राजनांदगांव

नांदगांव मेडिकल कॉलेज में 150 में से 75 नियमित चिकित्सक के पद रिक्त, स्टाफ नर्स की कमी भी
04-Sep-2024 2:12 PM
नांदगांव मेडिकल कॉलेज में 150 में से 75 नियमित चिकित्सक के पद रिक्त, स्टाफ नर्स की कमी भी

 नियमित भर्ती के बजाय संविदा चिकित्सकों से चलाया जा रहा काम

‘छत्तीसगढ़’  संवाददाता

राजनांदगांव, 4 सितंबर। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में नियमित चिकित्सकों की भारी कमी से उच्च स्तरीय उपचार की उम्मीदों पर ग्रहण लग गया है। पिछले दिनों राज्य सरकार ने काफी शोरशराबा होने के बाद दर्जनभर संविदा चिकित्सकों की नियुक्तियां की। जिसमें कुल 14 संविदा चिकित्सकों में 2 चिकित्सकों ने ज्वाईनिंग करने से इंकार कर दिया। इस तरह 12 संविदा चिकित्सक कार्य कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि राज्य सरकार को कई बार  मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से पत्र लिखकर चिकित्सकों की नियमित भर्ती करने का आग्रह किया गया, लेकिन शासन स्तर से भर्तियां नहीं हुई।

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में 150 चिकित्सकों का सेटअप है। जिसमें 50 फीसदी नियमित चिकित्सक काम कर रहे हैं। यानी लगभग 75  नियमित चिकित्सकों  की पोस्टिंग नहीं की गई है। नियमित चिकित्सक की कमी के कारण इलाज की व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वार्डों में भी स्टाफ नर्सों की कमी के कारण  नियमित स्टाफ नर्सों पर कार्य बोझ बढ़ गया है। चतुर्थ श्रेणी के पद भी लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। मेडिकल कॉलेज की स्थिति लगातार चिकित्सकीय व्यवस्था के लिहाज से बिगड़ी हुई है।

इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहिने ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मेडिकल कॉलेज में नियमित चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार से पत्र व्यवहार लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है, ताकि इलाज और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो। 

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में लगातार ओपीडी  में मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। मेडिकल कॉलेज की स्थिति चिकित्सकों की कमी के कारण दयनीय हो गई है।

बताया जा रहा है कि कई विशेषज्ञ चिकित्सकों ने  सालभर से इस्तीफा देने का अभियान छेड़ रखा है। ऐसी स्थिति में मुंह-कान, कैंसर और हड्डी जैसे विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं छोड़ दी है। मेडिकल कॉलेज में लगातार चिकित्सकों की कमी को दूर करने  के भले ही दावे किए जा रहे हैं, लेकिन शासन स्तर से इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिख रही है।

 गौरतलब है कि राजनंादगांव विधायक और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों की एक बैठक लेकर चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए दिशा निर्देश दिए थे। डॉ. सिंह की पहल का ही नतीजा रहा कि संविदा में दर्जनभर चिकित्सकों की नियुक्ति की गई। बहरहाल नियमित चिकित्सकों की कमी का सीधा मरीजों पर असर पड़ रहा है।


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