राजनांदगांव

किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने जागरूक करने की जरूरत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अक्टूबर। कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में मिशन जल रक्षा अंतर्गत जिला पंचायत के सभाकक्ष में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, औद्योगित संस्थाओं के प्रतिनिधि, किसान उत्पादक संगठन, उन्नतशील एवं समृद्ध किसान, महिला समूह, संकुल संगठनों की बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि गंभीर चिंता का विषय है कि जिले में भू-जल स्त्रोत का स्तर लगातार नीचे चला जा रहा है। यदि अभी हमने जल का संरक्षण नहीं किया और सजग नहीं हुए तो आने वाले समय में जल संकट की स्थिति बन सकती है।
पहले पिछले 10 वर्ष में 100 से 150 फीट में बोर कराने से पानी आ जाता था, लेकिन भू-जल स्तर अब इतना कम हो गया है कि 400-600 फीट नीचे चला गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को रबी सीजन में धान के बदले कम पानी की आवश्यकता वाले फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कृषि अधिकारियों से कहा कि किसानों को रबी सीजन अंतर्गत उद्यानिकी फसलें दलहन, तिलहन एवं कम पानी की आवश्यकता वाले फसल लगाने प्रेरित करें। इसके लिए सोच बदलने की जरूरत है तथा छोटे किसानों को क्लस्टर में सामूहिक खेती करने तथा उद्यानिकी फसलों एवं दलहन व तिलहन के फसलों को बढ़ावा देने कार्य करें।
कलेक्टर अग्रवाल ने ग्राम पटेवा के किसानों द्वारा खरीफ मौसम में 150 एकड़ में मक्के की फसल लेने वाले किसानों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बारिश के समय में मक्के की खेती करना बहुत अच्छी सोच है। उन्होंने किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली मक्का एवं अन्य दलहन-तिलहन फसलों के बीज उपलब्ध कराने कहा। जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिल सके और उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने उपस्थित सभी लोगों को पानी बचाने और उसके विवेकपूर्ण उपयोग की शपथ दिलाई।
जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह ने कहा कि भू-जल स्तर को बढ़ाने लगातार जल संवर्धन के क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं। जिले में लगातार भू-जल स्तर नीचे जाने से यह चिंता का विषय है। इससे पेयजल की समस्या आ सकती है। इसे रोकने का प्रयास करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि रबी मौसम में धान की जगह कम पानी उपयोग वाली अन्य फसल लेने के लिए किसानों को मिशन मोड में जागरूक करना है।
बैठक में उन्नतशील एवं समृद्ध किसानों ने कहा कि समृद्ध किसान बनने धान की खेती को छोडक़र अन्य फसल का उत्पादन करना होगा। बैठक में नागेश्वर लाल पाण्डेय, राजेश शर्मा समेत अन्य लोग शामिल थे।