राजनांदगांव
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मानपुर के अंदरूनी इलाके के आधा दर्जन गांव बने टापू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव 3 जुलाई। मोहला-मानपुर जिले के अंदरूनी इलाके में प्रधानमंत्री सडक़ योजना के तहत बनाए गए पुल-पुलियों की कमजोर स्थिति इस साल की पहली बारिश में धराशाही हो गई।
मानसूनी बारिश की पहली धार तेज होते ही कोरांचा-बुकमर्का मार्ग पर बहने वाली गट्टेगहन के ऊपर बने पुल भी बह गई। ऐसे में पीएमजीएसवाई के अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठ रही है। पुल के बहने से आधा दर्जन गांव टापू में बदल गए हैं। वहीं तीन साल में लगातार तीसरी बार गट्टेगहन का पुल बह गया। पुलिस फोर्स और ग्रामीणों के लिए सामान्य आवाजाही के उद्देश्य से पुल का निर्माण किया गया था। पुल के बहने की घटना पर कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि संबंधित विभाग के ईई को तत्काल वैकल्पि मार्ग तैयार करने और मजबूत पुल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने माना कि यह एक चूक है। इसकी जांच की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार से लगातार मानपुर इलाके में बारिश हो रही है। बारिश के चलते नदी-नालों की रफ्तार भी बढ़ी है। ऐसे में गट्टेगहन नद पर बना पुल टूट गया। पुल के क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही थम गई है। इसका सीधा असर संबलपुर, बकमरका और सुडियाल समेत आधा दर्जन गांव के जनजीवन पर पड़ा है। पुल टूटने से गांव टापू में बदल गए हैं। इन गांवों का ब्लॉक मुख्यालय मानपुर से संपर्क कट गया है। पिछले तीन साल में तीसरी बार पुल टूट गया। जिससे विभागीय लापरवाही की पोल भी सामने आई है।
नक्सल उपद्रव के बीच जवानों की कड़ी निगरानी में उक्त पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल सुरक्षाबलों और ग्रामीणों के लिए सुविधाजनक बन गई थी। पुलिस के लिए यह पुल सुगम आवाजाही के हिसाब से काफी अनुकूल थी। बताया जा रहा है कि पुल के क्षतिग्रस्त होने से स्कूलों में भी बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है। मिडिल एवं हाईस्कूल के विद्यार्थी पुल टूटने की वजह से स्कूल तक पहुंचने में असहज महसूस कर रहे हैं। इस अव्यवस्था के कारण प्रभावित गांवों के ग्रामीणों में अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग भी उठ रही है। कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने पुल के मरम्मत के लिए तत्काल कार्य करने के निर्देश जरूर दिए हैं, लेकिन हर साल यह पुल बारिश की भेंट चढ़ रहा है। बात साफ है कि पुल निर्माण के लिए गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है।