राजनांदगांव

युक्तियुक्तकरण के आड़ में सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश-दुबे
06-Jun-2025 4:18 PM
युक्तियुक्तकरण के आड़ में सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश-दुबे

 रायपुर के पूर्व महापौर ने साधा राज्य सरकार पर निशाना, नांदगांव में पत्रकारवार्ता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 5 जून। राज्य सरकार युक्तियुक्तकरण नीति के जरिये प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद करने  की एक उच्च स्तरीय साजिश की जा रही है। जिसके चलते राज्य के 10 हजार से ज्यादा स्कूल बंद होने के कगार पर है। सरकार का यह फैसला रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम है। शुक्रवार को राजनांदगांव प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता में रायपुर के पूर्व महापौर व कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे ने सरकार पर कई तरह के संगीन आरोप लगाए। पत्रकारवार्ता में भागवत साहू,  महेन्द्र यादव, श्रीकिशन खंडेलवाल, सूर्यकांत जैन, शारदा तिवारी, अमित चंद्रवंशी, राजू खान शामिल थे।

पत्रकारवार्ता में श्री दुबे ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार 10 हजार 463 स्कूल बंद करने जा रही है, जो शिक्षा विरोधी व रोजगार विरोधी कदम है। सीधे कहा जाए तो सरकार युक्तियुक्तकरण कर 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। जिसका कांग्रेस संगठन विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिए गए हैं। नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती कर शिक्षकों के हजारों पद खत्म कर दिया गया है।

रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था। 12 हजार शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राईमरी स्कूलों के 21 छात्रों के बीच एक शिक्षक है। इन अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो से बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जाएंगे। नए शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़ी, इसलिए युक्तियुक्तकरण साय सरकार कर रही। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षडयंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचल में पढऩे वाले बच्चों पर पड़ेगा। 

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े, इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षडयंत्र रचा है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी व पांचमी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है। अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षकों द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है। मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 विषय इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे। इसके अतिरिक्त मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्ही पर रहेगी।

श्री दुबे ने आगे कहा कि स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक, बल्कि उन 10 हजार 463 स्कूलों के संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला स्व-सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो गया है।  उन्होंने कहा कि 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रेसाईया, चौकीदार, भृत्य जैसे पद समाप्त होंगे। हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। कांग्रेस इसके खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ेगी। अब सभी जिलों एवं ब्लॉकों में आंदोलन चलाऐं। शीघ्र ही आंदोलन का कार्यक्रम, तिथि और स्वरूप की घोषणा होगी।


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