राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर खानपान के दुकानों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य करना चाहिए।
श्री पारख ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कांवड़ यात्रा पूरी भक्तिभाव के साथ अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच चुकी है। सावन के पावन महीने में भोले बाबा के भक्त कांवड़ यात्रा के माध्यम से एक लंबा सफर तय करते हैं। इस दौरान साधक उपवास में या फिर नियम में संतुलित शुद्ध सात्विक खानपान करते हैं, इसलिए स्वच्छ खानपान की चिंता उन्हें लगातार बनी रहती है। छत्तीसगढ़ में भी खानपान से जुड़े होटल कैफे वालों को दुकान के बाहर नेम प्लेट लगाने की अनिवार्यता सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तरप्रदेश सरकार के फैसले के बाद कोर्ट के आदेश की आड़ में कांग्रेस और उसके समर्थक इसका विरोध कर रहे है, परंतु यह कांग्रेस की दोहरी मानसिकता का परिचायक है। यह अधिनियम कांग्रेस एवं यूपीए से जुड़े घटक दलों ने इसे कानून के रूप में 2006 में पूरे देश के लिए पारित किया था।
श्री पारख ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2006 में अधिनियम पारित किया था कि खानपान की दुकानों में फूड लाइसेंस ऐसी जगह पर लगाया जाए, जहां पर मलिक का नाम स्पष्ट रूप से देखा जा सके, अगर ऐसा नहीं किया गया तो 2 से 10 लख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान तत्कालीन यूपीए सरकार ने किया था।
श्री पारख ने कहा कि आज डिजिटल इंडिया का युग है, ऐसे समय में सभी को अपने अधिकार और कर्तव्य की जानकारी हो जाती है और अब तो सोशल मीडिया में लाखों लोग इसकी मांग कर रहे हैं और तो और कई प्रबुद्ध मुस्लिम बुद्धिजीवी भी कह रहे हैं कि जैसे हज करने वाले मुसलमानों के लिए हलाल वाला खाना जरूरी है, वैसे ही सावन के कांवडिय़ों के लिए भी शुद्ध सात्विक भोजन अनिवार्य है, इसलिए इस नियम को पूरे देश में लागू करना चाहिए और जहां पर धार्मिक क्षेत्र हैं वहां इसे अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिए, ताकि किसी का धर्म भ्रष्ट न हो।
जैन समाज को भी होगा लाभ
श्री पारख ने कहा कि जैन समाज भी त्याग तपस्या और संयमित खानपान का पक्षधर रहा है, इसलिए जैन समाज के बंधु जब कहीं बाहर जाते हैं तो यह समस्या उनके लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय होती है । अगर यह नियम पूरे देश में लागू होता है तो इसका लाभ जैन समाज के साधकों को भी होगा।