राजनांदगांव

देवउठनी के बाद शुरू होगा मांगलिक कार्य
12-Nov-2024 3:13 PM
देवउठनी के बाद शुरू होगा मांगलिक कार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 नवंबर।
छोटी दिवाली यानी देवउठनी पर्व पर परंपरागत रूप से तुलसी का विवाह होगा। आज शाम को घरों में परंपरागत मंडप में तुलसी का वैवाहिक कार्यक्रम करने के बाद पर्व मनाया जाएगा। देवउठनी पर्व की हिन्दू समुदाय में काफी महत्व है। 

लोकमान्यता के आधार पर आज के दिन नवदंपत्तियों का सात फेरा भी लगाया जाता है। दिवाली पर्व के 12वें दिन इस पर्व के मौके में तुलसी की खास अहमियत होती है। जिसके चलते वैवाहिक रीति-रिवाज का पूरा पालन किया जाता है। मंडप सजाकर तुलसी का विवाह कराने का रिवाज रहा है। इधर शाम ढलते ही घरों में तुलसी विवाह के लिए सभी परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। इस बीच बाजार में आज सुबह ही पूजन सामग्रियों की दुकानें सजकर तैयार है। 

देवउठनी पर्व पर आज शाम घरों में तुलसी चौरा की साज-सजावट कर गन्ने का मंडप बनाकर विधि-विधान से भगवान शालीग्राम एवं माता तुलसी का विवाह रचाया जाता है। इस पर्व को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। शहर सहित ग्रामीण इलाकों में इस पर्व की धूम रहती है।

दीपावली त्यौहार के बाद 12वें दिन देवउठनी पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को तुलसी विवाह भी कहा जाता है। जेठाऊनी पर्व को दिवाली त्यौहार को छोटे रूप की संज्ञा दी जाती है। घरों में त्यौहार के मौके पर दंपत्तियों के सात फेरे भी कराए जाते हंै। ऐसी मान्यता है कि तुलसी का फेरा करने से जोड़ो की आयु लंबी होती है। वहीं घर-परिवार में समृद्धि भी आती है। तुलसी विवाह में घरों में खास व्यंजन तैयार किए जाते हैं। 

दीपावली पर्व की तरह घरों की सजावट की जाती है। साथ ही आंगन को गोबर से लीपने के बाद आकर्षक रंगोली से सजाया जाता है। पर्व में पटाखे भी फोड़े जाते है। इधर देवउठनी पर्व को देवी-देवताओं के जागने से भी जोड़ा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस पर्व के बाद से वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरूआत होती है। तुलसी विवाह के बाद ही शुभ कार्य किए जाते हैं। इस बीच बाजार में पर्व के चलते कारोबारी हलचल दिख रही है। देवउठनी पर्व पर लोग कपड़ा, आभूषण व बर्तनों की खरीदी भी करते हैं। तुलसी विवाह का नजारा दिवाली जैसा ही दिखाई देता है।

सुबह से दुकानें सजकर तैयार
देवउठनी पर्व को लेकर पूजन सामग्रियों की दुकानें सुबह से सजकर तैयार हो गई है। वहीं गन्ने की बिक्री के लिए भी दुकानें चौक-चौराहों और बाजार इलाके में लगी हुई है। पर्व पर गन्ने का मंडप बनाने का रिवाज होने के चलते इसकी मांग अधिक बनी हुई है। यही कारण है कि शहर के अलग-अलग इलाकों में आज सुबह से ही गन्ने की दुकानें सजकर तैयार है। वहीं पूजन सामग्रियों की भी दुकानें सजकर तैयार है, जहां सुबह जहां ग्राहकी नजर आ रही है। वहीं दोपहर बाद पूजन सामग्रियों की खरीदी में तेजी आने की संभावना है।

सडक़ के बीच लगी दुकानें
पूजन सामग्रियों की बिक्री के लिए आज सुबह से जयस्तंभ चौक में सडक़ के बीच दुकानें लगी हुई है, जहां लोग पूजन सामग्रियों की खरीदी के लिए पहुंचने लगे हैं। वहीं दो पहिया वाहनों के आवागमन से भीड़ की स्थिति भी बनती नजर आ रही है। ऐसे में लोगों को जाम के हालात से भी गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में यातायात विभाग को सडक़ के बीच में पसरा लगाने के चलते बड़े वाहनों इस मार्ग में प्रतिबंध कर लोगों को सुविधा देने की ओर पहल करना चाहिए।
 


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