राजनांदगांव

कल से शुरू हो रही खरीदी से पहले विवाद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 अक्टूबर। एक नवंबर से शुरू हो रहे धान खरीदी प्रक्रिया में सोसाइटी प्रबंधकों खरीदी से खुद को अलग करने के बाद वैकल्पिक रूप से आपरेटरों पर भरोसा कर रहे प्रशासन को झटका लगा है। आपरेटरों ने भी कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर खरीदी प्रक्रिया में सहयोग करने से इन्कार कर दिया है। इसके पीछे उन्हें कम्प्यूटर संबंधित तकनीकी ज्ञान का होना ही वजह है। आपरेटरों का मानना है कि खरीदी के लिए उन्हें अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे में सोसाइटी प्रभारियों को ही इसका जिम्मा दिया जाना चाहिए।
सोसाइटी प्रभारियों ने धान खरीदी करने की प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है। प्रशासन ने अब डाटा एंट्री आपरेटर, बैंक मैनेजरों और सुपरवाईजरों को खरीदी केंद्र का प्रभारी बनाने का निर्णय लिया है। जिसका विरोध शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि जिला सहकारी बैंक के जरिये राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के 149 केंद्रों में खरीदी होगी। आपरेटरों ने आज कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि धान की सूखत होना स्वभाविक होता है। जिसकी भरपाई खरीदी प्रभारी को करनी होती है। उनकी मांग है कि धान खरीदी के लिए प्रशासनिक अनुभव नहीं होने से वह बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाएंगे। आपरेटरों ने यह भी कहा कि समिति में अकेले धान खरीदी करना संभव नहीं है, क्योंकि धान की जांच, बारदाना वितरण, परिवहन, आवक-जावक समेत अन्य व्यवस्था पर भी ध्यान देना पड़ता है। इस स्थिति में कम्प्यूटर आपरेटर काम करने के लिए सक्षम नहीं होंगे। बहरहाल केंद्रों में धान खरीदी की पूरी तैयारी की गई है। प्रशासन के सामने नाराज समिति प्रभारियों को कार्य करने के लिए राजी करना है। कल से शुरू हो रही धान खरीदी के पहले दिन अव्यवस्था के आसार दिख रहे हैं।