन्य खिलाड़ी भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं। यह उनका पहला भारतीय मैच है। पहली बार भारतीय टीम में खेलने के साथ ही ईरान को हराकर विजय प्राप्त करना भी महासमुंद की बेटी के लिये सौभाग्य की ही बात है। भारत ने ईरान को 70.67 अंकों के साथ हराकर एशिया कप में जीत का श्री गणेश किया है।

शहर के मां गायत्री विद्या मंदिर में कक्षा नवमीं में अध्ययनरत दिव्या का बचपन से ही खेल के प्रति झुकाव अधिक रहा है। वह अब तक 4 नेशनल खेल खेल चुकी हंै। हाल ही में साउथ एशियन कप खेलकर लौटने के बाद उसे भारतीय टीम में प्रदर्शन का मौका मिला। 

वर्ष 2022 से दिव्या ने बास्केटबॉल खेलना प्रारंभ किया था। महज 3 साल में ही उसने भारतीय टीम में अपना स्थान बनाकर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। दिव्या की छोटी बहन योजना रंगारी भी अच्छी खिलाड़ी है। वह नेटबॉल में 3 नेशनल तथा बास्केटबॉल में 1 नेशनल खेल चुकी है। 

एशिया कप-2025 में भारतीय टीम की पहले मैच में जीत हासिल करने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश बास्केटबॉल संघ के राजीव जैन अध्यक्ष, चेयरमैन विजय अग्रवाल, नरेश डाकलिया, राजीव चौबे, भारतीय टीम के मुख्य प्रशिक्षक अनिधा पॉलदुरई, सहायक प्रशिक्षक रोहित एवं उमाकांत, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला बास्केटॉल संघ अध्यक्ष नुरेन चंद्राकर,गौरव चंद्राकर, सचिव शुभम तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, खेल अधिकारी मनोज घृतलहरे, संतोष कुमार सोनी, किरण महाडिक़, अभिषेक अंबिलकर, पत्रकरा उत्तरा विदानी, कुलेश्वर चंद्राकर, पिता विनोद रंगारी, माता सपना रंगारी, सुभाष मंडल, तारिणी चंद्राकर, श्रेया घोष, राइमा दास एवं खिलाडिय़ों ने हर्ष व्यक्त किया है।

 

दिव्या के कोच शुभम तिवारी ने बताया कि दिव्या खेल के साथ पढ़ाई में भी बहुत अच्छी है। खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन की वजह से वह इस मुकाम पर पहुंची है। वह रोजाना 3 से 4 घंटे बास्केटबॉल का अभ्यास करती है। 

महासमुंद इमलीभांठा निवासी दिव्या रंगारी एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। पिता विनोद रंगारी पूर्व में पीएचई में जल सर्वे का काम किया करते थे। कुछ वर्ष पूर्व ही सडक़ हादसे के बाद वे काम करने में सक्षम नहीं है। फलस्वरूप दो बेटियों की पढ़ाई, घर का खर्च सहित अनेक आर्थिक स्थितियां दिव्या के प्रतिकूल हो गई। ऐसे में पहले तो वह सोच रही थी कि आखिर अपने खेल को आगे कैसे बढ़ाएंगी। ऐसे में मां सपना रंगारी ने उनका हौसला बढ़ाने में मदद की।

मांं सपना रंगारी रायपुर के एक मेडिकल शॉप में जॉब करती है। जहां उन्हें महज 10 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। इसी से वह घर का खर्च, बेटियों की पढ़ाई का खर्च चलाती हैं। इस आर्थिक कमजोरियों को दिव्या ने अपनी ताकत बनाई और आज विदेश में हौसलों की उड़ान भर रही हंै।


अन्य पोस्ट