राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 अगस्त। समर्थ अभियान के तहत केसीजी जिले में वरिष्ठ आरक्षक से लेकर निरीक्षकों को सायबर जागरूकता के बारे में जानकारी दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार केसीजी एसपी त्रिलोक बंसल के निर्देशन में 30 अगस्त को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के वरिष्ठ आरक्षकों से लेकर निरीक्षक स्तर के समस्त विवेचकों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय केसीजी के मीटिंग हॉल में साइबर अपराध विवेचना के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सायबर संबंधी हो रहे अपराधों से संबंधित जानकारी व बारीकियों को समझाया गया। एसपी ने विभाग के विवेचकों को समझाया कि किस प्रकार से सायबर संबंधी जागरूकता के बारे में आम जनता को जागरूक किया जा सकता है व सायबर के विभिन्न पोर्टल के बारे में जानकारी देते ठगी होने से पर क्या करें प क्या न करे। इसकी जानकारी दी गई।
एएसपी नेहा पांडे ने बताया कि महिला व बच्चों से संबंधित अपराधों को कैसे रोका जा सकता है, इस संबंध में साइबर हेल्पलाइन 1930, चक्षु पोर्टल सहित एनपीसीआई के बारे में गहनता से बताया गया। प्रदीप येरेवार ने बताया कि वर्तमान समय में अपराधों में सायबर संबंधी बहुत सारी घटनाएं हो रही है। सोशल मीडिया का उपयोग किस प्रकार से अपराधी घटनाओं को अंजाम देते हैं और इनसे कैसे सतर्क रहा जा सकता है। साइबर सेल में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक टैलेश सिंह बैंस ने खैरागढ़ ने साइबर जागरूकता इस अभियान को कैसे आमजन तक पहुंचाया जाए व ठगी होने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें, इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
एएसपी नेहा पांडे ने साइबर जागरूकता को और बड़े पैमाने पर सभी लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए एवं सायबर में ठगे जा रहे लोगों की मदद कैसे करे, इस विषय पर विभिन्न प्रकार के तरीके से विवेचकों को अवगत कराया गया। साथ में यह भी बताया कि समय -समय पर इस प्रकार कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदीप येरेवार, लालचंद मोहले, अनिल शर्मा, शिवशंकर गेंदले, जितेन्द्र बंजारे, भीमसेन यादव, आलोक साहू, धर्मेंद्र वैष्णव, वीरेंद्र चंद्राकर उपस्थित थे।