राजनांदगांव

कीट पतंगे एवं बीमारियों से फसल को नुकसान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अक्टूबर। कलेक्टर संजय अग्रवाल के समक्ष ग्राम घुमका के कृषकों द्वारा फसल में कीटप्रकोप के संबंध में प्राप्त शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया गया। कलेक्टर अग्रवाल के निर्देशानुसार उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पांडेय द्वारा ग्राम घुमका के कृषकों के फसल का निरीक्षण करने डायग्नोस्टिक टीम गठित की गई। टीम में सहायक संचालक कृषि डॉ. वीरेन्द्र अनंत, कीट वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय सुरगी डॉ. मनोज चन्द्राकर, सहायक संचालक कृषि संजय राय, शस्य वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी मनीष सिंह, कृषि विकास अधिकारी अविनाश दुबे, ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी घुमका भरतलाल उईके शामिल थे।
टीम ने फसल में पाया प्रकोप
डायग्नोस्टिक टीम ग्राम घुमका पहुंचकर कृषकों के धान फसल का निरीक्षण कर कीट नियंत्रण के लिए तकनीकी सलाह दी गई। टीम द्वारा कृषक ठगियाबाई साहू के धान फसल खेत का निरीक्षण किया गया। जिसमें भूरा माहू के प्रकोप से आर्थिक क्षति स्तर से अधिक पाई गई। कृषक मोहेन्द्र सिन्हा, केदार वर्मा एवं दीपक वर्मा के स्वर्णा मासूरी धान का निरीक्षण किया गया। जिसमें मुख्य रूप से पेनीकल माइटस (मकड़ी), तना छेदक, भूरा माहू, शीथ ब्लाईट एवं ब्लास्ट, कीट पतंगे एवं बीमारियों के प्रकोप से क्षति पाई गई। ग्राम घुमका के ग्रामीणों ने बताया कि बालीचुहरी खार, गांवखार, महरूमबाट खार, बड़े तरीया खार, मौहारी खार, डुमराही खार एवं भटगांवबाट खार में कीट पतंगे एवं अन्य बीमारियों से मासूरी धान की फसल को नुकसान हुआ है।
रोकथाम की दी जानकारी
सहायक संचालक कृषि डॉ. वीरेन्द्र अनंत द्वारा निरीक्षण के दौरान किसानों के खेत में हैंड लेंस की सहायता से पेनीकल माइटस (मकड़ी) की पहचान की गई एवं धान फसल का नमूना लिया गया। धान फसल के नमूना का कृषि महाविद्यालय सुरगी के प्रयोगशाला में माइक्रोस्कोप की सहायता से जांच की गई और पेनीकल माइट की स्पष्ट रूप से पहचान की गई। टीम द्वारा खेतों के मुआयना के बाद ग्राम पंचायत भवन घुमका में सरपंच, जनपद सदस्य, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और धान फसल में लगने वाले कीट व्याधी बीमारियों की जानकारी दी गई। किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने प्रेरित किया गया।
पौध रोग एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नितिन कुमार तुर्रे द्वारा धान में लगने वाली बीमारियों एवं रबी फसल गेहूं, मटर, चना, मक्का की खेती की तैयारी से लेकर महत्वपूर्ण बीमारियों की रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कीट वैज्ञानिक डॉ. मनोज चन्द्राकर द्वारा धान फसल में लगने वाले कीट व्याधी के बारे में बताया। सहायक संचालक कृषि डॉ. वीरेन्द्र अनंत ने बताया कि पेनिकल माइटस मकड़ी सूक्ष्म अष्टपादी (आठ पैर) वाले जीव है। इसका आकार 0.2 से 1 मिमी, शरीर पारदर्शी धूसर क्रीम रंग का होता है। पूरा जीवन चक्र 10 से 13 दिन का होता है।