राजनांदगांव

समन्वयवादिता के प्रतीक है तुलसीदास - तिवारी
03-Sep-2024 3:23 PM
समन्वयवादिता के प्रतीक है तुलसीदास - तिवारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 3 सितंबर। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति द्वारा श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास के जन्मोत्सव पर जिला ग्रंथालय में साहित्यिक आयोजन कर उन्हें श्रद्धापूरित काव्यांजलि दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी शारदा तिवारी, राकेश इंदूभूषण ठाकुर, आत्माराम कोशा, प्यारेलाल देशमुख, मानसिंह, रोशन साहू, आनंदराम सार्वा आदि ने किया।

इस दौरान निकुम से पधारे कवि प्यारेलाल देशमुख ने छत्तीसगढ़ी में काव्यपाठ किया। मुख्य अतिथि शारदा तिवारी ने कहा कि मूल नक्षत्र में जन्मे तुलसी दास को जीवनभर कष्ट भोगनी पड़ी। उनके द्वारा रचित श्रीराम चरित मानस महाकाव्य का पूरी दुनिया लोहा मानती है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी सही मायनों में समन्वयवादिता के प्रतीक हैं। उन्हें युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा।

अध्यक्षता करते राकेश इंदूभूषण ठाकुर ने तुलसी दास को पहले भक्त और पीछे कवि होने की बात कही।

साहित्य समिति के अध्यक्ष आत्माराम कोशा ने तुलसी की काव्य कला पर चर्चा की। समिति के सचिव मानसिंह व लोक गायक मनहरण साहू ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन रोशन साहू ने किया। इस अवसर पर क्रांति कुमार साहू, रोहित व स्टाफ के लोगों सहित साहित्य अभिरुचि के बड़ी संख्या में पाठकों की उपस्थिति रही।


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