राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 जून। किशोर न्याय अधिनियम के तहत लंबित प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रधान मजिस्ट्रेट हर्षी अग्रवाल एवं अपर कलेक्टर प्रेम प्रकाश शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।
प्रधान मजिस्ट्रेट हर्षी अग्रवाल ने किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में जानकारी देते कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चें बालक हंै, जिनके सर्वोत्तम हित में ध्यान रखते विशेष किशोर पुलिस इकाई के बाल कल्याण अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले को समन्वित होकर कार्य करना होगा। अपर कलेक्टर प्रेमप्रकाश शर्मा ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करना होगा। साथ ही पुलिस प्रशासन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लंबित प्रकरणों की सतत रूप से समीक्षा करने कहा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिले में संचालित शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं बाल गृहों में बच्चों का देखरेख किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। गृह के परिवीक्षा अधिकारी एवं केस वर्कर द्वारा बालकों के परिजनों से सतत संवाद करते काउंसलिंग सेवा प्रदाय कर बालकों के प्रकरण की शीघ्र निपटान हेतु परिजनों को तैयार करते किशोर न्याय बोर्ड एवं बालक कल्याण समिति से समन्वय स्थापित कर प्रकरणों का निराकरण कराया जा रहा है। जिला स्तरीय कार्यशाला उपरान्त और भी तीव्र गति से लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु विभागीय अमले द्वारा कार्य किया जाएगा। कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक व राज्य समन्वयक विपिन ठाकुर ने बचपन बचाओ आन्दोलन एवं राज्य स्तरीय स्त्रोत व्यक्ति द्वारा कार्यशाला में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों अनुसार कार्य दायित्व से अवगत कराया गया।
कार्यशाला में दिलीप सिसोदिया, डॉ. नेतराम नवरत्न, संगीता राव, एनएस रावटे, अमलेंदु हाजरा, चन्द्रकिशोर लाड़े, स्मिता उइके उपस्थित रहे।