राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 जुलाई। डोंगरगांव क्षेत्र के शिवनाथ नदी तट पर ग्राम भोथली स्थित शाला भवन बेहद जर्जर है। उसकी छत कभी भी गिर सकती है। मजबूरी में महिला भवन के एक कक्ष में पूरा स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों की कम उपस्थिति बेहद चिंताजनक है।
इस स्थिति का पता तब चला, जब शनिवार को करमतरा संकुल के प्राचार्य राजेश शर्मा ने प्राथमिक शाला भोथली स्कूल का औचक निरीक्षण किया। सुबह साढ़े सात बजे प्रधान पाठक कुमालेश कुमार साहू व शिक्षक हर्षवर्धन ठाकुर तो उपस्थित मिले, पर बच्चे मात्र 3 उपस्थित थे। यहां कुल दर्ज संख्या तो 52 है, पर बच्चों की उपस्थिति समय नगण्य थी। सुबह 8 बजे तक जब अधिकांश बच्चे आ गए, तब प्रार्थना शुरू हुई। प्रार्थना में जन-गण-मन और अरपा पैरी के गायन पश्चात शनिवारीय बस्ताविहीन दिवस की गतिविधियां करवाई गई।
निरीक्षण के दौरान प्रधान पाठक ने बताया कि बच्चों को कई बार घर-घर बुलाने भी जाना पड़ता है। इस पर निर्देशित किया गया कि पालकों की बैठक आयोजित कर बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किए जाए।
इस दौरान यह भी पता चला कि स्कूल भवन अत्यंत जर्जर है। उसकी छत कभी भी गिर सकती है। किसी अनहोनी की आशंका से वैकल्पिक व्यवस्था तहत पंचायत की सहमति से महिला भवन के एक कक्ष में स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान बताया गया कि भवन की जर्जर हालत की जानकारी स्कूल प्रशासन व पंचायत की ओर से प्रशासन को विधिवत जून में भेज दी गई है। ग्राम भोथली मरेठानवागांव पंचायत का आश्रित गांव है। पंचायत प्रस्ताव में भोथली स्कूल भवन के डिस्मेंटल की कार्रवाई के साथ ही नए भवन स्वीकृत कर शीघ्र निर्माण की मांग की गई है।
बाढ़ से भी दिक्कत
प्रधान पाठक श्री साहू ने बताया कि शिवनाथ नदी तट के सामने स्कूल भवन होने से और ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है। बीते दिनों बाढ़ का पानी ऊपर तक चढ़ गया था। मुख्य मार्ग पर स्थित रपटा में घुटने तक पानी भर गया था। इस दिन बतौर सतर्कता आधे दिवस की छुट्टी की गई थी।